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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 13 Dec 2022
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बिहार नगरपालिका प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) मॉडल उपविधि 2022 की स्वीकृति

चर्चा में क्यों? 

12 दिसंबर, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यता में हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में बिहार नगरपालिका प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) मॉडल उपविधि 2022 को स्वीकृति दी गई। इसके तहत पहली बार सरकार ने सिंगल यूज्ड पॉलिथीन का उपयोग करने वालों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सिचवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने प्रेस वार्ता में बताया कि बिहार में अब सिंगल यूज्ड पॉलिथीन और उससे बनी वस्तुओं का उपयोग करने वालों को जुर्माना देना होगा। इसका निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण व बिक्री करने वालों पर भी जुर्माने की राशि तय कर दी गई है।
  • प्रावधान के मुताबिक स्थानीय निकाय को बिना सूचना दिये और इस बाइलॉज के अनुसार व्यवस्था किये बिना कोई भी खेल और सभा आयोजित करना और इसमें सिंगल यूज्ड पॉलिथीन का उपयोग किया जाना भी गैरकानूनी होगा। 
  • 100 से अधिक व्यक्तियों को जमा करने पर जिम्मेदार आयोजक पर पहली बार 1500 रुपए दूसरी बार दो हज़ार रुपए और उसके बाद हर बार 2500 रुपए का जुर्माना देना होगा। एक से अधिक आयोजक होने पर उन सभी को अलग-अलग जुर्माना राशि देनी होगी। 
  • अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सिंगल यूज वाले पॉलिथीन और इससे बनी वस्तुओं में इयर बड्स की प्लास्टिक की डंडिया, गुब्बारों की प्लास्टिक की डंडिया, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की डंडिया, आइइसक्रीम की डंडिया, सजावट के लिये पॉलिस्टाइरिन (थर्मोकोल) से बने समान, कप, प्लेट, गिलास, कटलरी के सामान जैसे काँटा, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, स्ट्रिर, साथ ही मिठाई के डिब्बों, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट के पैकेट के इर्द गिर्द लपेटने या पैक करनेवाली प्लास्टिक की फिल्में और 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक या पीवीसी के बैनर शामिल हैं।
  • नगर निकायों के अधिकारिता क्षेत्र में इयर बड, झंडे, कैंडी स्टिक, प्लेट कप, काँटा-चम्मच जैसी सामग्रियों का उपयोग करने वालों पर पहली बार दो हज़ार रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा, दूसरी बार इनके उपयोग या बेचनेवाले को तीन हज़ार रुपए और उसके बाद हर बार दोहराए जाने पर पाँच हज़ार रुपए की दर से जुर्माना वसूला जाएगा। इसी प्रकार से इन सामग्रियों की कॉमर्शियल उपयोगकर्त्ताओं पर पहली बार 1500 रुपए, दूसरी बीर 2500 रुपए और उससे अधिक बार उपयोग करने पर 3500 रुपए प्रत्येक बार जुर्माना लिया जाएगा।
  • इसके अलावा मल्टी लेयर पैकेजिंग या प्लास्टिक सीट या ऐसी ही वस्तु के शीट से बने कवर जो प्लास्टिक अवशिष्ट प्रबंधनों के अनुसार निर्मित लेबल या मार्क नहीं किये गए हैं, के उपयोग करने पर पहली बार दो हज़ार, दूसरी बार तीन हज़ार और उससे अधिक होने पर हर बार पाँच हज़ार रुपए का जुर्माना लिया जाएगा। 
  • प्लास्टिक को खुले में जलाने पर पहली बार दो हज़ार रुपए, दूसरी बार तीन हज़ार रुपए और उसके बाद प्रति बार पाँच हज़ार रुपए का जुर्माना लिया जाएगा। 
  • सार्वजनिक स्थलों, पार्क, नाला, पुरातात्त्विक स्थलों और अन्य प्रतिबंधित स्थलों पर प्लास्टिक कचरा फैलाने पर पहली बार एक हज़ार रुपए, दूसरी बार 1500 रुपए और उसके बाद हर बार दो हज़ार रुपए का जुर्माना देना होगा।

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बीपीएससी और बीटीएससी की प्रतियोगी परीक्षाओं में अधिकतम पाँच बार बैठ सकेंगे सरकारी सेवक

चर्चा में क्यों?

12 दिसंबर, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार के सरकारी सेवक अपनी पूरी सेवा अवधि में बिहार लोक सेवा आयोग, बिहार तकनीकी सेवा आयोग और बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता परीक्षाओं में अब अधिकतम पाँच बार भाग ले सकेंगे।

प्रमुख बिदुं

  • कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. सिद्धार्थ ने प्रेस वार्ता में बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत बिहार सरकार के सरकारी सेवकों को प्रतियोगिता परीक्षाओं में सम्मिलित होने के लिये अवसरों की सीमा की स्वीकृति दी गई है।
  • कैबिनेट के निर्णय के अनुसार बिहार सरकार के सरकारी सेवकों को सेवा में आने के उपरांत उनकी पूरी सेवा अवधि में प्रत्येक आयोग (बीपीएससी, बीटीएससी, बीएसएससी) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में सम्मिलित होने के लिये अलग-अलग अधिकतम कुल 5 (पाँच) अवसर ही अनुमन्य होंगे।
  • निर्धारित 5 अवसरों की गणना संकल्प निर्गत होने की तिथि के बाद से प्रारंभ होगी। पूर्व में उपभोग कर लिये गए अवसरों की एतदर्थ उपेक्षा की जाएगी।
  • बिहार सरकार के सरकारी सेवकों को प्रतियोगिता परीक्षाओं में भाग लेने के लिये नियमित नियुक्ति हेतु निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट पूर्ववत् अनुमन्य होगी परंतु उक्त आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट की अवधि में प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने की अनुमति तभी दी जा सकेगी जब उनके द्वारा तब तक अधिकतम 5 अवसरों का उपभोग नहीं किया गया हो।
  • गौरतलब है कि इससे पहले राज्य के सरकारी सेवकों को अधिकतम तीन बार तक प्रतियोगिता परीक्षा में बैठने का प्रावधान था। 

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