प्रदेश में बसेगी आईटी, मेडिसिटी, एजुकेशन सिटी और स्पोर्ट्स सिटी | उत्तर प्रदेश | 14 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
12 अप्रैल, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार प्रदेश में बंगलुरु की तर्ज पर आईटी सिटी व महाराष्ट्र की तर्ज पर मेडिकल सिटी बसाने जा रही है। बेहतर शिक्षा हेतु एजुकेशन सिटी और स्पोर्ट्स सिटी भी बसाए जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार इसकी जिम्मेदारी आवास विभाग को दी गई है। वह इसके लिये भवन विकास उपविधि में व्यवस्था करने के साथ ही नीति लाने जा रहा है। इस योजना से प्रदेश के 50 हज़ार युवाओं को रोज़गार मिलने की उम्मीद है।
- राज्य सरकार कि योजना है कि देश दुनियाँ की नामी-गिरानी दवा कंपनियों के लिये ऐसा स्थान विकसित किया जाए जहाँ पर सभी सुविधाएँ हों, इसके लिये महाराष्ट्र की तर्ज पर मेडिकल सिटी बसाने की योजना है। इसके लिये कम से कम 200 से 300 एकड़ ज़मीन की व्यवस्था की जाएगी।
- सभी प्रमुख शहरों को एजुकेशन हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें बड़े कालेज और विश्वविद्यालय खोलने के लिये आमंत्रित किया जाएगा।
- इसके साथ ही बंगलुरु की तर्ज पर आईटी सिटी बसाने का खाका खींचा जा रहा है। विदित है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में लखनऊ में आईटी सिटी की स्थापना की गई थी, लेकिन ज़रूरत के मुताबिक यह पर्याप्त नहीं है। इसीलिये राज्य राजधानी क्षेत्र में इसके लिये खास इंतजाम किये जाएंगे।
- मेडिकल सिटी और आईटी सिटी के सहारे हर साल 50 हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। देश में अभी आईटी सेक्टर में सर्वाधिक नौकरियाँ बंगलुरु और पुणे में है।
- राज्य सरकार चाहती है कि उत्तर प्रदेश के युवाओं को प्रदेश में ही अच्छी शिक्षा मिलने के साथ ही रोज़गार के संसाधन मिल सकें। इसीलिये आईटी सिटी खोलने की दिशा में काम शुरू किया जा रहा है। मेडिकल सिटी में इससे जुड़े क्षेत्र में रोज़गार के द्वार खुलेंगे।
- विदित है कि वर्ष 2016 में लखनऊ में आईटी सिटी का शुभारंभ किया जा चुका है। लखनऊ-सुलतानपुर रोड पर 100 एकड़ में आईटी सिटी की स्थापना की गई है। यहाँ एचसीएल काम कर रही है। आईटी सिटी के जरिये लगभग 5000 लोगों को रोज़गार मिला है।
- गौरतलब है कि देश का पहला मेडिकल सिटी महाराष्ट्र के इंद्रायणी में 300 एकड़ में बसाया जा रहा है। इसमें अस्पताल, अनुसंधान केंद्र, दवा फैक्ट्रियाँ, वेलनेस व फिजियोथेरेपी केंद्र आदि होते हैं।