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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 14 Jun 2023
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66वें नेशनल स्कूल गेम्स में राजस्थान ने जीते कुल 6 स्वर्ण, 12 रजत और 15 काँस्य पदक

चर्चा में क्यों

13 जून, 2023 को समाप्त हुए 66वें नेशनल स्कूल गेम्स की टीम और व्यक्तिगत खेल स्पर्धाओं में राजस्थान के खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से धूम मचाते हुए राजस्थान के लिये 6 स्वर्ण, 12 रजत और 15 काँस्य पदक जीते । 

प्रमुख बिंदु 

  • 66वें नेशनल स्कूल गेम्स के अंतिम दिन नई दिल्ली में टेनिस में टीम इंवेंट में जयपुर की सानिया खान ने व्यक्तिगत स्पर्धा में भी रजत पदक जीतकर प्रदेश को गौरवान्ति किया। वहीं, भोपाल में जूडो में श्रीगंगानगर जिले की लावण्या अरोड़ा ने काँस्य पदक जीता, जो जूडो में राजस्थान का पाँचवाँ पदक था।
  • नेशनल स्कूल गेम्स में प्रदेश ने पहली बार टीम स्पर्धा में देश में दूसरा स्थान प्राप्त करते हुए रजत पदक जीता। 
  • शतरंज में अपने-अपने बोर्ड पर व्यक्तिगत तौर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए उदयपुर के प्रणय चोर्डिया और बीकानेर की युक्ति हर्ष ने गोल्ड मेडल अपने नाम किये, ये दोनों मेडल प्रदेश को मिले 6 स्वर्ण पदकों के अलावा है। 
  • बीकानेर के केशव बिस्सा ने वेट लिफ्टिंग में प्रदेश के लिये गोल्ड मेडल दिलाने के साथ ही प्रतियोगिता के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनने का भी श्रेय हासिल किया। 
  • राजस्थान के लिये नागौर की कविता डूडी ने 3000 मीटर रेसवॉक, चुरू की नीतू कुमारी एवं सुमित कुमार ने डिस्कस थ्रो, भीलवाड़ा की माया माली ने कुश्ती और जयपुर की ताश्री मेनारिया ने बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल जीते। 
  • इसके अलावा प्रदेश के खिलाड़ियों ने बैडमिंटन, हॉकी, वालीबॉल और ताइक्वांडो सहित अन्य खेलों में भी अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।


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नोहर के रामपुरा पट्टी में 1.57 करोड़ की लागत से बनी नंदीशाला का हुआ लोकार्पण

चर्चा में क्यों

13 जून, 2023 को राजस्थान के खान पेट्रोलियम एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया तथा स्थानीय विधायक अमित चाचाण ने प्रदेश के हनुमानगढ़ ज़िले के नोहर स्थित रामपुरा पट्टी श्री गौशाला में 1.57 करोड़ की लागत से बनी नंदीशाला का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु

  • विदित है कि प्रदेश में आवारा नंदियो की समस्या को देखते हुए पंचायत स्तरीय नंदीशाला योजना की घोषणा की गई और इसे क्रियान्वित करते हुए पंचायत समिति स्तर पर नंदी शालाओं का संचालन किया जा रहा है। 
  • गोपालन मंत्री ने कहा कि गोपालन में आ रही समस्याओं का समाधान करने हेतु मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में गौशाला संचालकों के सुझाव के आधार पर अनुदान की प्रक्रिया को सरल बनाया गया। जहाँ पहले पंजीयन के लिये 200 पशु तथा 2 साल का गौशाला संचालन का अनुभव आवश्यक था, वहीं इस प्रक्रिया को आसान करते हुए 100 पशु और 1 साल का संचालन अनुभव निर्धारित किया गया है। 
  • छोटे पशुओं के लिये जो अनुदान पहले 16 रुपए था, उसे बढ़ाकर 20 रुपए किया गया तथा बड़े पशुओं के लिये जो अनुदान पहले 32 रुपए था उसे बढ़ाकर 40 रुपए किया गया। अब बीमार गौवंश तथा नंदी गौवंश के लिये अनुदान 12 माह के लिये दिया जा रहा है। 
  • गोपालन मंत्री ने राज्य सरकार की 5 वर्ष की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में गौशालाओं को 2700 करोड़ अनुदान राशि का भुगतान किया गया। राजस्थान देश में पहला राज्य है जहाँ गौशालाओं के लिये इतना बजट खर्च किया जा रहा है। 
  • उन्होंने कहा कि गौशालाओं को प्रति वर्ष 1200 से 1400 करोड़ रुपए का अनुदान की स्थिरता प्रदान होगी। पशुपालकों को संबल प्रदान करते हुए दूध उत्पादन पर जहाँ पहले 2 रुपए अनुदान था, उसे बढ़ाकर अब 5 रुपए किया गया। अब तक प्रदेशभर में 400 करोड़ रुपए से अधिक की संबल राशि प्रदान की जा चुकी है। 


