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कचरे के निस्तारण के लिये हरियाणा में स्थापित होंगे ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट
चर्चा में क्यों?
13 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में हुई सचिवों की समिट में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप आधार पर राज्य में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट लगाने की मंज़ूरी मिली है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्य सचिव ने बताया कि स्वच्छता अभियान को और गति प्रदान करने के लिये राज्य में कचरे के निस्तारण हेतु जल्द ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट स्थापित किये जाएंगे।
- एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं के अंतर्गत राज्य में तीन क्लस्टरों के लिये तीन कार्यान्वयन एजेंसी के चयन को मंज़ूरी प्रदान की गई। प्रारंभिक चरण में भिवानी, सिरसा और करनाल क्लस्टर में यह प्लांट स्थापित किये जाएंगे।
- भिवानी क्लस्टर में 5 शहरी स्थानीय निकायों को शामिल किया गया है। इसी प्रकार, करनाल क्लस्टर में 16 तथा सिरसा में 3 शहरी स्थानीय निकायों को शामिल किया गया है।
- संजीव कौशल ने बताया कि राज्य के सभी ज़िलों को 13 क्लस्टर में बाँटा गया है। इन क्लस्टर में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाएँ क्रियान्वित की जाएंगी।
- यह परियोजनाएँ ओपन टेक्नोलॉजी पर आधारित होंगी। ओपन टेक्नोलॉजी में एजेंसी द्वारा कचरे के निस्तारण के लिये बायो-मेथेनेशन प्लांट, कम्पोस्ट प्लांट और वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित किये जा सकेंगे।
- मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि एजेंसी द्वारा कचरे का डोर-टू-डोर कलेक्शन, कचरे को द्वितीय स्तर तथा प्लांट तक पहुँचाना सख्ती से सुनिश्चित किया जाए, ताकि निवासियों को किसी प्रकार की परेशानी न होने पाए।
- बैठक में बताया गया कि ये परियोजनाएँ दीर्घकालिक हैं। इसके तहत कचरे का कलेक्शन, ट्रांसपोर्टेशन, प्रोसेसिंग और निस्तारण किया जाएगा।
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