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हरियाणा सरकार ने किया पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की घोषणा के अनुरूप हरियाणा सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया।
प्रमुख बिंदु
- न्यायमूर्ति दर्शन सिंह (सेवानिवृत्त) इस आयोग के अध्यक्ष बनाए गए हैं। इनके अलावा, पूर्व कुलपति डॉ. एस.के. गक्खड़, श्याम लाल जांगड़ा और अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के महानिदेशक इस आयोग के सदस्य, जबकि अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के विशेष सचिव मुकुल कुमार सदस्य सचिव के तौर पर नियुक्त किये गए हैं।
- इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार, हरियाणा के राज्यपाल ने हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 2016 (2016 का 9) की धारा 3 की उप-धारा-1 तथा 2 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है।
- उक्त अधिनियम की धारा 9 के अधीन यथा उपबंधित कार्यों का निर्वहन करते समय आयोग राज्य में पिछड़े वर्गों की वर्तमान सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक परिस्थितियों का अध्ययन करने, सरकार में पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व और भागीदारी तथा सरकार के लाभों और स्कीमों का अध्ययन करने, शैक्षणिक संस्थानों में पिछड़े वर्गों से विद्यार्थियों के लिये उपलब्ध लाभों का आकलन करने, पिछड़े वर्गों के युवाओं के लिये उपलब्ध रोज़गार अवसरों का अनुमान लगाना और रोज़गार अवसरों में वृद्धि करने के लिये उपायों की सिफारिश करने का कार्य करेगा।
- इसके अलावा आयोग पिछड़े वर्गों के युवाओं के कौशल विकास और प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिये सामयिक गतिविधियों का मूल्यांकन करने, राज्य में पंचायती राज संस्थाओं और नगरपालिकाओं में पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण के अनुपात का प्रावधान किये जाने के लिये अध्ययन करना और सिफारिश करने जैसे कार्य करेगा। साथ ही, ऐसे उपायों का भी अध्ययन कर सिफारिश करेगा, जो पिछड़े वर्गों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक कल्याण के लिये आवश्यक हो।
- गौरतलब है कि 10 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पिछड़ा वर्ग आयोग का नए सिरे से गठन करने की घोषणा की थी, जो पिछड़ा वर्ग के लोगों और संबंधित जातियों को हर प्रकार की सुविधा एवं लाभ देने के उदेश्य से कार्य करेगा।
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