नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के स्कूलों में सप्ताह में अब मात्र 29 घंटे होगी पढ़ाई | उत्तर प्रदेश | 14 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 13 सितंबर, 2023 को राज्य सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अक्षरश: लागू करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग को नई शिक्षा नीति के नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) के तहत ही स्कूलों में भी पढ़ाई के लिये नई नियमावली तैयार करने के निर्देश दिये हैं, जिसके अंतर्गत अब स्कूलों में सप्ताह में मात्र 29 घंटे ही पढ़ाई होगी।
प्रमुख बिंदु
- नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में सप्ताह में कुल 29 घंटे में कक्षाएँ लगाने की संस्तुति की गई है। सोमवार से शुक्रवार तक 5 से 5:30 घंटे एवं महीने के दो शनिवार को दो से ढाई घंटे ही क्लास लगेंगे।
- दो शनिवार को अवकाश रहेगा। इसी प्रकार से आम विषयों की कक्षाओं की अधिकतम समय-सीमा 45 से घटकर 35 मिनट की जाएगी, जबकि प्रमुख विषयों की कक्षा 50 मिनट तक लगेंगी।
- प्रदेश में स्कूली कक्षाओं का सामान्य समय अधिकतम 35 मिनट हो जाएगा। केवल प्रमुख विषयों गणित, हिन्दी व हिन्दी व्याकरण, अंग्रेज़ी व अंग्रेज़ी ग्रामर, विज्ञान आदि विषयों से जुड़ी कक्षाओं का समय 40 से 50 मिनट निर्धारित किया जाएगा।
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों को पढ़ाई के बोझ से राहत देने के उद्देश्य से साल में अलग-अलग तिथियों में कुल 10 दिनों तक बिना बस्ते के आने की छूट रहेगी। बिना बस्ते वाले दिनों में बच्चों को मौखिक और प्रयोगों के ज़रिये पढ़ाया जाएगा।
लखनऊ, आगरा, वाराणसी में बनेंगे यूनिटी मॉल | उत्तर प्रदेश | 14 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 12 सितंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को कुल तीन यूनिटी मॉल देने की घोषणा के बाद इस पर काम शुरू हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने वाराणसी में प्रस्तावित यूनिटी मॉल के संबंध में भूमि के चिन्हांकन के निर्देश दिये हैं, जबकि आगरा में भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है।
- मॉल में आने वाले लोगों को खाने-पीने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये फूडकोर्ट भी खुलवाए जाएंगे।
- विविद है कि भारत सरकार के केंद्रीय बजट 2023-24 में देश के समस्त राज्यों में यूनिटी मॉल की स्थापना किये जाने का प्रावधान किया गया है।
- लखनऊ में यूनिटी मॉल अवध शिल्प ग्राम में बनेगा, लेकिन उससे पहले वहाँ वर्तमान में मौजूद 35 वातानुकूलित शोरूम में मॉल शुरू कर दिया जाएगा।
- मुख्य सचिव ने कहा कि द्वितीय चरण में अवध शिल्पग्राम में यूनिटी मॉल की डिजाइन व डीपीआर को आवास विकास विभाग द्वारा शीघ्र ही केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
- यूनिटी मॉल में राज्यों द्वारा अपने ओडीओपी उत्पादों, जीआई उत्पादों, हस्तशिल्प उत्पादों व अन्य राज्यों के ओडीओपी उत्पादों की प्रदर्शनी तथा बिक्री की व्यवस्था की जाएगी।
