उत्तर प्रदेश Switch to English
नि:शुल्क राशन वितरण महाअभियान का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
12 दिसंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत नि:शुल्क राशन वितरण महाअभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 10 लाभार्थियों को नि:शुल्क राशन वितरित किया।
प्रमुख बिंदु
- ज्ञातव्य है कि इस महाअभियान के तहत प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को 80,000 राशन की दुकानों के माध्यम से दिसंबर, 2021 से मार्च, 2022 तक नि:शुल्क राशन वितरित किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो योजना लागू की जा रही है, उसमें प्रत्येक अंत्योदय कार्डधारक को नि:शुल्क अनुमन्य खाद्यान्न के साथ ही 1 लीटर खाद्य तेल, 1 किलो नमक, 1 किलो दाल व 1 किलो चीनी उपलब्ध कराई जा रही है।
- इसी प्रकार प्रत्येक पात्र गृहस्थी कार्डधारक को अनुमन्य खाद्यान्न के साथ ही नि:शुल्क 1 लीटर खाद्य तेल, 1 किलो नमक तथा 1 किलो दाल उपलब्ध कराई जा रही है।
- गौरतलब है कि वर्ष 2020 में माह अप्रैल से नवंबर तक ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’के तहत उत्तर प्रदेश के 15 करोड़ ज़रूरतमंदों सहित देश के 80 करोड़ पात्र लोग लाभान्वित हुए थे। वर्ष 2020 में राज्य सरकार ने भी अप्रैल से जून तक तीन माह नि:शुल्क खाद्यान्न वितरित किया था, जिससे प्रदेश के 15 करोड़ लोगों का लाभ प्राप्त हुआ।
- वर्ष 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी मई, 2021 (रामनवमी) से दीपावली (7 माह) तक केंद्र सरकार ने नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण की योजना लागू की थी। इसी तरह प्रदेश सरकार ने भी अंत्योदय तथा पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को जून, जुलाई तथा अगस्त, 2021 तक नि:शुल्क खाद्यान्न वितरित किया।
- प्रत्येक ज़रूरतमंद को राशन प्राप्त हो, इस दृष्टि से इस वृहद् खाद्यान्न वितरण योजना का पुन: शुभारंभ कर दीपावली से होली तक आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’राष्ट्र को समर्पित
चर्चा में क्यों?
11 दिसंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के जनपद बलरामपुर में 9800 करोड़ रुपए की लागत की ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’को राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का काम चार दशक पहले वर्ष 1978 में इंदिरा गांधी के कार्यकाल में बहराइच ज़िले में शुरू हुआ था, तब इस परियोजना की लागत 100 करोड़ रुपए से भी कम थी। वर्ष 1982 में बलरामपुर सहित 9 ज़िलों को इस परियोजना से जोड़ा गया।
- इस परियोजना की लंबाई 318 किमी. है, जबकि 6623 किमी. लंबी नहर प्रणालियों का निर्माण किया गया है, जो इस परियोजना से लिंक हैं। वर्ष 2012 में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था।
- इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के जनपद बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, गोरखपुर तथा महराजगंज के 6,227 ग्रामों के 30 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे तथा इन 9 जनपदों की लगभग 15 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपने ‘नदी जोड़ो परियोजना’को पूरा करती है। यह परियोजना घाघरा नदी को सरयू नदी से, सरयू नदी को राप्ती नदी से, राप्ती नदी को बाणगंगा नदी से एवं बाणगंगा नदी को रोहिन नदी से क्रमश: जोड़ती है।
- इस परियोजना से इस क्षेत्र के किसान सब्जी एवं बागवानी जैसे अन्य कृषिगत कार्य कर पाएंगे। कृषि उत्पादन में वृद्धि के कारण किसानों की आमदनी में इजाफा होगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना में घाघरा एवं सरयू नदी जहाँ मिलती हैं, वहां पर पहला बैराज बनाया गया है। यह बैराज नेपाल की सीमा से मात्र 7 किलो मीटर की दूरी पर है। इस परियोजना से यह क्षेत्र प्राकृतिक संपदा से भरपूर होगा। यहाँ पर पर्यटन की अनेक संभावनाएँ विकसित होंगी। किसानों की आमदनी बढ़ेगी, नौजवानों को रोज़गार के साधन उपलब्ध होंगे, जिससे यहाँ का नौजवान सक्षम एवं सामर्थ्यवान बनेगा।
- उल्लेखनीय है कि किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के लिये देश में लगभग 100 सिंचाई परियोजनाओं को लक्षित किया गया और इन सिंचाई परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाने का कार्य प्रारंभ हुआ। इस योजना में प्रदेश की जिन 18 परियोजनाओं का चयन किया गया था, उनमें से 17 परियोजनाएँ पूरी हो गई हैं। इन 17 सिंचाई परियोजनाओं के पूरा होने से प्रदेश की 22 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त हो रही है।
बिहार Switch to English
चैंपियंस ऑफ चेंज रिपोर्ट
चर्चा में क्यों?
