राजस्थान Switch to English
जोधपुर के सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय में खुलेगा फोरेंसिक साइंस संस्थान
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान सरकार द्वारा जोधपुर के सरदार पटेल यूनिवर्सिटी ऑफ पुलिस परिसर में फोरेंसिक साइंस संस्थान के लिये 15 एकड़ भूमि आवंटित की गई है।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय फोरेंसिक साइंस विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) तथा सरदार पटेल यूनिवर्सिटी ऑफ पुलिस, सिक्योरिटी एंड क्रिमिनल जस्टिस (SPUP) द्वारा संयुक्त रूप से फोरेंसिक साइंस संस्थान खोला जाएगा।
- राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। इसमें नए कैंपस के निर्माण तथा यूनिवर्सिटी की वर्तमान बिल्डिंग तथा संसाधनों का उपयोग कर कुछ चयनित कोर्स अकादमिक सत्र-2022-23 से ही शुरू करने के लिये केंद्र सरकार को लिखा है।
- इसके साथ ही प्रदेश में संभागीय स्तर पर कुछ महाविद्यालयों को आने वाले समय में एनएफएसयू, राजस्थान से संबद्ध किये जाने का भी प्रस्ताव भेजा गया है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इससे पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य में फोरेंसिक साइंस संस्थान की स्थापना से अपराध एवं न्यायालयिक विज्ञान के क्षेत्र में क्षमता संवर्द्धन एवं अनुसंधान के नए आयाम स्थापित होंगे। साथ ही इससे आपराधिक न्याय प्रणाली में फोरेंसिक विज्ञान के बढ़ते महत्त्व को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र में प्रशिक्षित जनशक्ति की उपलब्धता को बढ़ावा मिलेगा।
राजस्थान Switch to English
मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों की पुरस्कार राशि बढ़ाने की स्वीकृति प्रदान की
चर्चा में क्यों?
12 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के प्रोत्साहन में पुरस्कार राशि बढ़ाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। अब महाराणा प्रताप पुरस्कार और गुरु वशिष्ठ पुरस्कार विजेताओं को 5-5 लाख रुपए की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- एक वित्तीय वर्ष में 5 गुरु वशिष्ठ पुरस्कार तथा 5 महाराणा प्रताप पुरस्कार दिये जाएंगे। अभी तक इन पुरस्कारों में विजेताओं को 1-1 लाख रुपए की राशि से सम्मानित किया जाता रहा है।
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 29 मई, 2022 को सवाई मानसिंह स्टेडियम में लोकार्पण एवं खिलाड़ी सम्मान समारोह के दौरान पुरस्कार राशि बढ़ाने की घोषणा की थी।
- गौरतलब है कि वर्ष 2014 में महाराणा प्रताप एवं गुरु वशिष्ठ पुरस्कार की राशि 50 हज़ार हज़ार रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए की गई थी। मुख्यमंत्री के अहम फैसले से पुरस्कार राशि में अब पाँच गुना बढ़ोतरी हो गई है।
- गुरु वशिष्ठ पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1985-86 में की गई थी तथा अब तक कुल 40 उत्कृष्ट खेल प्रशिक्षकों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है। इसी प्रकार महाराणा प्रताप पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1982-83 में की गई थी तथा इससे अब तक कुल 170 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सम्मानित किया जा चुका है।
- ये पुरस्कार राज्य के सर्वोत्तम खेल पुरस्कार हैं, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले चयनित खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को प्रदान किया जाता है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिये ओलंपिक पदक विजेताओं के लिये इनामी राशि बढ़ाई थी। इसमें पदक विजेताओं की इनामी राशि, स्वर्ण पदक विजेता को 75 लाख से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेता को 50 लाख से 2 करोड़ रुपए और कांस्य पदक विजेता को 30 लाख से 1 करोड़ रुपए की गई।
- इसी तरह एशियाई एवं राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पदक जीतने पर दी जाने वाली 30 लाख, 20 लाख एवं 10 लाख रुपए की इनामी राशि को बढ़ाकर क्रमश: 1 करोड़, 60 लाख एवं 30 लाख रुपए की जा चुकी है।
- मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा खेलों को बढ़ावा देने के लिये राज्य में पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट-ऑफ-टर्न पॉलिसी के आधार पर राजकीय सेवाओं में नियुक्तियाँ देने का भी निर्णय लिया गया था। इसमें अभी तक 229 खिलाड़ियों को विभिन्न विभागों में नियुक्तियाँ दी जा चुकी है।
मध्य प्रदेश Switch to English
खनिज विकास में सक्रिय योगदान के लिये मध्य प्रदेश को दो श्रेणी में मिला प्रथम और द्वितीय पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
12 जुलाई, 2022 को नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में छठे नेशनल कॉनक्लेव में मध्य प्रदेश को दो श्रेणी में प्रथम और द्वितीय पुरस्कार से नवाज़ा गया। प्रदेश के खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने पुरस्कार ग्रहण किये।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा पुरस्कार के लिये दो श्रेणियाँ निर्धारित की गई थीं, जिनमें मध्य प्रदेश को उत्खनन, नीलामी, खानों के संचालन में पहल करने और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में 3 करोड़ रुपए के प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- वहीं उत्खनन, नीलामी, खदानों के संचालन में पहल करने और इसमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में 2 करोड़ रुपए के दूसरे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। मध्य प्रदेश को खदानों की सफल नीलामी के लिये 2 करोड़ रुपए प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में मिले।
- मध्य प्रदेश के खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि देश में मध्य प्रदेश ऐसा पहला राज्य है, जिसे 7 करोड़ रुपए की राशि प्रोत्साहन के रूप में मिली है।
हरियाणा Switch to English
एचसीएस प्री की परीक्षा में चार के बजाय पाँच विकल्प होंगे
चर्चा में क्यों?
12 जुलाई, 2022 को हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) ने 24 जुलाई को होने वाली एचसीएस प्री की परीक्षा में गड़बड़ी को रोकने के लिये परीक्षा की ओएमआर शीट में चार के बजाय पाँच विकल्प करने का निर्णय लिया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि आयोग की ओर से 24 जुलाई, 2022 को एचसीएस प्री के 156 पदों के लिये परीक्षा ली जानी है।
- आयोग ने इस संबंध में नोटिस जारी कर दिया है। इसके साथ ही अभ्यर्थियों को नए ऑप्शन के साथ-साथ ओएमआर शीट और परीक्षा से संबंधित गाइडलाइन भी जारी की है।
- अब अभ्यर्थी ओएमआर शीट पर गोला खाली नहीं छोड़ सकेंगे। अगर किसी अभ्यर्थी को किसी सवाल का उत्तर नहीं आता है और वह विकल्प ए, बी, सी तथा डी को खाली छोड़ता है, तो उसे पाँचवा गोला (हैज-#) अनिवार्य रूप से भरना होगा।
- सिख धर्म से संबंधित युवकों को कड़ा और कृपाण ले जाने की अनुमति रहेगी, लेकिन ऐसे युवकों को परीक्षा के रिपोर्टिंग टाइम से एक घंटा पहले सेंटर पर पहुँचना होगा, ताकि उनकी स्क्रीनिंग हो सके कि कहीं कोई डिवाइस उनके पास न हो। अगर किसी के पास कोई प्रतिबंधित उपकरण मिलता है, तो उन्हें परीक्षा से रोक दिया जाएगा, जब तक हॉल में सभी ओएमआर शीट एकत्रित नहीं की जाती, तब तक कोई अभ्यर्थी कमरे से बाहर नहीं जा सकेगा।
- गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में एचपीएससी के उप-सचिव अनिल नागर व उसके दो साथियों को विजिलेंस ने लाखों रुपए की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया था। इन पर डेंटल सर्जन की भर्ती और एचसीएस प्रारंभिक परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने के आरोप लगे थे। उप-सचिव के पास ही गोपनीय शाखा की पूरी ज़िम्मेदारी थी और वह परीक्षा के बाद ओएमआर शीट में गड़बड़ी करके अभ्यर्थियों को पास कराता था। आयोग ने दोनों ही भर्तियों को रद्द कर नए सिरे से परीक्षा का शेड्यूल जारी किया था।
झारखंड Switch to English
प्रधानमंत्री ने बाबा नगरी देवघर से झारखंड को दी विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात
चर्चा में क्यों?