- यूनिटी मॉल का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय एकीकरण, मेक इन इंडिया, ओडीओपी प्रयासों को बढ़ावा देना और स्थानीय हस्तशिल्प उत्पाद एवं स्थानीय रोज़गार सृजन करना है।
- यूनिट मॉल के संचालन के संबंध में एक ज्वाइंट कमेटी बनेगी। कमेटी में आवास विकास और एमएसएमई विभाग को शामिल किया जाएगा।
दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से किऊल वाया पटना तीसरी-चौथी रेललाइन बिछेगी | बिहार | 14 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 13 सितंबर, 2023 को दानापुर डीआरएम ऑफिस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद रामकृपाल यादव ने बताया कि रेल मंत्रालय किऊल से दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तक तीसरी व चौथी रेललाइन का निर्माण कार्य शुरू करने जा रहा है।
- प्रमुख बिंदु
- रेल मंत्रालय ने फाइनल लोकेशन सर्वे (एफएलएस) के लिये 7.80 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं, जिसमें 390 किमी. लंबी रेललाइन निर्माण का भी सर्वे होगा, जिससे वर्तमान दोहरी मेन लाइन के अतिरिक्त किऊल-पटना-दीनदयाल उपाध्याय रेलखंड के बीच दो और नई लाइन का निर्माण होगा।
- दानापुर यार्ड में तीसरी रेललाइन का निर्माण किया जाएगा, जिससे उत्तर बिहार एवं पटना की ओर से आने-जाने वाली गाड़ियों का परिचालन निर्बाध रूप से किया जा सकेगा। वहीं, बिहटा से औरंगाबाद रेलवे लाइन के लिये जल्द ही सर्वे शुरू होगा।
- हावड़ा-नई दिल्ली रेललाइन के पटना क्षेत्र से जुड़े चार महत्त्वपूर्ण स्टेशनों- दानापुर, पटना, पाटलिपुत्र और राजेंद्रनगर टर्मिनल को विकसित करने के लिये मास्टर प्लान बनाया जा रहा है।
- दानापुर मंडल के अंतर्गत सदीसोपुर, कुर्जी मोहम्मदपुर, गोनपुरा एवं जटडुमरी स्टेशनों में गुड्स शेड का निर्माण किया जाएगा। सदीसोपुर एवं कुर्जी मोहम्मदपुर में पूर्णरूप से स्टेशन का निर्माण कराया जाएगा।
- सदीसोपुर से रेललाइन के ऊपर रेललाइन (आरओआर) निर्माण का सर्वे शुरू होगा। यह आरओआर कुर्जी मोहम्मदपुर स्टेशन पर आकर मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने विश्व के पहले हैरिटेज रिवर फ्रंट का किया लोकार्पण | राजस्थान | 14 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 12 सितंबर, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के कोटा शहर में विश्व के पहले हैरिटेज चंबल रिवर फ्रंट का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- चंबल रिवर फ्रंट भारत में विकसित प्रथम हैरिटेज रिवर फ्रंट है, इससे कोटा में देशी-विदेशी पर्यटकों का आवागमन बढे़गा।
- कोटा शहर में कोटा बैराज से नयापुरा पुलिया तक 2.75 किमी. की लंबाई में चंबल नदी के दोनों तटों पर 1400 करोड़ रुपए की लागत से चंबल रिवर फ्रंट विकसित किया गया है। इसके बनने से चंबल नदी के किनारे बसीं सभी बस्तियाँ बाढ़ से मुक्त हो चुकी हैं।
- रिवर फ्रंट के दोनों तटों पर 27 घाटों का निर्माण किया गया है, जिनमें चंबल माता घाट, गणेश पोल, मरू घाट, जंतर-मंतर घाट, विश्व मैत्री घाट, हाड़ौती घाट, महात्मा गांधी सेतु, कनक महल, फव्वारा घाट, रंगमंच घाट, साहित्य घाट, उत्सव घाट शामिल हैं। साथ ही, सिंह घाट, नयापुरा गार्डन, जवाहर घाट, गीता घाट, शांति घाट, नंदी घाट, वेदिक घाट, रोशन घाट, घंटी घाट, तिरंगा घाट, शौर्य घाट, राजपूताना घाट, जुगनु घाट, हाथी घाट और बालाजी घाट शामिल हैं।