11 दिसंबर, 2021 को नीति आयोग ने चैंपियंस ऑफ चेंज की डेल्टा रैंकिंग जारी की। इसमें बिहार के चार ज़िलों को शिक्षा के क्षेत्र में देश के पाँच सर्वश्रेष्ठ सुधार वाले ज़िलों में स्थान मिला है।
प्रमुख बिंदु
- इस डेल्टा रैंकिंग में नीति आयोग ने झारखंड के दुमका के बाद बिहार के मुज़फ्फरपुर, औरंगाबाद, बांका और शेखपुरा ज़िलों की रैंकिंग देश में क्रमश: दूसरे, तीसरे, चौथे और पाँचवे स्थान पर करते हुए इन ज़िलों को परिवर्तन का चैंपियन घोषित किया है।
- नीति आयोग द्वारा ट्वीट कर सार्वजनिक की गई डेल्टा रैंकिंग अक्टूबर 2021 में ज़िलों के प्रदर्शन पर आधारित है। क्रमश: पाँच ज़िलों दुमका, मुज़फ्फरपुर, औरंगाबाद, बांका और शेखपुरा को नीति आयोग ने अक्टूबर 2021 के लिये आकांक्षी (एस्पिरेशनल) ज़िला घोषित किया है।
- शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि नीति आयोग की यह मान्यता महत्त्वपूर्ण है। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में तथा उनके दिशा-निर्देश पर क्वालिटी एजुकेशन को लेकर किये जा रहे कार्यों का परिणाम है।
- विदित हो कि नीति आयोग कई पैमानों पर देशभर के ज़िलों में से कुछेक को सर्वश्रेष्ठ ज़िला मानते हुए डेल्टा रैंकिंग जारी करता है। अक्टूबर 2021 में बिहार के चार ज़िले जिन मानकों पर सर्वश्रेष्ठ आँके गए हैं, उनमें राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण की रिपोर्ट, लाइब्रेरी की सुविधा, आधारभूत संरचना, टॉयलेट, पेयजल सुविधा आदि मुख्य हैं।
राजस्थान Switch to English
जयपुर डिस्कॉम का रोड शो
चर्चा में क्यों?
