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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 13 May 2022
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मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गए महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों? 

12 मई, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए। 

प्रमुख बिंदु 

  • मंत्रिपरिषद ने 23वीं एवं 25वीं वाहिनी विसबल भोपाल परिसर में 50 बेड का सर्व-सुविधायुक्त पुलिस चिकित्सालय बनाए जाने के लिये 12 करोड़ 51 लाख 81 हज़ार रुपए और चिकित्सालय के लिये 46 मानव संसाधन के पदों के सृजन एवं उस पर 5 वर्षों में होने वाले व्यय 24 करोड़ 98 लाख 41 हज़ार रुपए की कार्ययोजना को स्वीकृति प्रदान की।  
  • मंत्रिपरिषद द्वारा ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ को विस्तारित स्वरूप में संचालित करने के लिये ‘लाडली लक्ष्मी योजना 2.0’ के संबंध में महिला-बाल विकास विभाग के आदेश का अनुसमर्थन किया।  
  • इसमें लाडली लक्ष्मी दिवस उत्सव के रूप में राज्य, ज़िला एवं ग्राम पंचायत स्तर पर प्रतिवर्ष 2 मई को आयोजन किये जाने, ग्राम पंचायतों को ज़िला स्तर से लाडली लक्ष्मी फ्रेंडली घोषित करना और लाडली बालिकाओं को कक्षा 12वीं के बाद स्नातक अथवा व्यावसायिक पाठ्यक्रम में (पाठ्यक्रम अवधि न्यूनतम दो वर्ष) प्रवेश लेने पर 25 हज़ार रुपए की प्रोत्साहन राशि दिया जाना, लाडली बालिकाओं को उच्च शिक्षा (स्नातक तक) का शिक्षण शुल्क शासन द्वारा वहन करना शामिल है। 
  • मंत्रिपरिषद द्वारा एमएसएमई विकास नीति, 2021 के अनुक्रम में फर्नीचर, खिलौनों एवं उनसे संबंधित मूल्य श्रृंगार के उत्पादों की विनिर्माण इकाइयों के लिये विशिष्ट वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।

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रतलाम स्थित देश के तीसरे विरूपाक्ष मंदिर के जीर्णोद्धार की तैयारी

चर्चा में क्यों? 

11 मई, 2022 को मध्य प्रदेश में रतलाम ज़िले के बिलपांक स्थित विरूपाक्ष महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार के लिये सांसद गुमान सिंह डामोर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। 

प्रमुख बिंदु 

  • बैठक में रतलाम के कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा मंदिर के विकास मास्टर प्लान का प्रजेंटेशन दिया गया। 
  • मास्टर प्लान के अनुसार, मंदिर के जीर्णोद्धार के लिये मंदिर के बाहर भव्य प्रवेश द्वार बनेगा। साथ ही धर्मशाला, यज्ञशाला, सुरक्षा केबिन पार्क़िग, सुविधाघर, विश्रामस्थल दुकानों आदि को भी विकसित किया जाएगा। 
  • इसके अतिरिक्त लैंडस्केपिंग के साथ-साथ पूरे परिसर को रासायनिक उपचार से साफ व मज़बूत बनाया जाएगा। 
  • गौरतलब है कि पंचायतन शैली में निर्मित यह मंदिर परमार, गुर्जर, चालुक्य की सम्मिश्रित वास्तुशैली का अनुपम उदाहरण है। 
  • यद्यपि मंदिर निर्माण के संबंध में अभी तक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, किंतु 1964 में बिलपांक में की गई खुदाई में मिले अभिलेख के आधार पर पता चलता है कि इसका जीर्णोद्धार संवत् 1198 में गुजरात के राजा सिद्धराज जयसिंह द्वारा करवाया गया था।

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