उत्तर प्रदेश Switch to English
प्रधानमंत्री ने वाराणसी में दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज - एमवी गंगा विलास को झंडी दिखाकर रवाना किया
चर्चा में क्यों?
13 जनवरी, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वाराणसी में दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज - एमवी गंगा विलास को झंडी दिखाकर रवाना किया और टेंट सिटी का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने 1000 करोड़ रुपए से अधिक की कई अन्य अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी से डिब्रूगढ़ तक के सबसे लंबे रिवर क्रूज विश्व पर्यटन मानचित्र पर उत्तर भारत के पर्यटन स्थलों को सामने लाएगा।
- साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि वाराणसी, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार और असम में समर्पित की जा रही एक हज़ार करोड़ रुपए की अन्य परियोजनाएँ पूर्वी भारत में पर्यटन और रोज़गार की सभावनाओं को बढ़ावा देंगी।
- रिवर क्रूज के अनुभव पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि इसमें सभी के लिये कुछ न कुछ खास है। आध्यात्मिकता में रुचि रखने वालों के लिये काशी, बोधगया, विक्रमशिला, पटना साहिब और माजुली जैसे गंतव्यों को कवर किया जाएगा।
- एक बहुराष्ट्रीय क्रूज अनुभव की तलाश करने वाले पर्यटकों को बांग्लादेश में ढाका से होकर जाने का अवसर मिलेगा तथा जो भारत की प्राकृतिक विविधता को देखना चाहते हैं उनके लिये यह सुंदरबन और असम के जंगलों से होकर गुज़रेगा।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि यह क्रूज 25 विभिन्न नदी धाराओं से होकर गुज़रेगा इसलिये उन लोगों के लिये इस क्रूज का विशेष महत्त्व है, जो भारत की नदी प्रणालियों को समझने में गहरी रुचि रखते हैं।
- एमवी गंगा विलास उत्तर प्रदेश के वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू करते हुए 51 दिनों में लगभग 3,200 किलोमीटर की यात्रा करके भारत और बांग्लादेश में 27 नदी प्रणालियों को पार करते हुए बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ तक पहुँचेगा।
- एमवी गंगा विलास में सभी लक्जरी सुविधाओं के साथ तीन डेक, 36 पर्यटकों की क्षमता वाले 18 सुइट्स हैं। पहली यात्रा में स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटक पूरी यात्रा के लिये जा रहे हैं।
- एमवी गंगा विलास क्रूज को दुनिया के सामने देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये डिजाइन किया गया है। विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों और बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों के लिये क्रूज की 51 दिनों की यात्रा की योजना बनाई गई है।
- यह यात्रा पर्यटकों को एक शानदार अनुभव देगी और भारत और बांग्लादेश की कला, संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता में शामिल होने का अवसर देगी।
- रिवर क्रूज टूरिज्म को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के प्रयास के अनुरूप, इस सेवा के लॉन्च के साथ रिवर क्रूज की विशाल अप्रयुक्त क्षमता का लाभ प्राप्त करना संभव हो जाएगा और यह भारत के लिये रिवर क्रूज टूरिज्म के एक नए युग का सूत्रपात करेगी।
- वाराणसी में टेंट सिटी क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं का दोहन करने के लिये गंगा नदी के तट पर टेंट सिटी की परिकल्पना की गई है। यह परियोजना शहर के घाटों के सामने विकसित की गई है जो विशेष रूप से काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन के बाद से वाराणसी में रहने की सुविधा प्रदान करेगी और पर्यटकों की बढ़ती संख्या की ज़रूरत को पूरा करेगी।