11 दिसंबर, 2021 को प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये जयपुर डिस्कॉम द्वारा एक रोड शो का आयोजन किया गया। इलेक्ट्रिक वाहनों को जयपुर डिस्कॉम के एमडी नवीन अरोड़ा ने जवाहर सर्किल से फ्लैग दिखाकर रवाना किया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसिएन्सी, भारत सरकार द्वारा 8 दिसंबर से 14 दिसंबर, 2021 तक ऊर्जा संरक्षण जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य में नोडल एजेंसी जयपुर डिस्कॉम द्वारा इस रोड शो का आयोजन किया गया।
- जयपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक नवीन अरोड़ा ने बताया की इस रोड शो में करीब 30 दोपहिया व चौपहिया इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हुए। अरोड़ा ने कहा कि पेट्रोल व डीज़ल के वाहनों से बढ़ते हुए कार्बन उत्सर्जन को कम करने हेतु ग्रीन ट्रांसपोर्ट को अपनाएँ।
- इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा सोलर पालिसी एवं विंड व हाईब्रिड पालिसी-2019 में कई दूसरे प्रावधान दिये गए हैं।
- राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग द्वारा भी इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन हेतु अलग श्रेणी निर्धारित की गई है, जिसमें कम दर पर चार्जिंग का प्रावधान किया गया है।
- उन्होंने कहा कि इस आयोजन से आमजन में ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी एवं प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा भी मिलेगा तथा कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
मध्य प्रदेश Switch to English
‘ड्रोन मेला’
चर्चा में क्यों?
11 दिसंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर के माधव प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (एमआईटीएस) में केंद्रीय नागरिक उडन्न्यन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहल पर प्रदेश के पहले ड्रोन मेले का आयोजन किया गया। इस मेले में लगभग 20 कंपनियों ने अपने ड्रोन का प्रदर्शन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में ‘ड्रोन मेला’में मौजूद युवाओं और किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि विकास एवं कल्याण के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर मध्य प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाएंगे। ड्रोन एक ऐसी क्रांतिकारी तकनीक है, जिसका उपयोग जन-कल्याण एवं सुशासन में किया जा सकता है।
- ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल खेतों में उर्वरक तथा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने में किया जा सकता है। इससे किसान हानिकारक रसायनों के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं। यह तकनीक कम खर्चीली है। ड्रोन तकनीक से 25 प्रतिशत तक खाद की बचत होती है।
- केंद्रीय नागरिक उडन्न्यन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भविष्य में ड्रोन तकनीक से विश्व की अर्थव्यवस्था और जीवन में बड़े बदलाव आएंगे। ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल में मध्य प्रदेश देश का अव्वल राज्य है। रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, हर क्षेत्र में ड्रोन तकनीक क्रांतिकारी साबित हो रही है। यह तकनीक गरीबी को समृद्धि में तब्दील करने का साधन बनी है। ड्रोन तकनीक से 3 लाख युवाओं को रोज़गार के अवसर मिलेंगे।
- इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश में पाँच ड्रोन स्कूल-ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर और सतना में खोले जाने की घोषणा की। इन स्कूलों के ज़रिये ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे युवाओं को रोज़गार मिले, साथ ही ड्रोन तकनीक का भी विकास और आत्मनिर्भरता में भरपूर इस्तेमाल हो।
- इसके साथ ही उन्होंने ग्वालियर के एमआईटीएस में ड्रोन एक्सीलेंसी सेंटर खोलने की घोषणा भी की। इसके लिये एक कंपनी के साथ एमओयू भी साइन किया गया है। ड्रोन मेले में अन्य कंपनियों ने भी एमओयू किये हैं।
- ड्रोन मेला में भाग लेने आईं लगभग एक दर्जन कंपनियों ने अपनी-अपनी सेवाओं का प्रदर्शन किया। ड्रोन मेले में थ्रॉटल एयरोस्पेस सिस्टम बैगलूरू, एस्टेरिया एयरोस्पेस लिमिटेड बैगलूरू, मारूत ड्रोंस हैदराबाद, ड्रोन डेस्टिनेशन नई दिल्ली, एग्री उड़ान प्रा.लि. अहमदाबाद, ग्वालियर पुलिस, बीसा सिम्यट नई दिल्ली सहित अन्य कंपनियों ने उर्वरक बीज छिड़काव व परिवहन, सर्विलांस, वनीकरण, ज़रूरी वस्तुओं का परिवहन इत्यादि का अपने-अपने ड्रोन से प्रदर्शन किया।
मध्य प्रदेश Switch to English
ई-व्हीकल्स रोड-शो
चर्चा में क्यों?
