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स्टेट पी.सी.एस.

  • 14 Feb 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

मणि पर्वत का सौंदर्यीकरण

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में अयोध्या स्थित पौराणिक महत्त्व वाले मणि पर्वत (Mani Parvat) के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • पुरातत्त्व विभाग द्वारा संरक्षित प्राचीन मणि पर्वत राम नगरी अयोध्या के प्रसिद्ध सावन झूला मेला का मुख्य केंद्र है। यहाँ प्राचीन टीले पर भगवान राम जानकी का एक मंदिर भी है।
  • मणि पर्वत की पौराणिकता को संरक्षित करने के लिये पुरातत्व विभाग द्वारा 45 लाख रुपए आंबटित किये गए हैं। जीर्णोद्धार के पहले चरण में मणि पर्वत (Mani Parvat) के गर्भगृह तक पहुँचाने वाली सीढ़ियों का मिर्ज़ापुर के लाल पत्थरों से नवीनीकरण किया जा रहा है। दूसरे चरण में मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर अन्य परिसरों की मरम्मत की जाएगी।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 1998-99 में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने मणि पर्वत के सौंदर्यीकरण के लिये 88 लाख रुपए के प्रस्तावों को मंज़ूरी दी थी, जिसके अंतर्गत रामकथा पार्क के लोकार्पण के साथ मणि
  • पर्वत की सौंदर्यीकरण योजना का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने किया था, किंतु इस योजना पर काम नहीं हो सका और पर्यटन विभाग ने योजना की आवंटित धनराशि सरेंडर कर दी।
  • सन् 1902 में अयोध्या धाम के ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिये एडवर्ड तीर्थ विवेचनी सभा का गठन किया गया था, जिसने अयोध्या के 148 जगहों को चिह्नित कर उन पर एडवर्ड तीर्थ विवेचनी के पत्थर लगाए थे, ताकि भविष्य में इन धरोहरों को संरक्षित किया जा सके।

बिहार Switch to English

सीतामढ़ी में माता सीता की सबसे ऊँची प्रतिमा

चर्चा में क्यों?

  • 13 फरवरी, 2022 को रामायण रिसर्च काउंसिल के नेशनल को-ऑर्डिनेटर व जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी विरेंद्रानंद जी महाराज ने माता सीता की विश्व की सबसे ऊँची (251 मीटर) प्रतिमा सीतामढ़ी में स्थापित करने की घोषणा की।

प्रमुख बिंदु

  • काउंसिल ने इसके कार्यान्वयन के लिये श्री भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति का गठन किया है जिसका अध्यक्ष स्थानीय सुनील सांसद सुनील कुमार पिंटू को बनाया गया है।
  • माता सीता की 251 मीटर ऊँची प्रतिमा के चारों ओर वृत्ताकार रूप में भगवती सीता की 108 प्रतिमाएँ भी स्थापित की जाएंगी जो उनके जीवन-दर्शन को अभिव्यक्त करेंगी। इन प्रतिमाओं के दर्शन के लिये इस स्थल को नौका विहार की तरह विकसित किया जाएगा।
  • यहाँ पर भगवती सीता के जीवन दर्शन पर आधारित एक डिजिटल म्यूजियम, शोध संस्थान और अध्ययन केंद्र का भी निर्माण किया जाएगा।
  • यहाँ पर तुलसीदास, वाल्मिकी, केवट समेत रामायण के प्रमुख पात्रों की प्रतिमाएँ भी स्थापित होंगी।
  • इस अवसर पर माता सीता डॉट कॉम वेबसाइट का शुभारंभ किया गया है जिस पर मंदिर निर्माण से संबंधित कार्य की जानकारी को समय-समय पर अपडेट किया जाएगा।
  • सीता कुंड बिहार राज्य में सीतामढ़ी नगर के समीप पुनौरा ग्राम स्थित सीता कुंड एक हिन्दू तीर्थ स्थल है। पुनौरा धाम जानकी कुंड (Punaura Dham Janki Mandir) पौराणिक काल में पुंडरिक ऋषि के आश्रम के रूप में विख्यात था। पुनौरा में ही देवी सीता का जन्म हुआ था।