- इसे सार्वजनिक निजी भागीदारी के प्रारूप में वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित किया गया है। पर्यटक आसपास के विभिन्न घाटों से नावों द्वारा टेंट सिटी पहुंचेंगे। टेंट सिटी हर साल अक्टूबर से जून तक जारी रहेगी और बारिश के मौसम में नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण तीन महीने के लिये हटा दी जाएगी।
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में हल्दिया मल्टी मॉडल टर्मिनल का उद्घाटन किया। जलमार्ग विकास परियोजना के तहत विकसित, हल्दिया मल्टी मॉडल टर्मिनल की कार्गो हैंडलिंग क्षमता लगभग 3 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) है और बर्थ को लगभग 3000 डेडवेट टन (डीडब्ल्यूटी) तक के जहाजों को सँभालने के लिये डिजाइन किया गया है।
- प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के गाजीपुर ज़िले के सैदपुर, चोचकपुर, जमानिया और बलिया ज़िले के कंसपुर में चार फ्लोटिंग कम्युनिटी जेटी का भी उद्घाटन किया। इसके अलावा प्रधानमंत्री द्वारा बिहार में पटना ज़िले के दीघा, नकटा दियारा, बाढ़, पानापुर और बिहार के समस्तीपुर ज़िले के हसनपुर में पाँच सामुदायिक घाटों की आधारशिला रखी गई।
- आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और क्षेत्र में स्थानीय समुदायों की आजीविका में सुधार के लिये उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों में गंगा नदी के किनारे 60 से अधिक सामुदायिक घाटों का निर्माण किया जा रहा है। छोटे किसानों, मत्स्य इकाइयों, असंगठित कृषि उत्पादक इकाइयों, बागवानों, फूलों की खेती करने वालों और गंगा नदी के भीतरी इलाकों में आर्थिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने वाले कारीगरों के लिये सरल लॉजिस्टिक समाधान प्रदान करके सामुदायिक जेटी लोगों की आजीविका में सुधार लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
- प्रधानमंत्री ने गुवाहाटी में पूर्वोत्तर के लिये समुद्री कौशल विकास केंद्र का भी उद्घाटन किया। यह उत्तर पूर्वी क्षेत्र में समृद्ध प्रतिभा पूल को तराशने में मदद करेगा और तेजी से बढ़ते लॉजिस्टिक उद्योग में रोज़गार के बेहतर अवसर प्रदान करेगा।
- इनके अलावा प्रधानमंत्री ने गुवाहाटी में पांडु टर्मिनल में एक जहाज मरम्मत सुविधा और एक एलिवेटेड रोड की आधारशिला भी रखी। पांडु टर्मिनल पर शिप रिपेयर सुविधा से कीमती समय की बचत होगी।
बिहार Switch to English
पीके शाही बने बिहार के नये महाधिवक्ता
चर्चा में क्यों?
13 जनवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार सरकार ने राज्य के पूर्व मंत्री और पटना उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत कुमार शाही को राज्य का नया महाधिवक्ता नियुक्त किया है। इनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि प्रशांत कुमार शाही पूर्व अधिवक्ता ललित किशोर का स्थान लेंगे। ललित किशोर की पटना हाईकोर्ट में 21वें महाधिवक्ता के रूप में नियुक्ति 31 जुलाई, 2017 को हुई थी।
- एडवोकेट प्रशांत कुमार शाही पूर्व में भी बिहार के महाधिवक्ता रह चुके है। वर्ष 2005 से 2010 तक वे राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल रहे। इन्हें नीतीश कुमार की सरकार में शिक्षा मंत्री भी बनाया गया था। मंत्री पद से हटने के बाद वे फिर से पटना हाईकोर्ट में वकालत करने लगे।
राजस्थान Switch to English
अंधता नियंत्रण के लिये पॉलिसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना राजस्थान
चर्चा में क्यों?
