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बिहार में 87 नए कोर्स स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के दायरे में लाए जाएंगे
चर्चा में क्यों?
12 अक्टूबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के कृषि, चिकित्सा, श्रम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उच्च शिक्षा सहित सात विभागों से ली गई राय के बाद स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के दायरे में 87 नये कोर्स लाए जा रहे हैं।
प्रमुख बिंदु
- ये 87 नये कोर्स लेदर, फैशन और टैक्सटाइल डिजाइन के स्नातक/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में लाए जा रहे हैं। अब इन सभी कोर्स की पढ़ाई के लिये भी लोन मिलेगा। स्कीम के नीतिगत फैसलों पर निर्णय लेने के लिये शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय समिति ने औपचारिक प्रस्ताव तैयार कर लिया है। 87 नये कोर्स के लिये लोन की पूरी कवायद अक्टूबर तक पूरी की जाएगी।
- ज्ञातव्य है कि राज्य में अभी तक 42 कोर्स में छात्रों को पढ़ाई के लिये लोन मिलता है। अगर इन 87 नये कोर्स को मंज़ूरी मिलती है, तो कुल 129 कोर्स की पढ़ाई के लिये लोन मिल सकेगा।
- विभागीय जानकारों के मुताबिक इस लोन स्कीम में चार वर्षीय बैचलर ऑफ एग्रीकल्चर, मास्टर ऑफ एग्रीकल्चर, बीएड, डीएलएड, एग्री बिजनेस में एमबीए और बीबीएम (चार वर्षीय कोर्स), एम. ए. मास कम्युनिकेशन, एमएससी स्टैटिक्स एंड कंप्यूटिंग, वोकेशनल कोर्स में मेडिकल इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी, साइंस टेक्नोलॉजी, आईटीआई और स्किल संबंधी तमाम विषय शामिल किये जा रहे हैं। सर्वाधिक 16 पाठ्यक्रम स्वास्थ्य से संबंधित हैं। इनमें बीएससी एंडोस्कोपी, एंडोस्कोपी टेक्नोलॉजी, बीएससी रेडियो थेरेपी आदि शामिल हैं।
- इसके साथ ही स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत 127 नये कॉलेजों को और जोड़ा जा रहा है। दरअसल, कॉलेजों ने इस स्कीम के तहत ऑनलाइन आवेदन किये थे। इसमें राज्य के बाहर के 121 कॉलेज हैं, जिन्हें नैक, एनबीए और एनआईआरएफ रैंकिंग हासिल हैं।
- स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत पाठ्यक्रम की प्रकृति के हिसाब से लोन कम और अधिक करने पर भी विचार चल रहा है। अभी बीए और दूसरे पारंपरिक विषय के लिये भी चार लाख और दूसरे विशेष विषयों के लिये भी चार लाख रुपए समान रूप से दिये जाते हैं। इसके कारण कॉलेजों ने अच्छी-खासी फीस बढ़ा रखी है।
- विभाग चाहता है कि साधारण विषयों की पढ़ाई के लिये लोन राशि घटायी जाए। वहीं, एनआइटी और दूसरे केंद्रीय शिक्षण संस्थानों के तकनीकी कोर्स की पढ़ाई की लोन राशि बढ़ाकर छह लाख की जा सकती है।
- राज्य के अंदर इस स्कीम में नैक/एनबीए/एनआइआरएफ की रैंकिंग वाले कॉलेजों को ही पात्र मानने पर विचार जारी है।
- देश के बाहर के शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई के लिये लोन दिया जायेगा। इसमें 50 लाख रुपए से ऊपर का लोन प्रस्तावित है। लाभार्थियों की संख्या के लिये कोटा तय होगा।
- उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक 36167 आवेदकों को 756.49 करोड़ रुपये बाँटे गए हैं। वहीं अप्रैल 2022 से 18 सितंबर तक 36924 विद्यार्थियों को बतौर लोन 628.80 करोड़ बाँटे गए हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में एक लाख विद्यार्थियों को लोन बाँटने का लक्ष्य रखा गया है।
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