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स्टेट पी.सी.एस.

  • 13 Oct 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

सीएम योगी को इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड

चर्चा में क्यों?

12 अक्टूबर, 2022 को मीडिया समूह द्वारा आयोजित ‘इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड’ समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ‘इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • इस समारोह में अवार्डों की श्रृंखला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राजनीति श्रेणी में उनके शानदार काम के लिये यह सम्मान मिला है। हालाँकि इस अवार्ड समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मौज़ूद नहीं हो सके थे। उन्होंने इस अवार्ड को राज्य की 25 करोड़ जनता को समर्पित किया।
  • मीडिया समूह द्वारा आयोजित इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड समारोह में मनोरंजन, राजनीति, खेल, स्टार्टअप, सोशल चेंज और जलवायु आदि श्रेणियों में प्रेरणास्पद कार्य करने वाली भारतीय हस्तियों को सम्मानित किया गया है।
  • इस श्रेणी में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया सहित कई बड़े नाम शामिल थे।

उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की नई टूरिज्म पॉलिसी

चर्चा में क्यों?

12 अक्टूबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य के पर्यटन विभाग ने आकर्षक नई टूरिज्म पॉलिसी तैयार की है।

प्रमुख बिंदु

  • विदित है कि विभाग द्वारा तैयार की गई पर्यटन नीति-2022 के प्रारूप में राज्य को एक ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने पर फोकस करते हुए कई नए क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है।
  • इस पॉलिसी में राज्य को वैवाहिक पर्यटन के डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की भी योजना है यानि राज्य के टूरिस्ट डेस्टिनेशन अब शादी को भी यादगार बनाएंगे। देसी और विदेशी जोड़ों के विवाह को यादगार बनाने के लिये होटल, किलों और पर्यटक स्थलों को विकसित किया जाएगा। इसके लिये वेडिंग प्लानरों और इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों की मदद ली जाएगी।
  • हर साल बड़े पैमाने पर विदेशी मेहमानों का शादी के लिये भारत में वाराणसी और आगरा में आने को ध्यान में रखते हुए विभाग ने यह खाका तैयार किया है।
  • वेडिंग प्लानरों और इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों की मदद से वाराणसी, आगरा, मथुरा-वृंदावन एवं चुनार, वॉटर फॉल आदि को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही प्री वेडिंग के लिये कपल्स को प्री शूट की सुविधा भी दी जाएगी।
  • राज्य में कई ऐसी ऐतिहासिक विरासत स्थल हैं जो वन विभाग के अधीन आती हैं। ऐसे में इन जगहों को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिये वन विभाग की भी मदद ली जाएगी।
  • जहाँ पर सबसे ज्यादा विदेशी मेहमान शादी के बंधन में बंधने के लिये आते हैं, उन जगहों को और आकर्षक बनाने के लिये इवेंट कंपनी से सुझाव मांगे जाएंगे। वेडिंग डेस्टीनेशनों को सूचीबद्ध करके इनका ऑनलाइन प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। पर्यटन विभाग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी इसे प्रमोट करेगा।
  • पर्यटन प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने कहा कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश विदेशी जोड़ों के लिये राजसी ठाठ-बाट और सांस्कृतिक विरासत के आधार पर विवाह के लिये बेहतरीन जगह है। ऐसे में राज्य के विभिन्न शहरों में वेडिंग डेस्टिनेशन के लिये उपयुक्त स्थानों को चिह्नित किया जा रहा है। इसके प्रचार-प्रसार के लिये वेडिंग प्लानरों और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की मदद ली जाएगी। 

बिहार Switch to English

बिहार में 87 नए कोर्स स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के दायरे में लाए जाएंगे

चर्चा में क्यों?