राजस्थान Switch to English

62वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

  • 13 फरवरी, 2022 को राजस्थान की कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी डी कल्ला के मुख्य आतिथ्य में झालाना स्थित राजस्थान ललित कला अकादमी परिसर में 62वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी का उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ। इस अवसर पर मंत्री द्वारा 10 कलाकारों को श्रेष्ठ कृतियों के लिये पुरस्कृत किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि 584 कलाकृतियों का अवलोकन करने के पश्चात् विभाग द्वारा इन 10 सर्वश्रेष्ठ कलाकृतियों का चयन किया गया था। इन कलाकारों को ट्रॉफी, स्मृतिचिह्न के साथ-साथ 25 हज़ार रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की गई।
  • ज्ञातव्य है कि 16 नवंबर, 2021 को राजस्थान ललित कला अकादमी के निर्णायक मंडल द्वारा 62वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी के लिये राज्य कला पुरस्कारों की घोषणा की गई।
  • प्रदर्शनी में जिन दस कलाकारों की कलाकृतियों को पुरस्कृत किया गया है, वे इस प्रकार हैं-
    • रिचा माहेश्वरी (कोसमोस)
    • कमल किशोर जोशी (मेघराज)
    • डॉ. मणि भारतीय (लैंडस्केप)
    • योगेंद्र सिंह नरूका (ए मैरिज पार्टी)
    • दुर्गेश कुमार अटल (प्लोवर)
    • निर्मल यादव (द ल्यूनार शेड्स)
    • कुमुदनी भरावा सोनी (कहाँ घूमें कहाँ जाएँ)
    • राजेंद्र प्रसाद मीना (मूवमेंट आफ जॉय)
    • सुनील कुमावत (होप-3)
    • ऋतु शेखावत (फ्लोइंग वर्लपुल)
  • राजस्थान ललित कला अकादमी राजस्थान की ललित कला संस्कृति को बढ़ावा देने, फैलाने और विकसित करने के लिये राजस्थान सरकार का प्रमुख ललित कला संस्थान है। यह एक गैर-लाभकारी, स्वायत्त निकाय है, जिसे कला और संस्कृति मंत्रालय, राजस्थान द्वारा वित्तपोषित किया जाता है।
  • कला एवं संस्कृति विभाग का मुख्य उद्देश्य राज्य के कलाकारों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराना तथा उनकी प्रतिभा को प्रोत्साहन देना है।
  • मंत्री डॉ. बी डी कल्ला ने कहा कि कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में राज्य का प्रत्येक क्षेत्र अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है। भविष्य में सभी कलाकारों को एनएफटी टोकन देने का प्रावधान किया जाएगा ताकि यदि उनकी कलाकृति कहीं भी बिके तो उसके मूल्य का एक हिस्सा कलाकार तक आवश्यक रूप से पहुँचे।

राजस्थान Switch to English

हल्दीघाटी युद्ध

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप की विजय को लेकर पुन: विवाद खड़ा हो गया है।

प्रमुख बिंदु

  • दरअसल राजस्थान के उदयपुर में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में इतिहास के विषय में पढ़ाया जा रहा है कि हल्दीघाटी युद्ध में अकबर की जीत हुई थी जबकि अनेक इतिहासकार इसके खिलाफ हैं। उनके अनुसार साक्ष्य यह साबित कर चुके हैं कि हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप की जीत हुई थी।
  • इस विवाद के पश्चात् विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग की अध्यक्ष प्रो. दिग्विजय भटनागर ने अपनी पुस्तक ‘राजस्थान के इतिहास की रूपरेखा’के संदर्भ में हल्दीघाटी युद्ध में अकबर की जीत के बारे में लिखे जाने को लेकर स्पष्ट किया है कि यह पुस्तक इतिहासकारों की पूर्व में प्रकाशित पुस्तकों पर आधारित है, जिसका उन्होंने केवल संपादन किया है। ऐसे में जल्द ही संशोधन के साथ नई पुस्तक आएगी जिसमें हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप की जीत का उल्लेख किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 को मेवाड़ के महाराणा प्रताप और मुगल सम्राट अकबर की सेना के बीच लड़ा गया था।
  • अकबर की सेना का नेतृत्व आमेर के राजा मान सिंह प्रथम ने किया था, जबकि इस युद्ध में महाराणा प्रताप को मुख्य रूप से भील जनजाति का सहयोग मिला था।

