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उच्च न्यायालय ने झीरम हत्याकांड की न्यायिक जाँच पर रोक लगाई
चर्चा में क्यों?
11 मई, 2022 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 2013 के झीरम घाटी नक्सली हमले की जाँच के लिये गठित नए न्यायिक आयोग की कार्रवाई पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्य न्यायाधीश अरूप कुमार गोस्वामी और न्यायमूर्ति आर.सी.एस. सामंत की खंडपीठ ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता धर्मलाल कौशिक द्वारा दायर एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय लिया।
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले में झीरम घाटी में 25 मई, 2013 को हुए नक्सली हमले में कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओं तत्कालीन कॉन्ग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नंद कुमार पटेल, विपक्ष के पूर्व नेता महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री वी.सी. शुक्ल सहित 29 लोगों की मौत हुई थी।
- इस हमले की जाँच के लिये 28 मई, 2013 को पूर्व राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया था।
- आठ साल बाद 6 नवंबर, 2021 को झीरम घाटी जाँच आयोग के सचिव और हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार (न्यायिक) संतोष कुमार तिवारी ने राज्यपाल को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
- राज्यपाल ने इस रिपोर्ट को राज्य सरकार को सौंप दिया था, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने नियमानुसार जाँच रिपोर्ट छह माह के भीतर विधानसभा में प्रस्तुत नहीं की और रिपोर्ट को अपूर्ण बताते हुए 11 नवंबर, 2021 को दो-सदस्यीय नए आयोग का गठन किया था।
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