12 अक्टूबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के कृषि, चिकित्सा, श्रम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उच्च शिक्षा सहित सात विभागों से ली गई राय के बाद स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के दायरे में 87 नये कोर्स लाए जा रहे हैं।

प्रमुख बिंदु

  • ये 87 नये कोर्स लेदर, फैशन और टैक्सटाइल डिजाइन के स्नातक/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में लाए जा रहे हैं। अब इन सभी कोर्स की पढ़ाई के लिये भी लोन मिलेगा। स्कीम के नीतिगत फैसलों पर निर्णय लेने के लिये शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय समिति ने औपचारिक प्रस्ताव तैयार कर लिया है। 87 नये कोर्स के लिये लोन की पूरी कवायद अक्टूबर तक पूरी की जाएगी।
  • ज्ञातव्य है कि राज्य में अभी तक 42 कोर्स में छात्रों को पढ़ाई के लिये लोन मिलता है। अगर इन 87 नये कोर्स को मंज़ूरी मिलती है, तो कुल 129 कोर्स की पढ़ाई के लिये लोन मिल सकेगा।
  • विभागीय जानकारों के मुताबिक इस लोन स्कीम में चार वर्षीय बैचलर ऑफ एग्रीकल्चर, मास्टर ऑफ एग्रीकल्चर, बीएड, डीएलएड, एग्री बिजनेस में एमबीए और बीबीएम (चार वर्षीय कोर्स), एम. ए. मास कम्युनिकेशन, एमएससी स्टैटिक्स एंड कंप्यूटिंग, वोकेशनल कोर्स में मेडिकल इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी, साइंस टेक्नोलॉजी, आईटीआई और स्किल संबंधी तमाम विषय शामिल किये जा रहे हैं। सर्वाधिक 16 पाठ्यक्रम स्वास्थ्य से संबंधित हैं। इनमें बीएससी एंडोस्कोपी, एंडोस्कोपी टेक्नोलॉजी, बीएससी रेडियो थेरेपी आदि शामिल हैं।
  • इसके साथ ही स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत 127 नये कॉलेजों को और जोड़ा जा रहा है। दरअसल, कॉलेजों ने इस स्कीम के तहत ऑनलाइन आवेदन किये थे। इसमें राज्य के बाहर के 121 कॉलेज हैं, जिन्हें नैक, एनबीए और एनआईआरएफ रैंकिंग हासिल हैं।
  • स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत पाठ्यक्रम की प्रकृति के हिसाब से लोन कम और अधिक करने पर भी विचार चल रहा है। अभी बीए और दूसरे पारंपरिक विषय के लिये भी चार लाख और दूसरे विशेष विषयों के लिये भी चार लाख रुपए समान रूप से दिये जाते हैं। इसके कारण कॉलेजों ने अच्छी-खासी फीस बढ़ा रखी है।
  • विभाग चाहता है कि साधारण विषयों की पढ़ाई के लिये लोन राशि घटायी जाए। वहीं, एनआइटी और दूसरे केंद्रीय शिक्षण संस्थानों के तकनीकी कोर्स की पढ़ाई की लोन राशि बढ़ाकर छह लाख की जा सकती है।
  • राज्य के अंदर इस स्कीम में नैक/एनबीए/एनआइआरएफ की रैंकिंग वाले कॉलेजों को ही पात्र मानने पर विचार जारी है।
  • देश के बाहर के शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई के लिये लोन दिया जायेगा। इसमें 50 लाख रुपए से ऊपर का लोन प्रस्तावित है। लाभार्थियों की संख्या के लिये कोटा तय होगा।
  • उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक 36167 आवेदकों को 756.49 करोड़ रुपये बाँटे गए हैं। वहीं अप्रैल 2022 से 18 सितंबर तक 36924 विद्यार्थियों को बतौर लोन 628.80 करोड़ बाँटे गए हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में एक लाख विद्यार्थियों को लोन बाँटने का लक्ष्य रखा गया है।

राजस्थान Switch to English

26वाँ राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह

चर्चा में क्यों?

12 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान में जयपुर के टैगोर इंटरनेशनल स्कूल कैंपस, मानसरोवर में 26वाँ राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह आयोजित किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति व विकास कार्यों के लिये उल्लेखनीय दान कार्य करने वाले 350 से अधिक दानदाताओं तथा प्रेरकों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया। इनमें लगभग 246 दानदाता एवं 108 प्रेरक सम्मिलित रहे।
  • इस सम्मान समारोह में गत 3 वर्षों में शिक्षा के विकास में योगदान देने वाले दानदाताओं को शामिल किया गया। इसमें इन तीन वर्षों में किसी एक वर्ष में एक करोड़ रुपए या अधिक का दान देने वालों को ‘शिक्षा विभूषण’ के रूप में सम्मानित किया गया तथा अन्य को ‘शिक्षा भूषण’ के रूप में सम्मानित किया गया।
  • इस अवसर पर डॉ.कल्ला ने भामाशाहों व उनको प्रेरित करने वाले प्रेरकों को संबोधित करते हुए परहित का काम करने पर साधुवाद ज्ञापित किया तथा स्कूल शिक्षा के अतिरित्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल ने भी शिक्षा के क्षेत्र में भामाशाहों के योगदान की महत्ता को बताया।   

मध्य प्रदेश Switch to English

एससी-एसटी मेगा बिजनेस कॉन्क्लेव एंड एक्सपो

चर्चा में क्यों?

