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बिनसर वन्यजीव अभयारण्य
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अल्मोड़ा ज़िले के बिनसर वन्यजीव अभयारण्य में लगी भीषण वनाग्नि में टीम के फंस जाने के कारण उत्तराखंड वन विभाग के चार कर्मचारियों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए।
मुख्य बिंदु:
- उत्तराखंड में 1 नवंबर, 2023 से 14 जून, 2024 तक 1,213 वनाग्नि की घटनाएँ दर्ज की गई हैं, जबकि वर्ष 2023 में इसी अवधि के दौरान 663 घटनाएँ दर्ज की गई थीं।
- इस वर्ष वनाग्नि में क्षतिग्रस्त 1653 हेक्टेयर वन भूमि में से गढ़वाल क्षेत्र में 687 हेक्टेयर, कुमाऊँ क्षेत्र में 833 हेक्टेयर और वन्यजीव प्रशासनिक क्षेत्रों में 132 हेक्टेयर भूमि क्षतिग्रस्त हुई है।
- बिनसर वन्यजीव अभयारण्य उत्तराखंड के कुमाऊँ हिमालय में स्थित है।
- वर्ष 1988 में इस अभयारण्य की स्थापना क्षेत्र की समृद्ध जैवविविधता के संरक्षण के उद्देश्य से की गई थी।
- इसकी विविध स्थलाकृति और ऊँचाई में भिन्नता के कारण यहाँ वनस्पतियों की उल्लेखनीय विविधता है। अभयारण्य मुख्य रूप से ओक तथा देवदार के घने वनों से आच्छादित है
- अभयारण्य वन्यजीवों की एक प्रभावशाली शृंखला का भी आवास है। अभयारण्य में पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियाँ हैं।
- इनमें यूरेशियन जय, कोक्लास तीतर, मोनाल तीतर और हिमालयन कठफोड़वा जैसी प्रजातियाँ शामिल हैं।
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