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रायपुर और दिल्ली में खुलेगा बस्तर कैफे
चर्चा में क्यों?
14 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे की अध्यक्षता में आयोजित छत्तीसगढ़ टी-कॉफी बोर्ड की बैठक में बस्तर में उत्पादित कॉफी के विक्रय सह-मार्केटिंग के लिये रायपुर एवं नई दिल्ली में बस्तर कैफे प्रारंभ किये जाने की पहल की गई।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में बस्तर एवं सरगुजा संभाग में चाय और कॉफी की खेती के रकबे को विस्तारित करने तथा बस्तर में उत्पादित कॉफी की मार्केटिंग के लिये प्राइवेट कंपनियों से एमओयू किये जाने का निर्णय लिया गया।
- बस्तर में उत्पादित कॉफी के लिये विक्रय सह-मार्केटिंग फिलहाल जगदलपुर में बस्तर कैफे का संचालन किया जा रहा है।
- मंत्री रविंद्र चौबे ने बस्तर सहित राज्य के सरगुजा संभाग के पठारी इलाकों में चाय एवं कॉफी की खेती को बढ़ावा देने के लिये सर्वे कर प्रोजेक्ट बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि बस्तर में उत्पादित कॉफी की मार्केटिंग के लिये निजी कंपनियों से इस शर्त के साथ एमओयू किया जाए कि कॉफी के ब्रांडनेम में बस्तर का नाम अनिवार्य रूप से शामिल होगा।
- उन्होंने इसकी प्रोसेसिंग के लिये मशीन की स्थापना हेतु आवश्यक राशि का प्रबंध डीएमएम फंड से सुनिश्चित किये जाने की बात कही। साथ ही अधिकारियों को सुकमा ज़िले में भी कॉफी की खेती के लिये एरिया चिह्नांकित करने के निर्देश दिये।
- दरभा में 20 एकड़ में लगाए गए कॉफी प्लांटेशन से उत्पादन होने लगा है। प्रथम चरण में 8 क्विंटल कॉफी का उत्पादन हुआ है, जिसका उपयोग जगदलपुर में संचालित बस्तर कैफे के माध्यम से किया जा रहा है, जहाँ प्रतिदिन दो किलो कॉफी की खपत हो रही है। उत्पादित मात्रा के उपयोग एवं मार्केटिंग के लिये कम-से-कम तीन कैफे और प्रारंभ किये जा सकते हैं। बस्तर कॉफी की ब्रांडिंग के लिये रायपुर एवं दिल्ली में एक-एक कैफे शुरू किये जाने की बात कही गई।
- बैठक में बताया गया कि बस्तर के दरभा में वर्ष 2021 में 55 एकड़ में कॉफी की खेती की गई है। बस्तर ज़िले में अभी कुल 5108 एकड़ में कॉफी की खेती प्रस्तावित है।
- गौरतलब है कि बस्तर ज़िले में प्रतिवर्ष 1000 एकड़ में कॉफी की खेती को विस्तारित किये जाने का लक्ष्य है। वर्ष 2026 तक 5820 एकड़ में इसकी खेती होने लगेगी।
- बैठक में जशपुर ज़िले में चाय की खेती को बढ़ावा देने की कार्ययोजना तथा टी-कॉफी उत्पादन हेतु आवश्यक संसाधनों के संबंध में भी चर्चा की गई।
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राजीव युवा मितान क्लब के शासी निकाय का गठन
चर्चा में क्यों?
14 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ राज्य शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा आदेश जारी कर राजीव युवा मितान क्लब के शासी निकाय का गठन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- शासी निकाय का अध्यक्ष मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को तथा उपाध्यक्ष खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल को बनाया गया है।
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, लोकसभा सांसद दीपक बैज, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, विधायक देवेंद्र यादव, विधायक विनय भगत, मुख्य सचिव अमिताभ जैन और अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू को सदस्य तथा खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव को पदेन सदस्य सचिव बनाया गया है।
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में 15 से 40 वर्ष आयु के युवाओं के लिये राजीव युवा मितान क्लब योजना शुरू की गई है, जिसके तहत युवा मितान क्लब बनाए गए हैं।
- युवा मितान क्लब के माध्यम से पर्यावरण, खेल और संस्कृति के संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य की सभी ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में युवा मितान क्लब गठित किये जा रहे हैं।
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