‘आपणी धरोहर-आपणो गौरव’ पुस्तक का विमोचन | राजस्थान | 13 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
12 अप्रैल, 2023 को राजस्थान के कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने शासन सचिवालय स्थित अपने कक्ष में ‘आपणी धरोहर-आपणो गौरव’पुस्तक का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- यह पुस्तक राजस्थान धरोहर प्राधिकरण द्वारा प्रदेश भर में रणबाँकुरों, महापुरूषों, संत महात्माओं, लोक देवी-देवताओं और साहित्य सेवी विद्वानों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर बनाए जा रहे पेनोरमाओं पर केंद्रित है।
- इस अवसर पर मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने पन्नाधाय पेनोरमा, बप्पारावल पेनोरमा एवं महाराणा राजसिंह पेनोरमाओं पर बने तीन वृत्त चित्रों का भी लोकार्पण किया।
- इसके साथ ही कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री ने राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के विशेष लोगो का भी विमोचन किया। इस लोगो में भक्ति, शक्ति, विरासत और साहित्य के प्रतीकों का समावेश किया गया है।
- इस अवसर पर अपने उद्बोधन में डॉ. कल्ला ने पुस्तक की सामग्री एवं वृत्त चित्रों की गुणवत्ता की तारीफ करते हुए कहा कि इनका अधिक से अधिक प्रचार किया जाए, जिससे प्रदेश के नागरिक इन महान शख्सियतों के आदर्शों से प्रेरणा ग्रहण कर सके।
‘ओपन हाउस स्टेकहोल्डर्स डायलॉग’का आयोजन | राजस्थान | 13 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
11 अप्रैल, 2023 को राजस्थान के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जयपुर में राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी (आर-कैट) में ‘ओपन हाउस स्टेकहोल्डर्स डायलॉग’कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस संवाद कार्यक्रम को राज्य के प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव के लिये सभी हितधारकों से इनपुट और अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। इसके माध्यम से राज्य सरकार और शैक्षणिक सहयोगी उद्योग के बीच सक्रिय, अंतर-निर्भर और एकीकृत सहयोग मज़बूत होगा।
- ओपन हाउस में आर-कैट के सभी मौजूदा और संभावित भागीदारों के अलावा आरटीयू सहित शैक्षणिक संस्थानों, आईटी और संबद्ध उद्योगों के प्रतिनिधियों और अन्य सभी हितधारकों की भागीदारी होने से राज्य के युवाओं को एक बेहतर तकनीकी दिशा प्राप्त हो सकेगी।
- राज्य सरकार के तकनीकी प्रोत्साहन एवं तकनीक के माध्यम से रोज़गार के साधनों को विकसित करने के लिये आर कैट निजी संस्थाओं एवं विश्वविद्यालयों के साथ काम करने को तैयार है, ताकि प्रदेश में एक बेहतर तकनीकी शिक्षा का माहौल विकसित हो सके एवं प्रदेश के युवा को बेहतर रोज़गार के लिये तैयार किया जा सके।
- वर्तमान में उद्योग जगत में तकनीक के उपयोग के कारण कौशल आधारित शिक्षा की आवश्यकता विकसित हो रही है, जिसको मद्देनज़र रखते हुए आर-कैट में विभिन्न तकनीकी शिक्षा की मॉडल तैयार किये जा रहे हैं।
- इस मौके पर विविध विषयों पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। साथ ही, वर्तमान उद्योग जगत की चुनौतियों एवं शिक्षा व तकनीक के मध्य सामंजस्य जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। ‘आर-कैट आईटी साइट्स’न्यूजलेटर का भी विमोचन भी किया गया।
- राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के प्रबंध निदेशक आशीष गुप्ता ने कहा कि राजस्थान तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर परिस्थितियों वाला राज्य है। सरकारी कार्यों में विभिन्न एप्लिकेशन के उपयोग एवं एसएसओ के उपयोग के माध्यम से राज्य ने आईटी का सर्वश्रेष्ठ उपयोग कर न केवल प्रगति की राह को आसान बनाया है बल्कि रोज़गार के साधन भी विकसित किये हैं।
- उल्लेखनीय है कि आर-कैट Adobe, Apple, Microsoft, EC-Council, SAS, RedHat, VMWare, Oracle, CISCO, Autofina Robotics जैसी कंपनियों के साथ भागीदार है, वहीं आज फाइटेक एंबेडेड प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू हस्ताक्षर भी किये गए।
