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स्टेट पी.सी.एस.

  • 14 Oct 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

लॉजिस्टिक ईज़ में उत्तर प्रदेश को प्राप्त हुई एचीवर्स की श्रेणी

चर्चा में क्यों?

13 अक्टूबर, 2022 को उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग की तरफ से लॉजिस्टिक ईज़ एक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स (लीड्स) की जारी हुई सर्वे रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को एचीवर्स की श्रेणी प्राप्त हुई है।

प्रमुख बिंदु

  • लॉजिस्टिक ईज़ मामले में उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे 15 राज्यों को भी एचीवर्स की श्रेणी में रखा गया है।
  • केरल, मध्य प्रदेश और राजस्थान को एचीवर्स की ओर बढ़ते राज्यों की श्रेणी प्राप्त हुई है।
  • बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ राज्यों को आकांक्षी राज्यों की श्रेणी में शामिल किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि देश में राज्यों के बीच लॉजिस्टिक सुविधा को लेकर प्रतिस्पर्धा का माहौल पैदा करने के लिये लीड्स सर्वे कराया जाता है। यह सर्वे लॉजिस्टिक सुगमता, लागत और अन्य संबंधित आँकड़ों को जुटाकर किया जाता है।
  • विदित है कि हाल ही में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक पॉलिसी भी जारी की गई है, ताकि भारत में लॉजिस्टिक लागत को 8–9% तक लाया जा सके।

उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति-2022

चर्चा में क्यों?

13 अक्टूबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिये इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाने तथा निर्माता कंपनियों को आकर्षित करने हेतु उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति-2022 को मंज़ूरी दी गई।

प्रमुख बिंदु

उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति-2022 में उपभोक्ताओं, निर्माताओं तथा चार्जिंग व बैट्री स्वैपिंग सेवा प्रदाताओं के हितों का ध्यान रखा गया है। यह नीति अगले 5 वर्षों के लिये प्रभावी रहेगी।

  • नीति की प्रभावी अवधि में हर ज़िले में कम-से-कम 20 चार्जिंग स्टेशन व पाँच स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने के लिये निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिये निवेश के समन्वय व सुविधा के लिये ‘इन्वेस्ट यूपी’ को नोडल एजेंसी बनाया जाएगा।
  • चार्जिंग इंप्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिये सभी स्वीकृतियाँ अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में प्राधिकृत समिति इन्वेस्ट यूपी की अनुशंसा पर दी जाएंगी।
  • ज्ञातव्य है कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिये ईवी निर्माता कंपनियों तथा बैट्री व संबंधित उपकरण निर्माताओं के साथ उपभोक्ताओं के लिये नई नीति में 500 करोड़ रुपए के बजट की व्यवस्था की गई हैं।
  • राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि नीति का लक्ष्य 50 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करने के साथ ही 1 लाख लोगों को परोक्ष रूप से रोज़गार उपलब्ध कराना है।
  • राज्य में बने सभी श्रेणी के ईवी खरीदने पर नई नीति के प्रभावी होने की तिथि से पाँच वर्षों तक उपभोक्ताओं को रोड टैक्स व पंजीकरण शुल्क नहीं देना होगा, जबकि राज्य में खरीदे गए व पंजीकृत सभी ईवी पर नीति के लागू होने की तिथि से तीन वर्षों तक रोड टैक्स व पंजीकरण शुल्क में 100 प्रतिशत छूट मिलेगी।
  • इस नीति में यूपी में खरीदे गए ईवी को फैक्ट्री मूल्य पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी दिये जाने का भी निर्णय लिया गया है।
  • इस नीति से राज्य में एक गीगावाट की न्यूनतम क्षमता वाले बैट्री निर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिये 1500 करोड़ रुपए या उससे अधिक निवेश करने वाली पहली दो अल्ट्रा मेगा बैट्री परियोजनाओं के लिये अधिकतम 1000 करोड़ रुपए परियोजना के निवेश पर 30 प्रतिशत की दर से पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
  • इसके अलावा इस नीति में रिसर्च एंड डेवलपमेंट तथा परीक्षण सुविधाओं समेत ईवी, ईवी बैट्री व उनसे जुड़े उपकरणों की एकीकृत निर्माण सुविधा स्थापित करने के लिये 3000 करोड़ रुपए या उससे अधिक का निवेश करने वाली पहली दो एकीकृत ईवी परियोजनाओं को अधिकतम 30 प्रतिशत की दर से पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान को 67 वर्ष बाद मिला राष्ट्रीय स्काउट एवं गाइड जम्बूरी की मेज़बानी का अवसर

चर्चा में क्यों?

