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छत्तीसगढ़ के तीन इंस्पेक्टरों को मिलेगा यूनियन होम मिनिस्टर मेडल
चर्चा में क्यों?
12 अगस्त, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य के तीन पुलिस अधिकारियों को एक्सीलेंस इनवेस्टिगेशन के लिये साल 2023 का यूनियन होम मिनिस्टर मेडल दिये जाने की घोषणा की गई है।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पुलिस कर्मियों को बेहतर सुविधाएँ मिल रही हैं। राज्य में पुलिस कर्मियों को आधुनिक प्रशिक्षण के साथ-साथ साइबर अपराधों को रोकने के लिये प्रशिक्षित किया जा रहा है।
- नए पुलिस थाने के साथ ही इन थानों में महिला सेल, पुलिसकर्मियों को आवास सहित अन्य सुविधाएँ दी जा रही हैं, इससे पुलिस कर्मियों को अपने दायित्वों के निर्वहन में आसानी हो रही है।
- यूनियन होम मिनिस्टर मेडल के लिये चयनित पुलिसकर्मियों में सब-इंस्पेक्टर सुश्री नीता राजपूत, सब-इंस्पेक्टर आशीर्वाद रहटगांवकर, इंस्पेक्टर नवीन बोरकर शामिल हैं।
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विश्व हाथी दिवस पर ‘गज गौरव’राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुए छत्तीसगढ़ से वनरक्षक दीपक शर्मा एवं गजयात्रा टीम
चर्चा में क्यों?
12 अगस्त, 2023 को विश्व हाथी दिवस के अवसर पर भुवनेश्वर ओडिशा में आयोजित देशव्यापी समारोह में सामान्य वनमंडल महासमुंद में पदस्थ वन रक्षक दीपक शर्मा एवं गजयात्रा की टीम को गज गौरव अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे तथा ओडिशा के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रदीप कुमार अमत द्वारा वन रक्षक दीपक शर्मा एवं गजयात्रा की टीम को गज गौरव अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
- वनमंडल अधिकारी पंकज राजपूत ने बताया कि मानव-हाथी द्वंद्व को रोकने के लिये वनमंत्री की मंशा के अनुरूप, प्रधान मुख्य वन संरक्षक के निर्देशन पर गजयात्रा का शुभारंभ 8 अक्टूबर, 2021 को किया गया था।
- गजयात्रा के माध्यम से प्रतिदिन 3 चरणों में ग्रामीणों को हाथियों से सुरक्षित रहने के उपायों को बता कर जागरूक किया जा रहा है, अब तक लगभग 70 हज़ार लोगों को गजयात्रा के माध्यम से जागरूक किया जा चुका है।
- ज़िले के हाथी प्रभावित क्षेत्र सिरपुर व हाथी विचरण क्षेत्र मोहन्दी, अरंड, बागबाहरा, कोमा, कोना, बकमा, खट्टी, तुमगाव में फिलहाल हाथियों की आमद कुछ कम हुई है। इससे पहले क्षेत्र में हाथी की दस्तक होते ही गाँव सूना पड़ जाता था। लोग हाथी को भगाने के लिये तरह-तरह के उपाय करते थे।
- आतिशबाज़ी, मिर्च, मशाल जलाकर हाथियों को भगाया जाता था और अपनी जान जोखिम में डालते थे। इससे हाथी आक्रामक हो जाते थे, जिससे ग्रामीण, हाथी हिंसा के शिकार हो रहे थे। यह सब देखते हुए गजयात्रा कार्यक्रम शुरू किया गया।
- वनरक्षक दीपक ने टीम के साथ गाँव-गाँव जाकर चौपाल लगाकर प्रोजेक्टर में फिल्म दिखाकर एवं लोगों से चर्चा कर ग्रामीणों को हाथियों के व्यवहार एवं सुरक्षा के उपायों को समझाया है।
- गजयात्रा की टीम द्वारा ग्रामीणों को उनकी सामान्य भाषा एवं शैली में गीतों और कहानियों के माध्यम से हाथियों के प्रति संवेदनशील बनाने का सफल प्रयास किया गया है तथा शासन द्वारा प्रदाय क्षतिपूर्ति का विवरण ग्रामीणों को विस्तार से बताया गया एवं हाथी-मानव द्वंद्व को सद्भावनापूर्ण बताया गया, जिससे हिंसा घटी है एवं जन घायल, जन हानि की घटनाएँ शून्य हुई हैं।
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग भारत सरकार द्वारा गजयात्रा के सराहनीय कार्य के लिये दीपक शर्मा एवं टीम को राष्ट्रीय स्तर पर गज गौरव अवॉर्ड से नवाजा गया है और अकेला महासमुंद वनमंडल अखिल भारतीय गज गौरव अवॉर्ड के लिये सम्मानित हुआ है।
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गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के 5 साल : अच्छी योजनाएँ, बेहतर सूचकांक
चर्चा में क्यों?
