उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में मलेरियारोधी पौधे की खेती कराने की तैयारी
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2022 को लखनऊ स्थित केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) के निदेशक प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने मलेरियारोधी पौधे आर्टिमिसिया की नई प्रजाति सीआईएम-संजीवनी की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिये नई नीति का मसौदा तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा है।
प्रमुख बिंदु
- सीमैप ने उत्तर प्रदेश सहित देशभर में मलेरियारोधी पौधे आर्टिमिसिया की नई प्रजाति सीआईएम-संजीवनी की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिये चेन्नई की कंपनी सत्तव वैद नेचर्स ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड से अनुबंध किया है।
- यह कंपनी आर्टिमिसिया की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कराएगी। साथ ही प्रसंस्करण से संबंधित प्रौद्योगिकी के विकास में योगदान देगी। कंपनी तैयार पौधों को किसान से लेकर दवा बनाने वाली कंपनियों तक पहुँचाएगी। इससे किसानों को उनकी उपज की कीमत खेत में ही मिल जाएगी।
- इससे एक तरफ मलेरिया की दवा बनाने के लिये विदेश से कच्चा माल नहीं मँगाना पड़ेगा, तो दूसरी तरफ किसानों को भी फायदा मिलेगा।
- निदेशक प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि कई वर्षों के शोध के बाद नई प्रजाति विकसित की गई है। यह पहले से चल रही किस्म जीवन रक्षा और सीआईएम आरोग्य के बीच पॉली क्रास से विकसित की गई है। सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरआई) ने भी अपने शोध में इस पौधे को मलेरियारोधी दवा के लिये उपयुक्त माना है।
- प्रदेश में 2027 तक मलेरिया खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग लगातार अभियान चला रहा है। कई ज़िलों में पिछले साल से एपीआई (एनुअल पैरासाइट इंसिडेंस) की दर एक से नीचे मिली है। जून 2022 तक 26 लाख 77 हज़ार से अधिक सैंपल की जाँच की गई, जिसमें 1077 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं।
- उल्लेखनीय है कि आर्टिमिसिया पौधे में आर्टीमिसनिन नामक तत्त्व पाया जाता है, जिससे मलेरिया की दवा तैयार की जाती है। आर्टीमिसनिन मलेरिया फैलाने वाले रोगाणु प्लास्मोडियम फाल्सीपैरम को खत्म कर देता है। यह पौधा आमतौर पर चीन में पाया जाता है। वहाँ से इसे भारत लाकर नई-नई प्रजाति तैयार की जा रही हैं। इस पर काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट (सीमैप) और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय सहित कई संस्थानों ने प्रयोग किये हैं।
- सीमैप के वैज्ञानिकों ने आर्टिमिसिया की नई प्रजाति सीआईएम-संजीवनी में आर्टीमिसिनिन तत्त्व 2 फीसदी अधिक पाया। इस प्रजाति में मस्तिष्क ज्वर के साथ कैंसर सहित अन्य बीमारियों में प्रयोग होने वाली दवा बनाने वाले तत्त्व भी अधिक हैं। इससे खाने की गोली व इंजेक्शन तैयार किये जाते हैं।
- जर्नल ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट साइंसेज में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि सीआईएम-संजीवनी किसानों और खेती से जुड़े उद्योग के लिये भी फायदेमंद है। रिपोर्ट में कहा गया कि इस पौधे से दवा बनाने वाली कंपनी करीब 20 फीसदी लागत घटा सकती है।
- रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि आर्टिमिसिया की खेती से किसानों को लगभग चार माह की अवधि में प्रति हेक्टेयर करीब 65 हज़ार रुपए का फायदा मिल सकता है। यही वजह है कि इस पौधे को लेकर भारतीय कंपनियाँ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कराने के लिये आगे आ रही हैं।
राजस्थान Switch to English
फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री युवा इकाई का समारोह आयोजित
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2022 को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र के आतिथ्य में मेरिएट होटल में वाणिज्य एवं उद्योग संगठन ‘फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री’ (फोर्टी) युवा इकाई का समारोह आयोजित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और खुशहाल राजस्थान के निर्माण के लिये लघु एवं मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहन के साथ नवाचार अपनाते हुए युवा स्टार्टअप्स के लिये वातावरण बनाए जाने का आह्वान किया।
- राज्यपाल ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ के अंतर्गत स्थानीय उत्पादों में गुणवत्ता वृद्धि, अच्छी पैकेजिंग और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से प्रभावी विपणन पर बल दिया जाए, तो भारत निश्चित ही विश्व का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बन कर उभरेगा।
- उन्होंने महिलाओं के स्वामित्व वाले व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिये भी कार्य किये जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि स्थानीय महिलाओं द्वारा बनाए उत्पादों को डिजिटल तकनीक के ज़रिये कैसे विश्व बाज़ार तक पहुँचाया जाए और कैसे महिला उद्यमिता को हर स्तर पर बढ़ावा मिले, इसके लिये कार्य किया जाए।
- राज्यपाल ने कोविड के दौर से अर्थव्यवस्था को निकालने के लिये आर्थिक राष्ट्रवाद पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अर्थतंत्र, श्रमशक्ति और पूँजी-निर्माण पर घरेलू नियंत्रण इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
- उन्होंने कहा कि लघु, अति लघु तथा मध्यम उद्योगों के विकास से ही ‘आत्मनिर्भर भारत’ का मार्ग प्रशस्त होगा। स्थानीय उत्पादों को आधुनिक बनाते हुए वैश्विक बाज़ार तक पहुँचाने के लिये प्रभावी प्रयास करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि फोर्टी सहित वाणिज्यिक संगठनों को परंपरागत रूप से हस्तशिल्प से जुड़े गाँवों को सूचीबद्ध कर यहाँ के स्थानीय उत्पादों को बाज़ार उपलब्ध करवाने की पहल करनी चाहिये।
राजस्थान Switch to English
जयपुर में लागू हुई ‘एकमुश्त ऋण समाधान योजना’
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2022 को राजस्थान अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड जयपुर की ओर से ऋणियों के लिये ‘एकमुश्त ऋण समाधान योजना-2022-23’ लागू की गई।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना का लाभ जयपुर ज़िले के ऋणी ले सकेंगे, जिसके तहत 31 मार्च, 2022 तक वितरित व्यावसायिक एवं शिक्षा ऋणों के लाभार्थी दंडनीय ब्याज की छूट के लिये पात्र होंगे।
- जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी शकील अहमद ने बताया कि यह योजना 31 मार्च, 2023 तक प्रभावी रहेगी।
- योजना के तहत पात्र ऋणियों को अधिशेष राशि (मूल व ब्याज) एकमुश्त जमा कराने पर दंडनीय ब्याज की शत-प्रतिशत छूट देय होगी।
मध्य प्रदेश Switch to English
प्रदेश में पहली बार पाइल फाउंडेशन पर बने टावर्स से हुई विद्युत आपूर्ति
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने प्रदेश में पहली बार अपने ट्रांसमिशन नेटवर्क के विस्तार में पाइल फाउंडेशन पर अति उच्च दाब टावरों से विद्युत आपूर्ति की है।
