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प्रदेश में पहली बार पाइल फाउंडेशन पर बने टावर्स से हुई विद्युत आपूर्ति
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने प्रदेश में पहली बार अपने ट्रांसमिशन नेटवर्क के विस्तार में पाइल फाउंडेशन पर अति उच्च दाब टावरों से विद्युत आपूर्ति की है।
प्रमुख बिंदु
- लगभग 31 करोड़ रुपए की लागत से कंपनी ने 132 केवी बुधनी मोहासा (बावई) डीसीडीएस (डबल सर्किट डबल स्ट्रिंगिंग) लाइन के 5 किलोमीटर लंबाई के बीच में चार टावरों के निर्माण में तकनीक का सफलतापूर्वक उपयोग किया है।
- ये टावर मोहासा ग्राम के पास से गुजरने वाली तवा नदी में निर्मित किये गए हैं। कुल 9 किलोमीटर की ये लाइन हाल ही में ऊर्जीकृत की गई।
- कंपनी के सामने पूर्व में भी नदी, तालाब, नाले आदि क्रास करवा कर अति उच्च दाब लाइनों का निर्माण हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। प्राय: नदी के दोनों छोर पर लंबे स्पान के साथ इनका निर्माण किया जाता था। इससे निर्माण के साथ रख-रखाव में भी दिक्कत आती थी। इस नई तकनीक को अपनाने से अब नदी के अंदर ही पाइल फाउंडेशन बनाकर इन टावर्स का निर्माण किया गया है।
- कंपनी के योजना एवं रूपांकन संकाय के मुख्य अभियंता इंजीनियर संजय कुलश्रेष्ठ ने बताया कि कंपनी द्वारा पहली बार उपयोग में लाई जा रही यह तकनीक ट्राँसमिशन लाइन निर्माण के लिये मील का पत्थर साबित होगी। इसके लिये कंपनी ने विशेष डिजाइन के फाउंडेशन तैयार करवाए हैं।
- यह तकनीक जलमग्न और असमान भौगोलिक परिस्थिति वाले क्षेत्र में निर्माण कार्य को काफी लचीलापन प्रदान करती है, जिससे लाइनों के निर्माण में आवश्यकतानुसार परिवर्तन और बाद में रख-रखाव में आसानी रहती है।
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उज्जैन के माधव विज्ञान महाविद्यालय को मिला नैक से सर्वोच्च A++ ग्रेड
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2022 को मध्य प्रदेश के उज्जैन का माधव विज्ञान महाविद्यालय प्रदेश में नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिएशन काउंसिल (नैक) में उच्चतम ग्रेड A++ अंक प्राप्त करने वाला देश का पहला शासकीय महाविद्यालय बन गया है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि पूरे देश में मात्र 28 महाविद्यालय इस श्रेणी में हैं। इसमें माधव विज्ञान महाविद्यालय एकमात्र शासकीय महाविद्यालय है। शेष सभी निजी महाविद्यालय हैं।
- माधव विज्ञान महाविद्यालय को 58 सीजीपीए प्राप्त हुआ है, जो अब तक प्रदेश में किसी भी शासकीय महाविद्यालय को प्राप्त हुए अंकों में उच्चतम है।
- प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि नैक द्वारा पूर्व में महाविद्यालय की ग्रेडिंग गलत की गई थी। नैक द्वारा महाविद्यालय के पीएचडी होल्डर प्रोफेसर्स और गेस्ट फैकल्टी की गिनती गलत की गई थी। महाविद्यालय द्वारा अपील की गई, जिसके परीक्षण के बाद महाविद्यालय को नैक द्वारा A++ ग्रेड प्रदान किया गया है।
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