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स्टेट पी.सी.एस.

  • 14 Aug 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

स्वास्थ्य सेवाओं में ई-गवर्नेंस के लिये उत्तर प्रदेश को मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

13 अगस्त, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य सेवाओं में ई-गवर्नेंस के लिये उत्तर प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार की ओर से सम्मानित किया जाएगा।  

प्रमुख बिंदु

  • भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग ने ‘डिलीवरी पॉइंट हेल्थ फैसिलिटीज’के लिये शुरू की गई परियोजना-पहल ‘माँ नवजात ट्रैकिंग एप्लिकेशन’(मंत्रा) हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश (एनएचएम-यूपी) को सिल्वर अवॉर्ड से सम्मानित करने के लिये चुना है।  
  • ट्रॉफी और प्रमाण-पत्र 24-25 अगस्त 2023 को इंदौर (म.प्र.) में प्रस्तावित ई-गवर्नेंस (एनसीईजी) पर 26वें ई-गवर्नेंस राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रदान किये जाएंगे।
  • एनएचएम-यूपी को यह नेशनल अवॉर्ड श्रेणी-1 के तहत ‘गवर्नमेंट प्रॉसेस री-इंजीनियरिंग फॉर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’के तहत ई-गवर्नेंस योजना 2023 के लिये दिया जा रहा है।  
  • मंत्रा ऐप को भारत सरकार द्वारा ई-गवर्नेंस के लिये एक उपकरण के रूप में मान्यता दिया जाना प्रदेश के लिये एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि यूपी लेबर रूम के लिये ऑनलाइन एमआईएस को बढ़ावा देने वाला पहला राज्य है।
  • सिल्वर अवॉर्ड के तहत एनएचएम-यूपी को इस परियोजना के लिये प्रमाण-पत्र और ट्रॉफी के साथ 5 लाख रुपए का कैश प्राइज़ प्रदान किया जाएगा। साथ ही प्रत्येक टीम सदस्यों (परियोजना प्रमुख सहित 4 लोग) को भी प्रमाण-पत्र और ट्रॉफी दी जाएगी।  
  • स्वास्थ्य विभाग की ओर से लॉन्च किये गए मंत्रा ऐप के माध्यम से किस केंद्र पर कितना प्रसव हुआ और प्रसव संबंधी सुविधाओं की समस्त जानकारी आसानी से मिल जाती है।
  • इस ऐप के माध्यम से नवजात शिशु के जन्म, टीकाकरण व प्रसव से संबंधित अन्य जानकारियों को उपचारिका एवं वार्डबाय इस ऐप के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी आँकड़े भी डिजिटल हो गए हैं। गर्भवती महिला को भर्ती करते वक्त स्टाफ नर्स द्वारा भर्ती का समय, उसके स्वास्थ्य की स्थिति और दिये जा रहे उपचार को फीड किया जाता है।
  • इससे माँ और शिशु को ट्रैक करना आसान हो गया है। ऑनलाइन निगरानी होने से संस्थागत प्रसव की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और माँ-नवजात स्वास्थ्य आँकड़े भी बेहतर हुए हैं। माँ और नवजात शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उद्देश्य से प्रसव केंद्रों का डिजिटलीकरण भी किया गया है।

उत्तर प्रदेश Switch to English

लखनऊ में बनेगा एक नया आईटी हब

चर्चा में क्यों?

13 अगस्त, 2023 को उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राज्य का नया आईटी हब बनाने की तैयारी शुरु करने की पुष्टि की गई है।

