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लॉजिस्टिक ईज़ में उत्तर प्रदेश को प्राप्त हुई एचीवर्स की श्रेणी
चर्चा में क्यों?
13 अक्टूबर, 2022 को उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग की तरफ से लॉजिस्टिक ईज़ एक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स (लीड्स) की जारी हुई सर्वे रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को एचीवर्स की श्रेणी प्राप्त हुई है।
प्रमुख बिंदु
- लॉजिस्टिक ईज़ मामले में उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे 15 राज्यों को भी एचीवर्स की श्रेणी में रखा गया है।
- केरल, मध्य प्रदेश और राजस्थान को एचीवर्स की ओर बढ़ते राज्यों की श्रेणी प्राप्त हुई है।
- बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ राज्यों को आकांक्षी राज्यों की श्रेणी में शामिल किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि देश में राज्यों के बीच लॉजिस्टिक सुविधा को लेकर प्रतिस्पर्धा का माहौल पैदा करने के लिये लीड्स सर्वे कराया जाता है। यह सर्वे लॉजिस्टिक सुगमता, लागत और अन्य संबंधित आँकड़ों को जुटाकर किया जाता है।
- विदित है कि हाल ही में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक पॉलिसी भी जारी की गई है, ताकि भारत में लॉजिस्टिक लागत को 8–9% तक लाया जा सके।
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उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति-2022
चर्चा में क्यों?
13 अक्टूबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिये इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाने तथा निर्माता कंपनियों को आकर्षित करने हेतु उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति-2022 को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति-2022 में उपभोक्ताओं, निर्माताओं तथा चार्जिंग व बैट्री स्वैपिंग सेवा प्रदाताओं के हितों का ध्यान रखा गया है। यह नीति अगले 5 वर्षों के लिये प्रभावी रहेगी।
- नीति की प्रभावी अवधि में हर ज़िले में कम-से-कम 20 चार्जिंग स्टेशन व पाँच स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने के लिये निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिये निवेश के समन्वय व सुविधा के लिये ‘इन्वेस्ट यूपी’ को नोडल एजेंसी बनाया जाएगा।
- चार्जिंग इंप्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिये सभी स्वीकृतियाँ अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में प्राधिकृत समिति इन्वेस्ट यूपी की अनुशंसा पर दी जाएंगी।
- ज्ञातव्य है कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिये ईवी निर्माता कंपनियों तथा बैट्री व संबंधित उपकरण निर्माताओं के साथ उपभोक्ताओं के लिये नई नीति में 500 करोड़ रुपए के बजट की व्यवस्था की गई हैं।
- राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि नीति का लक्ष्य 50 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करने के साथ ही 1 लाख लोगों को परोक्ष रूप से रोज़गार उपलब्ध कराना है।
- राज्य में बने सभी श्रेणी के ईवी खरीदने पर नई नीति के प्रभावी होने की तिथि से पाँच वर्षों तक उपभोक्ताओं को रोड टैक्स व पंजीकरण शुल्क नहीं देना होगा, जबकि राज्य में खरीदे गए व पंजीकृत सभी ईवी पर नीति के लागू होने की तिथि से तीन वर्षों तक रोड टैक्स व पंजीकरण शुल्क में 100 प्रतिशत छूट मिलेगी।
- इस नीति में यूपी में खरीदे गए ईवी को फैक्ट्री मूल्य पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी दिये जाने का भी निर्णय लिया गया है।
- इस नीति से राज्य में एक गीगावाट की न्यूनतम क्षमता वाले बैट्री निर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिये 1500 करोड़ रुपए या उससे अधिक निवेश करने वाली पहली दो अल्ट्रा मेगा बैट्री परियोजनाओं के लिये अधिकतम 1000 करोड़ रुपए परियोजना के निवेश पर 30 प्रतिशत की दर से पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- इसके अलावा इस नीति में रिसर्च एंड डेवलपमेंट तथा परीक्षण सुविधाओं समेत ईवी, ईवी बैट्री व उनसे जुड़े उपकरणों की एकीकृत निर्माण सुविधा स्थापित करने के लिये 3000 करोड़ रुपए या उससे अधिक का निवेश करने वाली पहली दो एकीकृत ईवी परियोजनाओं को अधिकतम 30 प्रतिशत की दर से पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
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