नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 12 Jul 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितीकरण (संशोधन) विधेयक, 2022

चर्चा में क्यों?

11 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितीकरण अधिनियम, 2002 में संशोधन के लिये प्रस्तुत छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितीकरण अधिनियम, 2022 विधेयक पर हस्ताक्षर किये।

प्रमुख बिंदु

  • इस विधेयक के अनुसार छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम, 2002 (क्र. 21 सन् 2002) की धारा 4 की उप-धारा (2) के खंड (पाँच), मूल अधिनियम की धारा 6 की उप-धारा (1) में, मूल अधिनियम की धारा 7 की उप-धारा (1), मूल अधिनियम की धारा 9 की उप-धारा (2) तथा मूल अधिनियम की धारा 9 की उप-धारा (3) में संशोधन किया गया है।
  • विधेयक में छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितीकरण अधिनियम, 2002 के मूल अधिनियम की धारा 4 की उप-धारा (2) के खंड (पाँच) को प्रतिस्थापित करके नगर तथा ग्राम निवेश विभाग का ज़िले का प्रभारी अधिकारी/संयुक्त संचालक/उपसंचालक/सहायक संचालक किया गया है। 
  • अधिनियम के खंड (चार)(क) में निर्धारित प्रयोजन से भिन्न भूमि के उपयोग परिवर्तन करने पर उस क्षेत्र की भूमि के लिये वर्तमान में प्रचलित कलेक्टर गाइडलाइन दर का 5 प्रतिशत अतिरिक्त शास्ति लगाने का प्रावधान किया गया है।
  • अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि यदि अनधिकृत विकास निर्धारित पार्क़िग हेतु आरक्षित भूखंड/स्थल पर किया गया हो, तो नियमितीकरण की अनुमति तभी दी जाएगी, जब आवेदक द्वारा पार्क़िग की कमी हेतु निर्धारित अतिरिक्त शारित राशि का भुगतान कर दिया गया हो।
  • अधिनियम में कहा गया है कि 1 जनवरी, 2011 के पूर्व अस्तित्व में आए ऐसे अनधिकृत विकास/निर्माण, जिनकी भवन अनुज्ञा/विकास अनुज्ञा स्वीकृति हो, अथवा ऐसे अनधिकृत भवन, जिसके लिये संबंधित स्थानीय निकाय में शासन द्वारा निर्धारित दर से संपत्ति कर का भुगतान किया जा रहा हो, ऐसे भवनों में, यदि छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम, 1984 अथवा संबंधित नगर के विकास योजना के अनुरूप पार्क़िग उपलब्ध नहीं है, तो पार्क़िग हेतु निम्नानुसार अतिरिक्त शास्ति राशि दिये जाने पर, भवन का नियमितीकरण इस प्रकार किया जा सकेगा कि-
    • पार्क़िग में 25 प्रतिशत कमी होने पर प्रत्येक कार स्थान हेतु पचास हजार रुपए,
    • 25 प्रतिशत से अधिक एवं 50 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान हेतु एक लाख रुपए,
    • 50 प्रतिशत से अधिक एवं 100 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान हेतु दो लाख रुपए
  • इसी प्रकार 1 जनवरी, 2011 अथवा उसके पश्चात् अस्तित्व में आए ऐसे भवनों में पार्क़िग हेतु अतिरिक्त शास्ति राशि दिये जाने पर, भवन का नियमितीकरण इस प्रकार किया जा सकेगा कि पार्क़िग में 25 प्रतिशत तक कमी होने पर प्रत्येक कार स्थान हेतु 50 हज़ार रुपए, 25 प्रतिशत से अधिक एवं 50 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान हेतु एक लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • खंड (चार) में कहा गया है कि शमन योग्य पार्क़िग की गणना इस प्रकार की जाएगी कि 500 वर्ग मीटर तक आवासीय क्षेत्र में पार्क़िग हेतु उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल