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लखीसराय में नदी से मिली दो हज़ार वर्ष पुरानी कुषाणकालीन मूर्ति
चर्चा में क्यों
12 जून, 2023 को बिहार के लखीसराय ज़िले के डीएम अमरेंद्र कुमार ने बताया कि ज़िले के चानन प्रखंड के किऊल नदी पर स्थित रामपुर बालू घाट पर खुदाई के दौरान अष्टधातु की कुषाणकालीन पुरातात्त्विक महत्त्व की बेशकीमती मूर्ति मिली है।
प्रमुख बिंदु
- रामपुर बालू घाट से मूर्ति मिलने की सूचना विश्वभारती शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल के प्रोफेसर डॉ. अनिल कुमार के द्वारा दी गई। पुरातत्त्वविदों के मुताबिक यह प्रतिमा दो हजार वर्ष पुरानी कुषाणकालीन है।
- ज़िलाधिकारी ने बताया कि ज़िले के अशोक धाम मोड़ पर उद्घाटित संग्रहालय अभी मूर्तियों के रखरखाव के लिये पूर्ण रूप से तैयार नहीं है, जिस वजह से मूर्ति को ज़िला मुख्यालय स्थित अस्थायी संग्रहालय में रखा गया है।
- पटना के क्यूरेटर से मिली जानकारी के अनुसार चानन के रामपुर में मिली मूर्ति कुषाण काल शाल भंजिका मोक्ष देवी की है तथा दो हजार वर्ष पुरानी है। इस मूर्ति को बौद्धों से संबंधित लोक देवी कहा जा रहा है।
- क्यूरेटर के अनुसार पहली शताब्दी में महाराष्ट्र में इस तरह की लाल बलुआही पत्थरों से प्रतिमाएँ बनायी जाती थी, जिसे बौद्ध धर्म के अनुयायियों के द्वारा लाई गई होगी। यह लाल पत्थर की मथुरा आर्ट का नमूना है।
- संग्रहालयाध्यक्ष ने बताया कि बुद्ध जन्म दृश्य से संबंधित मूर्ति में भी माया देवी को शाल वृक्ष को पकड़ते हुए दिखाया गया है, लेकिन उसमें बुद्ध की छोटी मूर्ति भी बनी रहती है। इसमें वैसी कोई मूर्ति नहीं है, इसलिये इस मूर्ति को लोकदेवी ही मानना उचित होगा।
- डीएम ने बताया कि इसके अलावा रामपुर बालू घाट के पास ही नोनगढ़ गाँव में कुषाण काल की कई मूर्तियाँ ग्रामीणों के द्वारा रखी गई है, जिसकी जाँच भी कराई जाएगी।
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NAAC में A++ ग्रेड लाकर CUSB ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाला बिहार का पहला विश्वविद्यालय बना
चर्चा में क्यों
11 जून, 2023 को बिहार के गया स्थित राज्य के प्रथम प्रतिष्ठित सेंट्रल यूनिवर्सिटी दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) मो. मुदस्सीर आलम ने बताया कि सीयूएसबी ने अपने नाम अब तक की सबसे बड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए 3.58 ग्रेड पॉइंट के साथ राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रत्यायन परिषद् (नैक) से ‘ए प्लस प्लस’ग्रेड प्राप्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- पीआरओ मो. मुदस्सीर आलम ने बताया कि सीयूएसबी ‘ए प्लस प्लस’ ग्रेड प्राप्त कर देश के चुनिंदा राष्ट्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों के विशिष्ट समूह में शामिल हो गया है। इस उपलब्धि के साथ सीयूएसबी नैक प्रदत्त ‘ए प्लस प्लस’की श्रेणी प्राप्त करने वाला बिहार का पहला विश्वविद्यालय भी बन गया है।
- गौरतलब है कि सीयूएसबी ने वर्ष 2016 में नैक द्वारा मूल्यांकन व प्रमाणन के प्रथम चरण में ‘ए प्लस प्लस’ ग्रेड प्राप्त किया था। इसके बाद पाँच वर्ष पूरा होने पर पुन: विश्वविद्यालय ने 2022 में कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के नेतृत्व व मार्गदर्शन में नैक मूल्यांकन और प्रमाणन के द्वितीय चरण के लिये आवेदन किया था।
- कई महीनों तक चले बहुस्तरीय मूल्यांकन व पिछले महीने 17 से 19 मई के बीच नैक टीम के विश्वविद्यालय परिसर व संसाधनों के भौतिक निरीक्षण के बाद नैक ने विश्वविद्यालय को ए प्लस प्लस की उच्चतम श्रेणी प्रदान किया है। इस उपलब्धि को प्राप्त कर विश्वविद्यालय देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शामिल हो गया है।
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