13 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय पर राजस्थान राज्य भारत स्काउट्स एवं गाइड द्वारा आयोजित होने वाली 18वीं राष्ट्रीय स्काउट एवं गाइड जंबूरी की तैयारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए बताया कि राज्य को 67 साल बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर का राष्ट्रीय स्काउट एवं गाइड जम्बूरी की मेज़बानी का अवसर प्राप्त हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्काउट एवं गाइड जम्बूरी का आयोजन राज्य के पाली ज़िले के रोहट में 4 से 10 जनवरी, 2023 तक किया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर की यह जम्बूरी राज्य में स्काउट एवं गाइड का अब तक का सबसे बड़ा आयोजन होगा।
  • उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से स्वास्थ्य, चरित्र, कला एवं कौशल, सेवा भावना तथा अनुशासन जैसे गुणों का विकास होता है तथा सामाजिक समरसता, सौहार्द्र, सद्भावना व आपसी भाईचारे की भावना का भी संचार होता है, जिससे विभिन्न देशों व राज्यों की संस्कृतियों को समझने का एक सुनहरा अवसर प्राप्त होगा।
  • जम्बूरी से पूर्व एवं जम्बूरी के दौरान विभिन्न माध्यमों द्वारा नियमित रूप से व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जम्बूरी स्थल पर प्रदर्शनियां भी आयोजित होंगी। साथ ही, जम्बूरी स्थल पर प्रतिदिन राजस्थानी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन भी होंगे।
  • शिक्षा विभाग द्वारा सम्भागियों के पंजीकरण की प्रक्रिया भी जारी है। साथ ही, जम्बूरी स्थल पर अस्थाई पुलिस चौकी, यातायात व्यवस्था, नियमित पेट्रोलिंग एवं सीसीटीवी मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।
  • उल्लेखनीय है कि राजस्थान राज्य भारत स्काउट एवं गाइड की मेज़बानी में होने वाली 18वीं राष्ट्रीय जम्बूरी में 1500 विदेशी सहित पूरे देश से 35 हज़ार से अधिक स्काउट एवं गाइड हिस्सा लेंगे।
  • इस 7 दिवसीय जम्बूरी में स्टेट द्वार, पायनियरिंग प्रोजेक्ट, एडवेंचर वैली, ग्लोबल विलेज डेवलपमेंट, इंटीग्रेशन गेम्स, मार्च पास्ट, कलर पार्टी, लोक नृत्य, शारीरिक प्रदर्शन, राज्य दिवस प्रदर्शनी, बैंड प्रदर्शन, रॉक क्लाइंबिंग, पैरासेलिंग एवं वाटर एक्टिविटीज जैसी कई प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा।
  • शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि जम्बूरी स्थल पर सभी आवश्यक सुविधाओं का विस्तार समयबद्ध रूप से पूर्ण हो जाएगा तथा इस आयोजन के लिये एक स्मारिका भी प्रकाशित की जाएगी।
  • राजस्थान राज्य भारत स्काउट्स एवं गाइड के प्रधान व पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि मुख्यमंत्री के विज़न के अनुरूप यह विश्वस्तरीय आयोजन हो रहा है। इससे राजस्थान की ख्याति देश ही नहीं विदेशों में भी बढ़ेगी।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान में पेयजल की गुणवत्ता जाँच के लिये स्थापित होंगी 250 नई प्रयोगशालाएँ

चर्चा में क्यों?

13 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य के विभिन्न ज़िलों में पंचायत समिति स्तर पर पेयजल की गुणवत्ता जाँच के लिये 250 नई प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएंगी।

