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पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का उत्सर्जन रामगढ़ में सबसे अधिक
चर्चा में क्यों?
10 अप्रैल, 2023 को झारखंड प्रदूषण बोर्ड के वैज्ञानिक संजय श्रीवास्तव ने बताया कि झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी), सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) और सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी (सी-स्टेप) ने झारखंड के छह शहरों की वायु प्रदूषण स्थिति से संबंधित एमिशन इन्वेंट्री रिपोर्ट (प्रदूषण उत्सर्जन सूची) जारी की, जिसमें पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का उत्सर्जन राज्य के रामगढ़ शहर में सबसे अधिक पाया गया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि एमिशन इन्वेंट्री रिपोर्ट में राज्य के रामगढ़, हजारीबाग, साहिबगंज, दुमका, पाकुड़ और चाईबासा शहर में प्रदूषण फैलाने वाले स्रोत एवं कारकों की जानकारी दी गई है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण कम करने को प्राथमिकता रामगढ़ के बाद हजारीबाग, पाकुड़, साहिबगंज, चाईबासा और दुमका का स्थान आता है। हालाँकि रामगढ़ की आबादी साहिबगंज और हजारीबाग की तुलना में कम है, लेकिन शहर के अंदर और आसपास बड़ी संख्या में भारी उद्योग होने के कारण पीएम ज्यादा पाया गया।
- दुमका, चाईबासा और हजारीबाग में पीएम 2.5 एमिशन के लिये परिवहन मुख्य रूप से जिम्मेवार है। साहिबगंज और पाकुड़ में पीएम 2.5 एमिशन का कारण घरेलू क्षेत्र रहा।
- रिपोर्ट में वायु प्रदूषण के लिये घरेलू, व्यावसायिक, इंडस्ट्री, निर्माण गतिविधियों, खुले में जलावन और सड़क की धूल आदि विभिन्न कारकों एवं क्षेत्रों का अध्ययन किया गया है।
- विदित है कि नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के अनुसार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तीन शहरों (राँची, जमशेदपुर और धनबाद) के लिये क्लीन एयर एक्शन प्लान तैयार किया गया है और इन्हें लागू किया जा रहा है।
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