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बस्तर: ‘द मोस्ट प्रॉमिसिंग न्यू डेस्टिनेशन’
चर्चा में क्यों?
- 12 सितंबर, 2021 को कोलकाता में आयोजित देश के सबसे बड़े टूरिज़्म ट्रेड फेयर में बस्तर को ‘द मोस्ट प्रॉमिसिंग न्यू डेस्टिनेशन’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र स्टेडियम में 10 से 13 सितंबर तक आयोजित टीटीएफ मेले में विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो रहा बस्तर विशेष आकर्षण का केंद्र बना रहा।
- यह अवॉर्ड टूरिज़्म फेयर में बस्तर के सहायक कलेक्टर सुरूचि सिंह के नेतृत्त्व में पर्यटन प्रतिनिधिमंडल ने ग्रहण किया।
- इस मेले में लगाए गए स्टॉल में बस्तर के पर्यटन, संस्कृति एवं कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है।
- मेले में देश-दुनिया से कलकत्ता पहुँचे टूर प्लानर और ट्रेवल एजेंट्स को ‘द मोस्ट प्रॉमिसिंग न्यू डेस्टिनेशन’ पर प्रेजेंटेशन भी दिया गया।
- इस मेले में आमचो बस्तर पर्यटन व स्थानीय कला संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिये बस्तर जिला प्रशासन से आमचो बस्तर पर्यटन समिति की चौदह सदस्यीय टीम शामिल हुई।
- इन सदस्यों को प्रमुख पर्यटन स्थलों चित्रकोट, तीर्था, बीजाकासा, कोसरटेड़ा, मादरकोंटा, महेंद्रीघूमर, तामड़ाघूमर, मिचनार, तीरथगढ़, टोपर, माँझीपाल समेत अन्य पर्यटन स्थलों से चुना गया था।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर देश-विदेश के सैलानियों को आकर्षित करने और बस्तर की कला संस्कृति को पर्यटन नक्शे पर उभारने के लिये विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है।
- बस्तर में पर्यटन रोज़गार ट्रेनिंग, पर्यटक ट्रेकिंग, रैपलिंग, पैरामोटर, कैंपिंग, बस्तरिया व्यंजनों की उपलब्धता, टूरिस्ट गाइड सुविधा, एस.टी.एफ कैंप, कोसारटेंडा बांध, इको रिसोर्ट समेत अनेक पर्यटक स्थलों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।
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कोटेश्वर धाम में औषधीय प्रसंस्करण केंद्र
चर्चा में क्यों?
- 11 सितंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धमतरी ज़िले के कोटेश्वर धाम में औषधीय प्रसंस्करण और प्रशिक्षण केंद्र खोलने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने ज़िले के कोटेश्वर धाम में वैद्यराज (पारंपरिक चिकित्सक) सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह घोषणा की।
- इसके साथ ही उन्होंने कोटेश्वर धाम में वैद्यों के लिये विश्राम गृह तथा 4 हेक्टेयर क्षेत्र में धान खरीद केंद्र, स्टॉप डैम और सामुदायिक वन अधिकार पट्टे के निर्माण की भी घोषणा की।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वैद्यों के पारंपरिक ज्ञान का दस्तावेज़ीकरण करने का काम शुरू कर दिया है। वैद्यराज अपने क्षेत्र में औषधीय पौधे उगा सकते हैं, जिसके लिये सरकार उन्हें सहायता प्रदान करेगी।
- उन्होंने कहा कि सतधारा में स्टॉप डैम बनाया जाएगा और कोटेश्वर को सौर ऊर्जा से बिजली की आपूर्ति और पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
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