12 जुलाई, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के देवघर से 16,800 करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री ने बाबा वैद्यनाथ धाम को सीधा हवाई संपर्क प्रदान करने के लिये 401 करोड़ रुपए की लागत से बने देवघर हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। 657 एकड़ में फैला देवघर एयरपोर्ट राँची के बाद झारखंड का दूसरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन की क्षमता सालाना लगभग पाँच लाख यात्रियों की है।
- प्रधानमंत्री ने इंडिगो कंपनी के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (सीईओ) रोनो दत्ता और चीफ ऑफ फ्लाइट ऑपरेशन आशू मिश्रा को उड़ान ध्वज प्रदान कर देवघर-कोलकाता-देवघर विमान सेवा का शुभारंभ किया।
- प्रधानमंत्री ने एम्स, देवघर रोगी (इन-पेशेंट) विभाग (आईपीडी) और ऑपरेशन थिएटर संबंधी सेवाएँ राष्ट्र को समर्पित कीं। यह प्रधानमंत्री के देश के सभी हिस्सों में उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के विज़न के अनुरूप है। प्रधानमंत्री ने 25 मार्च, 2018 को एम्स देवघर की आधारशिला रखी थी।
- प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की गई परियोजनाओं में 2,000 तीर्थयात्रियों की क्षमता वाले दो बड़े तीर्थमंडली भवनों का विकास, जलसर झील के फ्रंट का विकास, शिवगंगा तालाब विकास आदि शामिल हैं। नई सुविधाओं से हर साल बाबा वैद्यनाथ धाम आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के अनुभव में सुधार होगा।
- प्रधानमंत्री ने 10,000 करोड़ रुपए से ज़्यादा की कई सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं से क्षेत्र में संपर्क को और प्रोत्साहन मिलेगा, साथ ही आम जनता के लिये आवाजाही आसान हो जाएगी।
- प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में लगभग 3,000 करोड़ रुपए की विभिन्न एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। इसमें गेल की जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धामरा पाइपलाइन का बोकारो-अंगुल खंड; बरही, हज़ारीबाग में एचपीसीएल का नया एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र और बीपीसीएल के बोकारो एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र का लोकार्पण शामिल हैं। इसके अलावा झरिया ब्लॉक में पर्बतपुर गैस कलेक्टिंग स्टेशन, ओएनजीसी के कोल बेड मीथेन (सीबीएम) एसेट का शिलान्यास किया गया।
- प्रधानमंत्री ने दो रेल परियोजनाओं- गोड्डा-हंसडीहा विद्युतीकरण खंड और गरहवा-महुरिया दोहरीकरण परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं से उद्योगों और बिजलीघरों को सामान की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी। इनसे दुमका से आसनसोल के बीच ट्रेनों की आवाजाही भी आसान हो जाएगी।
- प्रधानमंत्री ने तीन रेल परियोजनाओं- राँची रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास, जसीडीह बाइपास लाइन और एलएचबी कोच रख-रखाव डिपो, गोड्डा का शिलान्यास भी किया। इनमें राँची स्टेशन के पुनर्विकास में फूड कोर्ट, एग्जीक्यूटिव लॉउंज, कैफेडेरिया, एयर कंडीशंड वेटिंग हॉल आदि सहित विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएँ शामिल हैं। इससे आवाजाही आसान होने के साथ ही यात्रियों के लिये आराम भी सुनिश्चित होगा।
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उड़ान योजना के तहत पिछले 5-6 वर्षों में हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट और वाटर एयरोड्रोम के माध्यम से लगभग 70 नए स्थान जोड़े गए हैं। आज आम नागरिकों को 400 से अधिक नए रूटों पर हवाई यात्रा की सुविधा मिल रही है।
- 2014 से पहले भारत में 74 हवाई अड्डे थे, लेकिन सात वर्षों में अप्रैल 2022 तक कुल 140 हवाई अड्डों (हेलीपोर्ट और वाटर एयरोड्रोम सहित) को लेकर 66 नए हवाई अड्डे स्थापित किये गए हैं।
- उड़ान (UDAN) योजना के तहत जून 2022 तक 420 से अधिक हवाई मार्ग परिचालित किये गए। इस योजना के तहत 1.79 लाख से अधिक उड़ानें भरी गई हैं। उड़ान योजना ने पहाड़ी राज्यों, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और द्वीपों सहित अखिल भारतीय कई क्षेत्रों को अत्यधिक लाभान्वित किया है।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में फिल्म सिटी बनाने और मोबाइल थिएटर शुरू करने की योजना
चर्चा में क्यों?
