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राँची चिड़ियाघर में कैनाइन वायरस
चर्चा में क्यों?
13 अप्रैल, 2022 को राँची चिड़ियाघर (भगवान बिरसा जैविक उद्यान) के निदेशक जब्बार सिंह ने बताया कि पिछले एक महीने में रांची के बिरसा चिड़ियाघर में कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (सीडीवी) से सात लोमड़ियों की मृत्यु हो गई है।
प्रमुख बिंदु
- कैनाइन डिस्टेंपर वायरस मुख्य रूप से कुत्तों में श्वसन, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, श्वसन तथा केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के साथ-साथ आँखों में गंभीर संक्रमण का कारण बनता है।
- यह भेड़िये, लोमड़ी, रेकून, लाल पांडा, फेरेट, हाइना, बाघ और शेरों जैसे जंगली माँसाहारियों को भी प्रभावित कर सकता है।
- भारत के वन्य जीवों में इस वायरस का प्रसार तथा इसकी विविधता का पर्याप्त रूप से अध्ययन नहीं किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि लोमड़ी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-II के तहत संरक्षित एक लुप्तप्राय प्रजाति है।
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