बिहार Switch to English
राज्यपाल ने बिहार नगरपालिका संशोधन अध्यादेश को मंज़ूरी दी
चर्चा में क्यों?
13 जनवरी, 2022 को बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश, 2022 को मंज़ूरी दे दी अध्यादेश अधिसूचित कर नगर निकायों में महापौर-उपमहापौर या अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के निर्वाचन की नई प्रणाली लागू की गई है।
प्रमुख बिंदु
- बिहार सरकार ने नगरपालिका अध्यादेश में संशोधन करते हुए प्रावधान किया है कि बिहार के प्रत्येक शहर की सरकार के प्रमुख एवं उप प्रमुख वहाँ के नगर निकाय की सीमा में रहने वाले मतदाताओं के वोट से निर्वाचित होंगे।
- बिहार के सभी 19 नगर निगमों के महापौर-उपमहापौर तथा 89 परिषदों और 155 नगर पंचायतों के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिये इस प्रणाली को लागू किया गया है।
- बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश, 2022 की गजट अधिसूचना जारी होने के साथ ही नगर निकायों में महापौर-उपमहापौर या अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के निर्वाचन की पुरानी प्रणाली समाप्त हो गई है।
- उल्लेखनीय है कि अब तक नगर निकायों में महापौर-उपमहापौर वार्ड पार्षदों के बीच से ही चुने जाते थे। वार्ड पार्षदों के बहुमत से ही उन्हें हटाए जाने की व्यवस्था थी, लेकिन अब इन पदों पर बैठे व्यक्ति की मृत्यु, पदत्याग या बर्खास्तगी की स्थिति में बची हुई अवधि के लिये जनता के बीच से निर्वाचित व्यक्ति ही इन पदों को ग्रहण करेंगे।
- वार्ड पार्षद महापौर-उपमहापौर या अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें बहुमत के आधार पर पद से हटा भी नहीं सकेंगे।
- राज्य सरकार विधानसभा के अगले सत्र में बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश, 2022 को बिहार नगरपालिका (संशोधन) विधेयक के रूप में पेश करेगी, जो पारित होने के बाद बिहार नगरपालिका (संशोधन) अधिनियम, 2022 कहा जाएगा।
- नगर निकायों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चयन जनता के प्रत्यक्ष निर्वाचन की रीति से कराने के लिये बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 की धारा 23 और धारा 25 में संशोधन किया गया है। दोनों धाराओं में महापौर-उपमहापौर या अध्यक्ष-उपाध्यक्ष को मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद के पदनाम से सूचित किया गया है।
- धारा 23 की तीन उपधाराओं के माध्यम से मुख्य पार्षद और उपमुख्य पार्षद के आम निर्वाचन तथा वैकल्पिक परिस्थितियों में निर्वाचन की व्यवस्था दी गई है। इसी तरह धारा 25 की तीन उपधाराओं में संशोधन के माध्यम से दोनों पदों से बर्खास्तगी या पदत्याग की व्यवस्था दी गई है।
- ज्ञातव्य है कि बिहार में सभी 263 नगर निकायों के चुनाव अप्रैल से जून के बीच प्रस्तावित हैं।
- शहरी निकाय के जनप्रतिनिधियों को प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा चुने जाने से जनता के प्रति उनकी जवाबदेही सुनिश्चित होगी एवं शहरों के विकास हेतु चलाई जा रही महत्त्वाकांक्षी योजना और परियोजनाओं में गति आएगी।
राजस्थान Switch to English
‘अंगदान-महादान’संदेश लिखी पतंगों का विमोचन
चर्चा में क्यों?
13 जनवरी, 2022 को राजस्थान के परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग आयुक्त महेंद्र सोनी ने ‘अंगदान-महादान’संदेश लिखी पतंगों का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- अंगदान जागरूकता का संदेश देती ये पतंगें मोहन फाउंडेशन, जयपुर सिटीजन फोरम द्वारा तैयार की गई हैं। ये पतंगें मकर संक्रांति पर्व पर आसमां में चढ़ने के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी करेंगी।
- महेंद्र सोनी ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस के ज़रिये अंगदान की सहमति देने वालों के लाइसेंस पर ‘हार्ट का साइन’और ‘ऑर्गन डोनर’अंकित किया जाता है। इससे मृत्यु उपरांत परिजनों की सहमति से अंगदान की प्रक्रिया आसान हो जाती है।
- प्रदेशवासी ड्राइविंग लाइसेंस के साथ-साथ अन्य माध्यमों के जरिये भी अंगदान करने की सहमति प्रदान कर अपने जीवन को अनमोल बनाएँ।
- इस अवसर पर मोहन फाउंडेशन, जयपुर सिटीजन फोरम की संयोजिका भावना जगवानी ने कहा कि एक व्यक्ति के अंगदान से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। हर व्यक्ति को अंगदान जागरूकता के अभियान में जुड़कर मानवीय ज़िम्मेदारी निभानी चाहिये।
- उल्लेखनीय है कि परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस के ज़रिये अंगदान की सहमति देने की पहल के तहत 1 सितंबर, 2020 से लेकर 12 जनवरी, 2022 तक 2.25 लाख से अधिक स्थाई लाइसेंसधारियों द्वारा अंगदान की सहमति दी जा चुकी है।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश वैक्सीनेशन और उपचार प्रबंधन में अन्य राज्यों से आगे
चर्चा में क्यों?