12 जुलाई, 2022 को विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने उत्तराखंड को फिल्म शूटिंग का पसंदीदा डेस्टिनेशन बनाने के लिये राज्य में एक फिल्म सिटी बनाने के लिये भूमि का चयन करने के निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- सचिव अभिनव कुमार ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थित सभागार में सूचना विभाग की समीक्षा बैठक में फिल्म उद्योग से संबंधित अवस्थापना विकास के लिये कार्ययोजना बनाने तथा फिल्म सिटी में फिल्म शूटिंग एवं प्रोडक्शन से संबंधित मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
- उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयस्तर के फिल्म प्रशिक्षण संस्थान से संपर्क कर उसकी शाखा के रूप में फिल्म प्रशिक्षण केंद्र उत्तराखंड राज्य में खोला जाए। उन्होंने पर्वतीय एवं सीमांत क्षेत्रों में मोबाइल थिएटर शुरू करने के निर्देश दिये। साथ ही इसके लिये एक सब्सिडी योजना बनाने को भी कहा।
- उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य की बोली-भाषा पर आधारित किसी फिल्म का चयन यदि राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के फिल्म फेस्टिवल के लिये होता है, तो प्रोत्साहन के लिये विशेष सब्सिडी योजना बनाई जाए।
- उन्होंने राज्य के विश्वविद्यालयों में फिल्म एवं फिल्म निर्माण की विधा से संबंधित कोर्स भी प्रारंभ करने के निर्देश दिये। उन्होंने हल्द्वानी मीडिया सेंटर के निर्माण के लिये भूमि चयन एवं आगणन का प्रस्ताव तैयार करने और ई-ऑफिस के रूप में विभाग का ढाँचा तथा अधिकांश सुविधाएँ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति-2020 लागू
चर्चा में क्यों?
12 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा निदेशालय में ‘बाल वाटिका’ (प्राइमरी से पहले की कक्षा) का शुभारंभ करते हुए उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति-2020 लागू की। सरकार का दावा है कि ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश के सभी विकासखंडों के आँगनबाड़ी केंद्रों एवं स्कूलों में ‘बाल वाटिका’ कक्षाएँ आरंभ कर दी गईं। निजी स्कूलों में नर्सरी में होने वाली पढ़ाई, अब आँगनबाड़ी एवं सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ‘बाल वाटिका’ कक्षा में कराई जाएगी।
- राज्य में 20 हज़ार से अधिक आँगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं। प्रथम चरण में इनमें से शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में संचालित पाँच हज़ार आँगनबाड़ी केंद्रों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बाल वाटिका कक्षाओं का संचालन शुरू होगा।
- आँगनबाड़ी केंद्रों में ‘बाल वाटिका’ कक्षाओं में बच्चों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पढ़ाया जाएगा। इसके लिये पाठ्यक्रम तैयार हो चुका है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने पाठ्यक्रम में आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं व शिक्षकों के लिये हस्तपुस्तिका और बच्चों के लिये तीन अभ्यास पुस्तिकाएँ (स्वास्थ्य, संवाद एवं सृजन) तैयार की हैं।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय भवन का लोकार्पण एवं एससीईआरटी भवन का शिलान्यास भी किया। उन्होंने बच्चों में उद्यमिता के विकास के लिये पुस्तक एवं कैरियर कार्ड का विमोचन किया, साथ ही क्षेत्र के जीर्ण-शीर्ण आँगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत की घोषणा की।
- शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूल परिसर में 4,447 आँगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं। इन केंद्रों में प्री-प्राइमरी से कक्षाओं को शुरू कर छात्र-छात्राओं को कक्षा एक के लिये तैयार किया जाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से प्री-प्राइमरी को ‘बाल वाटिका’ नाम दिया गया है। विभाग की ओर से इसके लिये अलग से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।
- उत्तराखंड में 20 हज़ार 67 आँगनबाड़ी केंद्र मंजूर हैं। इसमें से 20 हज़ार 17 आँगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं। इन केंद्रों में 14,555 आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ता तैनात हैं। इसके अलावा आँगनबाड़ी केंद्रों में 14,249 सहायिकाएँ एवं 4,941 मिनी आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ता कार्य कर रही हैं।
उत्तराखंड Switch to English
केदारनाथ धाम में लगा ऑटोमैटिक वेदर सिस्टम
चर्चा में क्यों?
12 जुलाई, 2022 को रुद्रप्रयाग के ज़िलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि केदारनाथ में मेरु-सुमेरु पर्वत श्रृंखला की तलहटी पर ऑटोमैटिक वेदर सिस्टम (एडब्ल्यूएस) स्थापित कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इस ऑटोमैटिक वेदर सिस्टम से वहाँ के मौसम के बारे में सटीक जानकारी मिल सकेगी, साथ ही बारिश व बर्फबारी का पूर्वानुमान मिलने से ज़रूरी व्यवस्थाएँ करने में भी मदद मिलेगी।
- इसके साथ ही बरसाती सीजन व अन्य मौकों पर केदारनाथ यात्रा के संचालन को लेकर पहले से ही निर्णय लिये जा सकेंगे। इसके अलावा चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों और हेलीकॉप्टर संचालन में भी मदद मिलेगी।
- गौरतलब है कि केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित हिंदुओं का प्रसिद्ध मंदिर है। उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में शामिल होने के साथ ही चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। यहाँ की प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मंदिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्य ही दर्शन के लिये खुलता है।
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