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राज्य कैबिनेट ने स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचे के लिये 6 अरब से अधिक की मंज़ूरी दी
चर्चा में क्यों?
12 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कोविड 19 महामारी के मद्देनज़र राज्य के स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचे में सुधार के लिये छह अरब 90 करोड़ रुपए के बजट को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- प्रस्तावित बजटीय योजना वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये केंद्र सरकार के तहत है, जिसे कोविड-19 प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज के चरण दो के रूप में जाना जाता है।
- इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों को बुनियादी ढाँचा योजनाओं के मामले में प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें कोविड-19 के लिये परीक्षण सुविधाएँ, बाल चिकित्सा वार्ड, स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन और पसंद शामिल हैं।
- इसके साथ ही मंत्रिपरिषद ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौवीं और दसवीं के सभी विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम की पुस्तकें नि:शुल्क देने का निर्णय लिया। इसके अलावा, कैबिनेट ने कक्षा आठ से आगे के छात्रों को साइकिल प्रदान करने का भी निर्णय लिया है। पहले सरकार छात्रों के बैंक खाते में राशि ट्रांसफर करती थी, ताकि वे अपनी पसंद की साइकिल खरीद सकें। साइकिल की खरीद के लिये सरकार अब टेंडर आमंत्रित करेगी और उसका वितरण किया जाएगा।
- मंत्रिपरिषद ने सोना सोबरन योजनांतर्गत बीपीएल एवं अंत्योदय वर्ग के लोगों के बीच वितरण हेतु साड़ी एवं धोती की खरीद हेतु मफतलाल इंडस्ट्रीज़ को शामिल करने का निर्णय लिया। सरकार ने अगले छह महीनों के लिये कपड़े की खरीद हेतु मफतलाल इंडस्ट्रीज़ को शामिल करने के मानदंडों में ढील दी है।
- मंत्रिपरिषद ने विधवाओं के लिये सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत पेंशन में संशोधन करते हुए निर्णय लिया कि केवल वही लोग योजना से बाहर होंगे, जो आयकर का भुगतान करते हैं या सरकारी उपक्रम में कार्यरत् थे।
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सेवा-सह-कला प्रदर्शनी
चर्चा में क्यों?
12 नवंबर, 2021 को झारखंड उच्च न्यायालय और झारखंड राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (झालसा) ने अखिल भारतीय कानूनी जागरूकता और आउटरीच अभियान के तहत उच्च न्यायालय के व्हाइट हॉल में एकदिवसीय राज्यस्तरीय कानूनी सेवा और कला प्रदर्शनी का आयोजन किया।
प्रमुख बिंदु
- प्रदर्शनी का उद्घाटन झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और झारखंड उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद ने किया।
- राज्य विधिक सेवा एवं प्रदर्शनी का आयोजन झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति डॉ. रवि रंजन तथा झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह के निर्देश और मार्गदर्शन में किया गया।
- न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा कि राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण का मुख्य फोकस समाज के हाशिये पर रहने वाले वर्ग के बीच कानूनी जागरूकता पैदा करना और अधिवक्ताओं के पैनल के माध्यम से कानूनी सहायता प्रदान करके समाज के इन वर्गों की सहायता करना है।
- गौरतलब है कि कोविड महामारी के दौरान झालसा ने राज्य की राजधानी और ज़िलों में अन्य इकाइयों में एक केंद्रीय ‘वॉर रूम’ भी स्थापित किया था, जो संकट में फंसे लोगों की मदद करता था, मुख्य रूप से जिन्हें कोविड से संबंधित सहायता की आवश्यकता होती थी।
- झालसा के सदस्य सचिव मोहम्मद शाकिर ने कहा कि प्रदर्शनी में चित्रमय प्रतिनिधित्व वाले राष्ट्रीय कानूनी सहायता के विभिन्न हेल्पलाइन नंबर भी प्रदर्शित किये गए। इसके साथ ही बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल, राँची, कम्युनिकेशन होम, राँची, यूनिसेफ, राँची, एल्डर हेल्प लाइन, चाइल्डलाइन, राँची आदि द्वारा भी स्टॉल लगाए गए।
- इस प्रदर्शनी में विभिन्न स्टालों के माध्यम से विधिक सेवा क्षेत्र में किये गए कार्यों की जानकारी लोगों को दी गई, साथ ही कानून की जानकारी के लिये तैयार सामग्री का वितरण भी किया गया।
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