12 अगस्त, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बीते पांच वर्षों में राज्य शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं और उनके बेहतर क्रियान्वयन से छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य, सामाजिक स्थिति में बड़े पैमाने पर काफी सुधार हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 के अनुसार इस दौरान नवजात मृत्यु दर 42.1 प्रतिशत से घटकर 32.4 प्रतिशत हो गई है।
- शिशु मृत्यु दर में भी काफी कमी आई है। यह 54.0 प्रतिशत से घटकर 44.3 प्रतिशत हो गई है। पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु के मामले में भी कमी देखी गई है। यह 64.3 प्रतिशत से घटकर 50.4 प्रतिशत हो गई है।
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने प्रदेश में उच्च जोखिम वाली सभी गर्भवती महिलाओं के लिये विशेष रणनीति बनाई, ताकि प्रदेश में हर माता और दोनों स्वस्थ रहें। इन्हीं कोशिशों का परिणाम है कि प्रदेश में संस्थागत प्रसव में भी काफी बढ़ोतरी हुई है।
- प्रदेश में शिशुओं की मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिये बड़े पैमाने पर काम हो रहे हैं। राज्य के 14 मेडिकल कॉलेज, 26 ज़िला अस्पतालों में सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट की स्थापना की गई है, जिनकी नियमित मॉनिटरिंग स्वयं एम्स रायपुर के विशेषज्ञों द्वारा की जाती है। स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कवर किये गए परिवारों की संख्या 68.5 प्रतिशत से बढ़कर 71.4 प्रतिशत हो गई है।
- राज्य सरकार द्वारा घरों तक स्वच्छ पेयजल पहुँचाने के लिये बेहतर कार्य किये गए हैं, जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल भी मिल रहा है। इसी का नतीजा है कि पेयजल उपलब्धता 96.3 प्रतिशत से बढ़कर 98.8 प्रतिशत हो गई है।
- बेहतर सेनिटेशन सुविधा का उपयोग करने वाले घरों की जनसंख्या में बढ़ोतरी हुई है, जो 34.8 प्रतिशत से बढ़कर 76.8 प्रतिशत हो गई है। खाना पकाने के लिये स्वस्थ ईंधन उपयोग करने वाले परिवारों की संख्या 22.8 प्रतिशत बढ़कर 33.0 प्रतिशत हो गई हैं।
- छत्तीसगढ़ की महिलाएँ भी अब आधुनिक तकनीकी का उपयोग करने लगी हैं। आज के वर्तमान परिवेश में सभी इंटरनेट, मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि अन्य संचार साधनों का उपयोग करने लगे हैं। महिलाएँ इंटरनेट के उपयोग के मामले में आगे बढ़ रही हैं। अब 26.7 प्रतिशत महिलाएँ इंटरनेट का उपयोग करने लगी हैं, वही 56.3 प्रतिशत पुरुष इंटरनेट का उपयोग करते हैं।
- आधुनिक परिवेश में सभी महिलाएँ आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं। महिलाएं उच्च शिक्षा लेने के बाद रोज़गार की तलाश करने के बाद ही शादी करना चाहती हैं, जिसके कारण अब महिलाएँ 24 वर्ष से अधिक उम्र में शादी कर रही हैं।
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मुख्यमंत्री ने नरैय्या तालाब में रजक गुड़ी, शहरी औद्योगिक पार्क का किया शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