राजस्थान Switch to English

मरु महोत्सव 2022 का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

  • 13 फरवरी, 2022 को राजस्थान के जैसलमेर के पोखरण में अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ, उप निवेशन, कृषि सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल उपयोगिता मंत्री शाले मोहम्मद एवं आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत ने गोल्डन बैलून आसमान में उड़ाकर चार दिवसीय मरु महोत्सव का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • पर्यटन विभाग ने इस बार मरु महोत्सव को ‘उम्मीदों की उड़ान’का नाम दिया है।
  • सालमसागर तालाब की पाल पर आयोजित कार्यक्रम में अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ, उपनिवेशन, कृषि सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल उपयोगिता मंत्री शाले मोहम्मद ने झंडी दिखाकर भव्य शोभायात्रा का भी शुभारंभ किया।
  • शोभायात्रा में सजे-धजे ऊँटों पर सवार बीएसएफ के जांबाजों, बीएसएफ महिला टुकड़ी, बालिकाओं एवं महिलाओं की मंगल कलश यात्रा और विभिन्न झांकियाँ आकर्षण का केंद्र रहीं।
  • रास्ते भर कलाकारों के समूहों ने कालबेलिया, अश्व, कच्छी घोड़ी, गैर आदि लोक नृत्यों का प्रदर्शन किया।
  • इस कल्चर महोत्सव में सेलिब्रिटीज नाईट, पोखरण खुहडी और सम के रेतीले टीलों पर कार्यक्रमों के साथ-साथ मरुश्री, मिस मूमल, मूंछ प्रतियोगिता, साफा बांध, मूमल महिंद्रा, ऊँट श्रृंगार और शान-ए-मरुधरा, पणिहारी मटका रेस प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जाएंगी।
  • मरु महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम में मिस्टर एवं मिस पोखरण प्रतियोगिता हुई। इसमें निकिता राठौड़ ने मिस पोखरण एवं भरत बोहरा ने मिस्टर पोखरण का खिताब जीता। इन प्रतिभागियों में कन्या कॉलेज पोखरण की खुशी गौड़ ने दिव्यांग होते हुए भी प्रतियोगिता में भाग लिया।
  • मुख्य कार्यक्रम की साफा बांधो प्रतियोगिता में दुर्जनसिंह भाटी विजेता रहे। रस्सा कसी में टीम कपिल विजेता रही। मल्लश्री का खिताब विक्रम जोशी ने अपने नाम किया तथा मटका दौड़ में रूकड़ी ने जीत हासिल की।
  • इसके साथ ही मेहंदी प्रतियोगिता में तनीषा खत्री, मांडना में जसोदा एवं रंगोली प्रतियोगिता में खुशबू विजेता रहीं। प्हले दिन के कार्यक्रम का समापन पद्मश्री अनवर खाँ एवं लंगा पार्टी के कलाकारों की सामूहिक प्रस्तुतियों के साथ हुआ।
  • विजेताओं को अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद एवं आरसीए अध्यक्ष श्री वैभव गहलोत तथा अन्य अतिथियों ने पुरस्कृत किया।
  • मुख्य समारोह परिसर में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसमें बीएसएफ द्वारा देश की प्रथम पंक्ति पर सुरक्षा में लगे सैनिकों को मुहैया करवाए जाने वाले हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई। यहाँ 7.66 एमएम गन, असाल्ट रायफल, एक्स-95, इंसास, एलएमजी, 84 एमएम जीआरएल, बैरिस्टा, सहित अन्य हथियारों का प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही पोखरण विकास संस्थान, उरमूल, ऊँटनी के दूध, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, हस्तशिल्प आदि से संबंधित प्रदर्शनियाँ लगाई गईं।
  • उल्लेखनीय है कि 7 फरवरी, 1979 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने मरु महोत्सव का शुभारंभ किया था।

मध्य प्रदेश Switch to English

भारत भवन की 40वीं वर्षगाँठ समारोह का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