प्रमुख बिंदु
- लगभग 31 करोड़ रुपए की लागत से कंपनी ने 132 केवी बुधनी मोहासा (बावई) डीसीडीएस (डबल सर्किट डबल स्ट्रिंगिंग) लाइन के 5 किलोमीटर लंबाई के बीच में चार टावरों के निर्माण में तकनीक का सफलतापूर्वक उपयोग किया है।
- ये टावर मोहासा ग्राम के पास से गुजरने वाली तवा नदी में निर्मित किये गए हैं। कुल 9 किलोमीटर की ये लाइन हाल ही में ऊर्जीकृत की गई।
- कंपनी के सामने पूर्व में भी नदी, तालाब, नाले आदि क्रास करवा कर अति उच्च दाब लाइनों का निर्माण हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। प्राय: नदी के दोनों छोर पर लंबे स्पान के साथ इनका निर्माण किया जाता था। इससे निर्माण के साथ रख-रखाव में भी दिक्कत आती थी। इस नई तकनीक को अपनाने से अब नदी के अंदर ही पाइल फाउंडेशन बनाकर इन टावर्स का निर्माण किया गया है।
- कंपनी के योजना एवं रूपांकन संकाय के मुख्य अभियंता इंजीनियर संजय कुलश्रेष्ठ ने बताया कि कंपनी द्वारा पहली बार उपयोग में लाई जा रही यह तकनीक ट्राँसमिशन लाइन निर्माण के लिये मील का पत्थर साबित होगी। इसके लिये कंपनी ने विशेष डिजाइन के फाउंडेशन तैयार करवाए हैं।
- यह तकनीक जलमग्न और असमान भौगोलिक परिस्थिति वाले क्षेत्र में निर्माण कार्य को काफी लचीलापन प्रदान करती है, जिससे लाइनों के निर्माण में आवश्यकतानुसार परिवर्तन और बाद में रख-रखाव में आसानी रहती है।
मध्य प्रदेश Switch to English
उज्जैन के माधव विज्ञान महाविद्यालय को मिला नैक से सर्वोच्च A++ ग्रेड
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2022 को मध्य प्रदेश के उज्जैन का माधव विज्ञान महाविद्यालय प्रदेश में नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिएशन काउंसिल (नैक) में उच्चतम ग्रेड A++ अंक प्राप्त करने वाला देश का पहला शासकीय महाविद्यालय बन गया है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि पूरे देश में मात्र 28 महाविद्यालय इस श्रेणी में हैं। इसमें माधव विज्ञान महाविद्यालय एकमात्र शासकीय महाविद्यालय है। शेष सभी निजी महाविद्यालय हैं।
- माधव विज्ञान महाविद्यालय को 58 सीजीपीए प्राप्त हुआ है, जो अब तक प्रदेश में किसी भी शासकीय महाविद्यालय को प्राप्त हुए अंकों में उच्चतम है।
- प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि नैक द्वारा पूर्व में महाविद्यालय की ग्रेडिंग गलत की गई थी। नैक द्वारा महाविद्यालय के पीएचडी होल्डर प्रोफेसर्स और गेस्ट फैकल्टी की गिनती गलत की गई थी। महाविद्यालय द्वारा अपील की गई, जिसके परीक्षण के बाद महाविद्यालय को नैक द्वारा A++ ग्रेड प्रदान किया गया है।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा सरकार ने किया पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की घोषणा के अनुरूप हरियाणा सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया।
प्रमुख बिंदु
- न्यायमूर्ति दर्शन सिंह (सेवानिवृत्त) इस आयोग के अध्यक्ष बनाए गए हैं। इनके अलावा, पूर्व कुलपति डॉ. एस.के. गक्खड़, श्याम लाल जांगड़ा और अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के महानिदेशक इस आयोग के सदस्य, जबकि अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के विशेष सचिव मुकुल कुमार सदस्य सचिव के तौर पर नियुक्त किये गए हैं।
- इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार, हरियाणा के राज्यपाल ने हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 2016 (2016 का 9) की धारा 3 की उप-धारा-1 तथा 2 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है।