12 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के टिकरापारा स्थित नरैय्या तालाब के पास नवनिर्मित रजक गुड़ी (शहरी औद्योगिक पार्क) का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा 69 लाख रुपए की लागत से लगभग 3500 वर्गफीट में तैयार हाईटेक रजक गुड़ी में परंपरागत रूप से कपड़े की धुलाई व प्रेस करने के काम में जुटे रजक समाज को आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
- रजक गुड़ी में मैनुअल के साथ-साथ आटोमेटिक इलेक्ट्रिकल वॉशिंग मशीन लगाई गई है, जिसमें 25-25 कि.ग्रा. के 2 कपड़े निचोड़ने वाली एक्सपेक्टर मशीन, 60 कि.ग्रा. क्षमता की 1 वॉशर तथा 50 कि.ग्रा. क्षमता वाली 1 ड्रायर मशीन स्थापित की गई है।
- कपड़े धोने के लिये पानी की टंकियाँ भी बनाई गई हैं और कपड़ों को इस्त्री करने की भी अलग व्यवस्था है।
- धोबी समाज के परिवारों को परंपरागत व्यवसाय के साथ ही उनके रोज़गार सृजन की व्यवस्था इस पार्क में की गई है, जिसके अंतर्गत कपड़ा धोने के लिये साबुन और डिटर्जेंट बनाने का भी प्रशिक्षण इन परिवारों को दिया जाएगा।
- इस रोज़गारोन्मुखी योजना का लाभ इस तालाब से जुड़कर परंपरागत व्यवसाय कर रहे धोबी समाज के लगभग 100 परिवारों को प्राप्त होगा।
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प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिये राज्य योजना आयोग बनाएगा विकेंद्रीकृत वार्षिक ज़िला योजना
चर्चा में क्यों?
11 अगस्त, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास को समग्र समावेशी बनाने और अपेक्षित प्रगति को गति देने के लिये राज्य योजना आयोग द्वारा विकेंद्रीकृत ज़िला योजना 2024-25 तैयार की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार राज्य में स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर स्थानीय नागरिकों द्वारा तैयार की गई योजनाओं को शासन तक पहुँचाने के उद्देश्य से राज्य योजना आयोग को समुचित सुझाव देने का दायित्व दिया गया है।
- योजना आयोग को ज़िला स्तर पर स्थानीय आवश्यकताओं का क्रम निर्धारित करने, योजनाएँ बनाने, समीक्षा करने और संसाधन वितरण की प्राथमिकता निर्धारित करने का दायित्व दिया गया है।
- इसके लिये राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार की गई डिस्ट्रिक्ट प्रोग्रेस रिपोर्ट को आधार बनाया गया है। साथ ही इन योजनाओं को महत्त्वकांक्षी बनाने का प्रावधान भी शासन स्तर पर किया गया है।
- प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास प्रभावी रूप से समावेशी बनाने, कृषि तकनीक, सूचना प्रौद्योगिकी, डिजिटलाइज़ेशन, मौसम सूचना तकनीक, बायोटेक्नोलॉजी सहित जनसामान्य से जुड़ी नई तकनीक के क्षेत्र में राज्य में हुई प्रगति की जानकारी का समावेश किया जाएगा।
- इसी प्रकार राज्य की प्रगति से हुए लाभ दूरस्थ क्षेत्रों तक समावेशी व प्रभावी रूप में ले जाने के लिये ज़िलों के संबंधित क्रियान्वयन संस्थाओं व विभागों को सक्रिय करने और संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिये नवीन दिशा-निर्देश की आवश्यकता थी।
- इसके लिये नगरीय प्रशासन विकास विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष, अजय सिंह के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग द्वारा ज़िला योजना समिति के द्वारा विकेंद्रीकृत ज़िला योजना तैयार करने के लिये विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं।
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