उत्तर प्रदेश Switch to English
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद
चर्चा में क्यों?
12 मई, 2022 को ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर वाराणसी कोर्ट ने एक महत्त्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए मस्जिद के सर्वे के लिये नियुक्त किये गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने से इनकार करने के साथ ही 17 मई से पहले ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने का सर्वे कराने का आदेश दिया है।
प्रमुख बिंदु
- यह प्रचलित मान्यता है कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण सन् 1669 में मुगल शासक औरंगज़ेब ने प्राचीन विश्वेश्वर मंदिर को तोड़कर करवाया था। उल्लेखनीय है कि साकिब खाँ की पुस्तक ‘यासिर आलमगीरी’ में इस बात का उल्लेख भी है कि औरंगज़ेब ने 1669 में गवर्नर अबुल हसन को हुक्म देकर मंदिर को तोड़वा दिया था।
- ज्ञानवापी मस्जिद का मामला 1991 से अदालत में है, जब काशी विश्वनाथ मंदिर के पुरोहितों के वंशज पंडित सोमनाथ व्यास समेत तीन लोगों ने वाराणसी के सिविल जज की अदालत में एक मुकदमा दायर कर दावा किया था कि औरंगज़ेब ने भगवान विश्वेश्वर के मंदिर को तोड़कर उस पर मस्जिद बना दी इसलिये यह ज़मीन उन्हें वापस लौटाई जाए।
- वहीं 18 अगस्त, 2021 को वाराणसी की ही अदालत में 5 महिलाओं ने माँ श्रृंगार गौरी के मंदिर में पूजा-अर्चना की मांग को लेकर एक याचिका दायर की थी, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने श्रृंगार गौरी मंदिर की मौज़ूदा स्थिति को जानने के लिये एक कमीशन का गठन किया।
- इसी संदर्भ में कोर्ट द्वारा श्रृंगार गौरी की मूर्ति और ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी कराकर सर्वे रिपोर्ट देने को कहा था, जिसको लेकर हंगामा खड़ा हो गया है, क्योंकि मुस्लिम पक्ष द्वारा सर्वे के लिये नियुक्त किये गए कोर्ट कमिश्नर की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किये गए थे।
- हिंदू पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी ने कोर्ट में सबूत के तौर पूरे ज्ञानवापी परिसर का नक्शा प्रस्तुत किया है, जिसमें मस्जिद के प्रवेश द्वार के बाद चारों ओर हिंदू-देवताओं के मंदिरों का ज़िक्र है, साथ ही इसमें विश्वेश्वर मंदिर, ज्ञानकूप, बड़े नंदी तथा व्यास परिवार के तहखाने का उल्लेख है। इसी तहखाने के सर्वे और वीडियोग्राफी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
- वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि 1991 के धर्मस्थल कानून के तहत इस विवाद पर कोई फैसला नहीं दिया जा सकता है।
- गौरतलब है कि उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 की धारा 3 के तहत पूजास्थल, यहाँ तक कि उसके खंड को एक अलग धार्मिक संप्रदाय या एक ही धार्मिक संप्रदाय के अलग वर्ग के पूजास्थल में परिवर्तित करने को प्रतिबंधित किया गया है।
- इस अधिनियम की धारा 4(2) में कहा गया है कि पूजास्थल की प्रकृति को परिवर्तित करने से संबंधित सभी मुकदमे, अपील या अन्य कार्रवाइयाँ (जो 15 अगस्त, 1947 तक लंबित थीं) इस अधिनियम के लागू होने के बाद समाप्त हो जाएंगी और ऐसे मामलों पर कोई नई कार्रवाई नहीं की जा सकती।
- हालाँकि यदि पूजास्थल की प्रकृति में बदलाव 15 अगस्त, 1947 (अधिनियम के लागू होने के बाद) की कट-ऑफ तारीख के बाद हुआ हो, तो उस स्थिति में कानूनी कार्रवाई शुरू की जा सकती है। अयोध्या के विवादित स्थल (राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद) को इस अधिनियम से छूट दी गई थी।
झारखंड Switch to English
सरकारी नौकरी के लिये होने वाली परीक्षाओं में हिन्दी को भाषा सूची में शामिल करने को तैयार हुई झारखंड सरकार
चर्चा में क्यों?
