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62वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
- 13 फरवरी, 2022 को राजस्थान की कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी डी कल्ला के मुख्य आतिथ्य में झालाना स्थित राजस्थान ललित कला अकादमी परिसर में 62वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी का उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ। इस अवसर पर मंत्री द्वारा 10 कलाकारों को श्रेष्ठ कृतियों के लिये पुरस्कृत किया गया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि 584 कलाकृतियों का अवलोकन करने के पश्चात् विभाग द्वारा इन 10 सर्वश्रेष्ठ कलाकृतियों का चयन किया गया था। इन कलाकारों को ट्रॉफी, स्मृतिचिह्न के साथ-साथ 25 हज़ार रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की गई।
- ज्ञातव्य है कि 16 नवंबर, 2021 को राजस्थान ललित कला अकादमी के निर्णायक मंडल द्वारा 62वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी के लिये राज्य कला पुरस्कारों की घोषणा की गई।
- प्रदर्शनी में जिन दस कलाकारों की कलाकृतियों को पुरस्कृत किया गया है, वे इस प्रकार हैं-
- रिचा माहेश्वरी (कोसमोस)
- कमल किशोर जोशी (मेघराज)
- डॉ. मणि भारतीय (लैंडस्केप)
- योगेंद्र सिंह नरूका (ए मैरिज पार्टी)
- दुर्गेश कुमार अटल (प्लोवर)
- निर्मल यादव (द ल्यूनार शेड्स)
- कुमुदनी भरावा सोनी (कहाँ घूमें कहाँ जाएँ)
- राजेंद्र प्रसाद मीना (मूवमेंट आफ जॉय)
- सुनील कुमावत (होप-3)
- ऋतु शेखावत (फ्लोइंग वर्लपुल)
- राजस्थान ललित कला अकादमी राजस्थान की ललित कला संस्कृति को बढ़ावा देने, फैलाने और विकसित करने के लिये राजस्थान सरकार का प्रमुख ललित कला संस्थान है। यह एक गैर-लाभकारी, स्वायत्त निकाय है, जिसे कला और संस्कृति मंत्रालय, राजस्थान द्वारा वित्तपोषित किया जाता है।
- कला एवं संस्कृति विभाग का मुख्य उद्देश्य राज्य के कलाकारों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराना तथा उनकी प्रतिभा को प्रोत्साहन देना है।
- मंत्री डॉ. बी डी कल्ला ने कहा कि कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में राज्य का प्रत्येक क्षेत्र अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है। भविष्य में सभी कलाकारों को एनएफटी टोकन देने का प्रावधान किया जाएगा ताकि यदि उनकी कलाकृति कहीं भी बिके तो उसके मूल्य का एक हिस्सा कलाकार तक आवश्यक रूप से पहुँचे।
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हल्दीघाटी युद्ध
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप की विजय को लेकर पुन: विवाद खड़ा हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- दरअसल राजस्थान के उदयपुर में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में इतिहास के विषय में पढ़ाया जा रहा है कि हल्दीघाटी युद्ध में अकबर की जीत हुई थी जबकि अनेक इतिहासकार इसके खिलाफ हैं। उनके अनुसार साक्ष्य यह साबित कर चुके हैं कि हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप की जीत हुई थी।
- इस विवाद के पश्चात् विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग की अध्यक्ष प्रो. दिग्विजय भटनागर ने अपनी पुस्तक ‘राजस्थान के इतिहास की रूपरेखा’के संदर्भ में हल्दीघाटी युद्ध में अकबर की जीत के बारे में लिखे जाने को लेकर स्पष्ट किया है कि यह पुस्तक इतिहासकारों की पूर्व में प्रकाशित पुस्तकों पर आधारित है, जिसका उन्होंने केवल संपादन किया है। ऐसे में जल्द ही संशोधन के साथ नई पुस्तक आएगी जिसमें हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप की जीत का उल्लेख किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 को मेवाड़ के महाराणा प्रताप और मुगल सम्राट अकबर की सेना के बीच लड़ा गया था।