‘पीएम श्री योजना’ में राजस्थान के सर्वाधिक सरकारी स्कूलों का चयन | राजस्थान | 13 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
12 अप्रैल, 2023 को राजस्थान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राजस्थान ने देश में शैक्षणिक विकास के कई पैरामीटर्स में अनवरत अव्वल प्रदर्शन के गौरव के बाद अब ‘पीएम श्री योजना’ में भी सर्वाधिक सरकारी स्कूलों को चयन कराते हुए देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना में राजस्थान के 21 हज़ार 356 सरकारी स्कूलों को बैंचमार्क विद्यालय माना गया है। इस योजना में ऑनलाइन आवेदन के बाद राष्ट्रीय स्तर पर वैरीफाइड विद्यालयों की श्रेणी में भी राजस्थान ने देश के अन्य बड़े राज्यों को काफी अंतर से पीछे छोड़ा है।
- पीएम श्री योजना के प्रथम चरण में राजस्थान के सबसे ज्यादा 402 सरकारी विद्यालयों का चयन किया गया है, इनमें माध्यमिक शिक्षा के 346 और प्राथमिक शिक्षा के 56 सरकारी स्कूल शामिल हैं।
- प्रदेश के कुल 718 स्कूलों को इस योजना में शामिल किया जाएगा, इसमें से राजस्थान ने पहले चरण में ही 56 प्रतिशत विद्यालयों का चयन कराते हुए विशेष सफलता प्राप्त की है। जुलाई माह में द्वितीय चरण में शेष स्कूलों का चयन प्रस्तावित है।
- गौरतलब है कि पीएम श्री योजना के सरकारी स्कूलों के चयन के लिये जो बैंचमार्क निर्धारित किए गए है, उनमें एलीमेंट्री सेटअप (कक्षा 1 से 5 एवं 1 से 8 तक) तथा सैकेंडरी सेटअप (कक्षा 6 से 12 तक) में स्कूलों में नामांकन राज्य के औसत नामांकन से अधिक, अच्छी कंडीशन में विद्यालयों का पक्का भवन, बालक-बालिकाओं के लिये अलग-अलग शौचालय, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, हाथ धोने के लिये अलग से सुविधा, सभी शिक्षकों के पास गाइडलाइन के अनुरूप आईडी कार्ड, बैरियर फ्री एक्सेस रैंप, सुरक्षा पर फोकस, विद्युत कनेक्शन, लाइब्रेरी एवं खेलकूद गतिविधियों के लिये आवश्यक सुविधाएँ जैसे पैरामीटर्स शामिल हैं।
- इनमें राजस्थान के सरकारी स्कूलों की स्थिति, योजना की गाइडलाइन के अनुसार प्राथमिक स्क्रूटनी (21 हज़ार 356 स्कूल), प्रथम चरण (402 स्कूल) और कुल चयन (718 स्कूल) में पूरे देश में अव्वल रही है।
- राज्य के सरकारी विद्यालयों में नामांकन और नवाचारों के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के लिये आवश्यक सुविधा एवं संसाधनों से परिपूर्ण स्कूल परिसर जैसे पैरामीटर्स पर यह संख्या भी पूरे देश में अव्वल थी।
- इस योजना का ऑनलाइन पोर्टल 3 नवंबर, 2022 को शुरू हुआ था, इस पर आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2022 तक स्क्रूटनी में प्रदेश के बैंचमार्क सरकारी स्कूलों (21 हज़ार 356) की ओर से आवेदन कराने में भी राजस्थान देश में अव्वल रहा।
- ऑनलाइन आवेदन के बाद राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान ने 13 हज़ार 931 सरकारी स्कूलों का सत्यापन कराते हुए देश के अन्य बड़े राज्यों को काफी पीछे छोड़ दिया। राजस्थान के बाद आंध्र प्रदेश के 7892, असम के 7776, उत्तर प्रदेश के 7054, महाराष्ट्र के 4848, कर्नाटक के 4700, पंजाब के 4632, मध्य प्रदेश के 3483, गुजरात के 2163 तथा उत्तराखंड के 1704 स्कूलों को ऑनलाइन आवेदन के बाद वैरीफाइड किया गया।
- राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मोहन लाल यादव ने बताया कि इस योजना के प्रथम चरण में चयनित प्रदेश के 402 सरकारी स्कूलों में जयपुर के सर्वाधित 28 स्कूलों का चयन किया गया है। जोधपुर के 24, उदयपुर के 22 एवं बाड़मेर के 21 सरकारी स्कूल इसमें शामिल हैं।
- इसी प्रकार अलवर एवं नागौर के 18-18, भरतपुर एवं भीलवाड़ा के 15-15, अजमेर के 14, श्रीगंगानगर, चितौड़गढ़ एवं सीकर के 13-13, झुंझुनू के 12, बाँसवाड़ा, दौसा एवं पाली के 11-11, बीकानेर, बारां, डूंगरपुर, जालौर एवं झालावाड़ के 10-10, करौली, कोटा, प्रतापगढ़ एवं हनुमानगढ़ के 9-9, टोंक, धौलुपर एवं राजसमंद के 8-8, चुरू, जैसलमेी एवं सवाईमाधोपुर के 7-7, सिरोही के 6 एवं बूंदी के 5 विद्यालयों का चयन हुआ है।