12 अक्टूबर, 2022 को मध्य प्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह ने दलित इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) के मेगा एससी-एसटी बिजनेस कॉन्क्लेव एंड एक्सपो का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मध्य प्रदेश शासन के सहयोग से रवींद्र भवन में डिक्की द्वारा एससी-एसटी मेगा बिजनेस कॉन्क्लेव एंड एक्सपो में चार सत्रों में देशभर से आए ख्यात उद्यमियों ने अपनी सफलता के अनुभव साझा किये।
  • सचिव एमएसएमई पी. नरहरि ने कहा कि एमएसएमई उभरते सेक्टर प्रसंस्करण एग्रो, खिलौना निर्माण और फर्नीचर के क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने में सहयोग करता है।
  • उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश ने खिलौना और फर्नीचर में आत्म-निर्भरता के लिये पॉलिसी बनाई है। अजा-अजजा वर्ग के युवा को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार सतत् प्रयत्नशील है। सरकार ने अनुसूचित जाति जनजाति के लिये उद्योग स्थापित करने के उद्देश्य से योजना में विशेष प्रावधान किये हैं।
  • दलित इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के नेशनल प्रेसिडेंट पद्मश्री रवि कुमार नर्रा ने कहा कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार ने शासकीय योजनाओं में विशेष प्रावधान कर अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग को मुख्य धारा में लाने के लिये सतत् प्रयासरत है।
  • प्रदेश के 25 ज़िलों में उद्यमियों द्वारा स्टाल लगाकर अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया गया और इसमें दूसरे 5 राज्य से भी उद्यमियों ने स्टाल लगाकर अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया।
  • गौरतलब है कि दलित इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स स्व-सहायता और उद्यमिता के माध्यम से डॉ. अंबेडकर के आर्थिक सशक्तिकरण के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिये काम करता है। इसकी स्थापना 2005 में की गई थी।    

हरियाणा Switch to English

36वें राष्ट्रीय खेलों के समापन दिवस पर बॉक्सिंग मुकाबलों में हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते 4 स्वर्ण पदक

चर्चा में क्यों?

12 अक्टूबर, 2022 को गुजरात में चल रहे 36वें राष्ट्रीय खेलों के समापन दिवस पर खेले गए बॉक्सिंग के मुकाबलों में हरियाणा के खिलाड़ियों ने 4 स्वर्ण पदक सहित कुल 10 पदक जीते।