13 जनवरी, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के मध्यम से राज्यों की कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के संक्रमण और उसके प्रबंधन के संबंध में ली गई समीक्षा बैठक में भागीदारी की।
प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्यों से चर्चा के पहले बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी दी कि मध्य प्रदेश किशोर वर्ग के लिये 3 जनवरी से प्रारंभ वैक्सीनेशन के कार्य में अच्छी स्थिति में है।
- मध्य प्रदेश में 15 से 18 वर्ष के किशोरों के टीकाकरण कार्य में पात्र किशोरों में से 72.2 प्रतिशत को वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। प्रिकॉशन डोज 1 लाख 80 हज़ार से अधिक लोगों को लगाई गई है। इस श्रेणी में लगभग 30 प्रतिशत पात्र आबादी को टीके लगाए जा चुके हैं।
- गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में वैक्सीनेशन कार्य के लिये जन-भागीदारी के मॉडल का उपयोग करते हुए सभी का सहयोग लेकर 11 विशिष्ट वैक्सीनेशन महाअभियान संचालित किये गए हैं। अभी तक प्रदेश में 96 प्रतिशत प्रथम डोज तथा 92 प्रतिशत द्वितीय डोज के पात्र लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
- इसी प्रकार 15-18 वर्ष आयु वर्ग में और गर्भवती माताओं के टीकाकरण में भारत में सर्वाधिक टीके लगाने वाला मध्य प्रदेश अग्रणी राज्य है।
- इसी तरह केंद्रीय राशि के व्यय में भी मध्य प्रदेश का कार्य अच्छा है। विशेष रूप से प्रदेश में कोविड से बचाव के लिये अस्पतालों में सामान्य बेड, ऑक्सीजन बेड, एचडीयू और आईसीयू बेड, ऑक्सीजन संयंत्र, औषधियों की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया गया है।
- भारत सरकार द्वारा 437 करोड़ 17 लाख रुपए केंद्र अंश के रूप में जारी किये गए। इनमें राज्य अंश 291 करोड़ 44 लाख रुपए मध्य प्रदेश शासन ने जारी किये। केंद्र और राज्य का अंश सम्मिलित करते हए कुल 728 करोड़ 61 लाख रुपए की उपलब्ध राशि के मुकाबले राज्य ने 398 करोड़ 33 लाख रुपए का व्यय किया है। व्यय प्रगति में राष्ट्रीय स्तर पर मध्य प्रदेश प्रथम पाँच राज्यों में शामिल है।
- उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर इस वर्ष प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन शुरू किया गया है। इसमें डिस्ट्रिक्ट इन्टीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब, ज़िला अस्पतालों तथा चिकित्सा महाविद्यालयों में 50 बिस्तरीय क्रिटिकल ब्लॉक बनाए जा रहे हैं। वर्ष 2021-22 के लिये भारत सरकार ने इस मद में 126 करोड़ 25 लाख रुपए की मंज़ूरी दी है।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेजेंटेशन में बताया गया कि देश में 92 प्रतिशत लोग प्रथम डोज लगवा चुके हैं। इसी तरह लगभग 70 प्रतिशत पात्र नागरिक दूसरी डोज लगवा चुके हैं। देश में 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के 3 करोड़ किशोरों को वैक्सीनेट किया जा चुका है। कुल 1 अरब 54 करोड़ 61 लाख वैक्सीन डोज लग चुकी हैं।
हरियाणा Switch to English
दीक्षा डागर, यश घणघस टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना में शामिल
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा हरियाणा की गोल्फर दीक्षा डागर और जुडोका यश घणघस को क्रमश: कोर एवं डेवलपमेंट ग्रुप में टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टीओपीएस) में शामिल किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- 21 वर्षीया बायें हाथ की खिलाड़ी दीक्षा डागर हरियाणा के झज्जर की रहने वाली हैं। डागर 2017 ग्रीष्मकालीन डिफ्लिम्पिक्स में रजत पदक विजेता हैं और पिछले साल ओलंपिक खेलों में 50वें स्थान पर रहीं।
- केंद्रीय खेल मंत्रालय मुख्य रूप से प्रत्येक राष्ट्रीय खेल महासंघ के प्रशिक्षण तथा प्रतियोगिता के वार्षिक कैलेंडर (एसीटीसी) के तहत उत्कृष्ट एथलीटों का समर्थन करता है।
- टीओपीएस उन क्षेत्रों में एथलीटों को सहायता प्रदान करता है, जो एसीटीसी के अंतर्गत नहीं आते हैं तथा एथलीटों की अप्रत्याशित ज़रूरतों को पूरा करते हैं, क्योंकि वे ओलंपिक एवं पैरालंपिक खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने की तैयारी करते हैं।
- वहीं खेल मंत्रालय के मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) ने पहलवानों- बजरंग पुनिया तथा सुनील कुमार को विदेशी प्रदर्शन प्रशिक्षण के लिये वित्तीय सहायता को मंज़ूरी दे दी है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
राज्य वीरता पुरस्कार के लिये अमन व शौर्य का चयन
चर्चा में क्यों?
