ग्वालियर में ‘अटल बिहारी वाजपेयी स्मारक न्यास’ के गठन की स्वीकृति | मध्य प्रदेश | 13 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
12 अक्टूबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता मे मंत्रिपरिषद की वर्चुअल बैठक में ग्वालियर में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक के निर्माण और संस्कृति विभाग के अधीन स्वायत्त ‘अटल बिहारी वाजपेयी स्मारक न्यास’ के गठन के लिये स्वीकृति दी गई।
प्रमुख बिंदु
- स्मारक न्यास के माध्यम से युवाओं और नौनिहालों में राष्ट्र निर्माण एवं राष्ट्र विकास के प्रति संवेदनशीलता तथा जागरूकता का प्रचार-प्रसार करने के लिये आवश्यक प्रयास किया जाएगा।
- वाजपेयी जी की भव्य प्रतिमा एवं दृश्य-श्रव्य माध्यमों से उनके जीवन चरित्र का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। प्रतिमा स्थल के आसपास सुव्यवस्थित जन-सुविधाएँ विकसित की जाएंगी। साथ ही उनके जीवन दर्शन से संबंधित गतिविधियों के संचालन के लिये कार्यशाला, सेमीनार, शोध, संगोष्ठी, व्याख्यान इत्यादि का आयोजन किया जाएगा।
- स्मारक परिसर में वाजपेयी जी एवं उनके जीवन दर्शन से संबंधित साहित्य का प्रकाशन तथा पुस्तकों की लाइब्रेरी/ई-लाइब्रेरी, सुशासन एवं नीति-निर्माण हेतु अध्ययन केंद्र की स्थापना तथा पर्यटन की दृष्टि से वाटर बॉडी, कैंटीन, पार्क आदि का विकास किया जाएगा।
- परिसर में राष्ट्र निर्माण एवं राष्ट्र विकास के प्रति संवेदनशीलता तथा जागरूकता का प्रचार-प्रसार करने के लिये फिल्मों का संग्रहण, दृश्य श्रव्य/मल्टीमीडिया, संग्रहालय, मुक्ताकाश मंच एवं ऑडिटोरियम आदि सुविधाओं का सृजन, उनकी बौद्धिक प्रखरता, साहित्यिक दृष्टिकोण और विशेष रूप से संसद में सशक्त उपस्थिति को प्रमुख आयाम के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।
- न्यास के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये भारत सरकार, राज्य सरकार, गैर-शासकीय संस्थाओं, संगठनों, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के निकाय तथा व्यक्तियों से संपर्क समन्वय एवं सहयोग स्थापित कर क्रियान्वयन किया जाएगा।
अपशिष्ट प्रबंधन एवं निष्पादन के लिये एम.ओ.यू. | मध्य प्रदेश | 13 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
12 अक्टूबर, 2021 को नगर निगम भोपाल और एनटीपीसी तथा भोपाल आरएनजी प्राइवेट लिमिटेड के मध्य अपशिष्ट प्रबंधन एवं निष्पादन किये जाने के लिये एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किये गए।
प्रमुख बिंदु
- यह एम.ओ.यू. 200 टन प्रतिदिन गीले कचरे से बायो सीएनजी प्लांट एवं 400 टन प्रतिदिन सूखे कचरे से टॉरीफाईड चारकोल प्लांट की स्थापना के लिये हुआ।
- ज्ञातव्य है कि वर्तमान में भोपाल शहर से लगभग 800 टन कचरा प्रतिदिन एकत्र होता है। इसके निष्पादन के लिये नगर निगम भोपाल द्वारा प्रति मीट्रिक टन 333 रुपए का व्यय किया जाता है। इस प्लांट के लगने से भोपाल आरएनजी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा भोपाल नगर निगम को 83 लाख रुपए की राशि प्रतिवर्ष रॉयल्टी के रूप में 20 वर्ष तक दी जाएगी एवं मार्केट रेट से 5 रुपए कम दर पर बायो सीएनजी प्रदान की जाएगी।
- प्लांट से उत्पन्न होने वाली बायो सीएनजी का उपयोग सिटी बसों में किया जाएगा। प्लांट की स्थापना पर 40 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है, जो पूर्णरूप से एजेंसी द्वारा स्वयं वहन किया जाएगा। एजेंसी द्वारा नगर निगम भोपाल से कचरा निष्पादन के लिये कोई भी प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जाएगी।
- आदमपुर छावनी में 15 एकड़ भूमि के क्षेत्रफल में टॉरीफाईड चारकोल प्लांट की स्थापना 80 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से की जाएगी। यह राशि पूर्णरूप से एनटीपीसी द्वारा वहन किया जाएगा। उत्पादित टॉरीफाइड चारकोल का उपयोग एनटीपीसी के विद्युत संयंत्रों में किया जाएगा।
- 400 टन प्रतिदिन सूखे कचरे से टॉरीफाईड चारकोल प्लांट का निर्माण बिल्ट ऑन ऑपरेट मॉडल पर आधारित होगा। प्लांट की स्थापना एवं संचालन-संधारण कार्य एनटीपीसी द्वारा ही 25 वर्ष तक किया जाना है।