प्रमुख बिंदु

  • बॉक्सिंग के मुकाबलों में हरियाणा के खिलाड़ियों ने 4 स्वर्ण, 5 रजत और 1 काँस्य पदक जीते। 80 किलोग्राम भार वर्ग में विनीत, अंकित ने तथा लड़कियाँ में मीनाक्षी और पूनम ने स्वर्ण पदक जीते।
  • इनके अलावा, 57 किलोग्राम भार वर्ग में सचिन ने रजत पदक, 92 किलोग्राम भार वर्ग में नवीन ने रजत पदक, 67 किलोग्राम भार वर्ग में सागर, जैसमीन और स्वीटी ने रजत पदक जीते, वहीं मोहित ने काँस्य पदक जीता।
  • 36वें राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा 38 स्वर्ण पदक सहित कुल 116 पदक जीतकर पदक तालिका में तीसरे स्थान पर रहा। सबसे खास बात यह रही कि 38 स्वर्ण पदकों में से हरियाणा ने 37 स्वर्ण पदक ओलंपिक खेलों में जीते हैं, जो किसी भी अन्य राज्य से दोगुने से भी ज्यादा हैं।
  • पिछले 3 संस्करणों में हरियाणा के पदकों की संख्या इस बार सबसे अधिक रही है। विदित है कि पिछले राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा ने 107 खेलों में जीत हासिल की थी।
  • हालाँकि, पदक तालिका में सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड शीर्ष पर रहा, परंतु कुल पदक विजेताओं में से 80 प्रतिशत से अधिक का प्रतिनिधित्व हरियाणा से ही है।
  • मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि विजेता खिलाड़ियों को राज्य सरकार की खेल नीति के अनुसार पुरस्कार व नौकरियाँ दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य के खिलाड़ियों की मेहनत के बल पर ही हरियाणा की खेलों के क्षेत्रों में ऐसी पहचान बनी है तथा अन्य राज्य भी हरियाणा की खेल नीति का अनुसरण करने लगे हैं।
  • राज्य के खिलाड़ियों ने 38 स्वर्ण, 38 रजत और 40 काँस्य जीते हैं। खिलाड़ियों ने एक्युएटिक्स में 1 रजत और 1 काँस्य, तीरंदाजी में 5 स्वर्ण, एथलेटिक्स में 3 स्वर्ण, 3 रजत और 5 काँस्य, बॉक्सिंग में 4 स्वर्ण, 5 रजत और 1 काँस्य, कैनॉइंग में 1 रजत और 1 काँस्य, साइकिलिंग में 2 स्वर्ण और 3 रजत, फेंसिंग में 1 स्वर्ण, 1 रजत और 2 काँस्य, गोल्फ में 2 रजत और 2 काँस्य, हॉकी में 1 स्वर्ण, जुडों में 2 स्वर्ण, 3 रजत और 11 काँस्य, कबडन्न्ी में 2 काँस्य, नेट बॉल में 2 स्वर्ण, रोइंग में 3 रजत और 1 काँस्य, रग्बी में 1 स्वर्ण, शूटिंग में 2 स्वर्ण, 3 रजत और 2 काँस्य, सोफ्ट टेनिस में 2 काँस्य, टेबल टेनिस में 1 रजत, टेनिस में 1 काँस्य, वेटलिफ्टिंग में 1 स्वर्ण, 2 रजत और 2 काँस्य, कुश्ती में 12 स्वर्ण, 7 रजत और 4 काँस्य, वुशू में 1 स्वर्ण और 2 रजत, वॉलीबॉल में 1 काँस्य तथा योगासना में 1 स्वर्ण, 1 रजत और 2 काँस्य पदक जीते हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सूचना आयोग के ऑनलाईन पोर्टल का किया लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