13 जनवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश में निरोगी राजस्थान की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक अभिनव पहल करते हुए देश में पहली बार ‘राइट टू साइट विजन’ के उद्देश्य के साथ अंधता नियंत्रण पॉलिसी लागू की गई है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा अंधता निवारण के लिये पॉलिसी का डॉक्यूमेंट जारी किया गया है। राज्य में तीन लाख से अधिक दृष्टिबाधिता से पीड़ित लोगों के जीवन में रोशनी लाने के उद्देश्य से इस पॉलिसी को लाया गया है।
- उल्लेखनीय है कि देश में वर्ष 2020 में अंधता प्रसार दर 1 प्रतिशत थी, जिसे ‘राइट टू साइट विजन’ पॉलिसी के द्वारा 0.3 प्रतिशत तक लाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
- राज्य सरकार की अंधता नियंत्रण पॉलिसी के तहत सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अनिवार्य रूप से केराटोप्लास्टी सेंटर और आई बैंक संचालित किये जाएंगे। इस पॉलिसी के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले निजी संगठनों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा एकत्रित कॉर्निया को प्राथमिकता से सरकारी संस्थानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि प्रदेश के ज़िलों में इस क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं, ट्रस्ट, अस्पतालों एवं अन्य चैरिटेबल संस्थाओं के साथ मिलकर प्रयास किये जाएंगे।
- राज्य सरकार द्वारा निजी संस्थाओं को साथ लेकर व्यापक स्तर पर नेत्रदान के लिये मुहीम चलाई जाएगी। नेत्र विशेषज्ञ, नेत्र सर्जन, स्नातकोत्तर के विद्यार्थी, नेत्रदान के लिये कार्यरत काउंसलर्स एवं नेत्र सहायक आदि को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी ने बताया कि इस पॉलिसी के तहत अंधता नियंत्रण संबंधी जन-जागरुकता और विभिन्न तकनीकी सुधार गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी।
मध्य प्रदेश Switch to English
कोषालयों में आधार आधारित भुगतान करने वाला मध्य प्रदेश अग्रणी राज्य
चर्चा में क्यों?
13 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कोषालयों में आधार आधारित भुगतान के माध्यम से हितग्राहियों को भुगतान सुविधा देने वाली नयी व्यवस्था का शुभारंभ किया, जिससे प्रदेश देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है, जो यह सुविधा प्रदान करते हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि कोषालयों में लागू एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली को और ज्यादा सक्षम बनाने के लिये विगत कुछ समय से नए आयाम जोड़े जा रहे हैं। डिजिटल लेखा प्रेषण, बिल पारित करने में ई-साइन, आम नागरिक को कर/राजस्व का भुगतान करने के लिये ई-चालान में सभी भुगतान विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं। इससे न सिर्फ वित्तीय व्यवहार में आसानी हुई बल्कि वित्तीय अनुशासन लाने में भी सफलता मिली है।
- अब वित्तीय कार्य-प्रणाली को और सरल, सुदृढ़ एवं हितग्राही मूलक बनाने के उद्देश्य से आधार आधारित भुगतान की नयी व्यवस्था 16 जनवरी, 2023 से प्रदेश के सभी कोषालयों में लागू हो जाएगी। नयी व्यवस्था से दोहरे लाभ को चिन्हित कर रोका जा सकेगा। साथ ही असफल भुगतान में भी कमी आएगी।
- वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश की एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (IFMIS) के अंतर्गत सभी हितग्राहियों को वर्ष 2010 से उनके बैंक खाते में सीधे ई-भुगतान किया जा रहा है। समय की आवश्यकता और वित्तीय प्रबंध में आ रहे बदलावों को देखते हुए ई-भुगतान प्रणाली को प्रभावी बनाते हुए अब हितग्राहियों को बैंक खाते के साथ-साथ आधार आधारित भुगतान करना भी संभव हो गया है।
- वित्त मंत्री ने कहा कि अब प्रदेश में आधार आधारित भुगतान के साथ बैंक खाता आधारित ई भुगतान को सीधे भारतीय रिजर्व बैंक की ई-कुबेर प्रणाली से समस्त कोषालय में 16 जनवरी, 2023 से प्रारंभ किया जा रहा है।
