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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 12 Feb 2022
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‘ओरो स्कॉलर’और ‘प्रोजेक्ट इन्क्ल्यूजन’ कार्यक्रम शुरू

चर्चा में क्यों?

11 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने अपने निवास कार्यालय में राज्य के कक्षा पहली से बारहवीं तक के स्कूली बच्चों के लिये ‘ओरो स्कॉलर’और विशिष्ट आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिये ‘प्रोजेक्ट इन्क्ल्यूजन’कार्यक्रम का वर्चुअल शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • ओरो स्कॉलर कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चे क्विज प्रतियोगिता में शामिल होकर हज़ारों रुपए की स्कॉलरशिप प्राप्त कर सकेंगे।
  • इसी प्रकार प्रोजेक्ट इन्क्ल्यूजन कार्यक्रम विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की पहचान कर उन्हें सामान्य बच्चों के साथ लाने के लिये है। 
  • ये दोनों कार्यक्रम श्री अरबिंदो सोसायटी के माध्यम से संचालित किये जाएंगे। 
  • मंत्री डॉ. टेकाम ने बताया कि ओरो स्कॉलर कार्यक्रम कक्षा पहली से बारहवीं तक अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिये है। इसमें बच्चे ओरो स्कॉलर ऐप में अपना पंजीयन कर 20 क्विज में हिस्सा ले सकते हैं। प्रत्येक क्विज में 80 प्रतिशत अंक लाने पर उन्हें 50 रुपए प्राप्त होंगे। 20 क्विज में से सभी में 80 प्रतिशत अंक लाने पर एक माह में बच्चे को एक हज़ार रुपए मिलेंगे।
  • क्विज से प्राप्त पैसों से बच्चे न केवल आगे की पढ़ाई का खर्च स्वयं वहन करने में सक्षम हो सकेंगे, बल्कि अपने परिवार को भी आर्थिक सहयोग प्रदान कर सकेंगे। 
  • प्रोजेक्ट इन्क्ल्यूजन कार्यक्रम के अंतर्गत अरबिंदो सोसायटी द्वारा शिक्षकों को शारीरिक और मानसिक रूप से किसी-न-किसी रोग से ग्रस्त बच्चों की पहचान करना तथा उनके कमज़ोर क्षेत्रों को कैसे सुधारा जाए, इसकी जानकारी प्रशिक्षण के माध्यम से दी जाएगी। शिक्षक प्रशिक्षण लेने के बाद ऐसे बच्चों की पहचान कर उनकी खामियों को दूर कर उन्हें सामान्य बच्चों की तरह ही सीखने लायक बना सकेंगे।

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छत्तीसगढ़ में नौनिहालों के लिये की जाएगी ‘बालवाड़ी’की स्थापना

चर्चा में क्यों?

11 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में नौनिहालों की शिक्षा और शिक्षा स्तर में सुधार के लिये नई शिक्षा नीति के तहत ‘बालवाड़ी’की स्थापना की जाएगी। इन बालवाड़ी केंद्रों में खेल आधारित गतिविधियों के माध्यम से नौनिहालों के सीखने पर ज़ोर दिया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले चरण में राज्य भर में छह हज़ार से अधिक बालवाड़ी केंद्रों की स्थापना की घोषणा हाल ही में गणतंत्र दिवस के मौके पर की थी।
  • प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल के अंतर्गत 5 से 6 वर्ष आयु के बच्चों के लिये ऐसे स्थानों पर प्ले स्कूल ‘बालवाड़ी’की स्थापना की जाएगी, जहाँ आंगनवाड़ी और प्राथमिक शाला एक ही प्रांगण में हों।
  • प्रथम चरण में ऐसी 6 हज़ार से अधिक बालवाड़ी प्रारंभ की जाएंगी। राज्य में ऐसे केंद्रों की संख्या 6536 है, जहाँ प्राथमिक शालाएँ आंगनवाड़ी में ही स्थित हैं। प्रस्ताव के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ही बालवाड़ी (बालवाटिका) का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
  • बालवाड़ी में प्रवेश के लिये 5 से 6 वर्ष आयु के बच्चों की अनुमानित संख्या एक लाख 15 हज़ार है। इन बच्चों के लिये एससीईआरटी ने बालवाटिका गतिविधि पुस्तिका भी तैयार कर ली है।
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने नई पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य के लिये स्कूल शिक्षा से उच्च शिक्षा तक और रोज़गार से लेकर संस्कार विकसित करने तक अनेक कदम उठाए हैं।
  • प्रदेश के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के बच्चों को भी भविष्य में बेहतर अवसर मुहैया कराने के लिये स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेज़ी माध्यम शालाओं की स्थापना की गई है। राज्य में अभी 171 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेज़ी माध्यम शालाएँ संचालित की जा रही हैं, जिनमें 20 हज़ार से अधिक बच्चों को अंग्रेज़ी माध्यम में शिक्षा दी जा रही है। इसी तरह ऐसी हिन्दी शालाओं की स्थापना भी प्रत्येक ज़िले में की जाएगी।

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