प्रमुख बिंदु

  • उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) ने पहले ही कानपुर रोड पर अमौसी के नादरगंज औद्योगिक क्षेत्र में 40 एकड़ ज़मीन पर आईटी हब स्थापित करने का खाका तैयार कर लिया है।
  • आईटी हब को तीन भागों में बाँटा जाएगा, जिसमें आईटी पार्क, बिज़नेस पार्क और इंटरनेशनल इन्क्यूबेशन फैसिलिटी सेंटर शामिल हैं। प्रस्तावित आईटी हब देश के सबसे बड़े आईटी हब में से एक होगा।
  • आईटी हब के ब्लूप्रिंट के मुताबिक, आईटी पार्क का निर्माण 11.47 एकड़ में किया जाना है, जबकि बिज़नेस पार्क 7.4 एकड़ में विकसित किया जाएगा। वहीं 6.9 एकड़ में इंटरनेशनल इनक्यूबेशन फैसिलिटी सेंटर बनाया जाएगा। साथ ही पर्यावरण संरक्षण हेतु 8.7 एकड़ भूमि को हरित क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • इसके अलावा, आईटी हब में निर्मित इमारतों के बीच कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिये 5.8 एकड़ में सड़कों का एक नेटवर्क बनाया जाएगा।
  • ब्लूप्रिंट के मुताबिक बेसमेंट और ग्राउंड समेत 6 मंज़िला इमारत में आईटी पार्क, बिज़नेस पार्क और इंटरनेशनल इनक्यूबेशन फैसिलिटी सेंटर बनाया जाएगा।
  • इन तीनों भवनों में अपनी पार्किंग सुविधा भी होगी। इनकी बेसमेंट पार्किंग में हाइड्रोलिक पार्किंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा।
  • प्रस्ताव के मुताबिक, आईटी हब को देश के एक बड़े इनक्यूबेटर के रूप में स्थापित किया जाएगा, जिसमें छह महत्त्वपूर्ण विंग शामिल होंगे, जिनमें महिला उद्यमी हब, कौशल और ज्ञान अकादमी, प्रोटोटाइपिंग सेंटर, रिसर्च एंड इनोवेशन सर्कल, इमर्जिंग टेक विंग और यू हब इनोवेशन हब शामिल हैं।
  • इन सभी विंगों को पाँच एकड़ भूमि पर विकसित करने की योजना है। इसमें तमाम ऐसी खूबियाँ होंगी, जो लोगों को आकर्षित करेंगी।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान राज्य महावृक्ष प्रतियोगिता की शुरुआत

चर्चा में क्यों?

11 अगस्त, 2023 को राजस्थान राज्य जैव विविधता बोर्ड ने स्थानीय वृक्षों के संरक्षण को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राजस्थान राज्य महावृक्ष प्रतियोगिता की शुरुआत की है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रतियोगिता के माध्यम से आमजन किसी जीवित बड़े वृक्ष का नामांकन कर नगद पुरस्कार जीत सकते हैं। नामांकन प्राप्ति की अंतिम तिथि 15 सितंबर, 2023 है।
  • बोर्ड के सदस्य सचिव राजीव चतुर्वेदी ने बताया कि प्रतियोगिता के माध्यम से विभिन्न प्रजातियों के बड़े वृक्षों को खोजने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिये आमजन द्वारा स्थानिक एवं सांस्कृतिक रूप से मूल्यवान वृक्ष प्रजातियों की प्रविष्टियाँ आमंत्रित की गई हैं।
  • इसमें पीपल, बरगद, रोहिनी, आम, चिरोंजी, सीताफल, खजूर, कैर, कल्प वृक्ष, आँवला, शीशम, गूगल, आकाशनीम, रोहिड़ा, शहतूत, बीलपत्र, कदंब, सागवान, अमलतास, इमली, नीम, खेजड़ी सहित 113 प्रजातियों के वृक्षों को सूचीबद्ध किया गया है।
  • आमजन इन प्रजातियों के बड़े पुराने वृक्ष की फोटो के साथ प्रविष्टियाँ ऑफलाइन भेज सकते हैं। ऑनलाईन प्रविष्टियाँ आवेदक rsbblargetree@gmail.com पर ई-मेल या 6350697765 पर व्हाट्सएप कर भेज सकते हैं।
  • बोर्ड द्वारा गठित समिति बडे़ वृक्ष का चयन करेगी और विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे।
  • सूचीबद्ध प्रजातियों में से राज्य स्तर पर सबसे बड़े वृक्ष को 1500 रुपए, ज़िला स्तर पर सबसे बड़े वृक्ष को 1500 रुपए, क्षेत्रफल की दृष्टि से कैनोपी से आच्छादित सबसे बड़े वृक्ष को 3000 रुपए और विभिन्न एवं विशेष रूपात्मक विशेषताओं वाले सर्वक्षेष्ठ दस वृक्षों को 1500 रुपए प्रति वृक्ष का पुरस्कार दिया जाएगा।
  • साथ ही, इस कार्यक्रम के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये विभाग, एनजीओ, एजेंसी अथवा बीएमसी को विशेष पुरस्कार के अंतर्गत 11 हज़ार रुपए की राशि प्रदान की जाएगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