- ई-कुबेर लागू होने से प्रदेश के समस्त ई-भुगतान तेजी से संबंधित हितग्राही के बैंक खाते में प्राप्त होंगे। यह प्रणाली सभी कार्य दिवस पर 24 घंटे उपलब्ध रहेगी।
- वित्त मंत्री ने बताया कि नयी प्रणाली को लागू करने से आँकड़ों का मिलान आसान हो जाएगा। पूर्व में बैंकों द्वारा प्राप्ति एवं भुगतान की जानकारी भौतिक रूप से कोषालय को दी जाती थी, जो भारतीय रिजर्व बैंक और महालेखाकार को भेजी जाती थी, जिसमें आँकड़ों की भिन्नता की कई समस्याएँ थीं। ई-कुबेर के आने से भारतीय रिजर्व बैंक से सीधे व्यवहार होंगे और वित्तीय लेन-देन के आँकड़ों के मिलान की समस्या समाप्त होगी।
- इस दिशा में आगे बढ़ते हुए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में प्रदेश के योगदान को और बढ़ाया जाएगा। वर्तमान एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (IFMIS) के स्थान पर आधुनिक तकनीकी नवाचारों को शामिल करते हुए फेसलेस, पेपरलेस, कांटेक्टलेस एवं कैशलेस वित्तीय व्यवहारों को लागू करने तथा यूजर फ्रेंडली सिस्टम विकसित करने के उद्देश्य से IFMIS Next Gen का विकास किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश Switch to English
8वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का ब्रोशर लाँच
चर्चा में क्यों?
13 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद मेपकास्ट में आठवें भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) के कर्टेन रेजर कार्यक्रम के तहत विज्ञान महोत्सव का ब्रोशर लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- आठवाँ विज्ञान महोत्सव भोपाल में 21 से 24 जनवरी तक मध्य प्रदेश में पहली बार आयोजित किया जाएगा। अब तक इस महोत्सव के सात आयोजन देश के विभिन्न शहरों में हो चुके हैं।
- भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में विज्ञान के क्षेत्र में हुई प्रगति पर आधारित एक विशेष प्रदर्शनी लगाई जाएगी। लगभग दो लाख स्क्वायर फीट की जगह पर लगने वाली प्रदर्शनी में इसरो, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, डीआरडीओ सहित विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने वाले भारत के 300 से अधिक संस्थानों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करेंगे।
- साथ ही 19 जनवरी, 2023 को रन फॉर साइंस का आयोजन होगा। विज्ञान के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से यह रन टी.टी. नगर स्टेडियम से शुरू होकर मैनिट परिसर पर समाप्त होगी।
- भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (INSA) के कार्यकारी निदेशक अरविंद रनाडे ने बताया कि भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव की शुरुआत वर्ष 2015 में आईआईटी दिल्ली से हुई थी। इस महोत्सव के दौरान स्टूडेंट्स साइंस विलेज कार्यक्रम भी होगा। साइंस विलेज में मध्य प्रदेश के विभिन्न दूरस्थ इलाकों के 1500 बच्चे शामिल होंगे, जो विज्ञान और इसके चमत्कार को करीब से देख सकेंगे। साथ ही वैज्ञानिक साइंस लिट्रेचर फेस्टिवल, स्टार्टअप हब जैसी गतिविधियाँ होंगी।
- जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सीनियर साइंटिस्ट संजय मिश्रा ने बताया कि यह महोत्सव कोई सेमिनार या कॉन्फ्रेंस नहीं है। यह एक ऐसा समारोह है, जिसमें स्कूल के स्टूडेंट्स से लेकर रिटायर्ड अधिकारी सहित देश के विशिष्ट वैज्ञानिक शामिल होंगे।
- उल्लेखनीय है कि यह विज्ञान के व्यापक प्रचार-प्रसार का आयोजन है। इस महोत्सव में 15 गतिविधियाँ जैसे- आर्टिजन टेक्नोलॉजी, विलेज वोकल फॉर लोकल, न्यू एज टेक्नोलॉजी शो, मेगा साइंस एंड टेक्नोलॉजी एग्जीबिशन, इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल, साइंस थ्रू गेम्स एंड टॉयज, स्टार्टअप कॉन्क्लेव होंगी। इनमें 10 हजार से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा में महाराष्ट्र की तर्ज पर काम करेगी यातायात पुलिस
चर्चा में क्यों?