11 मई, 2022 को झारखंड सरकार ने राज्य उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि वह सरकारी नौकरी के लिये होने वाली परीक्षाओं में हिन्दी को एक भाषा के रूप में शामिल करने को तैयार है।
प्रमुख बिंदु
- सुप्रीम कोर्ट के वकील मुकुल रोहतगी ने राज्य की ओर से दलील देते हुए कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में हिन्दी को विषयों की सूची में शामिल किया जाएगा।
- गौरतलब है कि हेमंत सोरेन सरकार द्वारा नियुक्तियों के लिये की घोषित नई नीति के मुताबिक नौकरी पाने वाले इच्छुकों के लिये एक क्षेत्रीय व एक आदिवासी भाषा में कम-से-कम 30 फीसदी नंबरों को मेरिट लिस्ट बनाने के लिये अनिवार्य किया गया है।
- झारखंड सरकार की नई नीति के मुताबिक राज्यस्तरीय परीक्षाओं में कोई भी परीक्षार्थी 12 भाषाओं में से एक को चुनकर उसमें परीक्षा दे सकता है। इन भाषाओं में मुंडारी, खड़िया, हो, संथाली, खोरठा, पाँचपरगनिया, बांग्ला, उर्दू, कुर्माली, नागपुरी, कुरुख और उड़िया शामिल हैं।
- इस सूची का अर्थ है कि इन 12 भाषाओं में परीक्षा के पेपर दिये जाएंगे यानी हिन्दी और संस्कृत में जैसे पहले पेपर मिलते थे, अब नहीं मिलेंगे।
बिहार Switch to English
बिहार इन्वेस्टर समिट, 2022
चर्चा में क्यों?
12 मई, 2022 को बिहार में निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से देश की राजधानी दिल्ली में बिहार इन्ववेस्टर समिट, 2022 का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- नई दिल्ली में आयोजित इस समिट का उद्घाटन बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद तथा उद्योग मंत्री शाहनवाज़ हुसैन ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
- इस समिट में देश की नामी-गिरामी 110 कंपनियों ने भाग लिया और राज्य में निवेश की इच्छा जताई। इसमें खाद्य प्रसंस्करण, मोबाइल निर्माण, एफएमसीजी, टेक्नोलॉजी और पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी कंपनियाँ शामिल हैं।
- इस अवसर पर बिहार के उद्योग मंत्री ने कहा कि इस समिट के ज़रिये सरकार बिहार में निवेश को प्रोत्साहित कर रही है। इस समिट को देश के अन्य प्रमुख शहरों में भी आयोजित किया जाएगा।
- दिल्ली के बाद मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद में इसी तरह के इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जाएगा। अंतिम समिट का आयोजन बिहार की राजधानी पटना में होगा, जिसमें कंपनियों से एमओयू साइन किया जाएगा।
- शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि सरकार प्लग एंड प्ले स्टेशन विकसित कर रही है, जहाँ निवेशक आकर सीधे काम शुरू कर सकेंगे। उन्हें भूमि अधिग्रहण करने और बिजली की कमी जैसी स्थितियों से गुज़रने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे निवेश में तेज़ी आएगी।
- उन्होंने कहा कि राज्य में पाँच लाख लीटर एथेनॉल की क्षमता का एक प्लांट आरा में बनकर तैयार हो चुका है। इसके अलावा तीन प्लांट तैयार हो चुके हैं, जबकि पाँच अन्य पर काम जारी है।
- राज्य में 16 एथेनॉल कंपनियों को काम करने की अनुमति दी गई है, जो विकास के विभिन्न चरणों में हैं और जल्द ही काम करना शुरू कर देंगी। इससे राज्य के किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है और उनकी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
बिहार Switch to English
पटना में 15 मीटर से अधिक ऊँचाई वाले भवनों का होगा विद्युत सुरक्षा ऑडिट
चर्चा में क्यों?