- जवाहर घाट: इस घाट पर पं. जवाहर लाल नेहरू जी का गन मेटल से बना फेस मास्क लगाया गया है, जो कि 32 फीट ऊँचा एवं 25 टन वजनी है। पर्यटक मूर्ति की आँख के तल पर चढ़कर नेत्रों से पूर्वी तट के घाटों एवं चंबल माता की मूर्ति को निहार सकते हैं।
- गीता घाट: गीता घाट में वियतनाम मार्बल के पट्टिका में गीता के संपूर्ण 18 अध्याय के समस्त 700 श्लोकों को उकेरा गया है।
- शांति घाट: इस घाट पर योग मुद्रा में इनविजिबल स्कलप्चर लगाया गया है, जिसमें मानव शरीर के सातों चक्रों को दर्शाया गया है।
- नंदी घाट: इस घाट पर नंदी की 25 फीट लंबी, 15 फीट चौड़ी एवं 20 फीट ऊँची (अधिकतम ऊँचाई) की प्रतिमा लगाई गई है।
- वेदिक घाट: इस घाट पर पंच तत्त्वो को दर्शाते हुए, बाडोली शैली में 5 मंदिरों का निर्माण किया गया है।
- रोशन घाट: इस घाट में इस्लामिक फेज की वास्तुकला को दर्शाया गया है। इसके बीच में जन्नती दरवाज़े का निर्माण किया गया है।
- घंटी घाट: इसमें विश्व का सबसे बड़ा धातु का घंटा लगाया गया है।
- तिरंगा घाट: इस घाट पर भारत का विशाल राष्ट्रीय ध्वज लगाया गया है।
- शौर्य घाट: यह पश्चिमी छोर का प्रवेश द्वार है। इस चौक में विशाल पार्किंग, पर्यटकों के लिये इन्फॉरमेशन सेंटर, रेस्टोरेंट आदि की व्यवस्था की गई है।राजपूताना घाट: इस घाट में राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों जैसे- मेवाड़, मारवाड़, ढूंढाड़, बांगड़, हाड़ौती क्षेत्र की विभिन्न इमारतों की प्रतिकृतियाँ बनाई गई हैं, जैसे-पोद्दार हवेली, जगमंदिर, जगनिवास, गणगौरी घाट, हवामहल, गणेशपोल, सरगासुली, विजय स्तंभ, ब्रह्मा मंदिर, रणकपुर, पटवा हवेली आदि का निर्माण किया गया है।
- जुगनु घाट: इस घाट में एल.ई.डी. के फ्लोरा एंड फॉना निर्माण किया गया है। इसमें एक ओपन थियेटर का भी निर्माण किया गया है।
- हाथी घाट: इसमें प्राकृतिक चट्टानों पर सफेद मार्बल के हाथी लगाए गए हैं।
- बालाजी घाट: इस घाट पर बटक बालाजी का मंदिर का निर्माण किया गया है एवं पूर्व में निर्मित ऐतिहासिक मंदिरों की धरोहर को भी संरक्षित किया गया है।
- कोटा में विकसित चंबल रिवर फ्रंट आर्किटेक्ट का देशभर में अद्वितीय नमूना है। इस पर विकास के साथ पर्यटन, रोज़गार, पर्यावरण संरक्षण के साथ नदी के सौंदर्यीकरण जैसे कार्य किये गए हैं।
- यहाँ पर चंबल माता की 225 फीट ऊँची संगमरमर की मूर्ति भी स्थापित की गई है।
- चंबल रिवर फ्रंट के जवाहर घाट पर पं. जवाहर लाल नेहरू का विश्व का सबसे बड़ा गन मेटल का मुखौटा बनाया गया है। साथ ही, दुनिया का सबसे बड़ा नंदी भी यहाँ बना है।
- इसी प्रकार, एक बगीचे में 10 अवतारों की मूर्ति लगाई गई है तथा बुलंद दरवाजे से ऊँचा दरवाजा बनाया गया है। राजपूताना घाट पर राजस्थान के 9 क्षेत्रों की वास्तुकला व संस्कृति को दर्शाया गया है।
- मुकुट महल में 80 फीट ऊँची छत है तथा यहाँ पर सिलिकॉन वैली भी है।
- ब्रह्मा घाट पर विश्व की सबसे बड़ी घंटी बनाई गई है जिसकी आवाज 8 किमी. दूर तक सुनी जा सकेगी।