13 जनवरी, 2023 को हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने बताया कि राज्य सरकार राज्य में सड़क दुर्घटनाएँ रोकने के लिये महाराष्ट्र की तर्ज पर पुलिस प्रणाली लागू करने की तैयारी कर रही है, इसलिये राज्य में यातायात पुलिस की व्यवस्था बदली जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि राज्य में आईजी ट्रैफिक ने महाराष्ट्र की तर्ज पर एसपी स्तर के अधिकारियों की यातायात पुलिस में तैनाती करने का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा है। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर सड़क दुर्घटनाएँ रोकने के लिये महाराष्ट्र की तर्ज पर पुलिस प्रणाली लागू करने की सिफारिश की थी।
- गृह मंत्री अनिल विज ने बताया कि वर्तमान में हरियाणा की यातायात व्यवस्था बहुत ढीली चल रही है। राज्य सरकार ने आईजी ट्रैफिक का पद तो बना दिया लेकिन आईजी ट्रैफिक के पास शक्तियाँ न के बराबर हैं। आईजी एक एसएचओ का तबादला भी नहीं कर सकते। एसएचओ और डीएसपी ज़िले में पुलिस अधीक्षकों के अधीन आते हैं। पुलिस अधीक्षकों के माध्यम से ही आईजी को निर्देश देने पड़ते हैं।
- उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था को लेकर जो खाका तैयार किया गया है उसके तहत आईजी ट्रैफिक इंचार्ज होगा। पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को यातायात पुलिस में लगाया जाएगा। एक एसपी के अंतर्गत चार या पाँच ज़िले रहेंगे। ज़िलों में ट्रैफिक डीएसपी कार्यरत होंगे। इन डीएसपी के अधीन एसएचओ ट्रैफिक होगा।
- विदित है कि हरियाणा में बीते वर्ष 2022 में 9951 सड़क दुर्घटनाओं में 4516 व्यक्तियों की जान गई और 8447 व्यक्ति घायल हुए हैं। परिवहन विभाग ने 2023 में 20 फीसदी दुर्घटनाएँ कम करने का लक्ष्य रखा है।
- दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये परिवहन विभाग सभी ज़िलों के लिये रोड सेफ्टी एसोसिएट्स अनुबंध आधार पर नियुक्त करेगा। राज्य सरकार ने सड़कों पर मार्किंग करने के निर्देश दिये हैं। ट्रैक्टर ट्राली आदि वाहनों पर रिफ्लेक्टर और लावारिस पशुओं की सींगों पर रिफ्लेक्टिव टेप जल्द से जल्द लगाने को कहा गया है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
पूरक पोषण आहार, फोर्टिफाइड चावल और एथेनाल एवं पॉवर प्लांट लगाने के लिये निजी कंपनियों के साथ दो एमओयू पर हस्ताक्षर
चर्चा में क्यों?
