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झारखंड के खूँटी में विकास का अभाव
चर्चा में क्यों?
लोकसभा चुनाव 2024 के बीच झारखंड के खूँटी, सिंहभूम और लोहरदगा में कई आदिवासी मतदाता विकास एवं बुनियादी सुविधाओं की कमी से नाखुश हैं।
मुख्य बिंदु:
- आदिवासी आदर्श बिरसा मुंडा की जन्मस्थली, झारखंड के खूँटी लोकसभा क्षेत्र के एक गाँव उलिहातु में निवासियों में असंतोष है।
- विकास और बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण क्षेत्र में राजनीतिक उत्साह की कमी नज़र आ रही है तथा किसी भी पार्टी को खुला समर्थन नहीं मिल रहा है।
- हाल के वर्षों में, गाँव में तारकोल वाली सड़कें, स्कूल और पानी की टंकियाँ जैसे नए बुनियादी ढाँचे सहित विकास दिखाई दे रहा है।
- प्रधानमंत्री ने यहाँ दौरा किया और 24,000 करोड़ रुपए के विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG) विकास मिशन का शुभारंभ किया।
- केंद्र सरकार ने बिरसा मुंडा की जयंती को 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाया।
बिरसा मुंडा (Birsa Munda)
- बिरसा मुंडा का जन्म वर्ष 1875 में हुआ था। वे मुंडा जनजाति के थे।
- उन्होंने 19वीं शताब्दी के अंत में आधुनिक झारखंड और बिहार के आदिवासी क्षेत्र में ब्रिटिश शासन के दौरान एक भारतीय आदिवासी धार्मिक मिलेनेरियन आंदोलन का नेतृत्व किया।
विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG) विकास मिशन
- PM-PVTG विकास मिशन कार्यक्रम का उद्देश्य कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTG) की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना है।
- इसके लिये केंद्रीय बजट में अनुसूचित जनजातियों के लिये 24,000 करोड़ रुपए की उपलब्धता की परिकल्पना की गई है।
- मिशन में पिछड़ी अनुसूचित जनजातियों के लिये सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, बस्तियों में सड़कों तक बेहतर पहुँच जैसी बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करना शामिल है।
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