नवगठित मऊगंज ज़िला के ज़िलाधीश (कलेक्टर) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) की हुई पद-स्थापना

चर्चा में क्यों?

13 अगस्त, 2023 को मध्य प्रदेश राज्य शासन ने नवगठित ज़िला मऊगंज के प्रथम ज़िलाधीश (कलेक्टर) अजय श्रीवास्तव और प्रथम पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में वीरेंद्र जैन की नियुक्ति की है।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि अजय श्रीवास्तव 2013 बैच के आईएएस अफसर हैं, जो अपर आयुक्त, आदिवासी विकास एवं प्रबंध संचालक, म.प्र. अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम भोपाल (अतिरिक्त प्रभार) के पद में शासकीय दायित्यों का निर्वहन कर रहें थे, अब नवगठित ज़िले के पहले कलेक्टर के रूप में अपनी सेवाएँ देंगे।
  • इनसे पहले सोनिया मीना को ज़िला मऊगंज कलेक्टर पदस्थ करने का आदेश राज्य शासन ने जारी किया था, जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया था।
  • इसी तरह वीरेंद्र जैन IPS (DD-96) को नए ज़िले मऊगंज का पुलिस अधीक्षक (एसपी) के तौर पर स्थानांतरित किया गया है। वीरेंद्र जैन वर्तमान में छिंदवाड़ा में सेनानी 8वीं वाहिनी विसबल में पदस्थ हैं।
  • विदित है कि 4 मार्च, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मऊगंज को नया ज़िला बनाने की घोषणा की थी। मऊगंज आधिकारिक तौर पर मध्य प्रदेश का 53वाँ ज़िला बन गया है।
  • मऊगंज को रीवा से अलग करके ज़िला बनाया गया है और इसका ज़िला मुख्यालय मऊगंज शहर में स्थित होगा। साथ ही 15 अगस्त को मऊगंज ज़िला मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा।
  • मऊगंज ज़िले का गठन मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 (क्रमांक 20 सन् 1959) की धारा 13 की उपधारा के तहत किया गया है। इस बदलाव के संबंध में एक राजपत्र (गजट) प्रकाशित किया गया है।
  • प्रारंभिक रूप में रीवा ज़िले की तीन तहसीलें- मऊगंज, नईगढ़ी और हनुमना मऊगंज ज़िले का हिस्सा होंगी। बाद में देवतालाब को भी इसमें शामिल किया जाएगा।

मध्य प्रदेश Switch to English

बालाघाट को मिला स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

12 अगस्त, 2023 को मध्य प्रदेश के महिला-बाल विकास विभाग के बालाघाट के वन स्टॉप सेंटर को अपने बेहतर प्रदर्शन के लिये स्कॉच अवॉर्ड के ऑर्डर ऑफ मेरिट-2023 से सम्मानित किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • बालाघाट वन स्टॉप सेंटर वर्ष 2018 से ज़िले में सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को एकीकृत रूप से सहायता एवं सहयोग प्रदान कर रहा है।
  • इसके साथ ही पीड़ित महिला एवं बालिका को तत्काल आपातकालीन और गैर-आपातकालीन सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। इनमें मनोवैज्ञानिक परामर्श, एफआईआर, पुलिस चिकित्सा, विधिक और न्यायालयीन आदि सहायता प्रमुख हैं।
  • बालाघाट ज़िले में दूरस्थ क्षेत्र की महिलाओं को भी सखी सेंटर का लाभ मिले, इसके लिये ज़िला प्रशासन के प्रयासों से दूसरा वन स्टॉप सेंटर ज़िले की बैहर तहसील में संचालित किया जा रहा है।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2003 से स्थापित स्कॉच पुरस्कार एक स्वतंत्र संगठन द्वारा प्रदान किया जाने वाला देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
  • यह उन लोगों, परियोजना और संस्थानों को मान्यता देता है, जो देश को बेहतर बनाने के लिये अतिरिक्त प्रयास करते हैं।
  • इस पुरस्कार के लिये देशभर से नॉमिनेशन प्राप्त हुए थे। इसमें से 3 चरणों में प्रस्तुतिकरण और मूल्यांकन के बाद यह चयन हुआ है।
  • यह वन स्टॉप सेंटर कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा और ज़िला कार्यक्रम अधिकारी वंदना धूमकेती के मार्गदर्शन में संचालित हुआ है।


