उत्तर प्रदेश Switch to English
प्रयागराज के सोरांव क्षेत्र में बनेगा औद्योगिक गलियारा
चर्चा में क्यों?
12 नवंबर, 2023 को परियोजना के नोडल अधिकारी जगदंबा सिंह ने बताया कि कुंभ नगरी प्रयागराज में यमुना पार में शंकरगढ़ में औद्योगिक गलियारे की बुनियाद रखने के बाद गंगा पार के सोरांव क्षेत्र में एक और औद्योगिक गलियारा बनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े गंगा एक्सप्रेस-वे के आसपास के क्षेत्रों में इसकी स्थापना का रोड मैप तैयार किया जा रहा है। शंकरगढ़ के बाद सोरांव क्षेत्र में बनने वाला यह ज़िले का दूसरा औद्योगिक गलियारा होगा।
- प्रयागराज में यूपीडा की तरफ से एक्सप्रेस वे के आसपास के क्षेत्र में इस औद्योगिक गलियारा को विकसित करने की सरकार की योजना है। गंगा एक्सप्रेस वे से सटे तीन गाँवों को इसके लिये चिन्हित किया गया है। जिन तीन गाँवों को इसके लिये चिन्हित किया गया है, उसमें मलाक चतुरी, जूड़ापुर डांडू तथा बारी सराय लाल शामिल है।
- प्रयागराज के सबसे पिछड़े इलाकों में भी इंडस्ट्रियल हब की स्थापना होगी। प्रदेश सरकार ने प्रयागराज के यमुना पार इलाके के सबसे पिछड़े इलाके शंकरगढ़ को इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित करने का रोड मैप तैयार किया है।
- उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने इस इलाके का सर्वे शुरू करने के बाद क्षेत्र में औद्योगिक विकास के लिये चयनित भूमि का प्रस्ताव प्रशासन के पास भेजा है। इसके बाद उद्योगों की स्थापना का कार्य शुरू होगा।
- गौरतलब है कि शंकरगढ़ इलाके में इंडस्ट्रियल हब डेवलप करने के लिये भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यहां सौर ऊर्जा का प्लांट डालना चाह रहा है जिसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
- यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक आशीष नाथ के मुताबिक इस इलाके की सर्वे प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद आगे का कार्य शुरू होगा। इस इलाके में एक ऑयल रिफायनरी की स्थापना का प्रस्ताव भी सरकार के पास है जिसे 2000 एकड़ की भूमि में शंकरगढ़ ब्लाक में स्थापित होना है।
- विदित हो कि शंकरगढ़ के पथरीले इलाके में कृषि योग्य भूमि की कमी और भूमि के उर्वर न होने की वजह से अधिकतर स्थानीय लोगों को शहरों में जाकर अपनी जीविका चलानी पड़ रही है। इलाके में उद्योग स्थापना की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार ने यहां इंडस्ट्रियल हब बनाने का निर्णय लिया है।
- प्रयागराज के ज़िला अधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया कि इलाके की भौगोलिक स्थिति और ऊर्जा के संसाधनों की मौजूदगी से शंकरगढ़ को औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिये उपयुक्त इलाके के रूप में देखा जा रहा है। नैनी के बाद ज़िले का यह दूसरा इंडस्ट्रियल हब होगा। यहां औद्योगिक विकास से 10 हज़ार से अधिक रोजगार का सृजन होगा। इससे शहरो में पलायन कर गए स्थानीय लोग भी वापस अपने क्षेत्र में आयेंगे।
बिहार Switch to English
सीवान की युसरा फातमा का इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार के सीवान ज़िले की यूसरा फातमा सबसे कम उम्र में सबसे अधिक हिंदी काव्य पुस्तक लिखने वाली पहली किशोरी बनी है, जिसके लिये उसका नाम इंडिया बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स 2023 में दर्ज किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- सीवान ज़िला के बरहड़िया प्रखंड़ अंतर्गत तेतहली गाँव की यूसरा फातमा ने मात्र 15 साल 6 महीने की उम्र में चार काव्य लिखकर यह उपलब्धि हासिल की है।
- इस रिकॉर्ड के साथ वह किशोर अवस्था में सर्वाधिक हिंदी काव्य पुस्तिका लिखने वाली भारत की पहली लड़की बनी है। युसरा आठ वर्ष की उम्र से कविताएँ लिख रही है। 12 वर्ष की उम्र में उसने पहली काव्य पुस्तिका लिखी थी।
- युसरा ने अपनी हिंदी कविताओं के माध्यम से समाज को आईने के रूप में रखने की कोशिश की है। इसके अलावा समाज को जागरूक करते हुए लिखा है, कि चलचित्र से केवल चित्र नहीं देखे बल्कि उसका चरित्र देखे और अनुसरण करें।
- युसरा ने चार काव्य किताब लिखी है जिसमें ‘जज्बा’, ‘मेरे हिस्से की कोशिश’, ‘शाम और तन्हाई’, और ‘बेरुखी’काव्य संग्रह शामिल है।
हरियाणा Switch to English
37वाँ राष्ट्रीय खेल: हरियाणा 192 पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा
चर्चा में क्यों?
