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नवगठित मऊगंज ज़िला के ज़िलाधीश (कलेक्टर) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) की हुई पद-स्थापना
चर्चा में क्यों?
13 अगस्त, 2023 को मध्य प्रदेश राज्य शासन ने नवगठित ज़िला मऊगंज के प्रथम ज़िलाधीश (कलेक्टर) अजय श्रीवास्तव और प्रथम पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में वीरेंद्र जैन की नियुक्ति की है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि अजय श्रीवास्तव 2013 बैच के आईएएस अफसर हैं, जो अपर आयुक्त, आदिवासी विकास एवं प्रबंध संचालक, म.प्र. अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम भोपाल (अतिरिक्त प्रभार) के पद में शासकीय दायित्यों का निर्वहन कर रहें थे, अब नवगठित ज़िले के पहले कलेक्टर के रूप में अपनी सेवाएँ देंगे।
- इनसे पहले सोनिया मीना को ज़िला मऊगंज कलेक्टर पदस्थ करने का आदेश राज्य शासन ने जारी किया था, जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया था।
- इसी तरह वीरेंद्र जैन IPS (DD-96) को नए ज़िले मऊगंज का पुलिस अधीक्षक (एसपी) के तौर पर स्थानांतरित किया गया है। वीरेंद्र जैन वर्तमान में छिंदवाड़ा में सेनानी 8वीं वाहिनी विसबल में पदस्थ हैं।
- विदित है कि 4 मार्च, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मऊगंज को नया ज़िला बनाने की घोषणा की थी। मऊगंज आधिकारिक तौर पर मध्य प्रदेश का 53वाँ ज़िला बन गया है।
- मऊगंज को रीवा से अलग करके ज़िला बनाया गया है और इसका ज़िला मुख्यालय मऊगंज शहर में स्थित होगा। साथ ही 15 अगस्त को मऊगंज ज़िला मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा।
- मऊगंज ज़िले का गठन मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 (क्रमांक 20 सन् 1959) की धारा 13 की उपधारा के तहत किया गया है। इस बदलाव के संबंध में एक राजपत्र (गजट) प्रकाशित किया गया है।
- प्रारंभिक रूप में रीवा ज़िले की तीन तहसीलें- मऊगंज, नईगढ़ी और हनुमना मऊगंज ज़िले का हिस्सा होंगी। बाद में देवतालाब को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
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बालाघाट को मिला स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
12 अगस्त, 2023 को मध्य प्रदेश के महिला-बाल विकास विभाग के बालाघाट के वन स्टॉप सेंटर को अपने बेहतर प्रदर्शन के लिये स्कॉच अवॉर्ड के ऑर्डर ऑफ मेरिट-2023 से सम्मानित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- बालाघाट वन स्टॉप सेंटर वर्ष 2018 से ज़िले में सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को एकीकृत रूप से सहायता एवं सहयोग प्रदान कर रहा है।
- इसके साथ ही पीड़ित महिला एवं बालिका को तत्काल आपातकालीन और गैर-आपातकालीन सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। इनमें मनोवैज्ञानिक परामर्श, एफआईआर, पुलिस चिकित्सा, विधिक और न्यायालयीन आदि सहायता प्रमुख हैं।
- बालाघाट ज़िले में दूरस्थ क्षेत्र की महिलाओं को भी सखी सेंटर का लाभ मिले, इसके लिये ज़िला प्रशासन के प्रयासों से दूसरा वन स्टॉप सेंटर ज़िले की बैहर तहसील में संचालित किया जा रहा है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2003 से स्थापित स्कॉच पुरस्कार एक स्वतंत्र संगठन द्वारा प्रदान किया जाने वाला देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
- यह उन लोगों, परियोजना और संस्थानों को मान्यता देता है, जो देश को बेहतर बनाने के लिये अतिरिक्त प्रयास करते हैं।
- इस पुरस्कार के लिये देशभर से नॉमिनेशन प्राप्त हुए थे। इसमें से 3 चरणों में प्रस्तुतिकरण और मूल्यांकन के बाद यह चयन हुआ है।
- यह वन स्टॉप सेंटर कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा और ज़िला कार्यक्रम अधिकारी वंदना धूमकेती के मार्गदर्शन में संचालित हुआ है।
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प्रधानमंत्री ने रखी संत रविदास मंदिर की आधारशिला
चर्चा में क्यों?