13 जनवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा की उपस्थिति में उद्योग भवन रायपुर में छत्तीसगढ़ उद्योग विभाग ने पूरक पोषण आहार, फोर्टिफाइड चावल और एथेनाल एवं पॉवर प्लांट लगाने के लिये निजी कंपनियों के साथ दो एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ उद्योग विभाग एवं सुरुचि फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली के मध्य पूरक पोषण आहार तथा फोर्टिफाइड राइस के लिये अनुबंध हुआ, जिसमें कंपनी 7 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इस उद्योग से 800 लोगों को रोज़गार उपलब्ध होगा।
- छत्तीसगढ़ उद्योग विभाग एवं यूनिटी इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के मध्य एथेनाल एक्सट्रैक्शन फ्रॉम मेज बेस्ड कॉर्न स्टार्च एंड डैमेज राइस एवं पावर प्लांट के लिये अनुबंध हुआ, जिसमें कंपनी 183 करोड़ का निवेश करेगी। इस उद्योग से लगभग 120 लोगों को रोज़गार उपलब्ध होगा। इस प्रकार कुल 7 करोड़ रुपए के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए।
- पूरक पोषण आहार तथा फोर्टिफाइड राइस के लिये छत्तीसगढ़ उद्योग विभाग के सचिव भुवनेश यादव और सुरुचि फूड्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से संचालक हिमांशु गुप्ता ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये, वहीं एथेनाल एक्सट्रैक्शन फ्रॉम मेज बेस्ड कॉर्न स्टार्च एंड डैमेज राइस एवं पावर प्लांट के लिये छत्तीसगढ़ उद्योग विभाग के सचिव भुवनेश यादव और यूनिटी इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के संचालक बसंत कुमार अग्रवाल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
- इन समझौतों के होने से अब एथेनाल बनाने में चावल, गेहूँ, जौ, मक्का और ज्वार जैसे अनाजों का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
- गौरतलब है कि फोर्टिफाइड चावल पोषक एवं स्वास्थ्यवर्धक है। यह आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 से युक्त होता है। इसमें मौजूद आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 जैसे पोषक तत्त्व बड़ों एवं बच्चों में खून की कमी नहीं होने देते हैं तथा खून निर्माण एवं तंत्रिका तंत्र के सही ढंग से कार्य करने में सहायक होते हैं।
- उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 30 दिसंबर, 2021 को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक में एथेनाल उत्पादन के लिये अनाज आधारित भट्टियों की स्थापना करना और मौजूदा अनाज आधारित भटिेयों का विस्तार करने की योजना को मंजूरी दी गई थी। बैठक के बारे में जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि अनाज से एथेनॉल बनने पर लगभग 175 लाख मीट्रिक टन अनाज (चावल, गेंहूँ, जौ, मक्का और ज्वार) का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
- एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है लेकिन शर्करा वाली कई अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है। इससे खेती और पर्यावरण दोनों को फायदा होता है।
- इसके अलावा एथेनॉल का उपयोग वार्निश, पालिश, दवाओं के घोल तथा इनका निष्कर्ष, ईथर, क्लोरोफार्म, कृत्रिम रंग, पारदर्शक साबुन, इत्र तथा फल की सुगंधों का निष्कर्ष और अन्य रासायनिक यौगिक बनाने में होता है। पीने के लिये विभिन्न मदिराओं के रूप में, घावों को धोने में जीवाणुनाशक के रूप में तथा प्रयोगशाला में घोलक के रूप में इसका उपयोग होता है। पीने के औषधियों में यह डाला जाता है और मरे हुए जीवों को संरक्षित रखने में भी इसका उपयोग होता है।
- एथेनॉल दो विधियों से तैयार किया जाता है। इसमें पहली संश्लेषण विधि व दूसरी किण्वीकरण विधि है। संश्लेषण विधि-एथिलीन गैस को सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल में शोषित कराने से एथिल हाइड्रोजन सल्फेट बनता है जो जल के साथ उबालने पर जल अपघटित (हाइड्रोलाइज) होकर एथिल ऐल्कोहल देता है। इस विधि का प्रचलन अभी अधिक नहीं है।
- वहीं किण्वीकरण विधि के द्वारा किसी भी शक्करमय पदार्थ (गन्ने की शक्कर, ग्लूकोस, शोरा, महुए का फूल आदि) या स्टार्चमय पदार्थ (आलू, चावल, जौ, मकई आदि) से ऐल्कोहल व्यापारिक मात्रा में बनाते हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
आकांक्षी ज़िला के सूचकांकों में कांकेर ज़िला को मिला देश में आठवाँ स्थान
चर्चा में क्यों?