9 नवंबर, 2023 को गोवा में संपन्न हुए 37वें राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा 62 स्वर्ण, 55 रजत और 75 कांस्य सहित 192 पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
प्रमुख बिंदु
- 26 अक्तूबर से 9 नवंबर, 2023 तक गोवा में आयोजित 37वें राष्ट्रीय खेलों में महाराष्ट्र 80 स्वर्ण, 69 रजत और 79 कांस्य सहित 228 पदकों के साथ शीर्ष पर रहा, जबकि सर्विसेस 66 स्वर्ण, 27 रजत और 33 कांस्य सहित 126 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
- 37वें राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा के खिलाड़ियों ने पिछले वर्ष गुजरात में खेले गए 36वें राष्ट्रीय खेलों के मुकाबले 26 पदक अधिक जीते मगर द्वितीय स्थान पाने में हरियाणा चार पदकों से चुक गया।
- महाराष्ट्र ने नेशनल गेम्स 2023 मेडल टैली में शीर्ष स्थान प्राप्त करते हुए राजा भालिंद्र सिंह ट्रॉफी जीती, जो नेशनल गेम्स में सबसे अधिक स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम को दी जाती है।
- 37वें नेशनल गेम्स में ओलंपिक तैराक श्रीहरि नटराज (8 स्वर्ण, 1 रजत और 1 कांस्य) को सर्वश्रेष्ठ पुरुष एथलीट, जबकि जिमनास्ट संयुक्ता प्रसेन काले और प्रणति नायक (4 स्वर्ण और 1 रजत प्रत्येक) को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ महिला एथलीट चुना गया।
- हरियाणा के जिमनास्टिक खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय खेलों में पहली बार 11 पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया। हरियाणा जिमनास्ट ने 4 स्वर्ण, 3 रजत, 4 कांस्य पदक जीतने में कामयाब रहे।
- हरियाणा के कुश्ती खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय खेल में अपने प्रदेश के लिए सर्वाधिक 24 पदक जीते। इनमें 11 स्वर्ण, 1 रजत और 12 कांस्य पदक शामिल हैं।
- टीम स्पर्धा में हरियाणा का प्रर्दशन
- टीम स्पर्धा में प्रदेश की हॉकी टीमों का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा। पुरुष हॉकी टीम ने स्वर्ण और महिला टीम ने रजत पदक जीता। पुरुष हॉकी टीम ने फाइनल मुकाबले में कर्नाटका टीम को 5-3 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। वहीं महिला हॉकी टीम का फाइनल मुकाबला मध्य प्रदेश के साथ हुआ। इस मुकाबले में शूटआउट में हार के साथ हरियाणा को रजत पदक पर संतोष करना पड़ा।
- कबड्डी तथा हैंडबाल स्पर्धा में पुरुष-महिला टीमों को फाइनल में हार के साथ रजत पदक हासिल हुए। वहीं फुटबाल में महिला टीम ने पश्चिम बंगाल को 1-0 से हराकर कांस्य जीतने में काम रही।
राजस्थान Switch to English
एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता दिव्यकृति सिंह स्टेट इलेक्शन आइकन नियुक्त
चर्चा में क्यों?
10 नवंबर, 2023 को भारत निर्वाचन आयोग ने घुड़सवारी में एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता दिव्यकृति सिंह को ‘स्टेट इलेक्शन आइकन’नियुक्त करने के राज्य निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
प्रमुख बिंदु
- विदित हो कि आगामी विधानसभा चुनावों में शत प्रतिशत मतदान कराने के लिये राज्य निर्वाचन विभाग द्वारा मतदाताओं को अधिक से अधिक संख्या में मतदान के लिये प्रेरित करने के लिये विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली मशहूर हस्तियों को ‘स्टेट इलेक्शन आइकॉन’ के रूप में नियुक्त किया गया है।
- इसी कड़ी में घुड़सवारी में एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता जयपुर निवासी 24 वर्षीय दिव्यकृति सिंह को ‘स्टेट इलेक्शन आइकॉन’नियुक्त किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज से मनोविज्ञान में स्नातक दिव्यकृति ने हाल ही में चीन में आयोजित 19वें एशियाई खेलों में घुड़सवारी (ड्रेसेज) स्पर्धा के टीम इवेंट में भारत के लिये स्वर्ण पदक जीता था।
- वे एशियाई खेलों के अलावा, यूरोप में कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। इसके साथ ही उन्हें इंडिया टुडे वुमन अचीवर अवार्ड तथा सवाई जयपुर पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
झारखंड Switch to English
सब जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में आशा और साकेत ने नये रिकॉर्ड के साथ जीते गोल्ड
चर्चा में क्यों?