12 अगस्त, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़तुमा सागर में 11 एकड़ भूमि पर लगभग100 करोड़ रुपए की लागत से आकार लेने वाले संत शिरोमणि श्री रविदास जी के स्मारक और मंदिर का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमिपूजन कर शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर उन्होंने शिला-पटिेका का अनावरण भी किया और मंदिर की प्रतिकृति का अवलोकन किया।
- इसी के साथ प्रदेश के पाँच स्थानों से प्रारंभ की गई समरसता यात्रा का भी समापन हुआ।
- उल्लेखनीय है कि फरवरी माह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समरसता के प्रणेता श्री संत रविदास जी के भव्य और दिव्य रूप में स्मारक एवं मंदिर निर्माण कराने की घोषणा की थी।
- प्रधानमंत्री द्वारा किये गए शिलान्यास के बाद अब यहाँ भव्य और अलौकिक मंदिर बनेगा। यह मंदिर नागर शैली में 10000 वर्ग फीट में बनेगा। यहाँ इंटरप्रिटेशन म्यूजियम भी बनेगा।
- संस्कृति और रचनात्मक के साथ संत रविदास के कृतित्व-व्यक्तित्व को प्रदर्शित करने वाला संग्रहालय भी इस परिसर में बनेगा।
- संग्रहालय में चार गैलरी बनेंगी, जिनमें भक्ति मार्ग, निर्गुण पंथ में योगदान, संत जी का दर्शन और उनके साहित्य, समरसता का विवरण भी रहेगा।
- इसके अलावा संगत हाल, जल कुंड, भक्त निवास भी बनेगा, जो आध्यात्मिक और आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा। भक्त निवास में देश-विदेश से संत रविदास के अनुयायी और अध्येता आएंगे, जिन्हें संत जी के जीवन से प्रेरणा मिलेगी।
- वास्तु और विन्यास के अनुसार संत रविदास जी का मंदिर अध्यात्म कला संग्रहालय भी होगा, जो श्रद्धा, आस्था और भक्ति का अभूतपूर्व स्थल होगा। दार्शनिक एवं अध्येता और जिज्ञासु भी देश-विदेश से आएंगे। संत रविदास जी का कृतित्व-व्यक्तित्व और दर्शन पूरी दुनिया के लिये प्रेरणादायी होगा।
- उल्लेखनीय है कि 25 जुलाई, 2023 से सागर ज़िले में संत रविदास जी के मंदिर निर्माण के लिये पाँच अलग-अलग स्थानों (नीमच, मांडव ज़िला धार, श्योपुर, बालाघाट और सिंगरौली) से एक साथ यात्रा निकाली गई थी। इस यात्रा का व्यवस्थित समापन हुआ।
- इसके पहले प्रदेश के हर गाँव से मिट्टी और सभी विकास खंडों की 313 नदियों से सांकेतिक जल लेकर यात्रा सागर पहुँची। प्रदेश के ज़िलों से होकर संत रविदास मंदिर निर्माण यात्रा गुज़री। मुख्य यात्राओं के साथ 1661 उप यात्रियों द्वारा भी कलश यात्रा निकाली गई। यात्रा के दौरान 352 जन-संवाद हुए। यात्रा के 5 रूटों में 25 लाख से अधिक लोग शामिल हुए।
- मध्य प्रदेश के 20 हज़ार 641 गांवों की मिट्टी और 313 नदियों के सांकेतिक जल एकत्र कर सागर पहुँची समरसता यात्रा के दौरान संत रविदास जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित 10 रथ निरंतर चलते रहे।
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