प्रति कार स्थान (ईसीएस) के आधार पर निरंक होगा, जबकि 500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र होने पर पार्क़िग हेतु उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल प्रति कार स्थान (ईसीएस) के आधार पर 50 प्रतिशत होगा। गैर-आवासीय क्षेत्र में पार्क़िग हेतु उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल प्रति कार स्थान (ईसीएस) के आधार पर निरंक होगा, जबकि 500 से अधिक क्षेत्र होने पर पार्क़िग हेतु उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल प्रति कार स्थान (ईसीएस) के आधार पर 50 प्रतिशत होगा।
  • प्रावधान में कहा गया है कि (ग) ऐसी गैर लाभ अर्जन करने वाली सामाजिक संस्थाएँ, जो लाभ अर्जन के उद्देश्य से स्थापित न की गई हों, के अनधिकृत विकास के प्रत्येक प्रकरण में शास्ति प्राक्कलित राशि के 50 प्रतिशत की दर से देय होगी।
  • छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम, 1984 के नियम 39 में निर्धारित प्रावधान के अनुसार, मार्ग की चौड़ाई उपलब्ध नहीं होने के कारण, स्थल पर विद्यमान गतिविधियों में किसी प्रकार का लोकहित प्रभावित न होने की स्थिति में, नियमितीकरण किया जा सकेगा।
  • इसके अलावा मूल अधिनियम की धारा 7 की उप-धारा (1) के खंड (3) का लोप किया गया है। मूल अधिनियम की धारा 9 की उप-धारा (2) में, शब्द ‘अपील के लंबित रहने की अवधि में अपीलकर्त्ता अनधिकृत विकास के मासिक भाड़े की राशि, जैसा कि प्राधिकारी द्वारा निर्धारित की जाए, नियमित रूप से जमा करेगा’ के स्थान पर, शब्द ‘अपील के लंबित रहने की अवधि में अपीलकर्त्ता द्वारा अनधिकृत विकास के मासिक भाड़े की राशि, जो एक वर्ष से अनधिक अवधि की देय होगी, जैसा कि प्राधिकारी द्वारा निर्धारित की जाए, नियमित रूप से जमा करेगा। यह प्रावधान समस्त लंबित एवं नवीन प्रकरणों पर प्रभावशील होगा’ से प्रतिस्थापित किया गया है।
  • मूल अधिनियम की धारा 9 की उप-धारा (3) के परंतु के स्थान पर, निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाएगा ‘परंतु अपील के लंबित रहने की अवधि में, अपीलकर्त्ता अनधिकृत विकास के मासिक भाड़े की राशि, जैसा कि इस अधिनियम के अंतर्गत प्राधिकारी द्वारा निर्धारित किया गया हो, एक वर्ष से अनधिक अवधि के लिये जमा नियमित रूप से करेगा। यह समस्त लंबित एवं नवीन प्रकरणों पर प्रभावशील होगा।’

छत्तीसगढ़ Switch to English

राज्य के सीमावर्ती गोठानों की गतिविधियों पर प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन

चर्चा में क्यों?

11 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में राज्य के सीमावर्ती गाँवों में निर्मित गोठान की गतिविधियों पर प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस पुस्तिका के संपादक आलोक चंद्राकर हैं।
  • इस पुस्तिका में गोठानों में पशुओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिये संचालित गतिविधियों के साथ-साथ वहाँ पशुधन के चारे एवं पानी के प्रबंध, महिला स्व-सहायता समूहों की आयमूलक गतिविधियों का समावेश किया गया है।
  • गोठान और गोधन न्याय योजना, राज्य से सीमावर्ती गाँवों के ग्रामीणों के जीवन-स्तर में आए बदलाव को भी पुस्तिका में उल्लेखित किया गया है।
  • इस पुस्तिका में गोठानों से संबंधित समाचारों की क्लिपिंग भी शामिल की गई हैं।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow