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ई-वर्क एवं ई-मैप मोबाईल ऐप
चर्चा में क्यों?
- 13 दिसंबर, 2021 को राजस्थान के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग मंत्री रमेश चंद मीणा ने इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में एन.आई.सी. एवं जर्मन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन तथा बी.एम.ज़ेड. के सहयोग से निर्मित ई-वर्क एवं ई-मैप मोबाईल ऐप का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोड़ा ने कहा कि ई-वर्क एवं ई-मैप मोबाईल ऐप के माध्यम से ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की सभी राज्यस्तरीय योजनाओं की मॉनिटरिंग एक ही पोर्टल पर हो सकेगी।
- उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के अंतर्गत प्रदेश के 33 ज़िले, 352 पंचायत समिति, 11 हज़ार 326 ग्राम पंचायतें एवं 46 हज़ार 118 गाँवों में 25 से अधिक योजनाएँ संचालित हैं। इन योजनाओं पर 20 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक बजट का प्रावधान है।
- राज्यस्तरीय योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में 10 लाख से अधिक कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐप की सहायता से राज्यस्तरीय योजनाओं में गुणवत्ता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी।
- ग्रामीण विकास की कार्य योजना बनाने से उसके पूर्ण होने के उपरांत एसेट रजिस्टर संधारण तक के समस्त कार्यों का एकल प्लेटफॉर्म द्वारा संपादन किया जा सकेगा। ई-वर्क एवं ई-मोबाइल ऐप का उपयोग ग्राम विकास अधिकारी से लेकर शासन स्तर तक के समस्त अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।
- विभाग द्वारा आमजन को सूचित करने के लिये सूचनाओं को पब्लिक डॉमेन में रखे जाने का प्रावधान किया जा रहा है। ई-वर्क एवं ई-मैप ऐप को जन सूचना पोर्टल से इंटीग्रेशन किया जाएगा।
- इस ऐप एवं पोर्टल का विकास दो चरणों में किया जाएगा। प्रथम चरण का रोल-आउट किया जा चुका है एवं द्वितीय चरण को अप्रैल 2022 तक लागू किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम, मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना, महात्मा गांधी जनभागीदारी विकास योजना, स्व-विवेक ज़िला विकास योजना, डांग क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम, मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम, मेवात क्षेत्रीय विकास योजना, महात्मा गांधी आदर्श ग्राम योजना, मुख्यमंत्री ज़िला नवाचार निधि योजना, श्री योजना एवं स्मार्ट विलेज सहित 11 राज्यस्तरीय योजनाएँ संचालित हैं।
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पाँच दिवसीय राष्ट्रीय नाट्यशास्त्र कार्यशाला प्रारंभ
चर्चा में क्यों?
- 13 दिसंबर, 2021 को राज्य के कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने राजस्थान संस्कृत अकादमी, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, कला एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में जोधपुर में आयोजित पाँच दिवसीय राष्ट्रीय नाट्यशास्त्र कार्यशाला का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर राजस्थान संस्कृत अकादमी द्वारा नाट्यशास्त्र कार्यशाला पर प्रकाशित विशेषांक ‘संस्कृत सेतु’का लोकार्पण किया गया।
- ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड पर आयोजित हो रही इस राष्ट्रीय नाट्यशास्त्र कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में अध्यक्षता कर रहे विश्वविख्यात संस्कृत एवं नाट्य मनीषी प्रोफेसर राधावल्लभ त्रिपाठी ने कहा कि नाट्यशास्त्र पर केंद्रित पाँच दिन की कार्यशाला प्रदेश में अपने ढंग का पहला आयोजन है।
- उन्होंने कहा कि नाट्यशास्त्र भारत की अनमोल विरासत है। ढाई हज़ार साल पहले संस्कृत में रचा गया यह ग्रंथ भारतीय कलाओं का विश्वकोश है तथा साहित्यशास्त्र, सौन्दर्यशास्त्र और नाट्यचिंतन का भी मूलाधार है।
- इस कार्यशाला के माध्यम से युवा रंगकर्मी भरतमुनि कृत नाट्यशास्त्र का प्रामाणिक परिचय प्राप्त करके अपने प्रयोगों को अपने देश की कलापरंपरा में डाल सकेंगे। भारत के राष्ट्रीय रंगमंच की खोज में भी यह कार्यशाला एक पड़ाव बनेगी।
- कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव, गायत्री राठौड़ ने कहा कि यह राष्ट्रीय कार्यशाला नाट्य प्रेमियों, रंग कर्मियों, शोधार्थियों में एक नए उत्साह का संचार करेगी और कालांतर में यह एक मील का पत्थर साबित होगी।
- प्रख्यात फिल्म अभिनेता और रंगकर्मी रघुवीर यादव ने कहा कि यह कार्यशाला नाट्यशास्त्र की बारीकियों को समझने का एक बड़ा अवसर है। नाट्यशास्त्र में निहित रस, भाव और भनिति भंगिमाओं के प्रयोग नाट्यकारों को पूर्ण तथा परिष्कृत बनाते हैं। नाट्यशास्त्र अभिनय का अनुशासन है।
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