जल पुरस्कारों में उत्तर प्रदेश ने जीता प्रथम पुरस्कार | उत्तर प्रदेश | 08 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
7 जनवरी, 2022 को उत्तर प्रदेश ने केंद्रीय जल मंत्रालय के राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020 के ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी’में प्रथम पुरस्कार हासिल किया। राजस्थान और तमिलनाडु ने सर्वश्रेष्ठ राज्य (सामान्य) श्रेणी में क्रमश: दूसरा और तीसरा पुरस्कार प्राप्त किया।
प्रमुख बिंदु
- यह भारत में जल संसाधन प्रबंधन के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाने के लिये दिये गए पुरस्कार का तीसरा संस्करण है।
- 11 श्रेणियों में कुल 57 पुरस्कारों की घोषणा की गई, जिनमें सर्वश्रेष्ठ राज्य, ज़िला, पंचायत और सर्वश्रेष्ठ उद्योग शामिल हैं।
- इस वर्ष उत्तर क्षेत्र ज़िला श्रेणी में पुरस्कार उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर ज़िले को दिया गया, जबकि वाराणसी के बलुआ ने ‘सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत-उत्तर क्षेत्र’का पुरस्कार जीता।
- प्रदूषण के प्रभावी उपशमन के उद्देश्य को पूरा करने, नदियों के संरक्षण और कायाकल्प, गंगा सहित प्रमुख नदियों में पानी की गुणवत्ता में उत्तर प्रदेश में काफी सुधार हुआ है। प्रदेश सरकार ने राज्य में 3,298.84 एमएलडी (मिलियन लीटर दैनिक) क्षमता के 104 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किये हैं।
- इससे नदियों की धाराएँ अबाधित और शुद्ध हो गई हैं तथा नदियों में मिलने वाले नालों को बंद कर दिया गया है। ‘नमामि गंगे’के तहत गंगा ही नहीं, बल्कि गोमती, सरयू, यमुना, राप्ती सहित सभी प्रमुख नदियों की स्थिति में गहन स्वच्छता अभियानों के कारण सुधार हुआ है।
- राज्य सरकार के ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग ने जल जीवन मिशन और केंद्र सरकार के नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत हर घर नल योजना के पहले चरण में 18 लाख से अधिक परिवारों को जलापूर्ति से जोड़ने की तैयारी पूरी कर ली है।
- उल्लेखनीय है कि 2018 में, देश भर में जल समृद्ध भारत सरकार के दृष्टिकोण को प्राप्त करने में राज्यों, ज़िलों, व्यक्तियों और संगठनों द्वारा किये गए अनुकरणीय कार्यों और प्रयासों को मान्यता देने तथा प्रोत्साहित करने के लिये राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की स्थापना की गई थी।
उत्तर प्रदेश को मिले पाँच प्रतिष्ठित ई-गवर्नेंस पुरस्कार | उत्तर प्रदेश | 08 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटलीकरण और ई-गवर्नेंस में उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों के सम्मान में, राज्य को ई-गवर्नेंस के विभिन्न क्षेत्रों में पाँच प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं, जिनमें से दो उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्राप्त किये गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- ये पुरस्कार 23 जनवरी को एमएनएनआईटी, प्रयागराज में एक समारोह में प्रदान किये जाएंगे।
- मुख्यमंत्री के लिये यूपी-दर्पण डैशबोर्ड को उत्कृष्टता पुरस्कार के लिये चुना गया है। यह नागरिकों की शिकायतों के त्वरित और कुशल निवारण की सुविधा प्रदान करने वाला पोर्टल है। इसका लोगों द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है और इसने हज़ारों शिकायतकर्त्ताओं को राहत प्रदान की है।
- उच्च शिक्षा विभाग को नया कॉलेज/पाठ्यक्रम खोलने के लिये दो प्रयासों- डिजिटल लाइब्रेरी प्रोजेक्ट तथा ऑनलाइन एनओसी और संबद्धता प्रणाली में अपने सराहनीय कार्यों की मान्यता में सीएसआई एसआईजी ई-गवर्नेंस अवार्ड 2021 मिला है।
- ऑनलाइन एनओसी संबद्धता पोर्टल द्वारा अबतक शैक्षणिक सत्र 2021-22 में 487 स्नातक एनओसी, 431 स्नातकोत्तर एनओसी और 138 संबद्धताएँ ऑनलाइन दी गई हैं।
- राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होने वाले दो अन्य ई-गवर्नेंस पोर्टल्स ‘माइन मित्र’और ‘सेवा मित्र’हैं। माइन मित्र ऑनलाइन खनिज प्रबंधन, ऑनलाइन ट्रांजिट पास,ऑनलाइन नागरिक और किसान सेवाएँ जैसे ऑनलाइन लाइसेंस, परमिट, पटेा और पंजीकरण आदि अवैध खनन की रोकथाम तथा कानूनी खनन को प्रोत्साहित करने की सुविधा के लिये एक ऑनलाइन मंच है।
- यह एकीकृत निगरानी और प्रवर्तन प्रणाली जैसे स्वचालित चेकगेट, एम-चेक के लिये आरएफआईडी हैंडहेल्ड मशीन, माइनटैग आदि की सुविधा भी प्रदान करता है। ये सेवाएँ और सुविधाएँ आम जनता, किसानों, पटेाधारकों, स्टॉकिस्टों और ट्रांसपोर्टरों के लिये अत्यधिक उपयोगी हैं।
- सेवा मित्र भू-स्थान के आधार पर ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में नागरिकों तथा कुशल श्रमिकों के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करने के लिये एक ऑनलाइन मंच है।