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पूरक पोषण आहार, फोर्टिफाइड चावल और एथेनाल एवं पॉवर प्लांट लगाने के लिये निजी कंपनियों के साथ दो एमओयू पर हस्ताक्षर
चर्चा में क्यों?
13 जनवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा की उपस्थिति में उद्योग भवन रायपुर में छत्तीसगढ़ उद्योग विभाग ने पूरक पोषण आहार, फोर्टिफाइड चावल और एथेनाल एवं पॉवर प्लांट लगाने के लिये निजी कंपनियों के साथ दो एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ उद्योग विभाग एवं सुरुचि फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली के मध्य पूरक पोषण आहार तथा फोर्टिफाइड राइस के लिये अनुबंध हुआ, जिसमें कंपनी 7 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इस उद्योग से 800 लोगों को रोज़गार उपलब्ध होगा।
- छत्तीसगढ़ उद्योग विभाग एवं यूनिटी इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के मध्य एथेनाल एक्सट्रैक्शन फ्रॉम मेज बेस्ड कॉर्न स्टार्च एंड डैमेज राइस एवं पावर प्लांट के लिये अनुबंध हुआ, जिसमें कंपनी 183 करोड़ का निवेश करेगी। इस उद्योग से लगभग 120 लोगों को रोज़गार उपलब्ध होगा। इस प्रकार कुल 7 करोड़ रुपए के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए।
- पूरक पोषण आहार तथा फोर्टिफाइड राइस के लिये छत्तीसगढ़ उद्योग विभाग के सचिव भुवनेश यादव और सुरुचि फूड्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से संचालक हिमांशु गुप्ता ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये, वहीं एथेनाल एक्सट्रैक्शन फ्रॉम मेज बेस्ड कॉर्न स्टार्च एंड डैमेज राइस एवं पावर प्लांट के लिये छत्तीसगढ़ उद्योग विभाग के सचिव भुवनेश यादव और यूनिटी इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के संचालक बसंत कुमार अग्रवाल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
- इन समझौतों के होने से अब एथेनाल बनाने में चावल, गेहूँ, जौ, मक्का और ज्वार जैसे अनाजों का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
- गौरतलब है कि फोर्टिफाइड चावल पोषक एवं स्वास्थ्यवर्धक है। यह आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 से युक्त होता है। इसमें मौजूद आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 जैसे पोषक तत्त्व बड़ों एवं बच्चों में खून की कमी नहीं होने देते हैं तथा खून निर्माण एवं तंत्रिका तंत्र के सही ढंग से कार्य करने में सहायक होते हैं।
- उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 30 दिसंबर, 2021 को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक में एथेनाल उत्पादन के लिये अनाज आधारित भट्टियों की स्थापना करना और मौजूदा अनाज आधारित भटिेयों का विस्तार करने की योजना को मंजूरी दी गई थी। बैठक के बारे में जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि अनाज से एथेनॉल बनने पर लगभग 175 लाख मीट्रिक टन अनाज (चावल, गेंहूँ, जौ, मक्का और ज्वार) का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
- एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है लेकिन शर्करा वाली कई अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है। इससे खेती और पर्यावरण दोनों को फायदा होता है।
- इसके अलावा एथेनॉल का उपयोग वार्निश, पालिश, दवाओं के घोल तथा इनका निष्कर्ष, ईथर, क्लोरोफार्म, कृत्रिम रंग, पारदर्शक साबुन, इत्र तथा फल की सुगंधों का निष्कर्ष और अन्य रासायनिक यौगिक बनाने में होता है। पीने के लिये विभिन्न मदिराओं के रूप में, घावों को धोने में जीवाणुनाशक के रूप में तथा प्रयोगशाला में घोलक के रूप में इसका उपयोग होता है। पीने के औषधियों में यह डाला जाता है और मरे हुए जीवों को संरक्षित रखने में भी इसका उपयोग होता है।
- एथेनॉल दो विधियों से तैयार किया जाता है। इसमें पहली संश्लेषण विधि व दूसरी किण्वीकरण विधि है। संश्लेषण विधि-एथिलीन गैस को सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल में शोषित कराने से एथिल हाइड्रोजन सल्फेट बनता है जो जल के साथ उबालने पर जल अपघटित (हाइड्रोलाइज) होकर एथिल ऐल्कोहल देता है। इस विधि का प्रचलन अभी अधिक नहीं है।
- वहीं किण्वीकरण विधि के द्वारा किसी भी शक्करमय पदार्थ (गन्ने की शक्कर, ग्लूकोस, शोरा, महुए का फूल आदि) या स्टार्चमय पदार्थ (आलू, चावल, जौ, मकई आदि) से ऐल्कोहल व्यापारिक मात्रा में बनाते हैं।
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आकांक्षी ज़िला के सूचकांकों में कांकेर ज़िला को मिला देश में आठवाँ स्थान
चर्चा में क्यों?
13 जनवरी, 2023 को कांकेर ज़िला कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि नीति आयोग द्वारा जारी आकांक्षी ज़िला के सूचकांकों में कांकेर ज़िला ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए पूरे देश में आठवाँ स्थान प्राप्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि देश के 112 ज़िलों को आकांक्षी ज़िला घोषित किया गया है। इन ज़िलों में संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों जैसे- स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, बुनियादी ढाँचा, वित्तीय समावेशन एवं कौशल उन्नयन सहित विभिन्न 49 सूचकांकों पर नीति आयोग द्वारा समीक्षा की जाती है एवं उपलब्धियों पर रैंकिंग दी जाती है, जिसमें कांकेर ज़िला ने आठवाँ स्थान प्राप्त किया है।
- इसके साथ ही स्वास्थ्य एवं पोषण के सूचकांकों में कांकेर ज़िला ने छठवाँ रैंक प्राप्त किया है।
- कांकेर ज़िला कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने ज़िले के सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि शासन द्वारा संचालित सभी जन कल्याणकारी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन करते हुए ज़िलेवासियों को लाभान्वित किया जाए।
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