मध्य प्रदेश Switch to English

प्रधानमंत्री ने रखी संत रविदास मंदिर की आधारशिला

चर्चा में क्यों?

12 अगस्त, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़तुमा सागर में 11 एकड़ भूमि पर लगभग100 करोड़ रुपए की लागत से आकार लेने वाले संत शिरोमणि श्री रविदास जी के स्मारक और मंदिर का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमिपूजन कर शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर उन्होंने शिला-पटिेका का अनावरण भी किया और मंदिर की प्रतिकृति का अवलोकन किया।
  • इसी के साथ प्रदेश के पाँच स्थानों से प्रारंभ की गई समरसता यात्रा का भी समापन हुआ।
  • उल्लेखनीय है कि फरवरी माह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समरसता के प्रणेता श्री संत रविदास जी के भव्य और दिव्य रूप में स्मारक एवं मंदिर निर्माण कराने की घोषणा की थी।
  • प्रधानमंत्री द्वारा किये गए शिलान्यास के बाद अब यहाँ भव्य और अलौकिक मंदिर बनेगा। यह मंदिर नागर शैली में 10000 वर्ग फीट में बनेगा। यहाँ इंटरप्रिटेशन म्यूजियम भी बनेगा।
  • संस्कृति और रचनात्मक के साथ संत रविदास के कृतित्व-व्यक्तित्व को प्रदर्शित करने वाला संग्रहालय भी इस परिसर में बनेगा।
  • संग्रहालय में चार गैलरी बनेंगी, जिनमें भक्ति मार्ग, निर्गुण पंथ में योगदान, संत जी का दर्शन और उनके साहित्य, समरसता का विवरण भी रहेगा।
  • इसके अलावा संगत हाल, जल कुंड, भक्त निवास भी बनेगा, जो आध्यात्मिक और आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा। भक्त निवास में देश-विदेश से संत रविदास के अनुयायी और अध्येता आएंगे, जिन्हें संत जी के जीवन से प्रेरणा मिलेगी।
  • वास्तु और विन्यास के अनुसार संत रविदास जी का मंदिर अध्यात्म कला संग्रहालय भी होगा, जो श्रद्धा, आस्था और भक्ति का अभूतपूर्व स्थल होगा। दार्शनिक एवं अध्येता और जिज्ञासु भी देश-विदेश से आएंगे। संत रविदास जी का कृतित्व-व्यक्तित्व और दर्शन पूरी दुनिया के लिये प्रेरणादायी होगा।
  • उल्लेखनीय है कि 25 जुलाई, 2023 से सागर ज़िले में संत रविदास जी के मंदिर निर्माण के लिये पाँच अलग-अलग स्थानों (नीमच, मांडव ज़िला धार, श्योपुर, बालाघाट और सिंगरौली) से एक साथ यात्रा निकाली गई थी। इस यात्रा का व्यवस्थित समापन हुआ।
  • इसके पहले प्रदेश के हर गाँव से मिट्टी और सभी विकास खंडों की 313 नदियों से सांकेतिक जल लेकर यात्रा सागर पहुँची। प्रदेश के ज़िलों से होकर संत रविदास मंदिर निर्माण यात्रा गुज़री। मुख्य यात्राओं के साथ 1661 उप यात्रियों द्वारा भी कलश यात्रा निकाली गई। यात्रा के दौरान 352 जन-संवाद हुए। यात्रा के 5 रूटों में 25 लाख से अधिक लोग शामिल हुए।
  • मध्य प्रदेश के 20 हज़ार 641 गांवों की मिट्टी और 313 नदियों के सांकेतिक जल एकत्र कर सागर पहुँची समरसता यात्रा के दौरान संत रविदास जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित 10 रथ निरंतर चलते रहे।