  • 13 फरवरी, 2022 को मध्य प्रदेश की संस्कृति, पर्यटन और अध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने भारत भवन की 40वीं वर्षगाँठ पर विविध कला समारोह का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्री उषा ठाकुर ने भारत भवन मुक्ताकाश मंच पर राष्ट्रीय कालिदास सम्मान और राज्य शिखर सम्मान के लिये विभिन्न श्रेणियों में कलाकारों साहित्यकारों और रंगकर्मियों को सम्मानित किया गया। साथ ही पद्मश्री के लिये चयनित दुर्गा बाई व्याम के चित्रों, रेखांकन कला प्रदर्शनी-सुरेखा और प्रतिष्ठित कलाकारों की कृतियों की प्रदर्शनी का भी शुभारंभ किया गया।
  • रूपंकर कलाएँ के लिये राष्ट्रीय कालिदास सम्मान गुजरात के ज्योति भटे को वर्ष 2017 के लिये, नई दिल्ली की इरा चौधरी को 2018 के लिये, नई दिल्ली के परमजीत सिंह को 2019 के लिये और बड़ौदा के ध्रुव मिस्त्री को वर्ष 2020 के लिये दिया गया।
  • रंगकर्म के लिये राष्ट्रीय कालिदास सम्मान लखनऊ के डॉ. अनिल रस्तोगी को वर्ष 2019 के लिये और मुंबई के वामन केंद्रे को वर्ष 2020 के लिये प्रदान किया गया।
  • वर्ष 2019 एवं 2020 के लिये विभिन्न विषयों में निम्नलिखित व्यक्तियों को राज्य शिखर सम्मान प्रदान किया गया-
विषय  वर्ष 2019 वर्ष 2020
हिंदी साहित्य शैवाल सत्यार्थी (ग्वालियर) हरी जोशी (भोपाल)
उर्दू साहित्य नईम कौसर (भोपाल) देवीशरण (भोपाल)
संस्कृत साहित्य डॉ. रामेश्वर प्रसाद गुप्ता (दतिया) प्रो. रहस बिहारी द्विवेदी (जबलपुर)
शास्त्रीय संगीत पं. प्रभाकर लक्ष्मण गोहदकर (ग्वालियर) पं. सज्जनलाल ब्रह्माभटे (भोपाल)
रुपंकर कला देवी लाल पाटीदार (भोपाल) मनीष पुष्कले (नई दिल्ली)
नाटक वैशाली गुप्ता (भोपाल) के.जी. त्रिवेदी (भोपाल)
जनजातीय एवं लोककला अग्नेश केरकटेा (भोपाल) पूर्णिमा चतुर्वेदी
दर्लभ वाद्य वादन बाबूलाल भोला (सागर) डॉ. वर्षा अग्रवाल (उज्जैन)

  • इस समारोह के पहले दिन संतोष संत के निर्देशन में स्वर वेणु गुरुकुल इंदौर के कलाकारों ने बाँसुरी सप्तक की मधुर संगीतमयी प्रस्तुति दी।
  • इस पाँच दिवसीय समारोह में 13 फरवरी से 17 फरवरी 2022 तक बहुकला केंद्र भारत भवन में सुगम संगीत, आकर्षक नृत्य, स्लाइड शो, नृत्य नाटिका और कविता पाठ जैसी सांस्कृतिक गतिविधियाँ होंगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

विंध्य एवं महाकौशल क्षेत्र को मिली नई ट्रेनों की सौगात

चर्चा में क्यों?

  • 12 फरवरी, 2022 को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से मध्य प्रदेश को कई नई ट्रेनों की सौगात दी। साथ ही रानी कमलापति स्टेशन से राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने इन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

प्रमुख बिंदु

  • नई संचालित ट्रेनों में भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से ट्रेन नं. 02195 रानी कमलापति- रीवा, ट्रेन नं. 02196 रीवा-रानी कमलापति साप्ताहिक सुपरफास्ट ट्रेन एवं ट्रेन नं 05713 जबलपुर-नेनपुर पैसेंजर ट्रेन शामिल हैं।
  • इन ट्रेनों के संचालन से मध्य प्रदेश के विंध्य और महाकौशल क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा।
  • रीवा-रानी कमलापति साप्ताहिक सुपरफास्ट ट्रेन कमलापति स्टेशन से रीवा तक 9 स्टेशनों को कवर करेगी।
  • इन नई ट्रेन सेवाओं को आरंभ करने से सतना, मैहर, कटनी, मुढवारा, दमोह, सागर, बीना, विदिशा क्षेत्रों का उत्तरोतर विकास होगा एवं इन क्षेत्रों की जनता, विद्यार्थी, व्यापार एवं पर्यटन को लाभ होगा।
  • वहीं यात्रियों की सुगम रेल यात्रा के लिये जबलपुर-नेनपुर पैसेंजर ट्रेन को बहाल किया गया है। जबलपुर-नेनपुर पैसेंजर ट्रेन कुल 19 स्टेशनों को कवर करेगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में स्थापित होगा ‘सामुदायिक रेडियो कर्मवीर’

चर्चा में क्यों?

