उत्तर प्रदेश Switch to English
यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट -2023
चर्चा में क्यो ?
12 फरवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 (यूपी जीआईएस-2023) का समापन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के मार्गदर्शन के साथ हुआ।
प्रमुख बिंदु
- यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 3 दिन में कुल 33 लाख, 50 हज़ार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसके साथ ही यहाँ पर कुल 19058 एमओयू साइन हुए। इससे करीब 93 लाख, 82 हज़ार, 607 लोगों को रोज़गार मिलेगा।
- राज्य सरकार ने निवेशकों की सुविधा एवं एमओयू के कार्यान्वयन की निगरानी के लिये ‘निवेश सारथी’नामक नई ऑनलाइन प्रणाली शुरू की है।
- उल्लेखनीय है कि तीन दिवसीय यूपी जीआईएस-2023 का शुभारंभ 10 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
- उत्तर प्रदेश सरकार ने खेल को भी इस समिट में शामिल किया है। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एशोसिएशन ने बाराबंकी में 30 हज़ार की क्षमता वाला एक स्टेडियम बनाने के लिये प्रदेश सरकार के साथ एमओयू किया है।
- यूपी ग्लोबल समिट के अंतिम दिन यूके पार्टनर कंट्री सेशन में ब्रिटेन की कंपनियों ने सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और रक्षा क्षेत्रों में 6 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये। अब उत्तर प्रदेश मेडिकल और दवा क्षेत्र का बड़ा केंद्र बनेगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश को इस सेक्टर में 63,475 करोड़ के प्रस्ताव मिले हैं। दवा और उपकरण से जुड़े कारोबार को लेकर कुल 156 करार अभी तक हुए हैं। मेडिसिन इंडस्ट्री से जुड़े कई बड़े ग्रुप ने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग ज़िलों में अस्पताल खोलने का एलान किया है। इससे उत्तर प्रदेश के लोगों को आने वाले दिनों में पहले से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलेंगी।
- उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सिंगापुर के निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में आध्यात्म और इको टूरिज्म के लिये 29,000 करोड़ रुपए के एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
- उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 ,उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख शिखर सम्मेलनों में शुमार है। उत्तर प्रदेश में विकास की गति को तेज करने और निवेश हासिल करने के लिये दुनिया भर के नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं, व्यापार प्रतिनिधिमंडलों, शिक्षाविदों, थिंक टैंक और नेताओं को सामूहिक रूप से व्यापार के अवसरों का पता लगाने के लिये इस मंच पर बुलाया जाता है।
- उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 भारत को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण से जुड़ी एक पहल है, जिसके लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य को अगले 5 वर्षों में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने का आकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
- इस समिट में 20 से अधिक देशों के 10,000 से अधिक प्रतिनिधियों (घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय) की भागीदारी देखी गई।
- दिसंबर 2022 में यूपीजीआईएस 2023 के लिये राज्य सरकार ने 16 देशों और भारत के 8 प्रमुख शहरों में रोड शो आयोजित किये थे, ताकि उत्तर प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित किया जा सके और निवेश को बढ़ाया जा सके।
- इस समिट में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, जर्मनी, नीदरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात जैसी कई प्रगतिशील अर्थव्यवस्थाएँ ‘साझेदार देश’रहे हैं।
- ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने फरवरी 2018 में पहली बार बड़े पैमाने पर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। इसमें 28 हज़ार करोड़ के विभिन्न बड़ी कंपनियों की तरफ से विकास को लेकर एमओयू साइन किये गए थे।
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लखनऊ के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र में खेल से संबंधित नए बुनियादी ढाँचे का उद्घाटन
चर्चा में क्यों
12 फरवरी, 2022 को केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने लखनऊ में भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र में उपलब्ध खेल के बुनियादी ढाँचे को और बेहतर बनाने के प्रयास के साथ 300 बिस्तरों वाले छात्रावास, अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ कुश्ती के लिये एक उन्नत हॉल तथा एक खेल चिकित्सा केंद्र का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- लखनऊ स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण का राष्ट्रीय उत्कृष्टता (एनसीओई) केंद्र महिला कुश्ती एथलीटों के राष्ट्रीय शिविरों का केंद्र रहा है, जहाँ पर भारत की विशिष्ट वर्ग की महिला पहलवानों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
- एनसीओई लखनऊ में 300 बिस्तरों वाले छात्रावास के निर्माण के साथ ही इसकी क्षमता में काफी बढ़ोतरी हो गई है और अब यहाँ किसी भी समय राष्ट्रीय शिविर में आने वाले खिलाड़ियों सहित 460 एथलीटों के रहने की क्षमता स्थापित हो गई है।
- नया छात्रावास महिला एथलीटों को समर्पित होगा, जबकि 80 बिस्तरों के मौजूदा दो छात्रावास इस केंद्र में लड़कों के प्रशिक्षण के लिये आरक्षित रहेंगे।
- खेल चिकित्सा केंद्र को मौजूदा मेडिकल सेंटर से अपग्रेड किया गया है और अब इसमें खेल विज्ञान विशेषज्ञों के साथ-साथ एक खेल मनोवैज्ञानिक भी होंगे।
- इस प्रांगण को पूरी तरह से सुसज्जित खेल विज्ञान केंद्र बनाने के लिये यहाँ पर उन्नत बायोमैकेनिक मशीनें लगाई जा रही हैं।
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