11 दिसंबर, 2021 को भोपाल नगर निगम द्वारा राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस (14 दिसंबर) के उपलक्ष्य में इलेक्ट्रिक वाहन की उपयोगिता के प्रति जन-जागृति तथा आमजन में इसके प्रति जागरूकता लाने की दृष्टि से भोपाल में इलेक्ट्रिक व्हीकल रोड-शो का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस रोड शो का मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश शासन द्वारा प्रारंभ किये गए ऊर्जा साक्षरता अभियान में प्रत्येक नागरिक को ऊर्जा-संरक्षण प्रबंधन एवं इसके सदुपयोग के बारे में जागरूक करना तथा पर्यावरण प्रदूषण को रोकने और पेट्रोल एवं डीज़ल पर होने वाले व्यय को नियंत्रित करने के लिये ई-व्हीकल को प्रोत्साहित करना है।
- इस रोड-शो में बड़ी संख्या में ई-रिक्शा, ई-स्कूटर एवं ई-चार पहिया वाहन आदि शामिल थे। रोड-शो में शामिल ई-वाहन ऊर्जा विकास निगम परिसर से प्रारंभ होकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों-तितली चौक, लिंक रोड क्रमांक-1, न्यू मार्केट, मिंटो हॉल, पुलिस कंट्रोल रूम, शहीद स्मारक से 6 नंबर होते हुए वापस ऊर्जा भवन पहुँचे।
- इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से भारत सरकार द्वारा ई-मोबिलिटी मिशन लॉन्च किया गया है। इसके अलावा ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिये ‘गो-इलेक्ट्रिक कैम्पेन’ प्रारंभ किया है।
- भोपाल नगर निगम के मुख्य अभियंता भुवनेश कुमार पटेल ने बताया कि परिवहन क्षेत्र में कुल ऊर्जा का 18 प्रतिशत व्यय होता है, जिसमें लगभग 94 मिलियन टन ऑयल की खपत होती है। ‘इलेक्ट्रिक व्हीकल’को प्रमोट करने से ऑयल की बचत के साथ ही विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी। भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिये विशेष फेम (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफेक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल) भी लॉन्च किया है।
हरियाणा Switch to English
9वीं जूनियर स्टेट वॉलीबॉल प्रतियोगिता
चर्चा में क्यों?
12 दिसंबर, 2021 को हरियाणा राज्य के चरखी दादरी ज़िले के बाढड़ा क्षेत्र की खेल एकेडमी में संपन्न 9वीं जूनियर स्टेट वॉलीबॉल प्रतियोगिता में लड़कियों के वर्ग में करनाल ज़िला और लड़कों के वर्ग में कुरुक्षेत्र ज़िले ने जीत दर्ज़ की।
प्रमुख बिंदु
- यह प्रतियोगिता बाढड़ा क्षेत्र के गाँव चांदवास स्थित धूप सिंह खेल एकेडमी में आयोजित की गई थी।
- स्टेट वॉलीबॉल प्रतियोगिता में लड़कियों के वर्ग में करनाल ज़िले की टीम जींद ज़िले की टीम को हराकर विजेता बनी, जबकि लड़कों के वर्ग में कुरुक्षेत्र ज़िले की टीम ने फतेहाबाद ज़िले की टीम को हराकर जीत दर्ज की।
- इस प्रतियोगिता में चरखी दादरी व गुरुग्राम ज़िले की टीमें संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहीं।
- विजेता खिलाड़ियों को वॉलीबॉल संघ के राज्य महासचिव खूबेसिंह अरेला ने पुरस्कार प्रदान किया।
झारखंड Switch to English
प्रसिद्ध रजरप्पा मंदिर में बलि चढ़े बकरों से बनेगी बिजली
चर्चा में क्यों?