12 मई, 2022 को बिहार सरकार ने राजधानी पटना में 15 मीटर से अधिक ऊँचाई वाले सभी भवनों के विद्युत सुरक्षा ऑडिट का आदेश दिया। इसी तरह के ऑडिट बाद में राज्य के अन्य प्रमुख शहरों में किये जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने यह फैसला विश्वेश्वरैया भवन में 11 मई को भीषण आग लगने के बाद लिया। विश्वेश्वरैया भवन एक विशाल बहुमंज़िला इमारत है, जिसमें सरकारी कार्यालयों सहित कई प्रमुख प्रतिष्ठान हैं।
- होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज़ की महानिदेशक शोभा अहोटकर ने इस संबंध में बताया कि सुरक्षा ऑडिट के लिये फायर इंजीनियरिंग सलाहकारों को नियुक्त करने का भी फैसला किया गया है।
- ये विशेषज्ञ सरकारी भवनों का अग्नि सुरक्षा मूल्यांकन करेंगे और भविष्य के लिये सुरक्षा योजनाएँ भी प्रस्तुत करेंगे।
- महानिदेशक शोभा अहोटकर ने बताया कि जल्द ही शहर में विद्युत सुरक्षा ऑडिट करने के लिये कम-से-कम सात टीमों का गठन किया जाएगा।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान डोमेस्टिक ट्रेवल मार्ट, 2022
चर्चा में क्यों?
12 मई, 2022 को राजस्थान पर्यटन विभाग और फेडरेशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज़्म ऑफ राजस्थान के संयुक्त तत्त्वावधान में राजस्थान डोमेस्टिक ट्रेवल मार्ट, 2022 के आयोजन के तहत जयपुर से रोड शो की शुरुआत की गई।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान डोमेस्टिक ट्रेवल मार्ट (आरडीटीएम) पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश में अपार संभावनाओं को प्रदर्शित करने के लिये बिजनेस-टू-बिजनेस बैठकों की सुविधा को एक मंच प्रदान करने की अनूठी पहल है।
- उल्लेखनीय है कि 6 अप्रैल, 2022 को पर्यटन विभाग और फेडरेशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज़्म राजस्थान के बीच राजस्थान डोमेस्टिक ट्रेवल मार्ट के आयोजन के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
- आरडीटीएम को बढ़ावा देने के लिये पर्यटन विभाग द्वारा कई नवाचारों, जैसे- राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति, 2022 गेस्ट हाउस स्कीम, संशोधित होमस्टे (पीजी) स्कीम सहित रोड शो का आयोजन किया जा रहा है।
- पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि पर्यटन विभाग और फेडरेशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज़्म राजस्थान के संयुक्त तत्त्वावधान में 22-24 जुलाई, 2022 को जयपुर में आरडीटीएम के दूसरे संस्करण का आयोजन होगा।
- इस आयोजन से पहले होटल व्यवसायियों, ट्रेवल एजेंटों और टूर ऑपरेटरों को आमंत्रित करने के लिये विभिन्न शहरों में रोड शो किये जाएंगे। इन रोड शो का उद्देश्य राजस्थान को राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अनुकूल पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देना है।
- ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन और व्यापार संघों से समर्थन से आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (एचआरएआर), इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन (आईएचएचए) और राजस्थान एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेशंस (आरएटीओ) भी शामिल हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गए महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
