मध्य प्रदेश Switch to English
कोषालयों में आधार आधारित भुगतान करने वाला मध्य प्रदेश अग्रणी राज्य
चर्चा में क्यों?
13 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कोषालयों में आधार आधारित भुगतान के माध्यम से हितग्राहियों को भुगतान सुविधा देने वाली नयी व्यवस्था का शुभारंभ किया, जिससे प्रदेश देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है, जो यह सुविधा प्रदान करते हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि कोषालयों में लागू एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली को और ज्यादा सक्षम बनाने के लिये विगत कुछ समय से नए आयाम जोड़े जा रहे हैं। डिजिटल लेखा प्रेषण, बिल पारित करने में ई-साइन, आम नागरिक को कर/राजस्व का भुगतान करने के लिये ई-चालान में सभी भुगतान विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं। इससे न सिर्फ वित्तीय व्यवहार में आसानी हुई बल्कि वित्तीय अनुशासन लाने में भी सफलता मिली है।
- अब वित्तीय कार्य-प्रणाली को और सरल, सुदृढ़ एवं हितग्राही मूलक बनाने के उद्देश्य से आधार आधारित भुगतान की नयी व्यवस्था 16 जनवरी, 2023 से प्रदेश के सभी कोषालयों में लागू हो जाएगी। नयी व्यवस्था से दोहरे लाभ को चिन्हित कर रोका जा सकेगा। साथ ही असफल भुगतान में भी कमी आएगी।
- वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश की एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (IFMIS) के अंतर्गत सभी हितग्राहियों को वर्ष 2010 से उनके बैंक खाते में सीधे ई-भुगतान किया जा रहा है। समय की आवश्यकता और वित्तीय प्रबंध में आ रहे बदलावों को देखते हुए ई-भुगतान प्रणाली को प्रभावी बनाते हुए अब हितग्राहियों को बैंक खाते के साथ-साथ आधार आधारित भुगतान करना भी संभव हो गया है।
- वित्त मंत्री ने कहा कि अब प्रदेश में आधार आधारित भुगतान के साथ बैंक खाता आधारित ई भुगतान को सीधे भारतीय रिजर्व बैंक की ई-कुबेर प्रणाली से समस्त कोषालय में 16 जनवरी, 2023 से प्रारंभ किया जा रहा है।
- ई-कुबेर लागू होने से प्रदेश के समस्त ई-भुगतान तेजी से संबंधित हितग्राही के बैंक खाते में प्राप्त होंगे। यह प्रणाली सभी कार्य दिवस पर 24 घंटे उपलब्ध रहेगी।
- वित्त मंत्री ने बताया कि नयी प्रणाली को लागू करने से आँकड़ों का मिलान आसान हो जाएगा। पूर्व में बैंकों द्वारा प्राप्ति एवं भुगतान की जानकारी भौतिक रूप से कोषालय को दी जाती थी, जो भारतीय रिजर्व बैंक और महालेखाकार को भेजी जाती थी, जिसमें आँकड़ों की भिन्नता की कई समस्याएँ थीं। ई-कुबेर के आने से भारतीय रिजर्व बैंक से सीधे व्यवहार होंगे और वित्तीय लेन-देन के आँकड़ों के मिलान की समस्या समाप्त होगी।
- इस दिशा में आगे बढ़ते हुए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में प्रदेश के योगदान को और बढ़ाया जाएगा। वर्तमान एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (IFMIS) के स्थान पर आधुनिक तकनीकी नवाचारों को शामिल करते हुए फेसलेस, पेपरलेस, कांटेक्टलेस एवं कैशलेस वित्तीय व्यवहारों को लागू करने तथा यूजर फ्रेंडली सिस्टम विकसित करने के उद्देश्य से IFMIS Next Gen का विकास किया जा रहा है।
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8वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का ब्रोशर लाँच
चर्चा में क्यों?
13 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद मेपकास्ट में आठवें भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) के कर्टेन रेजर कार्यक्रम के तहत विज्ञान महोत्सव का ब्रोशर लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- आठवाँ विज्ञान महोत्सव भोपाल में 21 से 24 जनवरी तक मध्य प्रदेश में पहली बार आयोजित किया जाएगा। अब तक इस महोत्सव के सात आयोजन देश के विभिन्न शहरों में हो चुके हैं।
- भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में विज्ञान के क्षेत्र में हुई प्रगति पर आधारित एक विशेष प्रदर्शनी लगाई जाएगी। लगभग दो लाख स्क्वायर फीट की जगह पर लगने वाली प्रदर्शनी में इसरो, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, डीआरडीओ सहित विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने वाले भारत के 300 से अधिक संस्थानों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करेंगे।
- साथ ही 19 जनवरी, 2023 को रन फॉर साइंस का आयोजन होगा। विज्ञान के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से यह रन टी.टी. नगर स्टेडियम से शुरू होकर मैनिट परिसर पर समाप्त होगी।
- भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (INSA) के कार्यकारी निदेशक अरविंद रनाडे ने बताया कि भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव की शुरुआत वर्ष 2015 में आईआईटी दिल्ली से हुई थी। इस महोत्सव के दौरान स्टूडेंट्स साइंस विलेज कार्यक्रम भी होगा। साइंस विलेज में मध्य प्रदेश के विभिन्न दूरस्थ इलाकों के 1500 बच्चे शामिल होंगे, जो विज्ञान और इसके चमत्कार को करीब से देख सकेंगे। साथ ही वैज्ञानिक साइंस लिट्रेचर फेस्टिवल, स्टार्टअप हब जैसी गतिविधियाँ होंगी।
- जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सीनियर साइंटिस्ट संजय मिश्रा ने बताया कि यह महोत्सव कोई सेमिनार या कॉन्फ्रेंस नहीं है। यह एक ऐसा समारोह है, जिसमें स्कूल के स्टूडेंट्स से लेकर रिटायर्ड अधिकारी सहित देश के विशिष्ट वैज्ञानिक शामिल होंगे।
- उल्लेखनीय है कि यह विज्ञान के व्यापक प्रचार-प्रसार का आयोजन है। इस महोत्सव में 15 गतिविधियाँ जैसे- आर्टिजन टेक्नोलॉजी, विलेज वोकल फॉर लोकल, न्यू एज टेक्नोलॉजी शो, मेगा साइंस एंड टेक्नोलॉजी एग्जीबिशन, इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल, साइंस थ्रू गेम्स एंड टॉयज, स्टार्टअप कॉन्क्लेव होंगी। इनमें 10 हजार से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे।
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