12 दिसंबर, 2021 को झारखंड राज्य के रामगढ़ ज़िले की उपायुक्त माधवी मिश्रा ने ज़िले के प्रसिद्ध रजरप्पा के माँ छिन्नमस्तिका मंदिर में बलि चढ़ाए गए बकरों से बिजली बनाने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- रजरप्पा के माँ छिन्नमस्तिका मंदिर में बलि चढ़े बकरों के बेकार हिस्सों का इस्तेमाल कर बिजली बनाने के लिये मंदिर परिसर में एक संयत्र लगाया जाएगा, जो एक वर्ष में काम करने लगेगा।
- उल्लेखनीय है कि भैरवी और दामोदर नदी के संगम पर स्थित रजरप्पा मंदिर देश-विदेश में एक सिद्धपीठ के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ श्रद्धालु मन्नत पूरी होने पर बकरे की बलि चढ़ाते हैं। रोज़ाना करीब 150 बकरों की बलि दी जाती है।
- सरकार मंदिर की सुविधाएँ विश्वस्तरीय बनाने में जुटी है। इसी के तहत यहाँ बकरों की बलि, चढ़ने वाले फूलों के प्रबंधन को लेकर नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी है।
- बिजली बनाने के लिये मंदिर परिसर में मिथिनेशन प्लांट लगाया जाएगा तथा एक सेमीऑटोमैटिक स्लॉटर हाउस और अरगबत्ती प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाई जाएगी। इन तीनों प्रोजेक्ट पर डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट करीब 72 लाख रुपए खर्च करेगा।
- नई व्यवस्था में बकरे की बलि के साथ बलि चढ़ाने वाले को एक टोकन दिया जाएगा।
- अर्द्धस्वचालित स्लॉटर हाउस में बलि के बाद बकरे के बेकार हिस्सों को प्लांट में डालकर रोज़ 23 किलोवॉट बिजली बनाई जाएगी। इससे मंदिर परिसर में लगी स्ट्रीट लाइट जगमग रहेंगी।
- प्लांट की क्षमता प्रतिदिन एक टन अपशिष्ट इस्तेमाल करने की होगी। मंदिर से रोज़ औसतन 900 किलो अपशिष्ट निकलता है।
झारखंड Switch to English
‘आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वार’
चर्चा में क्यों?
11 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल हज़ारीबाग में आयोजित ‘आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वार’कार्यक्रम के अंतर्गत प्रमंडलस्तरीय मेगा परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम में 25 लाख 92 हज़ार 856 लाभुकों के बीच कुल 22 अरब 30 करोड़ 29 लाख 6 हज़ार रुपए की परिसंपत्तियों का वितरण किया ।
प्रमुख बिंदु
- कार्यक्रम में उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले 7 ज़िलों- हज़ारीबाग, कोडरमा, रामगढ़, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद तथा चतरा के लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया गया।
- इनमें हज़ारीबाग ज़िले के 5,68,312 लाभुकों के बीच 2 अरब 57 करोड़ 26 लाख 28 हज़ार रुपए, कोडरमा ज़िले के 58 हज़ार 990 लाभुकों के बीच 1 अरब 19 करोड़ 89 लाख 60 हज़ार रुपए, रामगढ़ ज़िले के 4 लाख 67 हज़ार 412 लाभुकों के बीच 1 अरब 97 करोड़ 51 लाख 67 हज़ार रुपए का वितरण किया गया।
- इसी प्रकार गिरिडीह ज़िले के 1 लाख 53 हज़ार 688 लाभुकों के बीच 5 अरब 98 करोड़ 82 लाख 55 हज़ार रुपए, बोकारो ज़िले के 63 हज़ार 625 लाभुकों के बीच 4 अरब 53 करोड़ 30 लाख 36 हज़ार रुपए, धनबाद ज़िले के 8 लाख 84 हज़ार 850 लाभुकों के बीच 2 अरब 34 करोड़ 89 लाख 55 हज़ार रुपए तथा चतरा ज़िले के 3 लाख 95 हज़ार 979 लाभुकों के बीच 3 अरब 68 करोड़ 69 लाख 5 हज़ार रुपए का वितरण किया गया।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में ‘आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वार’योजना से संबंधित पुस्तिका का विमोचन भी किया।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक इस योजना के तहत 2 लाख 50 हज़ार शिकायत दर्ज कराई गई, जिनमें से 2 लाख 20 हज़ार शिकायतों का त्वरित निष्पादन किया जा चुका है।