12 जनवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद ने राज्य वीरता पुरस्कार की घोषणा की। इस वर्ष यह पुरस्कार धमतरी ज़िले के शौर्य प्रताप चंद्राकर व कोरबा के अमन ज्योति जाहिरे को प्रदान किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया की अध्यक्षता में ज्यूरी समिति ने यह निर्णय लिया है।
- यह पुरस्कार राजधानी रायपुर में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में महामहिम राज्यपाल अनुसुईया उइके द्वारा प्रदान किया जाएगा।
- इन बच्चों को पुरस्कार में 15-15 हज़ार रुपए की नगद राशि, प्रशस्ति-पत्र और चांदी का मेडल दिया जाएगा।
- गौरतलब है कि शौर्य प्रताप चंद्राकर ने 13 जून, 2021 को खेत में काम कर रहे लोगों को बिजली के करंट से बचाया था वहीं अमन ज्योति जाहिर ने अगस्त, 2021 में पानी के तेज बहाव में कूदकर अपने दोस्त आशीष की जान बचाई थी।
उत्तराखंड Switch to English
दून स्कूल के छात्र आराध्य ‘भौतिकी विश्व कप’में करेंगे देश का प्रतिनिधित्व
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड के देहरादून के प्रसिद्ध दून स्कूल के कक्षा नौ के छात्र आराध्य जैन का चयन 35वें अंतर्राष्ट्रीय भौतिक विज्ञान टूर्नामेंट (आईवाईपीटी 2022) के लिये पाँच सदस्यीय भारतीय टीम में हुआ है। वह रोमानिया के टिमिसोआरा में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि भौतिकी विश्व कप के नाम से यह स्पर्धा प्रसिद्ध है। यह स्कूली छात्रों की टीमों के बीच होने वाली वैज्ञानिक प्रतियोगिता है।
- टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व करने वाले पाँच छात्रों का चयन इंडिया युवा भौतिक विज्ञान टूर्नामेंट (आईएनवाईपीटी) में तीन कठिन राउंड के बाद हुआ है।
- दून स्कूल के शिक्षक आनंद कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि इसमें एक प्रोजेक्ट मिलता है। एक समस्या दी जाती है, जिसका हल निकालना होता है। विषय को सार्वजनिक नहीं किया जाता। दून स्कूल के छात्र आराध्य ने इसके लिये काफी मेहनत की। अंतिम दौर तक पहुँचकर अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिये चयनित हुए।
- टीम के सदस्य दुनिया भर के प्रकाशित वैज्ञानिक अनुसंधान और प्राप्त परिणामों को पुन: दल के रूप में खोजबीन करते हैं।
- टीम इंडिया आईएनवाईपीटी चयन में चार एलिमिनेशन राउंड होते हैं, जहाँ जजों की ओर से समान रूप से संपूर्ण समाधान वाली क्रिप्टिक भौतिकी पर आधारित समस्याओं की मांग की जाती है, जो प्रतिभागियों के कौशल स्तर को निर्धारित करता है। अथक् प्रयास, ऑनलाइन उपलब्ध सीमित जानकारी, प्रत्येक वर्ष अपने कौशल का परीक्षण करना, अंतिम दौर तक पहुँचकर अंतिम पाँच छात्रों में चयनित होना इस प्रतियोगिता की अर्हताएँ हैं।
- ये पाँच चयनित छात्र अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तीस देशों के प्रतिभागियों से प्रतिस्पर्धा करते हैं।
- उल्लेखनीय है कि जुलाई के मध्य में रोमानिया अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता होनी है। अगर कोविड महामारी नहीं रही तो छात्र रोमानिया जाकर अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे, वरना प्रतियोगिता ऑनलाइन होगी।
- आराध्य ने पिछले साल 8वाँ स्थान हासिल किया था। टीम इंडिया में शामिल होने से वह बहुत कम अंक से रह गए थे।
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