हरियाणा Switch to English

स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश के 43 कैदियों को किया जाएगा रिहा

चर्चा में क्यों?

10 अगस्त, 2023 को हरियाणा के एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ के अवसर पर 15 अगस्त, 2023 को 43 कैदियों को विशेष छूट देते हुए रिहा करने का निर्णय लिया है।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य के 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 7 कैदियों, जिन्होंने बिना छूट के अपनी वास्तविक सज़ा का 50 प्रतिशत पूरा कर लिया है, को रिहा किया जाएगा।
  • इसी प्रकार ऐसे सज़ायाफ्ता कैदी, जिन्होंने वास्तविक सज़ा अवधि में से बिना छूट के दो-तिहाई या 66 प्रतिशत तक की सज़ा पूरी कर ली है, की सज़ा को भी कम कर दिया गया है। ऐसे 33 कैदियों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर छूट का लाभ देकर रिहा किया जाएगा।
  • सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 3 ऐसे सज़ायाफ्ता कैदी हैं, जिन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है, परंतु वे गरीब होने के कारण जुर्माना देने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें भी विशेष छूट का लाभ देकर 15 अगस्त, 2023 को रिहा किया जाएगा।
  • उक्त कैदियों को किसी भी न्यायालय द्वारा लगाए गए जुर्माने की राशि को अवश्य जमा करवाना होगा, अगर वे 15 अगस्त से पहले यह जुर्माना राशि जमा नहीं करवाते हैं तो उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा।

हरियाणा Switch to English

मुख्यमंत्री ने नशा मुक्त अभियान के अंतर्गत राज्यस्तरीय कार्यक्रम के पोस्टर (लोगो) का किया लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

10 अगस्त, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश सरकार द्वारा आरंभ किये गए नशा मुक्त अभियान के अंतर्गत राज्यस्तरीय कार्यक्रम के पोस्टर (लोगो) का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बताया कि नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत जल्द ही स्टेट टास्क फोर्स का राज्य स्तर और ज़िला स्तर पर गठन किया जाएगा। इसमें साधु-संतों, सामाजिक संस्थाओं, पुलिस, बुद्धिजीवी वर्ग के साथ-साथ नशे के खात्में में कार्य करने के इच्छुक लोगों को भी शामिल किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा नशा मुक्ति दिवस 26 जून, 2023 को राज्यस्तरीय नशा मुक्ति अभियान का आरंभ किया गया था।
  • नशा मुक्ति के लिये प्रदेश में किसी भी तरह की गतिविधियों को सुचारु रूप से संचालित करने हेतु प्रदेश सरकार सामाजिक संस्थाओं को पूर्णरूप से सहयोग प्रदान करेगी।
  • इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने पोस्टर (लोगो) का लोकार्पण किया और युवाओं को नशे से दूर रखने के उद्देश्य से संचालित की जा रही गतिविधियों के लिये विश्व शिक्षा निकेतन और सनराइज ग्लोबल फाउंडेशन तथा करुणा वेलफेयर ट्रस्ट के प्रयासों की प्रशंसा की।
  • विश्व शिक्षा निकेतन की अध्यक्ष डॉक्टर साध्वी अमृता दीदी, सनराइज ग्लोबल फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी धनेंद्र वशिष्ठ ने बताया कि नशे को जड़ से खत्म करने हेतु सामाजिक जागरूकता के लिये नुक्कड़ नाटक (मंच) प्रतियोगिता (विद्यालय और महाविद्यालय) का आयोजन प्रदेशभर में करवाया जाएगा।
  • प्रतियोगिता का समापन विवेकानंद जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस 12 जनवरी, 2024 मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किया जाएगा।


छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ के तीन इंस्पेक्टरों को मिलेगा यूनियन होम मिनिस्टर मेडल

चर्चा में क्यों?