- मरांग गोमके पारदेशीय शिक्षा योजना के तहत 6 आदिवासी विद्यार्थियों को विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के लिये भेजा गया था। अब सभी वर्ग इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के प्रत्येक गाँव के 60 साल से अधिक के बुजुर्गों को पेंशन योजना से जोड़ा जाएगा। हर एक विधवा, बुजुर्ग, दिव्यांग असहाय को सरकार पेंशन देगी। राज्य में गंभीर बीमारी की चिकित्सा के लिये सरकार हर व्यक्ति, जिसकी आय 8 लाख से कम है, के इलाज में सहायता करेगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विभिन्न बड़े उद्योगों को राज्य में स्थापित करने का कार्य कर रही है, जिससे यहाँ के लोगों को रोज़गार के अवसर प्राप्त हो सकें। इस क्रम में इस पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि इनमें 75% नौकरी एवं 1 करोड़ रुपए तक का टेंडर स्थानीय लोगों को ही प्राप्त हो, जिससे राज्य के लोगों का विकास हो।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ राज्य हरित परिषद
चर्चा में क्यों?
11 दिसंबर, 2021 को जारी एक आधिकारिक संचार में कहा गया है कि पुनर्योजी विकास को नई दिशा देने और राज्य को इस क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिये छत्तीसगढ़ जल्द ही छत्तीसगढ़ राज्य हरित परिषद का गठन करेगा।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्य सचिव को परिषद बनाने के लिये तत्काल कदम उठाने और लघु वनोपज संघ कार्यालय में अपना काम शुरू करने का निर्देश दिया है।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस परिषद के अध्यक्ष होंगे। वहीं कृषि मंत्री रवींद्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर और मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा परिषद के उपाध्यक्ष होंगे।
- सदस्य सचिव और तकनीकी सलाहकार के अलावा परिषद में कुल 12 सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। अध्यक्ष निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों में से सात सदस्यों को मनोनीत करेंगे।
- छत्तीसगढ़ वन विभाग पुनर्योजी विकास कार्य के लिये प्रशासनिक विभाग होगा ।
- विदित है कि लगातार हो रहे पर्यावरण क्षरण से पृथ्वी के तापमान में वृद्धि हुई है और जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम देखे जा रहे हैं। इसका मुकाबला करने का एकमात्र विकल्प पुनर्योजी और सतत् विकास है।
उत्तराखंड Switch to English
कॉर्बेट में बनेगा राज्य का सबसे बड़ा वन्यजीव बचाव केंद्र
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक राहुल ने बताया कि कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के ढेला अंचल में 30 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया जा रहा वन्यजीव बचाव केंद्र राज्य में अपनी तरह का सबसे बड़ा केंद्र होगा।
प्रमुख बिंदु
- इस सेंटर पर वेटनरी सर्जन, फिजीशियन और एनेस्थीसिया एक्सपर्ट समेत 30 लोगों का स्टाफ काम करेगा।
- अब तक तैयार किये गए केंद्र के हिस्से का पहले से ही बाघ, तेंदुए और हाथी के इलाज के लिये उपयोग किया जा रहा है, जबकि पूरा होने के बाद केंद्र भालू, सांप, पक्षियों और अन्य वन्यजीवों का इलाज भी कर सकेगा। वर्तमान में इस केंद्र का उपयोग पाँच तेंदुओं और दो बाघों के उपचार के लिये किया जा रहा है।
- कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद 2019 में इस वन्यजीव बचाव केंद्र की स्थापना की योजना की घोषणा की गई थी।
- परियोजना की कुल लागत लगभग 19 करोड़ रुपए है, जिसमें से अब तक करीब 10 करोड़ रुपए खर्च किये जा चुके हैं।
Switch to English