10 नवंबर, 2023 को कोएंबटूर में आयोजित 38वीं राष्ट्रीय सब जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में झारखंड की आशा किरण बारला ने नये नेशनल रिकॉर्ड के साथ और साकेत मिंज ने नये रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय सब जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में झारखंड के गुमला की आशा किरण बारला ने 800 मीटर रेस 2:04:12 मिनट में पूरी कर नये नेशनल रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता है। आशा को इस प्रतियोगिता के अंडर-20 में बेस्ट एथलीट का अवार्ड मिला है।
- वहीं, राँची के साकेत मिंज ने 300 मीटर में नये रिकॉर्ड 34.72 सेकेंड के साथ स्वर्ण पदक जीता।
- इस प्रतियोगिता में झारखंड के एथलीटों ने चार स्वर्ण, चार रजत और तीन कांस्य पदक जीता है।
- जैवलिन थ्रो में जामताड़ा की सविता मुर्मू ने और राँची साई के विशाल कुमार ने बालक अंडर-20 ट्रिपल जंप में स्वर्ण पदक जीता।
- बालिका अंडर-14 के 60 मीटर इवेंट में पूर्वी सिंहभूम की ममता मेरी मुर्मू ने, 10 किमी. रेस वॉक में बोकारो के रोशन ने, लॉग जंप में पूर्वी सिंहभूम के हिमांशु ने और ट्राइथलान में गुमला के अनीत उरांव ने रजत पदक जीता।
- इनके अलावा अनीत उरांव ने अंडर-14 के 60 मीटर में, हज़ारीबाग की प्रीति लकड़ा ने ट्रिपल जंप में व गुमला के अनुज बाखला ने 600 मीटर में कांस्य पदक जीता।
- विदित हो कि आशा किरण बारला ने वर्ष 2022 में असम के गुवाहाटी में आयोजित 37वीं राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता था। आशा किरण बारला ने अप्रैल 2023 में तमिलनाडु के तिरुअन्नामलाई शहर में आयोजित 21वीं नेशनल फेडरेशन कप जूनियर अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक और अक्तूबर 2022 में कुवैत में आयोजित एशियन यूथ अंडर-18 एथलेटिक्स चैंपियनशिप के 800 मीटर में 2.06.79 मिनट का नया रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता था।
झारखंड Switch to English
प्रधानमंत्री 15 नवंबर को खूंटी में ‘पीएम-पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन’करेंगे लॉन्च
चर्चा में क्यों?
10 नवंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’(भगवान बिरसा मुंडा की जयंती) पर खूंटी ज़िले में ‘पीएम-पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन’का शुभारंभ करेंगे।
प्रमुख बिंदु
- पीएम-पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन कार्यक्रम का उद्देश्य कमज़ोर आदिवासी समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। इसके लिये केंद्रीय बजट में अनुसूचित जनजातियों के लिये 15,000 करोड़ रुपए की उपलब्धता की परिकल्पना की गयी है।
- मिशन में पिछड़ी अनुसूचित जनजातियों के लिये बस्तियों में सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल व स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण, सड़क तक बेहतर पहुँच जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराना शामिल है।
- प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन:
- विदित हो कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2023 को केंद्रीय बजट 2023-24 के तहत ‘प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन’(Pradhan Mantri PVTG Development Mission) की घोषणा की थी।
- केंद्र सरकार ने अगले तीन वर्षों में इस मिशन को लागू करने के लिये ‘अनुसूचित जनजातियों हेतु विकास कार्य योजना’के तहत 15,000 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं।
- विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs):
- गृह मंत्रालय ने देश के 18 राज्यों तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह संघ राज्य-क्षेत्र के 75 जनजातीय समूहों को विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के रूप में वर्गीकृत किया है।
- आदिवासी समूहों में पीवीटीजी सबसे अधिक कमज़ोर हैं। वर्ष 1975 में भारत सरकार ने सबसे कमजोर जनजातीय समूहों को PVTGs नामक एक अलग श्रेणी के रूप में पहचानने की पहल की थी।