12 अगस्त, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य के तीन पुलिस अधिकारियों को एक्सीलेंस इनवेस्टिगेशन के लिये साल 2023 का यूनियन होम मिनिस्टर मेडल दिये जाने की घोषणा की गई है।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पुलिस कर्मियों को बेहतर सुविधाएँ मिल रही हैं। राज्य में पुलिस कर्मियों को आधुनिक प्रशिक्षण के साथ-साथ साइबर अपराधों को रोकने के लिये प्रशिक्षित किया जा रहा है।
  • नए पुलिस थाने के साथ ही इन थानों में महिला सेल, पुलिसकर्मियों को आवास सहित अन्य सुविधाएँ दी जा रही हैं, इससे पुलिस कर्मियों को अपने दायित्वों के निर्वहन में आसानी हो रही है।
  • यूनियन होम मिनिस्टर मेडल के लिये चयनित पुलिसकर्मियों में सब-इंस्पेक्टर सुश्री नीता राजपूत, सब-इंस्पेक्टर आशीर्वाद रहटगांवकर, इंस्पेक्टर नवीन बोरकर शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

विश्व हाथी दिवस पर ‘गज गौरव’राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुए छत्तीसगढ़ से वनरक्षक दीपक शर्मा एवं गजयात्रा टीम

चर्चा में क्यों?

12 अगस्त, 2023 को विश्व हाथी दिवस के अवसर पर भुवनेश्वर ओडिशा में आयोजित देशव्यापी समारोह में सामान्य वनमंडल महासमुंद में पदस्थ वन रक्षक दीपक शर्मा एवं गजयात्रा की टीम को गज गौरव अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे तथा ओडिशा के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रदीप कुमार अमत द्वारा वन रक्षक दीपक शर्मा एवं गजयात्रा की टीम को गज गौरव अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
  • वनमंडल अधिकारी पंकज राजपूत ने बताया कि मानव-हाथी द्वंद्व को रोकने के लिये वनमंत्री की मंशा के अनुरूप, प्रधान मुख्य वन संरक्षक के निर्देशन पर गजयात्रा का शुभारंभ 8 अक्टूबर, 2021 को किया गया था।
  • गजयात्रा के माध्यम से प्रतिदिन 3 चरणों में ग्रामीणों को हाथियों से सुरक्षित रहने के उपायों को बता कर जागरूक किया जा रहा है, अब तक लगभग 70 हज़ार लोगों को गजयात्रा के माध्यम से जागरूक किया जा चुका है।
  • ज़िले के हाथी प्रभावित क्षेत्र सिरपुर व हाथी विचरण क्षेत्र मोहन्दी, अरंड, बागबाहरा, कोमा, कोना, बकमा, खट्टी, तुमगाव में फिलहाल हाथियों की आमद कुछ कम हुई है। इससे पहले क्षेत्र में हाथी की दस्तक होते ही गाँव सूना पड़ जाता था। लोग हाथी को भगाने के लिये तरह-तरह के उपाय करते थे।
  • आतिशबाज़ी, मिर्च, मशाल जलाकर हाथियों को भगाया जाता था और अपनी जान जोखिम में डालते थे। इससे हाथी आक्रामक हो जाते थे, जिससे ग्रामीण, हाथी हिंसा के शिकार हो रहे थे। यह सब देखते हुए गजयात्रा कार्यक्रम शुरू किया गया।
  • वनरक्षक दीपक ने टीम के साथ गाँव-गाँव जाकर चौपाल लगाकर प्रोजेक्टर में फिल्म दिखाकर एवं लोगों से चर्चा कर ग्रामीणों को हाथियों के व्यवहार एवं सुरक्षा के उपायों को समझाया है।
  • गजयात्रा की टीम द्वारा ग्रामीणों को उनकी सामान्य भाषा एवं शैली में गीतों और कहानियों के माध्यम से हाथियों के प्रति संवेदनशील बनाने का सफल प्रयास किया गया है तथा शासन द्वारा प्रदाय क्षतिपूर्ति का विवरण ग्रामीणों को विस्तार से बताया गया एवं हाथी-मानव द्वंद्व को सद्भावनापूर्ण बताया गया, जिससे हिंसा घटी है एवं जन घायल, जन हानि की घटनाएँ शून्य हुई हैं।
  • पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग भारत सरकार द्वारा गजयात्रा के सराहनीय कार्य के लिये दीपक शर्मा एवं टीम को राष्ट्रीय स्तर पर गज गौरव अवॉर्ड से नवाजा गया है और अकेला महासमुंद वनमंडल अखिल भारतीय गज गौरव अवॉर्ड के लिये सम्मानित हुआ है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के 5 साल : अच्छी योजनाएँ, बेहतर सूचकांक