- अकबर की सेना का नेतृत्व आमेर के राजा मान सिंह प्रथम ने किया था, जबकि इस युद्ध में महाराणा प्रताप को मुख्य रूप से भील जनजाति का सहयोग मिला था।
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मरु महोत्सव 2022 का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
- 13 फरवरी, 2022 को राजस्थान के जैसलमेर के पोखरण में अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ, उप निवेशन, कृषि सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल उपयोगिता मंत्री शाले मोहम्मद एवं आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत ने गोल्डन बैलून आसमान में उड़ाकर चार दिवसीय मरु महोत्सव का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- पर्यटन विभाग ने इस बार मरु महोत्सव को ‘उम्मीदों की उड़ान’का नाम दिया है।
- सालमसागर तालाब की पाल पर आयोजित कार्यक्रम में अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ, उपनिवेशन, कृषि सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल उपयोगिता मंत्री शाले मोहम्मद ने झंडी दिखाकर भव्य शोभायात्रा का भी शुभारंभ किया।
- शोभायात्रा में सजे-धजे ऊँटों पर सवार बीएसएफ के जांबाजों, बीएसएफ महिला टुकड़ी, बालिकाओं एवं महिलाओं की मंगल कलश यात्रा और विभिन्न झांकियाँ आकर्षण का केंद्र रहीं।
- रास्ते भर कलाकारों के समूहों ने कालबेलिया, अश्व, कच्छी घोड़ी, गैर आदि लोक नृत्यों का प्रदर्शन किया।
- इस कल्चर महोत्सव में सेलिब्रिटीज नाईट, पोखरण खुहडी और सम के रेतीले टीलों पर कार्यक्रमों के साथ-साथ मरुश्री, मिस मूमल, मूंछ प्रतियोगिता, साफा बांध, मूमल महिंद्रा, ऊँट श्रृंगार और शान-ए-मरुधरा, पणिहारी मटका रेस प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जाएंगी।
- मरु महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम में मिस्टर एवं मिस पोखरण प्रतियोगिता हुई। इसमें निकिता राठौड़ ने मिस पोखरण एवं भरत बोहरा ने मिस्टर पोखरण का खिताब जीता। इन प्रतिभागियों में कन्या कॉलेज पोखरण की खुशी गौड़ ने दिव्यांग होते हुए भी प्रतियोगिता में भाग लिया।
- मुख्य कार्यक्रम की साफा बांधो प्रतियोगिता में दुर्जनसिंह भाटी विजेता रहे। रस्सा कसी में टीम कपिल विजेता रही। मल्लश्री का खिताब विक्रम जोशी ने अपने नाम किया तथा मटका दौड़ में रूकड़ी ने जीत हासिल की।
- इसके साथ ही मेहंदी प्रतियोगिता में तनीषा खत्री, मांडना में जसोदा एवं रंगोली प्रतियोगिता में खुशबू विजेता रहीं। प्हले दिन के कार्यक्रम का समापन पद्मश्री अनवर खाँ एवं लंगा पार्टी के कलाकारों की सामूहिक प्रस्तुतियों के साथ हुआ।
- विजेताओं को अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद एवं आरसीए अध्यक्ष श्री वैभव गहलोत तथा अन्य अतिथियों ने पुरस्कृत किया।
- मुख्य समारोह परिसर में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसमें बीएसएफ द्वारा देश की प्रथम पंक्ति पर सुरक्षा में लगे सैनिकों को मुहैया करवाए जाने वाले हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई। यहाँ 7.66 एमएम गन, असाल्ट रायफल, एक्स-95, इंसास, एलएमजी, 84 एमएम जीआरएल, बैरिस्टा, सहित अन्य हथियारों का प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही पोखरण विकास संस्थान, उरमूल, ऊँटनी के दूध, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, हस्तशिल्प आदि से संबंधित प्रदर्शनियाँ लगाई गईं।
- उल्लेखनीय है कि 7 फरवरी, 1979 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने मरु महोत्सव का शुभारंभ किया था।
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