  • 13 फरवरी, 2022 को विश्व रेडियो दिवस पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केजी सुरेश ने बताया कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (भोपाल) के विशनखेड़ी स्थित नवनिर्मित परिसर में केंद्र सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने सामुदायिक रेडियो कर्मवीर की स्थापना के लिये नियति पत्र प्रदान किया है।

प्रमुख बिंदु

  • विश्वविद्यालय की ओर से सामुदायिक रेडियो स्टेशन के लिये आवश्यक प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
  • ज्ञातव्य है कि सामुदायिक रेडियो आंदोलन भारत में 1995 के समय शुरू हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने वायु तरंगों को सार्वजनिक संपत्ति घोषित किया।
  • प्रत्येक सामुदायिक रेडियो स्टेशन अपने-अपने समुदाय की भाषाओं को प्राथमिकता देती है, जो भाषा आम टी.वी. चैनलों में अथवा अखबारों में नहीं मिलती वह सामुदायिक रेडियो स्टेशन में मिलती है।
  • एक सामुदायिक रेडियो स्टेशन अपना प्रसारण 15 कि.मी. के रेडियस में कर सकता है।
  • विश्व रेडियो दिवस-2022 की थीम- ‘रेडियो और विश्वास’ है।
  • उल्लेखनीय है कि 3 नवंबर, 2011 को यूनेस्को के 36वें सत्र ने विश्व रेडियो दिवस 13 फरवरी को मनाने की घोषणा की, क्योंकि 13 फरवरी, 1946 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने यू.एन. रेडियो की स्थापना की थी।

हरियाणा Switch to English

जल सुरक्षा सुनिश्चितिकरण बांध परियोजना

चर्चा में क्यों?

  • 13 फरवरी, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटेर ने नूंह ज़िले के पथखोरी में जल सुरक्षा सुनिश्चितिकरण बांध परियोजना का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इसका उद्देश्य राज्य में अरावली और शिवालिक पहाड़ियों में झरनों के माध्यम से बहने वाले पानी को बांध बनाकर संरक्षित करना है, ताकि वर्षा जल का उपयोग वर्षा के बाद भी पूरे वर्ष पेयजल और सिंचाई के प्रयोजनों के लिये किया जा सके।
  • इस परियोजना से नूंह ज़िले के 9 गाँवों की पेयजल और सिंचाई की ज़रूरतें पूरी होंगी, जिसके अंतर्गत बांध के बनने से 224 हेक्टेयर मीटर पानी का संग्रहण हो सकेगा।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विकास संबंधी कई जानकारियाँ दीं।
    • दक्षिणी हरियाणा क्षेत्र में पानी की कमी को दूर करने के लिये 263 करोड़ रुपए से रेनी वेल योजना की शुरुआत की गई है।
    • 200 क्यूसेक क्षमता की मेवात नहर का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें केएमपी एक्सप्रेस-वे सहित यमुना नदी से पानी लिया जाएगा।
    • मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत किसानों को धान के स्थान पर वैकल्पिक फसल बोने के लिये 7,000 रुपए प्रति एकड़ दिया जा रहा है।

झारखंड Switch to English

एशियन वाटर बर्ड्स सेंसस 2022

चर्चा में क्यों?

  • 12 फरवरी, 2022 को लातेहार ज़िले के ललमटिया डैम में झारखंड वन विभाग द्वारा तथा खूंटी के कर्रा स्थित लतरातू डैम में वेटलैंड इंटरनेशनल की सहभागिता से झारखंड जैव विविधता पर्षद द्वारा एशियन वाटरबर्ड सेंसस 2022 के तहत एशियाई जल पक्षियों की गणना की गई।

प्रमुख बिंदु

  • गणना के दौरान कॉमन किंगफिशर, रेड नेप्ड आईबिस, ओपन बिल स्टॉर्क, कॉमन कॉन्मोरेंट आदि प्रजातियाँ पाई गईं।
  • गौरतलब है कि ठंड के मौसम में विभिन्न प्रजाति के प्रवासी पक्षी लातेहार ज़िला के जलाशयों को अपना आश्रय बनाते हैं।
  • इस अवसर पर लालमटिया डैम में बर्ड वाचिंग टावर बनाने तथा इको टूरिज्म को विकसित करने पर चर्चा की गई। साथ ही लालमटिया डैम के सौंदर्यीकरण कार्य का निरीक्षण एवं लालमटिया डैम में कैफेटेरिया निर्माण हेतु स्थल का अवलोकन किया गया।
  • लातेहार ज़िला अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिये प्रसिद्ध है जैसे कांती झरना, इंद्रा जल झरना आदि।

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