12 मई, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिपरिषद ने 23वीं एवं 25वीं वाहिनी विसबल भोपाल परिसर में 50 बेड का सर्व-सुविधायुक्त पुलिस चिकित्सालय बनाए जाने के लिये 12 करोड़ 51 लाख 81 हज़ार रुपए और चिकित्सालय के लिये 46 मानव संसाधन के पदों के सृजन एवं उस पर 5 वर्षों में होने वाले व्यय 24 करोड़ 98 लाख 41 हज़ार रुपए की कार्ययोजना को स्वीकृति प्रदान की।
- मंत्रिपरिषद द्वारा ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ को विस्तारित स्वरूप में संचालित करने के लिये ‘लाडली लक्ष्मी योजना 2.0’ के संबंध में महिला-बाल विकास विभाग के आदेश का अनुसमर्थन किया।
- इसमें लाडली लक्ष्मी दिवस उत्सव के रूप में राज्य, ज़िला एवं ग्राम पंचायत स्तर पर प्रतिवर्ष 2 मई को आयोजन किये जाने, ग्राम पंचायतों को ज़िला स्तर से लाडली लक्ष्मी फ्रेंडली घोषित करना और लाडली बालिकाओं को कक्षा 12वीं के बाद स्नातक अथवा व्यावसायिक पाठ्यक्रम में (पाठ्यक्रम अवधि न्यूनतम दो वर्ष) प्रवेश लेने पर 25 हज़ार रुपए की प्रोत्साहन राशि दिया जाना, लाडली बालिकाओं को उच्च शिक्षा (स्नातक तक) का शिक्षण शुल्क शासन द्वारा वहन करना शामिल है।
- मंत्रिपरिषद द्वारा एमएसएमई विकास नीति, 2021 के अनुक्रम में फर्नीचर, खिलौनों एवं उनसे संबंधित मूल्य श्रृंगार के उत्पादों की विनिर्माण इकाइयों के लिये विशिष्ट वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
मध्य प्रदेश Switch to English
रतलाम स्थित देश के तीसरे विरूपाक्ष मंदिर के जीर्णोद्धार की तैयारी
चर्चा में क्यों?
11 मई, 2022 को मध्य प्रदेश में रतलाम ज़िले के बिलपांक स्थित विरूपाक्ष महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार के लिये सांसद गुमान सिंह डामोर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में रतलाम के कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा मंदिर के विकास मास्टर प्लान का प्रजेंटेशन दिया गया।
- मास्टर प्लान के अनुसार, मंदिर के जीर्णोद्धार के लिये मंदिर के बाहर भव्य प्रवेश द्वार बनेगा। साथ ही धर्मशाला, यज्ञशाला, सुरक्षा केबिन पार्क़िग, सुविधाघर, विश्रामस्थल दुकानों आदि को भी विकसित किया जाएगा।
- इसके अतिरिक्त लैंडस्केपिंग के साथ-साथ पूरे परिसर को रासायनिक उपचार से साफ व मज़बूत बनाया जाएगा।
- गौरतलब है कि पंचायतन शैली में निर्मित यह मंदिर परमार, गुर्जर, चालुक्य की सम्मिश्रित वास्तुशैली का अनुपम उदाहरण है।
- यद्यपि मंदिर निर्माण के संबंध में अभी तक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, किंतु 1964 में बिलपांक में की गई खुदाई में मिले अभिलेख के आधार पर पता चलता है कि इसका जीर्णोद्धार संवत् 1198 में गुजरात के राजा सिद्धराज जयसिंह द्वारा करवाया गया था।
हरियाणा Switch to English
ग्लोबल सिटी प्रोजेक्ट के संदर्भ में दूसरा गोलमेज सम्मेलन
चर्चा में क्यों?