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ज़िला स्तरीय रोड सेफ्टी टास्क फोर्स का होगा गठन

चर्चा में क्यों 

13 जून, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सम्मिलित करते हुए ज़िला स्तर पर रोड सेफ्टी टास्क फोर्स के गठन को मंजूरी दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग ज़िला सड़क सुरक्षा टास्क फोर्स का प्रशासनिक विभाग होगा।
  • संबंधित ज़िले के ज़िला कलक्टर की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन होगा। इसमें ज़िला पुलिस अधीक्षक, ज़िला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, ज़िला मुख्यालय के नगरीय निकाय के आयुक्त शामिल होंगे।
  • इनके अलावा सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता, ज़िला मुख्यालय के विकास प्राधिकरण/नगर विकास न्यास के सचिव, स्वायत्त शासन विभाग के अधिशाषी अभियंता, माध्यमिक शिक्षा के मुख्य ज़िला शिक्षा अधिकारी, ज़िला अस्पताल के अधीक्षक/प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, एन.आई.सी के सदस्य, एनएचएआई के परियोजना निदेशक तथा आईरेड/ई-डार प्रतिनिधि सदस्य होंगे।
  • सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में कार्यरत एक गैर–सरकारी संस्था के विशेषज्ञ प्रतिनिधि तथा दो सड़क सुरक्षा सलाहकार इस टास्क फोर्स में विशेष आमंत्रित एवं ज़िला/प्रादेशिक परिवहन अधिकारी सदस्य सचिव होंगे। 
  • ज़िला कलक्टर टास्क फोर्स की बैठक में किसी भी संबंधित विभाग के प्रतिनिधि को आमंत्रित तथा फोर्स के कार्यों के लिये निर्देशित कर सकेंगे।
  • टास्क फोर्स के कार्य : 
    • प्रत्येक 3 माह में टास्क फोर्स की कम से कम एक बार बैठक आयोजित होगी। ज़िला सड़क सुरक्षा टास्क फोर्स ज़िले में सड़क दुर्घटनाओं एवं उनसे होने वाली मृत्यु दर में वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत की कमी लाने के लिये वार्षिक कार्य योजना की प्रभावी क्रियान्विति, समिति के निर्णयों की क्रियान्विति सुनिश्चित करेगा।
    • इसके अलावा यह नियमित पर्यवेक्षण, सड़क सुरक्षा ऑडिट करवाकर ऑडिट अनुशंसाओं की समयबद्ध पालना, उच्चतम न्यायालय सड़क सुरक्षा समिति के निर्देशों की अनुपालना, सड़क सुरक्षा से संबंधित राज्य की योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार, जन जागरुकता अभियान का आयोजन तथा पूरे साल विशेष प्रवर्तन अभियान संचालित करने आदि दायित्वों का निर्वहन करेगी।
  • टास्क फोर्स की शक्तियाँ और कार्यकाल :
    • ज़िला स्तर पर गठित टास्क फोर्स अनुसंधान, विश्लेषण, इम्पेक्ट असेसमेंट, फील्ड सर्वे, अध्ययन आदि कार्यों के लिये विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों की सेवाओं के उपयोग के लिये समन्वय स्थापित करेगी।
    • साथ ही, सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षण के लिये सड़क सुरक्षा सलाहकार की सेवाएँ ले सकेंगी।
    • ज़िला सड़क सुरक्षा टास्क फोर्स का कार्यकाल 3 वर्ष के लिये होगा।

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