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राजस्थान को 67 वर्ष बाद मिला राष्ट्रीय स्काउट एवं गाइड जम्बूरी की मेज़बानी का अवसर
चर्चा में क्यों?
13 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय पर राजस्थान राज्य भारत स्काउट्स एवं गाइड द्वारा आयोजित होने वाली 18वीं राष्ट्रीय स्काउट एवं गाइड जंबूरी की तैयारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए बताया कि राज्य को 67 साल बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर का राष्ट्रीय स्काउट एवं गाइड जम्बूरी की मेज़बानी का अवसर प्राप्त हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्काउट एवं गाइड जम्बूरी का आयोजन राज्य के पाली ज़िले के रोहट में 4 से 10 जनवरी, 2023 तक किया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर की यह जम्बूरी राज्य में स्काउट एवं गाइड का अब तक का सबसे बड़ा आयोजन होगा।
- उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से स्वास्थ्य, चरित्र, कला एवं कौशल, सेवा भावना तथा अनुशासन जैसे गुणों का विकास होता है तथा सामाजिक समरसता, सौहार्द्र, सद्भावना व आपसी भाईचारे की भावना का भी संचार होता है, जिससे विभिन्न देशों व राज्यों की संस्कृतियों को समझने का एक सुनहरा अवसर प्राप्त होगा।
- जम्बूरी से पूर्व एवं जम्बूरी के दौरान विभिन्न माध्यमों द्वारा नियमित रूप से व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जम्बूरी स्थल पर प्रदर्शनियां भी आयोजित होंगी। साथ ही, जम्बूरी स्थल पर प्रतिदिन राजस्थानी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन भी होंगे।
- शिक्षा विभाग द्वारा सम्भागियों के पंजीकरण की प्रक्रिया भी जारी है। साथ ही, जम्बूरी स्थल पर अस्थाई पुलिस चौकी, यातायात व्यवस्था, नियमित पेट्रोलिंग एवं सीसीटीवी मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि राजस्थान राज्य भारत स्काउट एवं गाइड की मेज़बानी में होने वाली 18वीं राष्ट्रीय जम्बूरी में 1500 विदेशी सहित पूरे देश से 35 हज़ार से अधिक स्काउट एवं गाइड हिस्सा लेंगे।
- इस 7 दिवसीय जम्बूरी में स्टेट द्वार, पायनियरिंग प्रोजेक्ट, एडवेंचर वैली, ग्लोबल विलेज डेवलपमेंट, इंटीग्रेशन गेम्स, मार्च पास्ट, कलर पार्टी, लोक नृत्य, शारीरिक प्रदर्शन, राज्य दिवस प्रदर्शनी, बैंड प्रदर्शन, रॉक क्लाइंबिंग, पैरासेलिंग एवं वाटर एक्टिविटीज जैसी कई प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा।
- शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि जम्बूरी स्थल पर सभी आवश्यक सुविधाओं का विस्तार समयबद्ध रूप से पूर्ण हो जाएगा तथा इस आयोजन के लिये एक स्मारिका भी प्रकाशित की जाएगी।
- राजस्थान राज्य भारत स्काउट्स एवं गाइड के प्रधान व पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि मुख्यमंत्री के विज़न के अनुरूप यह विश्वस्तरीय आयोजन हो रहा है। इससे राजस्थान की ख्याति देश ही नहीं विदेशों में भी बढ़ेगी।
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राजस्थान में पेयजल की गुणवत्ता जाँच के लिये स्थापित होंगी 250 नई प्रयोगशालाएँ
चर्चा में क्यों?
13 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य के विभिन्न ज़िलों में पंचायत समिति स्तर पर पेयजल की गुणवत्ता जाँच के लिये 250 नई प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएंगी।
प्रमुख बिंदु
- उन्होंने पेयजल की गुणवत्ता एवं जल संरक्षण को लेकर आमजन में जागरूकता पैदा करने तथा ब्लॉक स्तर पर स्थापित होने वाली लैब के लिये भवन चिह्नित करने में तेज़ी लाने के निर्देश दिये।
- डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि नई प्रयोगशालाएँ स्थापित होने से पानी की गुणवत्ता में और सुधार करते हुए आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में आसानी होगी।
- ज्ञातव्य है कि वर्तमान में प्रदेश के 32 ज़िलों में ज़िलास्तरीय प्रयोगशालाएँ एवं जयपुर में राज्य स्तर की प्रयोगशाला कार्यरत् हैं।
- संबंधित अधिकारियों ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत 20 ज़िलों में आउटसोर्स पर आधारित मोबाइल लैब पानी की गुणवत्ता जाँच कर रही हैं। इनमें जोधपुर एवं उदयपुर रीज़न में 6-6 तथा कोटा एवं अजमेर रीज़न में 4-4 मोबाइल लैब कार्यरत् हैं।
- विदित है कि जल जीवन मिशन के तहत इस वर्ष अभी तक 10 हज़ार 689 फील्ड टेस्ट किट, 7 लाख 52 हज़ार 207 जीवाणु जाँच किट वितरित की गई हैं तथा ग्राम जल स्वच्छता समितियों के सदस्यों को पानी की गुणवत्ता जांच का प्रशिक्षण देने के लिये ज़िला रसायनज्ञ एवं फील्ड अभियंताओं द्वारा 1421 शिविर आयोजित किये गए हैं। अप्रैल से लेकर अभी तक 91 प्रतिशत केमिकल टेस्टिंग तथा 48 प्रतिशत जीवाणु जाँच की गई हैं। 20 मोबाइल लैब के माध्यम से 86 प्रतिशत सैंपल टेस्टिंग की गई हैं।
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