- साहित्यिक घाट पर पुस्तक, प्रसिद्ध लेखकों की प्रतिमाएँ भी स्थापित की गई है।
एग्पा, भोपाल में मूल्यांकन एवं प्रभाव आकलन केंद्र का शुभारंभ | मध्य प्रदेश | 14 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 12 सितंबर, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एग्पा (अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान, भोपाल) में स्थापित किये गए मूल्यांकन एवं प्रभाव आकलन केंद्र का वर्चुअल शुभारंभ तथा राज्य नीति आयोग मध्य प्रदेश द्वारा प्रकाशित एसडीजी प्रगति रिपोर्ट-2023 का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में तीन दिवसीय (11 से 13 सितंबर) सम्मेलन और कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें अनेक अर्थशास्त्री, शोधकर्त्ता और विकास से जुड़ी संस्थाओं के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
- सम्मेलन के प्रमुख हिस्सों में सुशासन संस्थान में मूल्यांकन एवं प्रभाव आकलन केंद्र की स्थापना, चाइल्ड एवं जेंडर बजटिंग पर कार्यशाला, सांख्यिकी प्रणाली को मज़बूत बनाने के लिये क्षमता संवर्द्धन कार्यक्रम को भी जोड़ा गया। यह संयुक्त प्रयास प्रदेश के डेटा डिलीवरी तंत्र को सशक्त बनाने में सहायक होंगे।
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह केंद्र शासकीय नीतियों का असर और लोगों के जीवन में आ रहे बदलाव को देखेगा। इसके द्वारा शासकीय योजनाओं, परियोजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावों का आकलन किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि शोध, सर्वेक्षण और वैज्ञानिक तरीके से तैयार किया गया डेटा उपयोगी है। यह सुशासन की नींव है और जन-कल्याण में सहायक बनता है। शोध आधारित पुख्ता सांख्यिकी आँकड़े विकास की गति को बरकरार रखते हैं।
- मुख्यमंत्री ने एन-डीएपी अर्थात राष्ट्रीय डेटा विश्लेषिकी प्लेटफार्म की उपयोगिता पर केंद्र सरकार के नीति आयोग के सहयोग से आयोजित कार्यशाला को वर्चुअली संबोधित किया।
- उन्होंने कहा कि एन-डीएपी सरकारी डेटा की पहुँच और उपयोग में सुधार के लिये नीति आयोग की विशेष पहल है। यह प्लेटफार्म भारत के विशाल सांख्यिकी बुनियादी ढाँचे से डेटासेट एकत्र और होस्ट करता है। इसे वर्ष 2020 से 2022 से मध्य विकसित किया गया है।
- एन-डीएपी का उपयोग कर मध्य प्रदेश डेटा एवं एनालिटिक्स प्लेटफार्म (एमपी-डीएपी) को एक एग्रीगेटर प्लेटफार्म के रूप में विकसित किये जाने पर विचार किया जाएगा। यह सम्मेलन एन-डीएपी की उपयोगिता और इसके इस्तेमाल के लिये कार्यशाला के संयोजन का महत्त्वपूर्ण माध्यम बना है।
रोहतक की सुहाना सैनी बनीं विश्व की नंबर एक रैंकिंग की खिलाड़ी | हरियाणा | 14 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 12 सितंबर, 2023 को इंटरनल टेबल टेनिस फेडरेशन की ओर से जारी ताजा वर्ल्ड रैंकिंग में हरियाणा के रोहतक ज़िले की टेबल टेनिस की स्टार खिलाड़ी सुहाना सैनी ने अपने शानदार खेल के चलते यूथ स्टार कंटेंडर टेबल टेनिस वर्ल्ड रैंकिंग में पहला स्थान प्राप्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- सुहाना सैनी ने बंगलूरु की यशस्वी घोरपडे के साथ जोड़ी बनाकर यह उपलब्धि हासिल की है।