11 मई, 2022 को हरियाणा के गुरुग्राम में स्थापित किये जाने वाले ग्लोबल सिटी प्रोजेक्ट के लिये प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर्स एवं रियल एस्टेट केंद्रित फंड की तलाश के संदर्भ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में मुंबई में दूसरा गोलमेज़ सम्मेलन आयोजित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- ग्लोबल सिटी प्रोजेक्ट हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम, जो सरकार की एक नोडल एजेंसी है, के तत्त्वावधान में विकसित किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से गुरुग्राम को केंद्रीय व्यापार ज़िले के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें आधुनिक प्रौद्योगिकी क्षेत्रों और भावी उन्मुख उद्योगों, निम्न कार्बन हरित बुनियादी ढाँचे, सुगम जीवन, लोगों के कौशल विकास और रोज़गार सृजित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- इस अवसर पर हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम के प्रबंध निदेशक विकास गुप्ता ने बताया कि यह एक मिश्रित भूमि उपयोग परियोजना है, जिसे निर्माणाधीन 8-लेन द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ गुरुग्राम में सेक्टर 36बी, 37ए और 37बी में विकसित हो रहे आवासीय और वाणिज्यिक केंद्र में लगभग 1003 एकड़ क्षेत्र पर ‘एक शहर के भीतर शहर’ के रूप में विकसित करने की कल्पना है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
उच्च न्यायालय ने झीरम हत्याकांड की न्यायिक जाँच पर रोक लगाई
चर्चा में क्यों?
11 मई, 2022 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 2013 के झीरम घाटी नक्सली हमले की जाँच के लिये गठित नए न्यायिक आयोग की कार्रवाई पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्य न्यायाधीश अरूप कुमार गोस्वामी और न्यायमूर्ति आर.सी.एस. सामंत की खंडपीठ ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता धर्मलाल कौशिक द्वारा दायर एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय लिया।
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले में झीरम घाटी में 25 मई, 2013 को हुए नक्सली हमले में कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओं तत्कालीन कॉन्ग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नंद कुमार पटेल, विपक्ष के पूर्व नेता महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री वी.सी. शुक्ल सहित 29 लोगों की मौत हुई थी।
- इस हमले की जाँच के लिये 28 मई, 2013 को पूर्व राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया था।
- आठ साल बाद 6 नवंबर, 2021 को झीरम घाटी जाँच आयोग के सचिव और हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार (न्यायिक) संतोष कुमार तिवारी ने राज्यपाल को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
- राज्यपाल ने इस रिपोर्ट को राज्य सरकार को सौंप दिया था, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने नियमानुसार जाँच रिपोर्ट छह माह के भीतर विधानसभा में प्रस्तुत नहीं की और रिपोर्ट को अपूर्ण बताते हुए 11 नवंबर, 2021 को दो-सदस्यीय नए आयोग का गठन किया था।
उत्तराखंड Switch to English
मनेरी डैम
चर्चा में क्यों?
11 मई, 2022 को भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ने बढ़ने के कारण वैकल्पिक मार्ग बह जाने से मनेरी डैम के पास एक टापू पर 7 मज़दूर फंस गए हैं, जिन्हें निकालने के लिये रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- मनेरी बाँध उत्तरकाशी ज़िले में भागीरथी नदी पर स्थित एक कंक्रीट ग्रेविटी बाँध है। बाँध का प्राथमिक उद्देश्य पानी को डाइवर्ट कर 90 मेगावाट के रन-ऑफ-द-रिवर तिलोथ पावर प्लांट को पानी उपलब्ध कराना है।
- गौरतलब है कि भागीरथी नदी गंगा की दो शीर्ष धाराओं में से एक है, जिसकी उत्पत्ति गंगोत्री ग्लेशियर के गोमुख से होती है।
- यह नदी देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलकर गंगा के रूप में प्रवाहित होती है।
- राज्य सरकार के आँकड़ों के अनुसार भागीरथी नदी पर 1,743 मेगावाट की क्षमता वाली 16 जलविद्युत परियोजनाएँ विकास के विभिन्न चरणों में हैं। टिहरी परियोजना इस पर अवस्थित महत्त्वपूर्ण जलविद्युत परियोजना (HEP) है।
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