प्रमुख बिंदु

  • उन्होंने पेयजल की गुणवत्ता एवं जल संरक्षण को लेकर आमजन में जागरूकता पैदा करने तथा ब्लॉक स्तर पर स्थापित होने वाली लैब के लिये भवन चिह्नित करने में तेज़ी लाने के निर्देश दिये।
  • डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि नई प्रयोगशालाएँ स्थापित होने से पानी की गुणवत्ता में और सुधार करते हुए आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में आसानी होगी।
  • ज्ञातव्य है कि वर्तमान में प्रदेश के 32 ज़िलों में ज़िलास्तरीय प्रयोगशालाएँ एवं जयपुर में राज्य स्तर की प्रयोगशाला कार्यरत् हैं।
  • संबंधित अधिकारियों ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत 20 ज़िलों में आउटसोर्स पर आधारित मोबाइल लैब पानी की गुणवत्ता जाँच कर रही हैं। इनमें जोधपुर एवं उदयपुर रीज़न में 6-6 तथा कोटा एवं अजमेर रीज़न में 4-4 मोबाइल लैब कार्यरत् हैं।
  • विदित है कि जल जीवन मिशन के तहत इस वर्ष अभी तक 10 हज़ार 689 फील्ड टेस्ट किट, 7 लाख 52 हज़ार 207 जीवाणु जाँच किट वितरित की गई हैं तथा ग्राम जल स्वच्छता समितियों के सदस्यों को पानी की गुणवत्ता जांच का प्रशिक्षण देने के लिये ज़िला रसायनज्ञ एवं फील्ड अभियंताओं द्वारा 1421 शिविर आयोजित किये गए हैं। अप्रैल से लेकर अभी तक 91 प्रतिशत केमिकल टेस्टिंग तथा 48 प्रतिशत जीवाणु जाँच की गई हैं। 20 मोबाइल लैब के माध्यम से 86 प्रतिशत सैंपल टेस्टिंग की गई हैं।

मध्य प्रदेश Switch to English

उज्जैन रोप-वे के लिये 209 करोड़ रुपए मंज़ूर

चर्चा में क्यों?

13 अक्टूबर, 2022 को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने ट्वीट में बताया कि मध्य प्रदेश में उज्जैन रोप-वे के लिये 209 करोड़ रुपए की मंज़ूरी दी गई है।

प्रमुख बिंदु

  • यह रोप-वे उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक 2 किलोमीटर की लंबाई में स्थापित किया जाएगा। इस रोप-वे टेंडर के निर्माण से रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक की दूरी 5 मिनट में तय होगी।
  • नितिन गडकरी के ट्वीट के अनुसार जुलाई-2023 से रोप-वे का निर्माण कार्य शुरू होगा।
  • इस रोप-वे स्टेशन में लोगों के लिये फूड ज़ोन, प्रतीक्षालय, शौचालय के साथ बस और कार पार्किंग की सुविधा भी मिलेगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश को मिली ट्रॉपमेट-2022 की मेज़बानी

चर्चा में क्यों?

13 अक्टूबर, 2022 को मध्य प्रदेश के मौसम विज्ञान विभाग, भोपाल के प्रमुख डॉ. आर. बाला सुब्रमणियन ने बताया कि मध्य प्रदेश मौसम विज्ञान विभाग, आईआईएसइआर (IISER) और आईएमएसबी द्वारा ट्रॉपमेट-2022 का आयोजन इस बार मध्य प्रदेश में होगा।

प्रमुख बिंदु

  • किसान-कल्याण तथा कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि ट्रॉपमेट-2022 में मध्य प्रदेश के कृषि एवं पर्यावरण मौसम की भविष्यवाणी तथा आने वाली मौसमी घटनाओं और चुनौतियों पर विशेष चर्चा होगी, जिससे किसानों और जनता को लाभ होगा।
  • ट्रॉपमेट-2022 में चर्चा और शोध के परिणामों से कृषि के क्षेत्र में अधिकाधिक लाभ होने की उम्मीद होगी।
  • उन्होंने बताया है कि इसमें देश के 400 से अधिक मौसम वैज्ञानिक, कृषि मौसम वैज्ञानिक, पर्यावरणविद् और शोधार्थी शामिल होंगे।
  • उल्लेखनीय है कि ट्रॉपमेट-2022 का आयोजन भोपाल में आगामी 29 नवंबर से 2 दिसंबर तक किया जाएगा।

हरियाणा Switch to English

कचरे के निस्तारण के लिये हरियाणा में स्थापित होंगे ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट

चर्चा में क्यों?