- इससे पूर्व यह जोड़ी 22 अक्तूबर, 2022 से 7 मार्च, 2023 तक भी वर्ल्ड रैंकिंग नंबर एक रह चुकी है।
- वर्तमान में सुहाना की अंडर 17 सिंगल्स में वर्ल्ड रैंक 15 व अंडर 19 सिंगल्स में वर्ल्ड रैंक 28 है। जबकि भारत में सुहाना अंडर 19 में नंबर एक पर हैं।
गुमला, सिमडेगा व हज़ारीबाग ज़िले में होगा महाझींगा मछली का पालन | झारखंड | 14 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 13 सितंबर, 2023 को झारखंड के मत्स्य विभाग ने केंद्रीय अंतर स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) बैरकपुर, कोलकाता के सहयोग से राज्य के जलाशयों में महाझींगा संवर्धन के माध्यम से जनजातीय समुदायों की आजीविका में सुधार के लिये पहल की है, जिसके अंतर्गत राज्य के गुमला, सिमडेगा व हज़ारीबाग ज़िलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत मत्स्य पालक किसानों से महाझींगा का पालन कराया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- आईसीएआर के प्रिंसिपल साइंटिस्ट एके दास ने मत्स्य पालक किसानों को बताया कि झारखंड का केज कल्चर पूरे देश में नंबर वन पर है। इस प्रकार अब यहाँ महाझींगा को भी नंबर वन बनाना है, जिसके लिये यह पायलट प्रोजेक्ट बनाया गया है।
- प्रोजेक्ट के तहत 16 व 18 सितंबर, 2023 को गुमला के मसरिया बांध व हज़ारीबाग में दो-दो लाख तथा सिमडेगा के केलाघाघ में चार लाख महाझींगा मछली के बीज डाले जाएंगे। इसके बाद राँची में 20 सितंबर को राज्यस्तरीय बैठक होगी।
- राज्य के एसटी-एससी वर्ग के लोगों को मात्स्यिकी के क्षेत्र, विशेषकर महाझींगा पालन में बढ़ावा देने के लिये शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट महाझींगा पालन व किसानों की आर्थिक उन्नति में मील का पत्थर साबित होगा।
- विदित है कि मछली में भरपूर मात्रा में पौष्टिक तत्त्व पाए जाते हैं, जो शरीर की कई तरह की बीमारियों व शारीरिक कमज़ोरियों, विशेषकर कुपोषण को दूर करने में बहुत ही कारगर है। लेकिन, महाझींगा उन सभी मछलियों से भी अधिक कारगर है।
- साथ ही अन्य मछलियों की अपेक्षा महाझींगा और भी अधिक महँगी है। यह मछली 400-500 रुपए प्रतिकिलो की दर से बिकती है।
- महाझींगा पालन कर किसान अपने सपनों को साकार कर सकते हैं, क्योंकि अन्य मछलियों की अपेक्षा महाझींगा मछली महँगी है। राज्य में मछली पालन के क्षेत्र में तरक्की हो रही है। मछली पालन करनेवाले लोग आर्थिक उन्नति कर रहे हैं।
- इसका पालन करने में राज्य सरकार किसानों का सहयोग करेगी और मछली तैयार होने के बाद इसका सारा लाभ किसानों को मिलेगा। इसे भोजन के रूप में उपयोग किया जा है और बाज़ार में बिक्री कर आर्थिक आमदनी कर सकते हैं।
राँची में 17 सितंबर को लॉन्च होगी प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना | झारखंड | 14 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 13 सितंबर, 2023 को राँची के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने बताया कि राँची में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 17 सितंबर को लॉन्च होगी।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना का लाभ लोहार, कुम्हार, राजमिस्त्री, धोबी, फूल कारोबारी, मछली का जाल बुनने वाले, ताला व चाबी बनाने वाले व मूर्तिकार इसके अलावा अन्य क्षेत्र के श्रमिकों को भी दिया जाएगा।
