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देहरादून का घंटाघर
चर्चा में क्यों?
हाल ही में देहरादून के प्रतिष्ठित घंटाघर की टिक-टिक बंद हो गई, क्योंकि चोरों ने इसके ताँबे के अंदरूनी हिस्से को तोड़ दिया।
मुख्य बिंदु
- ऐतिहासिक महत्त्व:
- इसका निर्माण 1940 के दशक में हुआ था तथा इसका उद्घाटन वर्ष 1953 में श्रीमती सरोजिनी नायडू ने किया था।
- लाला शेर सिंह द्वारा अपने पिता लाला बलबीर सिंह की स्मृति में बनवाया गया।
- यह उन स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिये अपने प्राणों का बलिदान दिया।
- वास्तुशिल्पीय डिज़ाइन:
- षट्कोणीय संरचना जिसके छहों पक्षों पर एक-एक घड़ी है।
- यह टावर लगभग 85 मीटर ऊँचा है, जिसकी घंटियाँ पूरे शहर में गूँजती थीं।
- घंटाघर शहर के विकास का प्रतीक है और देहरादून के लिये गौरव का स्मारक है।
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