राज्य में 250 स्थानों पर स्थापित होंगे प्लास्टिक कचरे के संग्रह केंद्र | उत्तर प्रदेश | 14 May 2022
चर्चा में क्यों?
13 मई, 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि गाँवों को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने अगले दो वर्षों में राज्य में 250 स्थानों पर प्लास्टिक कचरे के संग्रह केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है।
प्रमुख बिंदु
- प्रवक्ता ने बताया कि पंचायती राज विभाग अगले छह महीने में विकासखंडों में स्थलों के चयन और निर्माण के लिये कार्ययोजना तैयार कर रहा है ताकि वहाँ कचरा प्लास्टिक संग्रह केंद्र स्थापित किया जा सके।
- प्लास्टिक के दुष्परिणामों को देखते हुए राज्य सरकार ने शहरों के साथ-साथ गाँवों को भी प्लास्टिक मुक्त बनाने की पहल की है। इसके साथ ही सरकार ने सड़क निर्माण के लिये अपशिष्ट प्लास्टिक का उपयोग करने की योजना भी बनाई है।
- प्लास्टिक कचरा प्रबंधन प्लास्टिक कचरे के उत्पादन को कम करने, प्लास्टिक कचरे के प्रसार को रोकने और प्लास्टिक कचरे के लिये अलग भंडारण सुनिश्चित करने के लिये कदम उठाने पर ज़ोर देता है।
- नए नियम के तहत प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिये स्थानीय निकायों, ग्राम पंचायतों, कचरा उत्पादकों, खुदरा विक्रेताओं और फुटपाथ विक्रेताओं की ज़िम्मेदारी होगी।
- गौरतलब है कि प्लास्टिक प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है, यह भूमि की उर्वरता को नष्ट करके भूजल स्तर को कम करता है। इसके इस्तेमाल से साँस और चर्म रोगों के साथ-साथ कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। यह भ्रूण के विकास को भी रोक सकता है।
- पॉलीथिन जलाने से निकलने वाला धुआँ ओजोन परत को नुकसान पहुँचाता है, जो ग्लोबल वार्म़िग का एक प्रमुख कारण है।