- उक्त अधिनियम की धारा 9 के अधीन यथा उपबंधित कार्यों का निर्वहन करते समय आयोग राज्य में पिछड़े वर्गों की वर्तमान सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक परिस्थितियों का अध्ययन करने, सरकार में पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व और भागीदारी तथा सरकार के लाभों और स्कीमों का अध्ययन करने, शैक्षणिक संस्थानों में पिछड़े वर्गों से विद्यार्थियों के लिये उपलब्ध लाभों का आकलन करने, पिछड़े वर्गों के युवाओं के लिये उपलब्ध रोज़गार अवसरों का अनुमान लगाना और रोज़गार अवसरों में वृद्धि करने के लिये उपायों की सिफारिश करने का कार्य करेगा।
- इसके अलावा आयोग पिछड़े वर्गों के युवाओं के कौशल विकास और प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिये सामयिक गतिविधियों का मूल्यांकन करने, राज्य में पंचायती राज संस्थाओं और नगरपालिकाओं में पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण के अनुपात का प्रावधान किये जाने के लिये अध्ययन करना और सिफारिश करने जैसे कार्य करेगा। साथ ही, ऐसे उपायों का भी अध्ययन कर सिफारिश करेगा, जो पिछड़े वर्गों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक कल्याण के लिये आवश्यक हो।
- गौरतलब है कि 10 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पिछड़ा वर्ग आयोग का नए सिरे से गठन करने की घोषणा की थी, जो पिछड़ा वर्ग के लोगों और संबंधित जातियों को हर प्रकार की सुविधा एवं लाभ देने के उदेश्य से कार्य करेगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को भी मिलेगा, निजी स्कूलों की तरह होलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2022 छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने छत्तीसगढ़ में संचालित सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत् कक्षा 1 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को निजी स्कूलों की तरह बहुआयामी प्रगति पत्रक (होलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड) दिये जाने के संबंध में सभी ज़िला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया।
प्रमुख बिंदु
- बहुआयामी प्रगति पत्रक में सभी विषयों में मासिक, त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक, वार्षिक आकलन में प्रोजेक्ट, प्रायोजन कार्यों के अंकों को जोड़कर ग्रेड दिया जाएगा। कक्षा में स्थान ग्रेड के आधार पर मिलेगा।
- संज्ञानात्मक क्षेत्र के लिये प्राप्तांकों का प्रतिशत 91 से 100 तक होने पर ग्रेड-ए प्लस, 81 से 90 प्रतिशत तक ग्रेड-ए, 71 से 80 प्रतिशत तक ग्रेड-बी प्लस, 61 से 70 प्रतिशत तक ग्रेड-बी, 51 से 60 प्रतिशत तक ग्रेड-सी प्लस, 41 से 50 प्रतिशत तक ग्रेड-सी, 33 से 40 प्रतिशत तक ग्रेड-डी और 33 प्रतिशत से नीचे ग्रेड-ई दिया जाएगा।
- रिपोर्ट कार्ड में भावनात्मक एवं साइकोमोटर क्षेत्र में गुणात्मक टीप दी जाएगी, जिसमें उत्कृष्ट को ग्रेड-ए, अच्छा को ग्रेड-बी और संतोषप्रद को ग्रेड-सी मिलेगा।
- भावनात्मक क्षेत्र के स्व-अनुशासन, नेतृत्व क्षमता, पर्यावरण स्वच्छता एवं जागरुकता, सांस्कृतिक, साहित्यिक संप्रेक्षण एवं अभिव्यक्ति, परस्पर सहयोग क्षेत्र में जुलाई से दिसंबर और जनवरी से मार्च तक की अवधि की ग्रेडिंग होगी।
- इसी प्रकार साइकोमोटर क्षेत्र के खेल-कूद, योग एवं प्राणायाम, कला प्रदर्शन और कार्यानुभव क्षेत्र में भी जुलाई से दिसंबर और जनवरी से मार्च की अवधि की ग्रेडिंग की जाएगी। उपस्थिति में शाला लगने वाले दिनों की संख्या, उपस्थिति, शाला की आयोजित बैठकों में पालक की उपस्थिति को रिपोर्ट कार्ड में दर्ज किया जाएगा।