चर्चा में क्यों?

12 अगस्त, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बीते पांच वर्षों में राज्य शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं और उनके बेहतर क्रियान्वयन से छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य, सामाजिक स्थिति में बड़े पैमाने पर काफी सुधार हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 के अनुसार इस दौरान नवजात मृत्यु दर 42.1 प्रतिशत से घटकर 32.4 प्रतिशत हो गई है।
  • शिशु मृत्यु दर में भी काफी कमी आई है। यह 54.0 प्रतिशत से घटकर 44.3 प्रतिशत हो गई है। पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु के मामले में भी कमी देखी गई है। यह 64.3 प्रतिशत से घटकर 50.4 प्रतिशत हो गई है।
  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने प्रदेश में उच्च जोखिम वाली सभी गर्भवती महिलाओं के लिये विशेष रणनीति बनाई, ताकि प्रदेश में हर माता और दोनों स्वस्थ रहें। इन्हीं कोशिशों का परिणाम है कि प्रदेश में संस्थागत प्रसव में भी काफी बढ़ोतरी हुई है।
  • प्रदेश में शिशुओं की मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिये बड़े पैमाने पर काम हो रहे हैं। राज्य के 14 मेडिकल कॉलेज, 26 ज़िला अस्पतालों में सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट की स्थापना की गई है, जिनकी नियमित मॉनिटरिंग स्वयं एम्स रायपुर के विशेषज्ञों द्वारा की जाती है। स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कवर किये गए परिवारों की संख्या 68.5 प्रतिशत से बढ़कर 71.4 प्रतिशत हो गई है।
  • राज्य सरकार द्वारा घरों तक स्वच्छ पेयजल पहुँचाने के लिये बेहतर कार्य किये गए हैं, जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल भी मिल रहा है। इसी का नतीजा है कि पेयजल उपलब्धता 96.3 प्रतिशत से बढ़कर 98.8 प्रतिशत हो गई है।
  • बेहतर सेनिटेशन सुविधा का उपयोग करने वाले घरों की जनसंख्या में बढ़ोतरी हुई है, जो 34.8 प्रतिशत से बढ़कर 76.8 प्रतिशत हो गई है। खाना पकाने के लिये स्वस्थ ईंधन उपयोग करने वाले परिवारों की संख्या 22.8 प्रतिशत बढ़कर 33.0 प्रतिशत हो गई हैं।
  • छत्तीसगढ़ की महिलाएँ भी अब आधुनिक तकनीकी का उपयोग करने लगी हैं। आज के वर्तमान परिवेश में सभी इंटरनेट, मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि अन्य संचार साधनों का उपयोग करने लगे हैं। महिलाएँ इंटरनेट के उपयोग के मामले में आगे बढ़ रही हैं। अब 26.7 प्रतिशत महिलाएँ इंटरनेट का उपयोग करने लगी हैं, वही 56.3 प्रतिशत पुरुष इंटरनेट का उपयोग करते हैं।
  • आधुनिक परिवेश में सभी महिलाएँ आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं। महिलाएं उच्च शिक्षा लेने के बाद रोज़गार की तलाश करने के बाद ही शादी करना चाहती हैं, जिसके कारण अब महिलाएँ 24 वर्ष से अधिक उम्र में शादी कर रही हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने नरैय्या तालाब में रजक गुड़ी, शहरी औद्योगिक पार्क का किया शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

