उत्तर प्रदेश Switch to English
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर
चर्चा में क्यों?
- 13 दिसंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के जनपद वाराणसी में शिलापट्ट का अनावरण कर नव्य एवं भव्य श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण किया। यह कॉरिडोर वाराणसी के प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर को सीधा गंगा घाट से जोड़ता है।
प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के निर्माण में योगदान करने वाले श्रमसाधकों पर पुष्पवर्षा कर उन्हें सम्मानित किया तथा कार्यक्रम के उपरांत प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के साथ भोजन भी किया।
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का नया परिसर एक भव्य भवन मात्र नहीं है। यह भारत की सनातन संस्कृति, आध्यात्मिक आत्मा, प्राचीनता, परंपराओं, भारत की ऊर्जा और गतिशीलता का प्रतीक है।
- यह मंदिर कॉरिडोर पहले केवल 3 हज़ार वर्गफीट में था, जो अब लगभग 5 लाख वर्गफीट का हो गया है। अब यहाँ मंदिर परिसर में 50 से 70 हज़ार श्रद्धालु आ सकेंगे।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 1777-1780 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने बाबा विश्वनाथ की पुनर्स्थापना में महती योगदान दिया था। महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिर को स्वर्णमंडित कराया था। ग्वालियर की रानी ने भी मंदिर में अपना योगदान किया था।
- गौरतलब है कि पिछले करीब एक हज़ार साल में कई बार काशी विश्वनाथ मंदिर को नष्ट करने की कोशिश की गई। इस मंदिर को पहली बार कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1194ई. में ध्वस्त किया। इस मंदिर पर दूसरा हमला जौनपुर के सुल्तान महमूद शाह ने 1447ई. में किया। 1642ई. में शाहजहाँ ने इस मंदिर को ध्वस्त करने का आदेश पारित किया।
Switch to English