राजस्थान Switch to English
अपर हाईलेवल केनाल परियोजना
चर्चा में क्यों
12 जून, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के बाँसवाड़ा ज़िले के लंकाई (बागीदौरा) में अपर हाई लेवल केनाल परियोजना के अंतर्गत अनास नदी पर साइफन निर्माण और मगरदा में 2500 करोड़ रुपए की अपर हाई लेवल केनाल परियोजना का शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- अपर हाई लेवल केनाल परियोजना से ज़िले की 6 तहसीलों बाँसवाड़ा, बागीदौरा, गांगड़ तलाई, आनंदपुरी, कुशलगढ़ और सज्जनगढ़ को जोड़ा गया है। इससे 338 गाँवों के 42 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
- यहाँ माही परियोजना के बांध से 105 किमी. लंबी मुख्य नहर का निर्माण होगा। मुख्य नहर से वितरिका और माइनर निकालकर डिग्गी निर्माण कर फव्वारा पद्धति द्वारा सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसका कार्य नवंबर, 2026 तक पूर्ण किया जाना है। इसमें 210 डिग्गियाँ और 4 किमी. लंबी टनल भी बनेगी।
- इस परियोजना में अनास नदी पर एक साइफन बनाया जा रहा है। यह गांगड़ तहसील के लंकाई गाँव में स्थित है। यह साइफन परियोजना की एक महत्त्वपूर्ण संरचना है। इसमें मुख्य नहर को अनास नदी के नीचे से प्रेशराइज पाइपलाइन द्वारा निकालना प्रस्तावित है।
- केनाल परियोजना आदिवासी अंचल की महत्त्वाकांक्षी परियोजना है। इससे सिंचाई जल सुनिश्चितता के चलते क्षेत्र में सतत् रूप से विकास संभव हो सकेगा और रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे। यह परियोजना अंचल के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बाँसवाड़ा ज़िले की ग्राम पंचायत छोटी सरवा को पंचायत समिति में क्रमोन्नत करने की घोषणा भी की।
राजस्थान Switch to English
हरिदेव जोशी विश्वविद्यालय और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के बीच एमओयू
चर्चा में क्यों
12 जून, 2023 को जयपुर में स्थित हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय (एचजेयू) के प्रशासनिक परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में एचजेयू और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने मीडिया के विभिन्न क्षेत्रों की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों में स्वास्थ्य, जेंडर और सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दों की समझ बढ़ाने के लिये एक एमओयू किया।
प्रमुख बिंदु
- यूएनएफपीए की कंट्री हेड एंड्रिया वोयनार और एचजेयू की कुलपति प्रो. सुधि राजीव ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
- विदित है कि यूएनएफपीए संयुक्त राष्ट्र की एक संस्था है जो जेंडर, महिला एवं बाल अधिकारों और स्वास्थ्य के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में काम करती है। यह बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान स्थित अपने मुख्यालयों के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर विकास कार्यों में सहभागिता निभाती है।
- इस अवसर पर यूएनएफपीए की कंट्री हेड एंड्रिया वोयनार ने कहा कि एचजेयू के साथ एमओयू से जेंडर संबंधी मुद्दों की समझ रखने वाले बेहतरीन पत्रकार तैयार करने में मदद मिलेगी। जब ये विद्यार्थी मीडिया का हिस्सा बनेंगे तो इन मुद्दों को बेहतर तरीके से रख सकेंगे और इससे संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।
- यूएनएफपीए की कंट्री हेड ने बताया कि वे अपने 10वें राष्ट्रीय कार्यक्रम (2023-2027) के दौरान यूएनएफपीए मातृत्व मृत्यु दर में कमी, परिवार नियोजन, जेंडर आधारित हिंसा को खत्म करने और अन्य मानवीय स्थितियों में सुधार के लिये प्रयासरत है।
- समझौते के तहत विद्यार्थियों के लिये लैंगिक मुद्दों, जनसांख्यिकी और किशोरों के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित किये जाएंगे।
- एचजेयू की कुलपति प्रो. सुधि राजीव ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यिवस्था में सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाना मीडिया की जिम्मेदारी है। ऐसे में भावी पत्रकारों में जेंडर, महिला एवं बाल विकास से जुड़े मुद्दों के प्रति चेतना बहुत ही महत्वपूर्ण है। यूएनएफपीए और एचजेयू का यह समझौता सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक और जिम्मेदार मीडियाकर्मी तैयार करने की दिशा में अहम कदम साबित होगा।
Switch to English