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प्रदेश में खुलेंगे 206 पीएम श्री स्कूल
चर्चा में क्यों?
13 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड में पीएम श्री स्कूल की स्थापना को लेकर बनाए गए नोडल अधिकारी आकाश सारस्वत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद राष्ट्रीय स्तर पर पीएम श्री स्कूल खोले जाएंगे। राज्य शिक्षा विभाग की ओर से अपने स्तर पर अभी ऐसे 206 स्कूलों का चयन किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य नोडल अधिकारी आकाश सारस्वत के मुताबिक शिक्षा विभाग ने इसके लिये प्रत्येक ब्लॉक और नगर निगम क्षेत्र से सरकारी स्कूलों का चयन भी कर लिया है। राज्य स्तर से चयनित होने के बाद अब केंद्र से इन स्कूलों को मिलने वाले अंकों के आधार पर अंतिम मुहर लगेगी।
- राज्य नोडल अधिकारी आकाश सारस्वत के मुताबिक यह सभी मॉडल स्कूल होंगे, जिन पर आने वाला अधिकतर खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी।
- राज्य में पीएम श्री स्कूलों की स्थापना के लिये शिक्षा विभाग ने 10 नवंबर को समग्र शिक्षा के उप राज्य परियोजना निदेशक आकाश सारस्वत को नोडल अधिकारी बनाए जाने की घोषणा की है। ज़िला स्तर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी इसके नोडल अधिकारी होंगे।
- राज्य नोडल अधिकारी के मुताबिक प्रदेश के केंद्रीय विद्यालयों, जवाहर नवोदय विद्यालयों और राज्य सरकार की ओर से संचालित विभिन्न स्कूलों को पीएम श्री योजना में शामिल किया जाना है।
- इसके लिये स्कूलों में उपलब्ध खेल मैदान, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कक्षा कक्ष, रेन वाटर हार्वेस्टिंग आदि विभिन्न सुविधाओं को देखते हुए प्रत्येक ब्लॉक से एक सरकारी प्राथमिक स्कूल और एक माध्यमिक स्कूल को पीएम श्री स्कूल के रूप में राज्य स्तर पर चयनित किया गया है। इसके अलावा प्रत्येक नगर निगम क्षेत्र से दो-दो स्कूलों का चयन किया गया है।
- राज्य स्तर पर इन स्कूलों के चयन के बाद इसी सप्ताह इन स्कूलों का केंद्र सरकार के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा दिया जाएगा। स्कूलों में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर केंद्र सरकार की ओर से इन स्कूलों को ‘पीएम श्री’स्कूल घोषित किया जाएगा।
- राज्य नोडल अधिकारी के मुताबिक प्रदेश में 206 स्कूलों के बाद अन्य को भी मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। इन स्कूलों की खास बात यह होगी कि इनमें छात्र-छात्राओं को हर संभव सुविधाएँ मिलेंगी।
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दिल्ली की तर्ज पर जौलीग्रांट एयरपोर्ट के पास बनेगी उत्तराखंड की पहली एयरोसिटी
चर्चा में क्यों?
13 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने बताया कि दिल्ली की तर्ज पर जौलीग्रांट एयरपोर्ट के पास एयरोसिटी के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है। ज़मीन की उपलब्धता के साथ ही यह प्रोजेक्ट धरातल पर नज़र आएगा।
प्रमुख बिंदु
- जौलीग्रांट एयरपोर्ट के पास इस परियोजना के लिये ज़मीन तलाशी जा रही है। एयरोसिटी में फाइव स्टार होटल, मॉल, कैफे, रेस्टोरेंट से लेकर सभी अत्याधुनिक सुविधाएँ मुहैया कराई जाएंगी। इसमें हजारों लोगों के रहने के लिये आवास भी होंगे।
- इस परियोजना के लागू होने पर यह प्रदेश का पहला विश्वस्तरीय अत्याधुनिक शहर होगा।
- जौलीग्रांट एयरपोर्ट का भी विस्तारीकरण किया जा रहा है। इसके बाद एयरपोर्ट की अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी होगी। ऐसे में एयरोसिटी भविष्य का बड़ा बिजनेस हब भी बनकर उभर सकता है। उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को भी अंतरराष्ट्रीय बाजार तक ले जाने में यह कारगर साबित हो सकती है।
- विदेशों की तर्ज पर यहाँ पार्क स्थापित किया जाएगा। पार्क में जॉगिंग, साइक्लिंग ट्रैक और ध्यान लगाने के लिये हट की व्यवस्था रहेगी। साथ ही लैंड स्केपिंग और आस्ट्रेलियन ग्रास लगाने पर भी विचार चल रहा है। वहीं, हर मौसम में पार्कों में फूल और हरियाली नज़र आएगी।
- मलेशिया के कुआलालंपुर में केएलआईए एयरोपोलिस एयरोसिटी को इस कांसेप्ट का शानदार उदाहरण बताया जाता है। इसी तरह दुबई ने फेस्टिवल सिटी का निर्माण हवाई अड्डे से सिर्फ एक मील की दूरी पर किया है, जिसमें एक लाख लोगों के लिये आवास, स्कूल, मॉल आदि सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
- गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एयरोसिटी स्थापित की जा चुकी है। यहाँ फाइव स्टार होटल, मॉल, होटल से लेकर कैफे तक की सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नजदीक होने के चलते तेजी से यह बिजनेस हब के रूप में भी विकसित हो रहा है। इसी प्रकार, मोहाली (पंजाब) में भी एयरोसिटी के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।
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