12 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के टिकरापारा स्थित नरैय्या तालाब के पास नवनिर्मित रजक गुड़ी (शहरी औद्योगिक पार्क) का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा 69 लाख रुपए की लागत से लगभग 3500 वर्गफीट में तैयार हाईटेक रजक गुड़ी में परंपरागत रूप से कपड़े की धुलाई व प्रेस करने के काम में जुटे रजक समाज को आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
  • रजक गुड़ी में मैनुअल के साथ-साथ आटोमेटिक इलेक्ट्रिकल वॉशिंग मशीन लगाई गई है, जिसमें 25-25 कि.ग्रा. के 2 कपड़े निचोड़ने वाली एक्सपेक्टर मशीन, 60 कि.ग्रा. क्षमता की 1 वॉशर तथा 50 कि.ग्रा. क्षमता वाली 1 ड्रायर मशीन स्थापित की गई है।
  • कपड़े धोने के लिये पानी की टंकियाँ भी बनाई गई हैं और कपड़ों को इस्त्री करने की भी अलग व्यवस्था है।
  • धोबी समाज के परिवारों को परंपरागत व्यवसाय के साथ ही उनके रोज़गार सृजन की व्यवस्था इस पार्क में की गई है, जिसके अंतर्गत कपड़ा धोने के लिये साबुन और डिटर्जेंट बनाने का भी प्रशिक्षण इन परिवारों को दिया जाएगा।
  • इस रोज़गारोन्मुखी योजना का लाभ इस तालाब से जुड़कर परंपरागत व्यवसाय कर रहे धोबी समाज के लगभग 100 परिवारों को प्राप्त होगा।

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प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिये राज्य योजना आयोग बनाएगा विकेंद्रीकृत वार्षिक ज़िला योजना

चर्चा में क्यों?

11 अगस्त, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास को समग्र समावेशी बनाने और अपेक्षित प्रगति को गति देने के लिये राज्य योजना आयोग द्वारा विकेंद्रीकृत ज़िला योजना 2024-25 तैयार की जाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • जानकारी के अनुसार राज्य में स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर स्थानीय नागरिकों द्वारा तैयार की गई योजनाओं को शासन तक पहुँचाने के उद्देश्य से राज्य योजना आयोग को समुचित सुझाव देने का दायित्व दिया गया है।
  • योजना आयोग को ज़िला स्तर पर स्थानीय आवश्यकताओं का क्रम निर्धारित करने, योजनाएँ बनाने, समीक्षा करने और संसाधन वितरण की प्राथमिकता निर्धारित करने का दायित्व दिया गया है।
  • इसके लिये राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार की गई डिस्ट्रिक्ट प्रोग्रेस रिपोर्ट को आधार बनाया गया है। साथ ही इन योजनाओं को महत्त्वकांक्षी बनाने का प्रावधान भी शासन स्तर पर किया गया है।
  • प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास प्रभावी रूप से समावेशी बनाने, कृषि तकनीक, सूचना प्रौद्योगिकी, डिजिटलाइज़ेशन, मौसम सूचना तकनीक, बायोटेक्नोलॉजी सहित जनसामान्य से जुड़ी नई तकनीक के क्षेत्र में राज्य में हुई प्रगति की जानकारी का समावेश किया जाएगा।
  • इसी प्रकार राज्य की प्रगति से हुए लाभ दूरस्थ क्षेत्रों तक समावेशी व प्रभावी रूप में ले जाने के लिये ज़िलों के संबंधित क्रियान्वयन संस्थाओं व विभागों को सक्रिय करने और संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिये नवीन दिशा-निर्देश की आवश्यकता थी।
  • इसके लिये नगरीय प्रशासन विकास विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष, अजय सिंह के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग द्वारा ज़िला योजना समिति के द्वारा विकेंद्रीकृत ज़िला योजना तैयार करने के लिये विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं।


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