13 जनवरी, 2023 को कांकेर ज़िला कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि नीति आयोग द्वारा जारी आकांक्षी ज़िला के सूचकांकों में कांकेर ज़िला ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए पूरे देश में आठवाँ स्थान प्राप्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि देश के 112 ज़िलों को आकांक्षी ज़िला घोषित किया गया है। इन ज़िलों में संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों जैसे- स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, बुनियादी ढाँचा, वित्तीय समावेशन एवं कौशल उन्नयन सहित विभिन्न 49 सूचकांकों पर नीति आयोग द्वारा समीक्षा की जाती है एवं उपलब्धियों पर रैंकिंग दी जाती है, जिसमें कांकेर ज़िला ने आठवाँ स्थान प्राप्त किया है।
- इसके साथ ही स्वास्थ्य एवं पोषण के सूचकांकों में कांकेर ज़िला ने छठवाँ रैंक प्राप्त किया है।
- कांकेर ज़िला कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने ज़िले के सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि शासन द्वारा संचालित सभी जन कल्याणकारी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन करते हुए ज़िलेवासियों को लाभान्वित किया जाए।
उत्तराखंड Switch to English
ग्रामीण उत्तराखंड उद्यमिता समिट-2023 - ‘गुल्लक’
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में उत्तराखंड उद्यमिता समिट-2023 ‘गुल्लक’का शुभारंभ किया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के व्यवसायियों को विभिन्न क्षेत्रों में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि ग्रामीण उद्यमियों हेतु आयोजित ‘गुल्लक’ नामक यह कार्यक्रम, देशभर में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है, जिसमें निवेशक ग्रामीण उद्यमियों के साथ सीधे संवाद कर उनके उद्यमों में निवेश कर सकेंगे।
- उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता विकास को गति प्रदान करने के लिये राज्य सरकार द्वारा विगत वर्ष ‘रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर्स’की स्थापना जनपद अल्मोड़ा के हवालबाग में और जनपद पौड़ी के कोटद्वार में की गई। वर्तमान में इन ‘रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर्स’ के माध्यम से ग्रामीण उद्यमियों को विभिन्न प्रकार की सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं।
- इनक्यूबेटर्स के अच्छे परिणामों को देखते हुए इस योजना को हब एवं स्पॉक मॉडल के अंर्तगत राज्य के अन्य 11 जनपदों में क्रियाशील किये जाने हेतु ‘रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर’ के स्पॉक स्थापित किये जाएंगे। इन इनक्यूबेटर्स के माध्यम से उद्यमियों को नए अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्रामीण उद्यमिता के विकास से राज्य के युवा स्वरोज़गार से जुड़ेंगे तथा नौकरी पाने के बजाय नौकरी देने वाले बनेंगे। ग्रामीण उद्यमियों के उत्पादों के विपणन की बेहतर व्यवस्था पर ध्यान दिया जाएगा।
- उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन की समस्या से निजात पाने के लिये विशेष रूप से कार्य कर रही है। राज्य के नागरिकों को अपने स्थान पर रहकर ही स्वरोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु सरकार द्वारा राज्य के सुदूर क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की केंद्र पोषित, राज्य पोषित और वाह्य सहायतित स्वरोज़गार-परक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले व्यवसाय में महिलाओं की सहभागिता अधिक रहती है, इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार स्वरोजगार के क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिये विशेष रूप से प्रयास कर रही है तथा 25 लाख बहनों को लखपति दीदी बनाने की योजना बनाई है, उन्हें भी उद्यमिता से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि भारत सरकार के निर्देशन में आगामी एक माह तक ‘मिशन अंत्योदय सर्वे’ मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित हुआ है। इस सर्वे में सामुदायिक काडर की महिलाओं द्वारा आर्थिक विकास, गाँवों की आधारभूत संरचना, सेवाओं और सामाजिक न्याय से संबंधित विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
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