- बहुआयामी प्रगति पत्रक कक्षा पहली से पाँचवी तक में हिन्दी, अंग्रेज़ी, गणित, पर्यावरण विषय के छह मासिक आकलन 25-25 अंकों के होंगे और त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक तथा वार्षिक आकलन 50-50 अंकों का होगा।
- कक्षा 6वीं से 8वीं तक का बहुआयामी प्रगति पत्रक में हिन्दी, अंग्रेज़ी, गणित, संस्कृत/उर्दू, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान विषय के छह मासिक आकलन भी 25-25 अंकों के होंगे और त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक तथा वार्षिक आकलन 100-100 अंकों का होगा।
- माध्यमिक स्तर पर कक्षा 9वीं और 10वीं के बहुआयामी प्रगति पत्रक में हिन्दी, अंग्रेज़ी, संस्कृत, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषय के छह मासिक आकलन भी 25-25 अंकों के होंगे और त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक तथा वार्षिक आकलन 100-100 अंकों का होगा।
- इसके साथ ही सैद्धांतिक और प्रायोगिक विषय के आकलन का भी उल्लेख किया जाएगा। कक्षा 10वीं के लिये वार्षिक परीक्षा के स्थान पर प्री-बोर्ड टेस्ट के अंक भरे जाएंगे। कक्षा 9वीं और 10वीं के रिपोर्ट कार्ड में त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा की श्रेणी के साथ ही उत्तीर्ण, सुधार की आवश्यकता का उल्लेख किया जाएगा।
- इसी प्रकार उच्चतर माध्यमिक स्तर पर कक्षा 11वीं एवं 12वीं के रिपोर्ट कार्ड में हिन्दी, अंग्रेज़ी, संस्कृत के साथ ही सैद्धांतिक और प्रायोगिक विषय के आकलन का उल्लेख किया जाएगा।
- छह मासिक परीक्षा 25-25 अंकों की तथा त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक और प्री-बोर्ड/वार्षिक परीक्षा 100-100 अंकों की होगी। कक्षा 12वीं के लिये वार्षिक परीक्षा के स्थान पर प्री-बोर्ड टेस्ट के अंक भरे जाएंगे।
- कक्षा 11वीं और 12वीं के रिपोर्ट कार्ड में त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा की श्रेणी के साथ ही उत्तीर्ण, सुधार की आवश्यकता का उल्लेख किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ रीजनल साइंस सेंटर में 10 दिवसीय रोबोटिक्स वर्कशॉप की शुरुआत
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ रीजनल साइंस सेंटर, रायपुर में 10 दिवसीय रोबोटिक्स वर्कशॉप की शुरुआत की गई। इस वर्कशॉप की थीम ‘हैंड्स ऑन एक्टिविटी’ है।
प्रमुख बिंदु
- इस वर्कशॉप में रायपुर के शासकीय स्कूलों में विज्ञान संकाय के 50 छात्रों को शामिल किया गया है, जो 10 दिनों तक रोबोटिक्स की बारीकियों और भविष्य में इसकी आवश्यकता तथा उपयोगिता के बारे में जानेंगे।
- छत्तीसगढ़ रीजनल साइंस सेंटर की स्थापना नवीन खोजों एवं प्रायोगिक क्रिया-कलापों को स्वयं करने, सीखने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने, नवीनतम वैज्ञानिक तथा तकनीकी आविष्कारों का प्रदर्शन करने, विज्ञान के प्रति जागरुकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से की गई है।
- इसी कड़ी में स्कूली छात्रों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (A.I.) के प्रति जागरूक करने तथा भविष्य में रोबोटिक्स की महत्ता को देखते हुए 10 दिवसीय रोबोटिक्स वर्कशॉप ‘हैंड्स ऑन एक्टिविटी’ का आयोजन किया जा रहा है।
- छत्तीसगढ़ रीजनल साइंस सेंटर की स्थापना के बाद ये पहला अवसर है, जब इस तरह का आयोजन यहाँ किया जा रहा है।
Switch to English