- प्रारंभ में 52 जनजातीय समूहों को पीवीटीजी के रूप में वर्गीकृत किया गया। वर्ष 1993 में इस श्रेणी में 23 अतिरिक्त जनजातीय समूहों को शामिल किया गया, जिससे पीवीटीजी के तहत वर्तमान में 75 जनजातीय समूह हो चुके हैं।
- 75 सूचीबद्ध पीवीटीजी में से सबसे अधिक संख्या ओडिशा (13) में पाई जाती है, इसके बाद आंध्र प्रदेश (12) का स्थान है।
उत्तराखंड Switch to English
प्रदेश में पहली बार छह खिलाड़ियों को मिलेगा हिमालय पुत्र पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
12 नवंबर, 2023 को उत्तराखंड के खेल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में पहली बार छह खिलाड़ियों को हिमालय पुत्र पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।। इसमें एक दिव्यांग, दो टीम एवं तीन व्यक्तिगत स्पर्धा के खिलाड़ियों को यह पुरस्कार दिया जाएगा। पुरस्कार के लिये चयन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।
प्रमुख बिंदु
- विदित हो कि खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले इन खिलाड़ियों को देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार, लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और खेल प्रशिक्षक को देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार से हर साल सम्मानित किया जाता है, लेकिन खिलाड़ियों को हिमालय पुत्र पुरस्कार पहली बार मिलने जा रहा है।
- खेल विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, खेल निदेशालय को 16 अक्तूबर तक कई पुरस्कारों के लिये आवेदन मिल चुके हैं। आवेदनों की जांच के बाद इसके लिये गठित कमेटी की बैठक होगी।
- कमेटी के माध्यम से चयनित खिलाड़ियों और खेल प्रशिक्षक का नाम शासन को भेजा जाएगा। शासन की हाईपावर कमेटी और खेल मंत्री के अनुमोदन के बाद पुरस्कारों के लिये नाम घोषित किये जाएंगे।
- इन पुरस्कारों के लिये नाम भी होंगे घोषित : प्रदेश के एक खिलाड़ी को देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार, एक को लाइफ टाइम अचीवमेंट और एक खेल प्रशिक्षक को देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलेगा।
उत्तराखंड Switch to English
प्रदेश के सभी 119 राजकीय महाविद्यालयों में स्थापित किये जाएंगे देवभूमि उद्यमिता केंद्र
चर्चा में क्यों?
11 नवंबर, 2023 को देवभूमि उद्यमिता योजना के नोडल अधिकारी एवं सहायक निदेशक, उच्च शिक्षा डॉ. दीपक कुमार पांडेय ने बताया कि प्रदेश के सभी 119 राजकीय महाविद्यालयों में देवभूमि उद्यमिता केंद्र स्थापित किये जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- डॉ. दीपक कुमार पांडेय ने बताया कि योजना का उद्देश्य राज्य के विश्वविद्यालयों एवं राजकीय संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप नवाचार एवं उद्यम का पारिस्थितिक तंत्र विकसित करना है।
- देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत 90 प्राध्यापकों को उद्यमिता प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। योजना के तहत छात्रों में उद्यमशील गुणों की पहचान करने के बाद उनका विकास किया जाएगा।
- विदित हो कि राज्य उच्च शिक्षण संस्थाओं के 22 संकाय सदस्यों ने ईडीआईआई, अहमदाबाद में पाँच नवंबर से 10 नवंबर तक प्रशिक्षण लिया है। नैनीताल, टिहरी गढ़वाल, हरिद्वार, अल्मोड़ा, चमोली, देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, बागेश्वर, उत्तरकाशी, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग से सदस्यों ने इसमें प्रतिभाग किया।
- उद्यमिता केंद्रों में निम्नलिखित विषयों पर फोकस किया जाएगा-
- छात्रों में उद्यमशील गुणों को पहचान करना और उनका विकास करना।
- स्टार्ट-अप अवसर की पहचान करना।
- उद्यमिता पर पाठ्यक्रम विकसित करना।
- स्टार्ट-अप फंडिंग और वेंचर कैपिटल।
- उत्तराखंड में उद्यमिता के उभरते अवसर और उनके प्रोजेक्ट प्रोफाइल बनाना।
- एनईपी-2020 के अनुसार कौशल-विकास पाठ्यक्रम कोर्स डिजाइन करना।
- पुस्तकालय संसाधन और आईटी पर चर्चा।
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