सब जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में आशा और साकेत ने नये रिकॉर्ड के साथ जीते गोल्ड | झारखंड | 13 Nov 2023
चर्चा में क्यों?
10 नवंबर, 2023 को कोएंबटूर में आयोजित 38वीं राष्ट्रीय सब जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में झारखंड की आशा किरण बारला ने नये नेशनल रिकॉर्ड के साथ और साकेत मिंज ने नये रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय सब जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में झारखंड के गुमला की आशा किरण बारला ने 800 मीटर रेस 2:04:12 मिनट में पूरी कर नये नेशनल रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता है। आशा को इस प्रतियोगिता के अंडर-20 में बेस्ट एथलीट का अवार्ड मिला है।
- वहीं, राँची के साकेत मिंज ने 300 मीटर में नये रिकॉर्ड 34.72 सेकेंड के साथ स्वर्ण पदक जीता।
- इस प्रतियोगिता में झारखंड के एथलीटों ने चार स्वर्ण, चार रजत और तीन कांस्य पदक जीता है।
- जैवलिन थ्रो में जामताड़ा की सविता मुर्मू ने और राँची साई के विशाल कुमार ने बालक अंडर-20 ट्रिपल जंप में स्वर्ण पदक जीता।
- बालिका अंडर-14 के 60 मीटर इवेंट में पूर्वी सिंहभूम की ममता मेरी मुर्मू ने, 10 किमी. रेस वॉक में बोकारो के रोशन ने, लॉग जंप में पूर्वी सिंहभूम के हिमांशु ने और ट्राइथलान में गुमला के अनीत उरांव ने रजत पदक जीता।
- इनके अलावा अनीत उरांव ने अंडर-14 के 60 मीटर में, हज़ारीबाग की प्रीति लकड़ा ने ट्रिपल जंप में व गुमला के अनुज बाखला ने 600 मीटर में कांस्य पदक जीता।
- विदित हो कि आशा किरण बारला ने वर्ष 2022 में असम के गुवाहाटी में आयोजित 37वीं राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता था। आशा किरण बारला ने अप्रैल 2023 में तमिलनाडु के तिरुअन्नामलाई शहर में आयोजित 21वीं नेशनल फेडरेशन कप जूनियर अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक और अक्तूबर 2022 में कुवैत में आयोजित एशियन यूथ अंडर-18 एथलेटिक्स चैंपियनशिप के 800 मीटर में 2.06.79 मिनट का नया रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता था।
प्रधानमंत्री 15 नवंबर को खूंटी में ‘पीएम-पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन’करेंगे लॉन्च | झारखंड | 13 Nov 2023
चर्चा में क्यों?
10 नवंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’(भगवान बिरसा मुंडा की जयंती) पर खूंटी ज़िले में ‘पीएम-पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन’का शुभारंभ करेंगे।
प्रमुख बिंदु
- पीएम-पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन कार्यक्रम का उद्देश्य कमज़ोर आदिवासी समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। इसके लिये केंद्रीय बजट में अनुसूचित जनजातियों के लिये 15,000 करोड़ रुपए की उपलब्धता की परिकल्पना की गयी है।
- मिशन में पिछड़ी अनुसूचित जनजातियों के लिये बस्तियों में सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल व स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण, सड़क तक बेहतर पहुँच जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराना शामिल है।
- प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन:
- विदित हो कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2023 को केंद्रीय बजट 2023-24 के तहत ‘प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन’(Pradhan Mantri PVTG Development Mission) की घोषणा की थी।
- केंद्र सरकार ने अगले तीन वर्षों में इस मिशन को लागू करने के लिये ‘अनुसूचित जनजातियों हेतु विकास कार्य योजना’के तहत 15,000 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं।
- विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs):
- गृह मंत्रालय ने देश के 18 राज्यों तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह संघ राज्य-क्षेत्र के 75 जनजातीय समूहों को विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के रूप में वर्गीकृत किया है।
- आदिवासी समूहों में पीवीटीजी सबसे अधिक कमज़ोर हैं। वर्ष 1975 में भारत सरकार ने सबसे कमजोर जनजातीय समूहों को PVTGs नामक एक अलग श्रेणी के रूप में पहचानने की पहल की थी।
- प्रारंभ में 52 जनजातीय समूहों को पीवीटीजी के रूप में वर्गीकृत किया गया। वर्ष 1993 में इस श्रेणी में 23 अतिरिक्त जनजातीय समूहों को शामिल किया गया, जिससे पीवीटीजी के तहत वर्तमान में 75 जनजातीय समूह हो चुके हैं।
- 75 सूचीबद्ध पीवीटीजी में से सबसे अधिक संख्या ओडिशा (13) में पाई जाती है, इसके बाद आंध्र प्रदेश (12) का स्थान है।