12 अक्टूबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने राज्य सूचना आयोग कार्यालय में राज्य शासन के द्वारा तैयार किये गए राज्य सूचना आयोग के ऑनलाईन बेव पोर्टल का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इसके साथ ही भारत में छत्तीसगढ़ ऐसा छठवाँ राज्य बन गया है, जहाँ ऑनलाईन की प्रक्रिया के तहत तीनों स्तर (जनसूचना अधिकारी, प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं द्वितीय अपील) में आवेदक आवेदन कर सकता है।
  • मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने इस अवसर पर सुझाव देते हुए कहा कि ऑनलाईन बेव पोर्टल को हिन्दी में बनाया जाए ताकि जो लोग कंप्यूटर के मामले में कम शिक्षित हैं उन्हें इसका उपयोग करने में आसानी हो एवं जिसका लाभ आम नागरिकों को अधिक से अधिक मिल सके।
  • उन्होंने सुझाव दिया कि सूचना का अधिकार को और प्रभावी बनाने के लिये जनसंपर्क विभाग और आयोग मिलकर छत्तीसगढ़ की स्थानीय भाषा में शार्ट वीडियो बनाकर ऑनलाईन वेब पोर्टल की पूरी प्रक्रिया को बताया जाना चाहिये, जिससे आम नागरिक इस पोर्टल का अधिक से अधिक लाभ ले सकें।
  • उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से कॉलेज स्तर पर और राजीव युवा मितान क्लब के सदस्यों के माध्यम से भी सूचना का अधिकार के ऑनलाईन बेवपोर्टल का हिन्दी में प्रचार-प्रसार कराया जाए तो ज्यादा लाभकारी होगा।
  • मुख्य सूचना आयुक्त एम. के. राउत ने कहा कि यह ऑनलाईन बेव पोर्टल 24×7 दिन चालू रहेगा। आवेदक, जनसूचना अधिकारी/प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं द्वितीय अपील आवेदनों को ऑनलाईन प्रेषित कर सकते हैं। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत वांछित शुल्क भी ऑनलाईन जमा कर सकते हैं।
  • मुख्य सूचना आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में लगभग 14 हज़ार से अधिक जनसूचना अधिकारी हैं, छत्तीसगढ़ के सभी विभागों के जनसूचना अधिकारी अपना रजिस्ट्रेशन इस पोर्टल में ऑनलाईन कर सकते हैं। साथ ही प्रथम अपीलीय अधिकारियों एवं नोडल अधिकारी का विवरण भरकर संबंधितों को अग्रेषित कर सकते हैं। संबंधित प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं नोडल अधिकारी को इसका वेरिफिकेशन करना होगा, उसके बाद रजिस्ट्रेशन पूर्ण हो जाएगा।
  • एम. के. राउत ने बताया कि राज्य के दूरदराज क्षेत्र के नागरिकों को इसका लाभ मिल सकेगा। आवेदक अपना आवेदन ऑनलाईन अपलोड करने के साथ-साथ ऑनलाईन शुल्क जमा कर सकता है। आवेदकों को नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प/बैंक ड्राफ्ट/पोस्टल आर्डर/मनीआर्डर संलग्न करने की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही विभागीय कार्यालयों में स्वयं आकर आवेदन जमा करने अथवा डाक के माध्यम से आवेदन भेजने की भी आवश्यकता नहीं होगी।
  • उन्होंने कहा कि पोर्टल में ऑनलाईन आवेदन पंजीयन होने के बाद जनसूचना अधिकारी की जवाबदेही बढ़ जाएगी और 30 दिवस के भीतर ही आवेदक को ऑनलाईन जानकारी देने के लिये बाध्य होगा।  

उत्तराखंड Switch to English

मुख्यमंत्री धामी ने खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के नवनिर्मित एफ.डी.ए. भवन व राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का किया लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

12 अक्टूबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सहस्त्रधारा रोड स्थित डांडा लखौड में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के नवनिर्मित एफ.डी.ए. भवन व राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के फार्मा सेक्टर के लिये औषधि नियंत्रण संगठन एवं राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक बड़ी पहल की जा रही है। इस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास को केंद्र में रखकर 56 करोड़ रुपए की लागत से एफ.डी.ए. भवन का निर्माण किया गया है।
  • इसके अतिरिक्त 22 करोड़ रुपए की लागत से एफ.डी.ए. भवन में औषधि नमूनों की गुणवत्ता जाँचने हेतु राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भी स्थापित की गई है। इस प्रयोगशाला में वर्तमान आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार का प्रयास है कि राज्य में औषधि निर्माण और इस क्षेत्र में विस्तार की संभावनाओं को अधिक से अधिक प्रोत्साहन दिया जाए। इसी के परिणामस्वरूप राज्य में औषधि निर्माण की ईकाइयाँ लगातार बढ़ रही हैं। राज्य में लगभग 300 औषधि निर्माता कंपनियाँ कार्य कर रही हैं। ये सभी इकाइयाँ अपने उत्पादन के ज़रिये हज़ारों लोगों को रोज़गार उपलब्ध करवा कर रही है।
  • उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में प्रकृति प्रदत्त अनेक संपदाएँ हैं। उत्तराखंड आयुष, योग धर्म एवं संस्कृति की भूमि तो है ही, इसके अलावा अब उद्योगों की भूमि भी बन रही है।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा औषधि निर्माता कंपनियों को हर संभव मदद दी जाएगी। वर्ष 2025 में जब उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाएगा, तब तक उत्तराखंड को उत्कृष्ट राज्य बनाने में फार्मा सेक्टर क्या योगदान दे सकता है, इस दिशा में ध्यान दिया जाएगा।
  • राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में औषधि निर्माता कंपनियों को बढ़ावा देने के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। दवा कंपनियों को लाइसेंस लेने में दिक्कतें न हो इसके लिये ऑनलाईन प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
  • वर्ष 2024 तक राज्य को क्षय रोग मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। ब्लड डोनेशन एवं संस्थागत प्रसव में उत्तराखंड श्रेष्ठ राज्यों में है। 

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