13 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में हुई सचिवों की समिट में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप आधार पर राज्य में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट लगाने की मंज़ूरी मिली है।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्य सचिव ने बताया कि स्वच्छता अभियान को और गति प्रदान करने के लिये राज्य में कचरे के निस्तारण हेतु जल्द ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट स्थापित किये जाएंगे।
  • एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं के अंतर्गत राज्य में तीन क्लस्टरों के लिये तीन कार्यान्वयन एजेंसी के चयन को मंज़ूरी प्रदान की गई। प्रारंभिक चरण में भिवानी, सिरसा और करनाल क्लस्टर में यह प्लांट स्थापित किये जाएंगे।
  • भिवानी क्लस्टर में 5 शहरी स्थानीय निकायों को शामिल किया गया है। इसी प्रकार, करनाल क्लस्टर में 16 तथा सिरसा में 3 शहरी स्थानीय निकायों को शामिल किया गया है।
  • संजीव कौशल ने बताया कि राज्य के सभी ज़िलों को 13 क्लस्टर में बाँटा गया है। इन क्लस्टर में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाएँ क्रियान्वित की जाएंगी।
  • यह परियोजनाएँ ओपन टेक्नोलॉजी पर आधारित होंगी। ओपन टेक्नोलॉजी में एजेंसी द्वारा कचरे के निस्तारण के लिये बायो-मेथेनेशन प्लांट, कम्पोस्ट प्लांट और वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित किये जा सकेंगे।
  • मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि एजेंसी द्वारा कचरे का डोर-टू-डोर कलेक्शन, कचरे को द्वितीय स्तर तथा प्लांट तक पहुँचाना सख्ती से सुनिश्चित किया जाए, ताकि निवासियों को किसी प्रकार की परेशानी न होने पाए।
  • बैठक में बताया गया कि ये परियोजनाएँ दीर्घकालिक हैं। इसके तहत कचरे का कलेक्शन, ट्रांसपोर्टेशन, प्रोसेसिंग और निस्तारण किया जाएगा।  

झारखंड Switch to English

धनबाद शहर की हवा शुद्ध करने के लिये नगर निगम करेगा 187 करोड़ रुपए खर्च

चर्चा में क्यों?

13 अक्टूबर, 2022 को केंद्र सरकार के नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत नगर निगम धनबाद ने शहर की हवा को शुद्ध करने के लिये केंद्र सरकार के निर्देश पर 187 करोड़ की कार्ययोजना तैयार की है।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में धनबाद शहर को भी शामिल किया है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम पाँच साल की योजना है, जिस पर प्रदूषण विभाग व आइएसएम आइआइटी सहायक की भूमिका में काम कर रहे हैं।
  • पहले साल के लिये 77 करोड़ रुपए का बजट पास किया गया है। इसके दूसरे फेज में 110 करोड़ रुपए की कार्य योजना तैयार की गई है, जिस पर नगर विकास विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद काम शूरू हो जाएगा।
  • धनबाद शहर की हवा में धूलकण की मात्रा अधिक है, जो स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। इसके लिये 50 करोड़ रुपए का वाटर स्प्रिंकलर, मैकेनिक स्वीपर मशीन, डेसलेगिंग मशीन खरीदी गई तथा 12 करोड़ रुपए का पेवर ब्लॉक बिछाया गया है। दो करोड़ रुपए का मोहलबनी व मटकुरिया शमशान घाट में विद्युत शवदाह गृह बनाया जा रहा है।
  • धनबाद शहर की 10 जगहों पर 25 करोड़ रुपए का एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जा रहा है।
  • हवा को शुद्ध करने में असर सोशल इंपैक्ट एडवाइस एजेंसी सलाहकार की भूमिका निभाएगी। इसके लिये धनबाद नगर निगम व असर के बीच करार हुआ है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में बनने वाले नए रोपवे को सरकार की मिली मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

13 अक्टूबर, 2022 को उत्तराखंड के वन एवं लोनिवि के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने बताया कि राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड ने केदारनाथ सेंक्चुरी एरिया में रोपवे के निर्माण को स्वीकृति दे दी है।

प्रमुख बिंदु

  • आरके सुधांशु ने बताया कि केदारनाथ के लिये एक हज़ार करोड़ रुपए के खर्च वाली इस परियोजना को राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड से मंज़ूरी मिल गई है। रोपवे बन जाने के बाद राज्य में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
  • उन्होंने बताया कि केदारनाथ सेंक्चुरी एरिया में रोपवे के निर्माण को स्वीकृति मिलने के साथ ही केदारनाथ के पैदल ट्रैक व हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को भी बोर्ड द्वारा हरी झंडी मिल गई है।
  • इन परियोजनाओं का निर्माण केंद्र सरकार की पर्वतमाला परियोजना के तहत किया जाएगा, जिसके लिये कुल 26 हेक्टेयर ज़मीन अधिग्रहीत की जाएगी।
  • केदारनाथ के लिये रोपवे बन जाने के बाद सोनप्रयाग से केदारनाथ की यात्रा महज़ 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। रोपवे की क्षमता प्रति घंटा पाँच हज़ार यात्रियों को ले जाने की होगी।
  • इसके अलावा राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड ने रामबाड़ा से गरुड़चटेी तक साढ़े पाँच किलोमीटर पैदल ट्रैक के निर्माण को भी मंज़ूरी दे दी है। यह मार्ग 2013 की आपदा में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था।

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एसएमएस अलर्ट
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