- योजना के तहत पहले चरण में एक लाख रुपए तक का कर्ज़ पाँच फीसदी के ब्याज पर मिलेगा तथा दूसरे चरण में योग्य कामगारों को दो-दो लाख रुपए का रियायती कर्ज़ मिलेगा।
- कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान-पत्र भी दिया जाएगा। वहीं आधुनिक उपकरण खरीदने के लिये 15 हज़ार रुपए की आर्थिक मदद भी दी जाएगी।
- इस योजना के तहत लाभ पाने के लिये न्यूनतम आयु 18 साल रखी गई है। परिवार के एक ही सदस्य को इस योजना का लाभ मिलेगा। आवेदन करने वालों को स्व-घोषणा पत्र भी देना होगा।
सस्ती बिजली उत्पादन के लिये प्रदेश में बनी पंप स्टोरेज पॉलिसी | उत्तराखंड | 14 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 12 सितंबर, 2023 को उत्तराखंड की ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि प्रदेश में सस्ती बिजली मुहैया कराने के लिये राज्य सरकार पंप स्टोरेज पॉलिसी लाई है। इस पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।
प्रमुख बिंदु
- पंप स्टोरेज पॉलिसी से राज्य की नदियों पर परियोजनाएँ लगाने वालों को जहाँ राज्य सरकार को 12.5 प्रतिशत रॉयल्टी नहीं देनी होगी, वहीं उन्हें स्थानीय क्षेत्र विकास शुल्क, पारेषण शुल्क से भी छूट मिलेगी।
- पंप स्टोरेज पॉलिसी आने के बाद पीक समय में सस्ती बिजली मिलेगी। दिन में सौर या अन्य माध्यम से आने वाली सस्ती बिजली से पानी नीचे से ऊपर भेजा जाएगा। इसके बाद रात को जब बिजली की भारी मांग (बाज़ार में महंगी बिजली) होगी, तब परियोजना से बिजली उत्पादन किया जाएगा।
- प्रस्तावित नीति में परियोजनाओं के त्वरित विकास के लिये अंत:राज्यीय पारेषण शुल्क, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि, निशुल्क रॉयल्टी विद्युत (12.5 प्रतिशत), भूमि पर हस्तांतरण, निकासी की त्वरित अनुमति, जल कर और सरकारी भूमि को 45 वर्षों की अवधि के लिये सर्किल दर से जुड़ी वार्षिक पट्टा दर पर आवंटित करने पर छूट दी जाएगी।
- ऊर्जा सचिव ने बताया कि नदियों पर पहले से चल रही परियोजनाओं में कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी। ये परियोजनाएँ 45 साल के लिये होंगी, जिसके बाद राज्य सरकार के हवाले हो जाएंगी।
- नदियों पर चिन्हित क्षेत्रों में परियोजना बनाने में निजी निवेशकों का चयन टेंडर के माध्यम से होगा। वह अपने स्तर से स्थान चिन्ह्ति करके सरकार के सामने प्रस्ताव भी ला सकते हैं।
- ऑन स्ट्रीम के साथ ही ऑफ स्ट्रीम परियोजनाएँ भी लगाई जा सकेंगी। सभी तरह की स्वीकृतियाँ मिलने के तीन साल के भीतर परियोजना का निर्माण करना होगा।
- विदेशों से आने वाली लिक्विफाइड गैस की तर्ज पर अब राज्य के उधम सिंह नगर ज़िले के काशीपुर में स्थित दो गैस आधारित बिजली प्लांट के लिये आने वाली सीएनजी पर भी वैट शून्य होगा।
- इससे गैस आधारित प्लांट संचालित हो सकेंगे और प्रदेश में बिजली आपूर्ति की कमी को दूर किया जा सकेगा। इनसे बनने वाली बिजली भी सस्ती होगी।