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डीएनबी पाठ्यक्रमों में सेवारत डॉक्टरों के लिये 50 प्रतिशत आरक्षण
चर्चा में क्यों?
11 नवंबर, 2021 को हरियाणा राज्य सरकार ने ‘इन-सर्विस’ डॉक्टरों को राज्य के विभिन्न राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) से मान्यता प्राप्त सिविल अस्पतालों में पोस्ट एमबीबीएस डीएनबी, पोस्ट डिप्लोमा डीएनबी और पोस्ट एमबीबीएस डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिये राज्य कोटे में 50 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के संबंध में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिये इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिये अधिसूचना जारी की है।
प्रमुख बिंदु
- हालांकि, ‘इन-सर्विस डॉक्टरों’ को राज्य कोटे के तहत इन पाठ्यक्रमों के लिये आवेदन करने के लिये तीन साल के लिये वंचित कर दिया जाएगा, यदि वे एनबीई द्वारा निर्धारित प्रवेश की अंतिम तिथि से तीन दिन पहले पाठ्यक्रम छोड़ देते हैं (संस्थान में शामिल हो गए हैं)।
- अधिसूचना के अनुसार, पोस्ट एमबीबीएस डीएनबी, पोस्ट डिप्लोमा डीएनबी और पोस्ट एमबीबीएस डिप्लोमा पाठ्यक्रम वर्तमान में पंचकुला, फरीदाबाद, अंबाला शहर, हिसार, बहादुरगढ़, रेवाड़ी, अंबाला कैंट, पानीपत और रोहतक में नौ एनबीई मान्यता प्राप्त सिविल अस्पतालों में चल रहे हैं।
- इससे पहले, राज्य में डीएनबी पाठ्सक्रमों में सभी सीटें एनईईटी पीजी की अखिल भारतीय मेरिट श्रेणी के माध्यम से भरी जाती थीं। राज्य में विशेषज्ञों की कमी को पूरा करने के लिये सिविल अस्पतालों में डीएनबी पाठ्यक्रम शुरू किये गए हैं।
- ज्ञातव्य है कि डीएनबी, एक 3 साल का कोर्स एमडी/एमएस कोर्स का विकल्प है जो सिविल/निजी अस्पतालों द्वारा डॉक्टरों को उनकी एमबीबीएस डिग्री के बाद विशेषज्ञता प्रदान करने के लिये पेश किया जाता है। DNB डिग्री NBE द्वारा प्रदान की जाती है जो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है।
- स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, एनबीई के दिशा-निर्देशों के अनुसार, 50 प्रतिशत राज्य कोटा सीटों के तहत पोस्ट एमबीबीएस डीएनबी, पोस्ट डिप्लोमा डीएनबी और पोस्ट एमबीबीएस डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश केवल ‘इन-सर्विस डॉक्टरों’ पर लागू होगा।
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चौधरी देवीलाल सहकारी चीनी मिल गोहाना के पिराई सत्र का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
11 नवंबर, 2021 को हरियाणा के सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने चौधरी देवीलाल सहकारी चीनी मिल आहुलाना(गोहाना) के पेराई सत्र 2021-22 का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- सहकारिता मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि किसानों के सहयोग से प्रदेश के सभी चीनी मिलों को समय से पहले शुरू किया गया है ताकि अधिक चीनी व अन्य चीजों का उत्पादन किया जा सके और प्रदेश के चीनी मिलों को घाटे से उभारा जा सके।
- उन्होंने कहा कि चीनी मिलों की आय को बढाने व किसानों को और अधिक सुविधाएं देने के लिए अब प्रदेश के चीनी मिलों में चीनी के अलावा एथनोयल, गुड़ तथा रिफाइंड शुगर भी तैयार किया जाने लगा है। रोहतक का चीनी मिल पूरे देश में दूसरा ऐसा चीनी मिल है जहां पर रिफाइंड शुगर तैयार की जाती है।
- सहकारिता मंत्री ने कहा कि पूरे भारत में गन्ने का सबसे ज्यादा रेट हरियाणा के किसानों को दिया जा रहा है ताकि गन्ना उत्पादक किसानों को खासा मुनाफा मिल सके।
- राज्य सरकार द्वारा गन्ने की 15023 किस्म को बढावा देने के लिये किसानों को अलग से 8 हज़ार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है ताकि अधिक से अधिक किसान इस किस्म को उगा सकें ।
- पिराई सत्र के शुभारंभ समारोह में सहकारिता मंत्री ने गत सीजन 2020-21 के अंतर्गत मिल गेट पर सबसे अधिक गन्ना आपूर्ति करने वाले तथा चीनी मील में साफ-सुथरा गन्ना लाने वाले किसानों को सम्मानित किया।
- गन्ना यार्ड में बुग्गी तथा ट्रैक्टर-ट्रॉली में सबसे पहले गन्ना लाने वाले किसानों को भी सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने सम्मानित किया।
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